Love by ️️Duty Singham Series 3 - 31 books and stories free download online pdf in Hindi

Love by ️️Duty Singham Series 3 - Part 31

“यह देव सिंघम कौन है?“

नर्मदा को अचंभा हुआ की नील उस इंसान के बारे में पूछ रहा है जिस से लगभग एक महीने भर पहले रिश्ता जोड़ने के लिए जबरदस्ती की जा रही थी। उसने अपनी उत्सुकता को छुपाते हुए पूछा, “तुम क्यों जानना चाहते हो?“

“यह सिंघम्स कौन है?“ नील ने कर्कश आवाज़ में पूछा।

जवाब देने से पहले नर्मदा उसे काफी देर तक देखती रही। “अगर मैं तुम्हे सिंघमस के बारे में बताऊं तो तुम मुझे क्या दोगे?“

“कुछ भी नही,” नील दहाड़ा।

“ठीक है, मैं नही बताऊंगी।” नर्मदा नील की तरफ से पलटी और फ्रूट ट्रे से सेब उठा लिया। उसने नील को देखते हुए सेब की एक जोरदार बाइट ली और पलट कर अपने बेडरूम में चली गई।

नर्मदा को नही पता था की नील कितना डेस्परेट है सिंघम्स के बारे में जानने के लिए, और वोह यह भी नही जानती थी की क्यों, पर यह मसला भी उसके लिए अच्छे समय पर हुआ था। वोह हर मुमकिन कोशिश और हर चीज को ढाल और हथियार बना कर इस्तेमाल करना चाहती थी ताकि नील को बदल सके।

एक खाली काग़ज़ पर नर्मदा यूहीं पेन चला रही थी जब नील बेडरूम में आया। नर्मदा ने उसकी ओर देखा और समझ गई की वोह कुछ बकवास करने आया है, अब वोह भी उसी की भाषा में जवाब देने वाली थी।

जब नील ने एक शब्द नही निकाला तो नर्मदा ने सोच लिया की वोह भी बातचीत शुरू नही करेगी।

“नर्मदा।”

“नील,” नर्मदा को उसी की टोन में कहा।

“मैं तुम्हारे लिए डिनर ले कर आया हूं।” नील ने एक खाने से भरी कटोरी जिसमे से भांप निकल रही थी उसे टेबल पर रख दी।

“दिखावा करना बंद करो। मुझे पता है की तुम्हे क्या चाहिए।” वोह हँसने लगी।

“बस खाना खा लो, तुम्हे मुझे कुछ भी बताने की जरूरत नहीं है,” नील ने चिल्लाते हुए कहा और कमरे से बाहर जाने लगा।

नर्मदा तुरंत हरकत में आई और नील की कलाई पकड़ ली। “मुझे एक छोटा सा फेवर चाहिए, और फिर मैं तुम्हे सिंघम्स के बारे में बता दूंगी।”

“तुम्हे क्या चाहिए?“

“कल रात से मेरी पीठ काफी अकड़ी हुई है। मुझे मदद चाहिए स्ट्रेचिंग करने के लिए।” उसने मासूमियत से अपने पलके बार बार झपकाई।

“कैसे?“

“ओह, इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा, तुम्हे बस मुझे पीछे से पकड़ना है और मुझे उठाना है ताकि मैं अपनी रीढ़ की हड्डी स्ट्रेच कर सकूं।” नर्मदा खड़ी हुई और नील की तरफ पीठ कर खड़ी हो गई। नर्मदा ने अभी भी नील की ही टी शर्ट पहनी हुई थी और वोह नील की आँखों में उसके लिए प्यास देखने से चुकी नही थी।

“बेकार का आइडिया है।”

“मैने पहले भी किया है। बहुत लोगों ने मेरी इसमें मदद भी की है, स्ट्रेचिंग करने में।” उसने झूठ बोला।

उसने अपने दोनो हाथ अपने सीने पर क्रॉस की पोजिशन बना कर रख लिए और नील को उसे उठाने के लिए कहा। “अब अपने हाथ मुझ पर रखो और मुझे ऊपर की ओर उठाओ।”

पहले नील थोड़ा सकुचाया पर फिर उसने पीछे से उसकी कमर पर हाथ रख कर उसे उठाया। नर्मदा खिंचाव महसूस कर कराहने लगी। “ओके, अब छोड़ दो मुझे।”

नील ने अपने हाथ ढीले किए, और इससे पहले की नर्मदा अपने आप को संभालती, उसके पैर मार्बल फ्लोर को टच कर गए, और टच करते ही उसका पैर ट्विस्ट कर गया। वो चिल्लाते हुए ज़मीन पर गिर पड़ी।

“ओह शिट, नर्मदा, तुम ठीक हो?“

“आउच......मेरा एंकल दुख रहा है।” वोह अपने एंकल को रगड़ने लगी ताकी दर्द को कम कर सके।

“ओह नो..... आई एम सो सॉरी।” नील ने घबराते हुए कहा और नर्मदा को फ्लोर से उठा कर बैड पर बिठा दिया।

“नील, रुक जाओ। मैं ठीक हूं,” नर्मदा ने उसे पुकारा क्योंकि वोह जल्दबाजी में कमरे से बाहर निकल गया था।

नर्मदा बैड पर बैठी अपना एंकल रगड़ रही थी, और उसको आराम तब मिला जब नील ने आ कर उस के सूजी हुई स्किन पर आइस पैड रखा।

“मैं ठीक हूं, नील।”

“क्या तुम्हारी पीठ ठीक है?“ नील ने अभी भी उसके पैर पर आइस पैक रखा हुआ था।

नर्मदा के दिमाग में एक आइडिया उछल पड़ा। “नील, क्या तुम यह आइस मेरी पीठ पर भी लगा दोगे, प्लीज़?“

नील जनता था की यह बैड आइडिया है पर वोह ना नही कह पाया था। “पहले पैंट पहन लो फिर मैं तुम्हारी पीठ पर आइसिंग कर देता हूं।”

“क्या तुम मज़ाक कर रहे हो? कितनी गर्मी है यहाँ, मैं तो एक घंटा पहले रेफ्रिजरेटर में बैठने की सोच रही थी।” नर्मदा ने तुरंत जवाब दिया।

“ठीक है, पीछे पलटो।” नील उसे पेट के बल पलट कर लेटते हुए देख रहा था और उस ने आइस पैड उसकी कमर पर रख दिया था।

नर्मदा नील की निगाहें पहले अपनी कमर पर और फिर अपनी टांगों पर महसूस कर रही थी। उसके एंकल पर अभी भी वोह एंकलेट बंधा हुआ था और वोह जानती थी की नील को वोह बेहद पसंद था। वोह हर थोड़ी थोड़ी देर में उसे हिला कर नील का ध्यान अपनी ओर खींच कर उसे छेड़ रही थी।

“नील, यह आइस हटा दो अब, और अपने हाथों से मेरी मसल्स रब कर दो,” नर्मदा तकिए में अपना मुंह दबाए बड़बड़ाई।

उसने नील की तेज़ सांस छोड़ने की आवाज़ सुनी, पर उसने मना नही किया। नर्मदा धैर्य पूर्वक इंतज़ार कर रही थी जब नील आइस पैड हटा कर उसकी पीठ दबाने के लिए खुद उसकी टांगो पर आराम से बैठ गया था, बिना उस पर वज़न डाले।

नर्मदा तकिए में मुंह दबाए कराह गई थी जब उसे अपनी कमर के निचले भाग पर नील के अंगूठे का स्पर्श महसूस हुआ। “ओह माय गॉड, आई एम इन हेवन।”

और जैसे नर्मदा की आवाज़ उसे और इनकरेज कर रही थी, वोह अपने दोनो अंगूठे से उसकी टी शर्ट के ऊपर से ही दबाने लगा था।

“नील....“ नर्मदा की सेडक्टिव आवाज़ सुनाई पड़ी नील को और वोह जवाब में खुद भी कराहने लगा। “मेरी टी शर्ट हटा दो।”

नर्मदा ने रिक्वेस्ट के लहज़े में कहा क्योंकि नील उसकी टी शर्ट के ऊपर से ही उसकी पीठ दबा रहा था। नर्मदा अचानक से बेसब्र होने लगी और उसने खुद ही अपनी टी शर्ट उठा कर ऊपर कर ली।

नील के हाथ रुक गए पर उसकी पीठ पर ही बने हुए थे। नर्मदा कराहने लगी इनकरेजमेंट में जब उसने अपनी खुली पीठ पर नील की दौड़ती नज़रे महसूस की। उसका दिल जोरों से धड़क उठा जब नील के हाथ धीरे धीरे ऊपर की ओर बढ़ने लगे। उसके अंगूठे ने अपना रास्ता बदल लिया और अब उसने अपना पूरा हाथ उसकी सॉफ्ट स्किन पर रख दिया।

“तुम्हारी स्किन बहुत खूबसूरत है,” नील ने फुसफुसाते हुए कहा और नर्मदा को अपने अंदर कुछ हलचल महसूस होने लगी।

“मुझे ऐसे ही छुआ.....“ नर्मदा के मुंह से यह शब्द तब निकले जब उसने नील के हाथ अपने पीठ पर ऊपर की ओर से साइड में खिसकते हुए महसूस किए।

तुरंत ही जवाब में नर्मदा ने अपना ऊपरी शरीर उठा लिया ताकी नील को अपना हाथ ले जाने के लिए जगह मिल सके। और अब नील अपनी उंगलियों से उसके ब्रेस्ट को छेड़ने लगा।

नर्मदा प्लेजर से कराहने लगी पर होली नही अपनी जगह से। नर्मदा ने गहरी सांस ली जब उसने नील को अपना शरीर उसकी पीठ पर नीचे करते हुए महसूस किया और उसने अपने हाथ नर्मदा के बांह पर रख कर उसे स्ट्रेच कर दिया।

नील का हार्ड शाफ्ट नर्मदा अपनी कमर पर महसूस कर रही थी जिससे उसे आत्म सुकून मिल रहा था।

“मैं अपने आप को क्यूं नही रोक पता?“ उसकी सांसे उसके बालों पर बहुत ही गर्म महसूस हो रही थी।

“मैं नही चाहती की तुम रुको। मुझे तुम चाहिए....पूरा का पूरा,” नर्मदा की आवाज़ में इल्तिज़ा थी।

नील उसके बालों में ही कराहने लगा और अपना चेहरा अंधेरे में छुपा लिया।

“नील, मुझे बस तुम चाहिए....जो भी तुम मुझे दोगे मुझे मंजूर है। जब तक तुम मुझे जाने दोगे तब तक मुझे अपना बनने दो।” उसके शब्दो में ऐसा थी जिसने नील के शरीर में सिहरन पैदा कर दी।

“प्रिटेंड करो की तुम मेरी हो,” वोह कराहया, और उसे पलट कर उसका चेहरा देखने से पहले उसकी पैंटी उतार दी।

“टेक मी, आई एम योर्स,” नर्मदा उसके होंठों पर ही बड़बड़ाई, और उसका एग्रेसिव किस एंजॉय करने लगी, नील का हाथ उसके पूरे शरीर पर दौड़ रहा था।













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कहानी अगले भाग में अभी जारी रहेगी...
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