फ्रैंड जोन - प्यार की खट्टी-मीठी कहानी - पार्ट 3 Saurabh kumar Thakur द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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फ्रैंड जोन - प्यार की खट्टी-मीठी कहानी - पार्ट 3

हाँ तो बताओ; व्हाट वुड यू लाइक टू ट्राई? रिया ने मंद स्वरों में सत्यम से पूछा । अरे कुछ भी मंगा लो, क्या फर्क़ पड़ता है । वैसे भी ये पहली बार है मेरा की कॉलेज की कैंटीन में हूँ। तो विशेष कुछ पता नहीं, तुमको जो अच्छा लगे वो ऑर्डर कर दो । सत्यम ने जवाब देते हुए कहा ।

ओये सत्यम तू दिल्ली से नहीं है ना? रिया ने पूछा । नहीं! मैं दिल्ली से नहीं हूँ। और मैं दिल्ली पहली बार आया हूँ; सत्यम ने कहा । हाँ तो ठीक है अभी ना तू दिल्ली का छोले-भटूरे खाकर देख । अगर तू दिवाना नहीं हो गया ना मेरा नाम बदल दियो रिया ने मुस्काते हुए कहा । ठीक है कर ले ऑर्डर; मैंने भी दिल्ली के छोले-भटूरे के बार में बहुत सुना है । फिर दोनों ने कैंटीन में ऑर्डर किया । और बातें करते हुए खाना खाने लगे ।

अच्छा सत्यम ये बता: तू कहाँ से है ? रिया ने अनजाने में पूछा । मैं बिहार से हूँ, क्यों क्या हो गया । कोई दिक्कत; सत्यम ने उत्सुकता भरी निगाहों से रिया की ओर देखते हुए पूछा।। अरे नहीं ऐसा कुछ नहीं है तू इतनी दूर पढ़ने आया है ना इसीलिए पूछ रही थी, वैसे तेरे यहाँ कोई अच्छा कॉलेज नहीं था क्या ? रिया ने पूछा । नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, कॉलेज तो बहुत है हमारे यहाँ, अच्छी भी है पर दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन मिले तो कोई पागल ही होगा जो इस सीट को छोड़कर कहीं दूसरे कॉलेज में जाना चाहेगा; सत्यम ने कहा ।

हाँ ये तो तेरी बात सही है दिल्ली विश्वविद्यालय का नाम ही काफी है, और ऊपर से हंसराज कॉलेज। फिर तो समझ जन्नत । रिया ये बोलकर मुस्कराने लगी । अच्छा सुन तूने अपने बारे में बताया नहीं यार। अब तो हम पिछले 2 घंटे से साथ हैं इतने बड़े कॉलेज में कोई दूसरा मिला भी नहीं । चल अपने बारे में बता रिया ने उत्सुकता दिखाते हुए सत्यम से पूछना चाहा।

एकचुअली में इंजीनियरिंग एसपीरेंट था । बारहवीं में मैंने फिजिक्स, केमिस्ट्री, और मैथ्स लेकर पढ़ाई किया था, फिर मैंने जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) मेंस की तैयारी की । वो एग्जाम क्रैक हो गया । फिर एडवांस्ड से रिजेक्ट हुआ । तो सोचा कि एक साल का ड्रॉप ले लेता हूँ। ये सोचकर मैंने बारहवीं की पढ़ाई वापस से करनी शुरू कर दी । तभी मेरा दिल्ली विश्वविद्यालय वाला एंट्रेंस क्लीयर हो गया । और फिर हंसराज कॉलेज में BCOM मिल गया । तो कोई पागल ही होगा जो इतने अच्छे सीट को छोड़कर किसी दूसरे कॉलेज में पढ़ाई करने जाए । अभी तूने ही कहा ना । सत्यम ने मस्ती भरे अंदाज में रिया को जवाब दिया ।

वैसे एक बात मैंने गौर किया पिछले दो घंटों में ; सत्यम ने कहा । बता दे क्या इतना जरूरी गौर कर लिया तूने दो घंटों में कॉलेज में बैठे-बैठे । रिया ने पूछा। हम आप से तुम, और फिर तुम से तू पर बहुत जल्दी आ गए नहीं; सत्यम ने कहा । अरे कोई ना ये दिल्ली है यार; दिल्ली कुछ तहजीब सिखाती है तो कुछ भुलवा भी देती है । अभी तू नया आया है ना दिल्ली जल्दी ही दिल्ली के रंग में ढल जाएगा ।। रिया ने बोला । अच्छा तूने अपने बारे में नहीं बताया कुछ हम दो ढाई घंटों से साथ हैं तूने मेरे बारे में जान लिया पर अब अपने बारे में भी कुछ बता दे । सत्यम ने भौंहे सिकुड़ते हुए उत्सुकतापूर्वक पूछा ।

मेरे बारे में क्या जानना है, मैं बिंदास लड़की हूँ । आठवीं में थी तो छोटे चाचा को देखती थी कॉलेज में पढ़ते हुए । तभी सोचा था कि एक दिन हंसराज कॉलेज में पढ़ना है । इसीलिए यहाँ एडमिशन लिया । और पापा चाहते थे कि मैं बिजनैस के बारे में पढूं । इसीलिए मैंने BCOM में एडमिशन लिया । बस खत्म...... और क्या । रिया ने अपनी हँसी छुपाते हुए कहा ।

इंट्रेस्टिंग है तुम्हारी कहानी । बढ़िया है कि तुम हंसराज आ गई । सत्यम ने कहा । क्यों; क्या हुआ ? रिया ने पूछा । अरे नहीं मैं ये बोल रहा था । की अगर तुम हंसराज कॉलेज नहीं आती तो हम मिल नहीं पाते ना । सत्यम ने कहा । हाँ! ये तो है ख़ैर; अब हमें तो चार साल काटने हैं यहाँ। मजा आएगा रिया ने कहा ।

अच्छा सुन तू इंस्टा पर है ? रिया ने पूछा । सत्यम को हँसी आ गई । रिया ने फिर पूछा क्या हुआ ? हँस क्यों रहा है ? मतलब तू इंजीनियर से पूछ रही है कि आपको कंप्युटर चलाना आता है ? सत्यम ने हँसते हुए कहा । मतलब क्या ? रिया ने फिर पूछा । यार आज के ज़माने में कौन नहीं चलाता सोशल मीडिया और खासकर इंस्टा । ये लो मेरी आईडी फॉलो कर लो सत्यम ने कहा । 'डन' और फॉलो बैक कर दियो रिया ने बोला । हाँ कर दूंगा मैं बोलकर सत्यम उठने लगा ।

और खाना हो गया हो तो चले; सत्यम ने रिया से पूछा ? हाँ चलो अब चलते हैं, कॉलेज तो अच्छे से देख ही लिया बोलते हुए रिया उठने लगी । फिर दोनों कैंटीन से निकल कर बाहर की तरफ चलने लगे ।


- सौरभ कुमार ठाकुर


रिया और सत्यम के दोस्ती और पहली नजर का पहला प्यार की खट्टी- मीठी कहानी अगले पार्ट में आपके समक्ष होगी । कहानी को प्यार दीजिए और मुझे आशीर्वाद दीजिए । फिर एक एग्जाम है कल मेरा तो देखते हैं.............