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प्यार क्या होता है?

प्यार को हम सब ने कभी ना कभी महसूस किया होगा। कहीं ना कहीं वो अहसास हमारे दिल मे होता ही है। पर हम समझ नहीं पाते है।

प्यार क्या होता है। what is love?

"प्यार" शब्द ऐसा शब्द है जिसका नाम सुनकर ही हमें अच्छा महसूस होने लगता है। प्यार शब्द में वो एहसास है जिसे हम कभी नहीं खोना चाहते। ईस शब्द में ऐसी पॉजिटिव एनर्जी होती है की हम खुश हो जाते है।

प्यार को कोई भी शब्दों में बया नहीं किया जा सकता है। प्यार को बस महसूस किया जा सकता है। प्यार सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि प्यार जानवर भी महसूस करते है।

जब किसी से प्यार होने लगता है तो रिश्ते की शुरवात में अक्सर सिर्फ अच्छी चीज़ें ही देखती हैं। और सातवे आसमान में महसूस करते हैं। ये एहसास इतना गहरा होता है की यदि उस व्यक्ति से बदले में उतना ही प्यार न मिले तो काफी दुःख पहुँचता है।

सच्चे प्यार में समर्पण की भावना होती है। जो सच्चा प्यार करते हैं, वे पार्टनर के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। पार्टनर की खुशी के लिए वो कोई भी तकलीफ उठाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। और जो मतलब से रिश्ता रखते हैं, उनके लिए यह सारी भावना के कोई मायने ही नहीं है।

पता है ! पहला प्यार भुलाया नहीं जाता। ऐसा क्यु? कभी सोचा है? क्युकी पहले प्यार का होना आसान नहीं होता ठीक उसी तरह उसे भूलना भी आसान नहीं होता है। वैसे तो प्यार हमेशा खास होता है। लेकिन पहले प्यार के दौरान हुई छोटी से छोटी बात भी आपको याद रह जाती है और उसे आप भूल नहीं पाते हैं। क्युकी पहला प्यार आपको उन घटनाओं से परिचय करवाता है। जिसे आपने पहले कभी किया ही नहीं है। पहले प्यार का पहला अहसास दिल के किसी कोने मे हमेंशा रहता है।

प्यार किसी को पागल दीवाना तो किसी को कामियाब बनाता है। कुछ लोग इस प्यार को सही मानते है तो कुछ लोग इस प्यार बुरा मानते है। बस फर्क यह है की हम किससे और कैसे प्यार करते है। प्यार किसी से भी हो सकता है। प्यार एक अच्छी फीलिंग होती है। इस फीलिंग को तब महसूस किया जा सकता है जब कोई प्यार करता है। प्यार की भावना (feeling) सभी दूसरी भावनाओ में काफी बड़ी और काफी बेहतरीन होती है। इस भावना में इंसान खो जाता है। प्यार करने वाले को बस वह व्यक्ति या वस्तु ही हर जगह नजर आती है, जिससे वह प्यार करता है।

प्यार किसी से भी हो सकता है। एक लड़के को एक लड़की से हो सकता है तो वही एक लड़की को भी लड़के से हो सकता है। वही एक संत को ईश्वर से प्यार होता है। एक माँ को उसके बच्चे से प्यार होता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो किसी को भी किसी व्यक्ति या वस्तु से प्यार हो सकता है।

किसी से हम प्यार सोच कर नहीं कर सकते है। प्यार तो खुद ही हो जाता है। कही बार उम्र के हिसाब से इंसान के अंदर प्यार का बदलाव आता रहता है। एक इंसान जिस चीज से बचपन में प्यार करता है, उस चीज से वह जवानी में भी प्यार करता हो ये जरूरी नहीं है। इसलिए कहा जाता है कि समय के साथ प्यार भी बदलता रहता है। लेकिन कुछ प्यार ऐसे भी होते है जो समय के साथ कभी नहीं बदलते है।

प्यार दिल से होता है पर, दिल के साथ दिमाग को भी प्यार का कारण माना जाता है। किसी चीज या व्यक्ति से प्यार होने का कारण उस चीज या वस्तु में कुछ ऐसी खासियत हो सकती जो हमें पसंद आए। वो खासियत सबसे अलग और खास लगती है। जब किसी से प्यार होता है न, उसकी खुशी सबसे जरूरी लगती है। वो चाहे पास हो या दूर, वो खुश होता है तो हम भी खुश होते है।

लोग अक्सर कहते है, प्यार अँधा होता है। प्यार को अंधा इसलिए कहा जाता है क्योंकि प्यार होने के बाद दिमाग काम नहीं करता है। दिल मे सिर्फ उस एक इंसान रहता है उसके अलावा कोई और दिखता ही नहीं है। जैसे जीवन मे किसी और की कोई जगह ही ना हो। ये फीलिंग सही है या गलत पता नही। पर इसे महसूस बहोत लोग करते है। प्यार होने पर सही कर रहे है या गलत, कुछ लोगो को समझ नहीं आता है।

प्यार का अच्छा या बुरा होना बस इस बात पर निर्भर करता है कि हम किस से प्यार कर रहे है। हम जिससे प्यार कर रहे है क्या वह हमारे लिए अच्छा है? क्युकी आज कल टाइम पास का दोंर ज्यादा चल रहा है। लोग प्यार कम टाइम पास ज्यादा करते है। जैसे किसीकी भावना ओ की कोई वैल्यू ही ना हो।

निस्वार्थ प्यार बहोत कम लोग ही करते है। ऐसे प्यार को करने वाला व्यक्ति अपना सब कुछ उस व्यक्ति के लिए कुर्बान कर देते है जिससे वह प्यार करता है। इसी को सच्चा प्यार भी कहा जाता है। आमतौर पर यह प्यार माता-पिता अपने बच्चे से करते है। इस प्यार में प्यार के बदले प्यार की मांग नहीं कि जाती है।

आखिर मे बस यह कहना है। सिर्फ उनको जो एक दूसरे को सच्चा प्यार करते है और हमेंशा साथ रहना चाहते है। दूसरे लोग प्यार करने वालो के बारे मे क्या सोचते है पता नहीं पर हम मानते है। किसीको सच्चा प्यार करना गलत नहीं है और ना ही कोई गुनाह है, पर प्यार के लिए कुछ भी गलत कदम उठाने से पहले एक मौका अपने परिवार को जरूर दीजिये की, वो आपके प्यार को समझे और स्वीकारे, शायद शुरुवात मे आपका साथ कोई ना दे पर वक्त के साथ वो समझेगे जरूर।

"और एक बात हमेंशा याद रखिये की प्यार गलत नहीं है पर आपके प्यार की वजह से आपके माँ - पापा की आँखों मे आँसु आते है तो उस गुनाह की माफी आपको किसी भी मंदिर या मस्जिद मे नहीं मिलेगी।"

प्यार करना सही है या गलत?
आप प्यार के बारे मे क्या सोचते है यह कॉमेंट मे जरूर बताएगा।

स्टोरी को रेटिंग देना भुलायेगा मत । 🙏

_Miss Chhotti

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