“चार साल, मेरी जिंदगी के सबसे खूबसूरत समय था। फाइनली मेरी फैमिली थी क्योंकि डीआईजी ने मुझे एडॉप्ट कर लिया था और अपने साथ अपने घर ले गए थे। उन्होंने घर में ही मेरे लिए टीचर अप्वाइंट कर लिया था जो मुझे घर में ही स्कूल की सारी पढ़ाई कराए और जब मुझे लग को अब सब ठीक हो गया है.... उस फकिंग बास्टर्ड ने उन्हे मार दिया। उसने उन्हे मेरी वजह से मार दिया।” नील के जबड़े भींच गए।
नर्मदा झिझकते हुए नील के करीब आई और अपनी बाहें उस पर फैला दी। उसका गुस्सा नील के दर्द के सामने कुछ नही था जो उसने अभी उसकी आँखों में देखा, और इस से वोह बेचैन हो गई। “आई एम सॉरी।”
नील ने भी धीरे से उसे बाहों में भरा। “मेरी खोज उन किलर के लिए उसी दिन से शुरू हो गई थी, और मैं अभी भी खोज ही रहा हूं।”
“तुम मेरे पास मेरा बॉडीगार्ड बन कर क्यों आए?“
“डीआईजी को मारने के तीन साल बाद, मेरे पास इतना सपोर्ट था और इतनी एबिलिटी थी की मैं उन किलर के पीछे जा सकता हूं। पुलिस डिपार्टमेंट में खलबली मच गई जो इनफॉर्मेशन मुझे वहाँ से मिली, बहुत सारे लोग थे जो उन्हें मारना चाहते थे।”
“तुमने हमारे पड़ोसी को छह साल पहले क्यों मार दिए था?“ नर्मदा नील की बाहों में गरमाहट महसूस कर रही थी।
“वोह सभी सांपों का सरदार था, और हर गुंडा जो अरेस्ट हुआ था वोह किसी ना किसी तरह उसके लिए काम करता था। मैं जानता था की डीआईजी उसके पीछे है अरेस्ट करने की फिराक में इसलिए मैने सबसे पहले उसी से शुरवात की थी। मैने उसके घर में नौकरी पाने की कोशिश की पर नही मिली और फिर तुम्हारा बॉडीगार्ड बन गया।” नील भी उसे इसलिए पकड़े हुए था क्योंकि उस से उसे स्ट्रेंथ मिल रही थी जिसकी उसे इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरत थी।
“मुझे बहुत खुशी है की तुम आए, नील। तुम मेरे पहले दोस्त थे और उसका कारण भी जो आज मेरी जिंदगी में कई दोस्त हैं।” नर्मदा उस से हल्का सा अलग हुई और उसकी आँखों में देखने लगी।
नील चुप रहा, और नर्मदा ने उसे कुछ समय दिया आगे बोलने से पहले। “तुम क्यूं छोड़ कर चली गई थी?“
“मुझे जाना....“
“क्यों?“
“तुम मेरे बहुत करीब आने लगी थी। बहुत ही करीब, मैं भूलने लगा था की मैं वहाँ क्यूं हूं और अपना काम खतम करने के बाद भी वहाँ रुका हुआ था।” नील की आवाज़ में रूखापन था।
“मैं तुमसे बहुत नाराज़ हूं की तुम मुझे बिना गुड बाय कहे ही छोड़ कर चले गए थे,” वोह भड़की।
“मेरे पास और कोई चारा नहीं था।”
“क्या तुम्हे डीआईजी के कतल का जिन जिन पर शक था सभी मिल चुके हैं?“
“मुझे ऐसा लगता था जब तक की मैने राज के एक जानकर का काम नही लिया था। उसने मुझे बताया था की उसे पता है की डीआईजी का खून किसने किया है।” नील ने एक गहरी सांस छोड़ी और अपने आप को नियंत्रित किया।
“तुम्हे कैसे पता की वोह झूठ नही बोल रहा है?“
“उसने मुझे प्रूफ दिखाया था.... दो लोगों के बीच बातचीत जिसमे वो डीआईजी पर अटैक करने का प्लान बना रहे थे। मुझे यकीन था की मुझे सभी सस्पेक्टेड मिल चुके हैं, पर मैं चांस नहीं ले सकता...“
“और इसलिए तुम्हारे लिए मुझे राज के पास ले जाना इतना जरूरी है,” नर्मदा ने नील की बात पूरी की।
नील ने सिर हिला दिया।
“अगर तुम्हे लगता है की तुम्हे सभी गुनहगार मिल गए हैं, तो किसने किया हो सकता है?“ नर्मदा ने धीरे से कहा।
“जिस नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया था, वह दुनिया भर में था, जिसका केंद्र यहाँ था...वोह बास्टर्ड शायद अभी भी बाहर ही होगा।” नील ने अपने दांत पीसते हुए कहा।
“कब तक तुम यह सब करते रहोगे?“ यह एक ऐसा सवाल था जो नील ने आज तक खुद से नही पूछा था, पर इस सवाल ने उसे हिला कर रख दिया था जब उसने नर्मदा के मुंह से यह शब्द सुने।
“मुझे....मुझे नही पता।”
“क्या तुम यह सब अपनी सारी जिंदगी करते रहना चाहते हो?“
“अगर इस से मासूम लोग सुरक्षित रहे, तो मुझे कोई दिक्कत नही। मेरा इस दुनिया में कोई नही है, मैं ऐसे ही जिंदगी बिता सकता हूं।” नील की आवाज़ में गुस्सा था।
“नील....तुम्हारे पास मैं हूं, मैं तुम्हारी हूं। यह पागलपन बंद करो क्योंकि चाहे कितने भी तुमने लोगों को मार दिया हो, जिस आदमी को तुम पिता की तरह प्यार करते थे वोह अब कभी वापिस नही आयेगा।” नर्मदा ने शांति मगर आग्रपूर्ण कहा।
“मैं नही कर...“
“हाँ, तुम कर सकते हो....मुझे तुम्हारा होने दो, और मैं तुम्हारा सब दुख दर्द तुम से दूर कर दूंगी।” नर्मदा ने प्यार से उसके गाल पर किस किया अपने आंसुओं को छुपाते हुए।
“यह नहीं हो सकता,” नील ने रूखेपन से कहा और उसे खुद से दूर कर दिया। “मैं अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हट सकता।” वोह तुरंत ज़मीन से उठा और उस से दूर जाने लगा।
“नील....तुम जा सकते हो हर एक इंसान को मारने, पर उस से पहले तुम्हे मुझे यह बताना होगा की तुम मुझसे प्यार नही करते, मेरी आँखों में देख कर कह दो।”
नील रुका, पीछे पलटा और सामने से नर्मदा आ रही थी।
“कह दो, और मैं फिर वोही करूंगी जो तुम मुझसे करवाना चाहते हो। मैं चली जाऊंगी राज की पत्नी या उसकी रखैल बनने, अपनी बाकी पूरी जिंदगी तुम्हारे बारे में सोचती रहूंगी।”
“स्टॉप,” वोह दहाड़ा।
“मैं तुम्हे इतना प्यार करती हूं की अपनी आखरी सांस तक तुम्हारा पूरी जिंदगी काट सकती हूं, और मैं वोही करूंगी जो तुम अपनी ड्यूटी पूरी करने के लिए मुझसे करवाना चाहते हो, पर कह दो मुझे की तुम मुझसे प्यार नही करते, और मैं दुबारा यह बात डिस्कस नही करूंगी।”
“मैं नही करता,” नील ने गुर्राते हुए दूसरी तरफ देख कर कहा।
“देखो मेरी तरफ और मेरे मुंह पर कह दो। कह दो की तुम मुझसे प्यार नही करते और दुबारा कभी मेरे बारे में सोचोगे नही।” उसकी आँखें उसे ही घूर रही थी।
नील ने एक शब्द नही निकाला। उसने उसकी ओर देखा इस उम्मीद से की वोह उसे चैलेंज करना बंद कर दे, पर वोह जनता था की उसके सामने वोह ज्यादा लड़ नही सकता था। नर्मदा अपनी हर एक सोच, हर एक हरकत को कंट्रोल कर लिया। उसकी एक अनदेखी पकड़ बनी हुई थी उस पर।
वोह सबकुछ थी जो कभी उसने चाहा था, इकलौती इंसान जिसने नील को वैसे देखा जैसे वोह था और उसे मजबूर कर दिया उस हर एक इंसान को मारने के लिए जो उस के करीब आ कर उसे तकलीफ पहुँचा सकता था। वोह कुछ नही कर सकता था बस उस के साथ रहना चाहता था, उसने ही उसे सुकून दिया था, और उसके अंदर इंसानियत जगाई थी।
वोह काफी देर तक उसे घूर कर देखता रहा और फिर पलट कर कमरे से बाहर निकल गया।
एक तिरछी मुस्कान फैल गई उसके चेहरे पर जब उसने यह रियलाइज किया की अभी भी शायद उम्मीद है। वोह उसके करीब रहने का फायदा उठाना चाहती थी, उसके करीब जाने के लिए, अगले कुछ दिनों के लिए।
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कहानी अगले भाग में अभी जारी रहेगी...
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