प्यारी दुनिया... - 30 - सांप का काटना .... Deeksha Vohra द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यारी दुनिया... - 30 - सांप का काटना ....


एपिसोड 30 ( सांप का काटना ... )
गावं में ....
कनिका के सर में बहुत दर्द हो रहा था | पर फिर भी हिम्मत करके उसने अपनी आँखें खोलीं | ओर खुद को एक अँधेरे कमरे में पाया | कमरे का तापमान बहुत ठंडा था | ओर माहौल इतना डरावना था ... की कनिका के माथे पर पसीना आ चूका था | उसने झट से अपनी आँखें फिर से बंद कर ली | क्यूंकि उसकी हिम्मत ही नहीं हो रही थी ... की वो आँखें खोले |
फिर उसे याद आने लगा ... की कैसे जब वो दिन में कायरा से फ़ोन पर बात कर रही थी ... तो अचानक एक सांप ने उसे काट लिया था | कनिका खुद को ब्च्चाने के लिए कुछ कर पाती ... वो वहीँ पर बेहोश हो गई |
जब कनिका ने अपने पैरों पर अपना हाथ फेरा ... तो उसे बहुत दर्द हुआ | उसे अपना खून धीरे धीरे जमता हुआ महसूस हो रहा था | उसे ऐसा लग रहा था ... मानो .... सांप का ज़हर धीरे धीरे उस पर असर कर रहा हो | ओर वो ज़हर की वजह से वो धीरे धीर अपनी जान गवा रही हो |
वो कनिका अभी मरना नहीं चाहती थी | उसे जीना था | जीना था उसे | अपने बच्चों के लिए | अभी तो उसे पलक से भी बदला लेना था | ओर उसे जीना था | क्यूंकि अभी तो उसने प्यार के एहसास को जीना शुरू ही किया था |
उसने तो अभी तक अबीर से अपने प्यार का इज़हार भी नहीं किया था | वो इस तरह नहीं मरना चाहती थी | अपने बच्चों को नहीं चोदना चाहती थी |
कनिका की बंद आँखें भी अब नम हो चुकीं थी | धीरे धीरे उस बंद अँधेरे कमरे में कनिका की सिसकियों की आवाज़ सुनी जा सकती थी | इस आखिरी समय में कनिका को सिर्फ अबीर के साथ बिताए वो सारे पर याद आ रहे थे | जो उन दोनों ने बच्चों के साथ मस्ती की ... कायरा के साथ खेलना ... अबीर का उसे बात बात पर चिड़ाना .... उसे तंग करना .. कायर्व का बात बात पर गुस्सा हो जाना ...
अब जब कनिका को वो सब याद आ रहा था | तो उसे ओर ज्यादा रोना आ रहा था | वो यूँ इस तरह मरना नहीं चाहती थी | इसलिए हिम्मत करके .... कनिका ने अपनी आँखें खोलीं |
पर डर कनिका की आँखों में साफ़ साफ़ देखा जा सकता था | कनिका धीर से उठने की कोशिश करने लगी | पर उसके पैर में तेज़ दर्द होने लगा | जिसकी वजह से वो जमीन पर धडाम से गिर गई |
उसका हाथ जब फिर से उसके पीर की ओर गया तो ... उसने पाया की उसका पैर बर्फ की तरह ठंडा है | कनिका को कुछ अजीब लगा |
क्यूंकि बहुत टाइम हो चूका था | पर उस सांप के ज़हर का असर जहाँ उसने काटा था ... वहीँ पर रह गया | अभी तक उसे कुछ भी नहीं हुआ | कनिका को सिर्फ दर्द हो रहा था | बाकि उसे कोई प्रॉब्लम नहीं थी |
वो मन ही मन सोचने लगी ...
कनिका :: “ऐसा कैसा हो सकता है ... मैं अभी तक मरी नहीं .....”
फिर कनिका को याद आया .... जब वो छोटी थी ... तब स्कूल में भी उसे एक सांप ने काटा था | डॉक्टर्स के अच्कोरडिंग सांप बहुत ज्यादा ज़हरीला था | ओर कनिका का बच्चन नामुमकिन था |
अगर किसी को भी वो सांप काट जाए ... वो पांच मिनट के अंदर उसकी जान जाना तय था |
उस वक्त भी कनिका को सिर्फ हल्का सा पेसर पर दर्द हुआ था | ओर कुछ भी नहीं | ओर जब घर जाकर उसने अपनी पिता से पुछा ... तो मिस्टर शर्मा ने कनिका से कहा था |
मिस्टर शर्मा :: “बेटा कनु .... इस बात को याद रखना ... की दुनिया को कोई भी सांप हो .. कितना भी खतरनाक क्यूँ न हो .... कोई भी तुम्हारा कुछ भी बिगार नहीं सकता .....”
उस वक्त कनिका को उसके पिता की कोई भी बात समझ नहीं आ रही थी .... पर अब जब कनिका उन पुरानी बातों को याद कर रही थी ... तो उसकी नाम आँखों में एक उम्मीद दिखने लगी | अपने बच्चों को फिर देख पाने की उम्मीद | अबीर से अपने प्यार लका इज़हार करने की उम्मीद |
अपनी ज़िन्दगी फिर से जीने की उम्मीद | कनिका ने फिर से हिम्मत की .... ओर उठने की कोशिश की | पर दर्द की वजह से उसके मुझ से जोर से चीख निकल गई |
कनिका :: “आह ! माँ ..”
पर उसने हिम्मत नहीं हारी | ओर अपने आसपास देखने लगी | अँधेरे के कारन उसे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था | कनिका को अँधेरे से डर भी लगता था | पर ये समय उन पुरानी बातों को याद करके डरने का नहीं था |
उसे ये समझ नहीं आ रहा था की वो यहाँ कैसे आई | कौन उसे यहाँ लेकर आया |
अभी वो ये सब सोच ही रही थी .... की अचानक से उस कमरे में लाइट आ गई | उसने अपनी आँखों को ढका | क्यूंकि वो तेज़ रौशनी कनिका की आँखों में चुभ रही थी | पर जैसे ही उसने अपना हाथ हटाया .... उसने अपने सामने जो देख .. उसे देख ... कनिका के पैरों तले जमीन तो किसी नदी के पानी की तरह बह सी गई हो |
वो अपनी आँखों पर विश्वास ही नहीं हो रहा थ ... की जो वो देख रही है | वो सच है |
उसके मुह से सिर्फ एक शव्द निकला |
कनिका :: “माँ ?”
एपिसोड 31 ()
अभी सोच ही रही थी.. की वो यहाँ कैसे आई ... .... की अचानक से उस कमरे में लाइट आ गई | उसने अपनी आँखों को ढका | क्यूंकि वो तेज़ रौशनी कनिका की आँखों में चुभ रही थी | पर जैसे ही उसने अपना हाथ हटाया .... उसने अपने सामने जो देख .. उसे देख ... कनिका के पैरों तले जमीन तो किसी नदी के पानी की तरह बह सी गई हो |
वो अपनी आँखों पर विश्वास ही नहीं हो रहा थ ... की जो वो देख रही है | वो सच है |
उसके मुह से सिर्फ एक शव्द निकला |
कनिका :: “माँ ?”