प्यारी दुनिया... - 17 - रिया का डर.... Deeksha Vohra द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यारी दुनिया... - 17 - रिया का डर....

एपिसोड 17 (रिया का डर .... )
अगले दिन जब रिया ऑफिस पहुंची ... तो उसे कुछ ठीक नहीं लग रहा था | सुबह से रिया का मन बहुत बेचैन हो रहा था | शायद रिया को वीर से थोडा डर लग रहा था | क्यूंकि उसे शक था की वीर जान गया है की रिया एक इच्छाधारी नागिन है |
रिया अपना काम कर रही थी .... तभी उसके पास राहुल आता है | राहुल रिया का ही कलीग ... उसके साथ एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था | राहुल के रिया के पास आते ही ... वो सीधा रिया के पास जाकर खड़ा हो गया | राहुल रिया के बहुत करीब खड़ा था | जिससे रिया कुछ अच्छा फील नहीं कर रही थी | राहुल ने रिया के कन्धों पर अपना हाथ रखा ओर सहलाने लगा | रिया को अब गुस्सा आ रहा था | उसका मन कर रहा था की राहुल की जान ही ले ले | पर वो अभी ऑफिस में थी |
रिया :: राहुल ... ( गुस्से में ) डोर रहो मुझसे |
ये कहते ही रिया राहुल से दूर हुई | ओर वहां से जाने लगी | पर अचानक से रिया का किसी ने हाथ पकड़ लिया | अब रिया खुद पर से अपना काबू खोटी जा रही थी | पर अचानक से रिया के सामने कुछ पुरानी यादें आने लगी | जिन्हें याद करते ही .. रिया आम्पने लगी | रिया ने पीछे मुड़ कर देखा तो राहुल ने उसका हाथ पकड़ा हुआ था | उसने झटके से राहुल का हाथ दूर किया ... ओर वहां से चली गई |
रिया को वीर से कुछ बात करनी थी | जो पेपर्स वीर ने रिया को कल दिए थे ... उसमे कुछ ऐसा था... जो रिया को पूछना था | वीर के ऑफिस के बाहर खड़े होकर ... रिया ने एक लम्बी सां ली ... ओर डोर नोक किया |
नोक नोक !
वीर ने देखा की रिया उसके ऑफिस में आ रही है | वीर रिया की सचाई जनता था | पर वो नहीं चाहता था की .. रिया डर जाए | उसने रिया से काहा |
वीर :: क्या हुआ रिया ? कुछ काम था ?
रिया ने वीर की तरफ एक फाइल की ... ओर बोली |
रिया :: सर हाँ ... वो मुझे कुछ समझ नहीं आ तरह था तो ....
रिया के हाथ में फाइल देखते ही ... वीर का ध्यान रिया के हाटों पर गया | जहां किसी की उँगलियों के निशान थे | वीर की भौएँ तन गईं | वीर ने ध्यान से रिया की तरफ देखा ... जो थोड़ी परेशान लग रही थी |
वीर :: कुछ हुआ क्या मिस रिया ?
रिया :: ( चौंकते हुए ) क्या ... ( हकलाते हुए ) क्या .. कुछ नहीं सर .... कुछ नहीं हुआ |
वीर ने नोटिस किया की रिया के हाथ कांप रहे हैं | तभी वीर के ऑफिस में कोई भी आया | रिया ने मनो पहले ही महसूस कर लिया था की कौन है | वो बुरी तरह कांपने लगी | ओर वीर ने ये भी नोटिस कर लिया था |
राहुल :: हेल्लो वीर सर | वो मैं मिस रिया को ढून्ढ रहा था | तो बस ....
रिया ने राहुल की तरफ अपनी डरी हुई नजरों से देखा | एक तरफ उसे गुस्सा भी आ रहा था | ओर वहीँ दूसरी तरफ उसे डर लग रहा था | वो मन ही मन सोच रही थी ... की ... “जो मेरे साथ पहले हुआ ... कहीं वो सब ....”
पुरानी यादें याद करते हुई रिया की आँखों के सामने काला अँधेरे सा आ रहा था | वीर ने नोटिस किया की .... कुछ तो गड़बड़ है | वीर ने रिया के हाथ में जो फाइल थी ... उसे पकड़ा | वो फाइल अब रिया ओर वीर दोनों ने पकड़ी हुई थी |
जैसे ही वीर ने अपनी आँखें बंद की .... उसे अभी जो राहुल रिया के के ऑफिस में कर रहा... उसे वो सब दिखा | अब जाकर वीर को समझ आया की ... रिया क्यूँ इतनी डरी हुई है | वीर को अब गुस्सा आने लगा | पर अच्चानक से रिया ने फाइल छोड़ दी .... ओर वो जमीन पर बेहोश होकर गिर गई | वीर ने अचानक से अपनी आँखें खोलीं | देखा तो रिया बेहोश हो गई थी | ओर राहुल ने रिया को पकड़ा हुआ था | जैसे ही रिया को उठाने के लिए राहुल ने रिया की कमर में अपना हाथ डाला .... वीर का गुस्सा अपनी चरम सीमा तक पहुंच गया |
वीर का मन कर रहा था की राहुल की अभी इसी वक्त जान ले ले | पर उसने खुद को शांत किया ओर जल्दी से रिया के पास गया | ओर राहुल का हाथ रिया की कमर से हटाया | ओर गुस्से में उससे बोला |
वीर :: ( गुस्से में ) तुम जाओ ... मैं इसे देख लूँगा |
राहुल :: पर सर .... आप क्यूँ ...
पर वीर राहुल की बकवास सुनने के मूड में नहीं था | उसने राहुल से फिर से गुस्से में कहा |
वीर :: जाओ ...
इतने गुस्से में वीर को देख ... राहुल भो घबरा गया | ओर बिना आगे कुछ बोले ही वहां से चला गया | फिर वीर ने रिया की तरफ देखा ... जो बेजान सी उसकी बाँहों में बेहोश पड़ी थी | उसे कुछ कुछ समझ आ रहा था की ... क्यूँ रिया इतनी डरी हुई थी | पर एक बात थी ... जो वीर समझ नहीं पा रहा था |
“ एक इच्छाधारी नागिन होने के बाद भी ... रिया इतनी क्यूँ डर रही थी ...”
ऐसा क्या हुआ था रिया के साथ .. जो वो डर के मारे बेहोश ही हो गई |