शिक्षा एक बदलाव Shamad Ansari द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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शिक्षा एक बदलाव

हम सभी का यहाँ एकसाथ इक्क्ठा होना ताज्जुब की बात होगी यदि हम बिना स्पष्ट कारण के मौजूद है तो ख़ैर हम सभी हमारे देशवाशियों के शांति एवं भलाई के लिए मौजूद हुए है। मेरा मानना है की इंसानो को जीवन वयतीत करने के लिए कुछ बुनियादी चीज़ों की ज़रूरत पड़ती है हालाँकि मैं अन्य बहुत से बातों को मह्त्वपूर्णता देना चाहूंगा लेकिन अभी जो बुनयादी चीज़े है उन पर चर्चा कर ली जाये। मुझे आशा है की मेरी इन बातों से किसी भी देश को एतराज नहीं होगा । हम जानते है की रोटी , कपडा , मकान सदियों से इंसानो के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है । कियोंकि ये चीज़े आधार बन सकती है गरीबी या अमीरी का। ख़ैर देखा जाये तो हम सभी के देशवासीयों को चीज़े मिल रही है किन्तु किस हालत में सच कहूँ तो हम नहीं जानते और अगर जानना चाहे तो उन देशवासियों से पूछने पर जो जवाब मिलेगा वो बेशक न होगा कियोंकि हम जानते है की खाने के नाम पर वो ज़हर खाते है। कियोंकि भारत में आज तक न्यूज़ के अनुसार कहा जाता है की हर साल करीब 15.73 लाख लोग खराब खाने से मारे जाते हैं। और WHO के अनुसार भी 420 000 हर साल मर जाते है खराब खाना खाने से ,मतलब लोगो को सही खाना तो नहीं मिल पाता।

चलिए बात करते है लोगो के रहने की जगह की हालाँकि हर किसी न किसी शहर में हमें झुग्गी देखने को जरुर मिलती है। चाहे वो बड़ी हो या छोटी इससे फ़र्क नहीं पड़ता । जैसे की मैक्सिको सिटी में नेजा चाल्को इत्जा स्लम ,केन्या शहर में किबेरा की झुग्गी बस्ती, पाकिस्तान में ओरंगी टाउन, मिस्र में मन्सिएट झुग्गी,और भारत में धारावी जो की मुंबई में है। हालाँकि और बहुत से झुग्गी मौजूद है लेकिन मेरा मकसद उनका केवल नाम लेने से नहीं है बल्कि कियों आज भी झुग्गी है इस सवाल से है । आज हम सभी को उसका एक समाधान निकलना है। अगर बात यहीं तक सीमित रहती तो कुछ देर तक ठीक होती लेकिन इन जगहों पर वो भी है जो हमारे देश के भविष्य निर्धारित कर सकते है या करने की क्षमता रखते है वो है विद्यार्थी हम सभी के देश की उन्नत्ती शिक्षा पर ही कायम है। और यहीं से गरीबी और अमीरी अच्छी शिक्षा का आधार बन जाती है। मुझे यकीन है की आप सभी मेरी बातों से इत्तफाक रखते होंगे।
अच्छा खाना और अच्छी जगह रहने को मिल सकती सकती है यदि उनकी पास एक अच्छी नौकरी हो तो मगर हमारे देशवासियों के पास वो भी नहीं है।

तो फिर मेरा मानना है की सही मायने में हमारा विकास नहीं हो रहा है। अगर एक अच्छी नौकरी हो तो लोग अच्छा खाना का सकते है या खरीद सकते है। और फिर वो एक अच्छी जगह पर भी रह सकते है और अपने बच्चों को भी अच्छी शिक्षा दिलवा सकते है। आप सभी ने गौर जरूर किया होगा की मैं बार बार शिक्षा को एक अच्छी नौकरी से जोड़ रहा हूँ। हालाँकि शिक्षा ही हर समस्या का समाधान है या बन जाती है। और आज का सबसे बड़ा मुद्दा भी यही है यानि अच्छी शिक्षा हम अपने देशवासियों तक कैसे पहुंचाए। खैर जो लोग झुग्गी में रहते है वो भी देश के कल्याण के बारे में सोचते है और एक अच्छे नागरिक साबित होना चाहते है किन्तु ये बाते हमारे देश के विद्यालयों पर निर्भर करती है जितना ज्यादा हम शिक्षा या विद्यालयों का विकास करेंगे उतना ही हमारे समाज और देश का विकास होगा। हालाँकि काफी ज्यादा देशों या जगहों में ये विकास हो रहा है और जारी है किन्तु हम अपने देश के किसी एक राज्य का विकास करके नहीं रुक सकते चूँकि जैसे भारत में दिल्ली के शिक्षा प्रणाली में काफी अच्छे बदलाव देखने को मिले है। लेकिन कुछ ऐसे भी जगह मौजूद हैं जहाँ शिक्षा व्यवस्ता में बदलाव की बेहत जरूरत है। जैसे की साउथ अफ्रीका और साउथ एशिया की literacy रेट के को देखा जाये तो हमें यह मानना पड़ता है की हमने अपने देशों का विकास करना बंद कर दिया है। हमें लगातार विद्ययालयों के शिक्षा प्रणाली में सुधार या बदलाव करना चाहिए।

शिक्षा तो वैसे भी हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण अभिनय प्रकट या दर्शाती है। हम सभी को को अपने देश के देशवासियों को शिक्षित करना चाहिए। हांलांकि शिक्षा आज की एहम जरूरत है। यदि हमारे देशवासियों को अच्छी शिक्षा न मिली तो, तो फिर हम सभी को बहुत नुकशान होगा , अब मैं आप सभी को यह भी समझाना चाहूंगा की यदि शिक्षित लोग न हो तो किया होगा हालाँकि वैसे तो हम सभी यह तो जानते है शिक्षा महत्वपुर्ण है , लेकिन यह महत्वपूर्ण कियों बन जाता है यह भी जानना जरूरी है। यदि लोग शिक्षित न हो तो उन्हें अनधिकृत काम करना पड़ता है , और वही लोग फिर अनधिकृत जगहों पर रहते है और न जाने कितन गलत या गैर कानूनी काम करने पड़ते हैं। जैसे की मै उदाहरण देना चाहूँ तो तालिबान जैसे संगठन यदि ये शिक्षित होते तो आज ऐसे खूंखार संगठन न बनती और आज भी अगर इनको कोई अच्छी राह दिखा दे तो ये भी सुधर जायेंगे। चूँकि अशोका जैसे राजा कलिंग युद्ध के बाद बदल सकते है तो ये कियों नहीं।
यदि हम सत्य के राह पर चलकर देश को आज़ाद करवा सकते हैं । हालंकि वो अलग बात है की उस समय में भारत में सब शिक्षित नहीं थे किन्तु जो लीडर थे वो जरूर शिक्षित थे। और वो जरूर उदाहरण बनते है की शिक्षा है तो कल है। जैसे की गाँधी जी विचारधारा ने सभी का नजरिया बदल दिया बिना मार काट के उन्होने एक देश को आज़ादी दिला दी। तो फिर हम कियों नहीं शिक्षित होकर अपने लिए ही कुछ कर लेते है। मतलब की हम सभी जो अपने देश का नेतृतव कर रहे है और आज यहाँ मौजुद है हमें भी एक अच्छा नेता बनना है , तो इसीलिए कियों न हम अपने देश की शिक्षा प्रणाली में बदलाव करतें हैं।
हालाँकि वो अलग बात है जिन्हे अब शिक्षा से सुधारा नहीं जा सकता कियोंकि तालिबान संगठन अब शायद ही सीखने में यक़ीदा रखते हो।
लेकिन अब हमें इसका समाधान निकालना होगा की हम अपने देशों में शिक्षा के शिक्षा व्यवस्था को कैसे बदले मुझे यकीन हैं की हम इसे स्वछता के मुद्दे जैसे न लें कियोंकि स्वछता को तो हमने अपने से गैर ही माना है इसीलिए तो केवल हम स्वछता उन खास १५ दिनों तक ही रखते हैं , जब देश में स्वछता अभियान चलता है।

यहाँ पर हमें केवल कुछ नए विद्यालयों के निर्माण से नहीं चलेगा। हमें विद्यालय तो आबादी के हिसाब से बनाना है लेकिन बदलाव करना जरूरी है शिक्षा प्रणाली में। मेरा आप सभी से यह निवेदन है की इस विषय पर जरूर चर्चा ध्यान करे।
अब मैं अपने शब्दों को यहीं विराम देना चाहूंगा।