Khooni Friday - 6 - भूतिया घर- भाग-2 Raj Roshan Dash द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • अनोखा विवाह - 10

    सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट...

  • मंजिले - भाग 13

     -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ...

  • I Hate Love - 6

    फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 47

    पिछले भाग में हम ने देखा कि फीलिक्स को एक औरत बार बार दिखती...

  • इश्क दा मारा - 38

    रानी का सवाल सुन कर राधा गुस्से से रानी की तरफ देखने लगती है...

श्रेणी
शेयर करे

Khooni Friday - 6 - भूतिया घर- भाग-2

एक भूतिया हवेली की कहानी भाग-2, (bhoot story) यह कहानी का भाग दो है पहला भाग आप पढ़ चुके है अगर आपने अभी तक नहीं पढ़ा है तो आप इसे पढ़ सकते है यह कहानी भी आपको पसंद आएगी,


bhoot story in hindi, यह एक भूतिया हवेली की कहानी का भाग दूसरा है, अगर आपने अभी तक इसका पहला भाग नहीं पढ़ा है तो आप यहां पर उसे पढ़ सकते है,

हम यहां पर इसके पहले भाग के बारे में आपको कुछ बताना चाहते है जिससे आपको यह कहानी समझ में आ सकती है,


पहले भाग में भूतिया हवेली जोकि अब बहुत ही पुरानी हो चुकी थी उसी में सभी परिवार वाले रहते थे, मगर किसी अजीब सी घटना से उनके मन में भर्म पैदा कर दिया था, इसी भर्म से वह डर के यहां से दूर रहने चले गए थे उन्होंने ने अपनी पुरानी हवेली को छोड़ दिया था उनका डर भी वाजिफ था इसलिए वह सभी अपनी नयी हवेली में चले गए थे, जब उन्हें गए काफी समय बीत गया था तो उनके दोनों लड़के जोकि बहार ही पड़ते थे आज वापिस आये थे,


वह लड़के अपनी पुरानी हवेली में क्या हुआ था यह नहीं जानते थे, जब वह छोटे थे तभी उन्हें बहार पढ़ने के लिए भेज दिया था आज बहुत साल बाद यहां पर आये थे, जब वह अपने घर पहुंचे तो उन्होंने देखा की वह सभी अपनी नयी हवेली में आ गए थे अब हम आगे पढ़ते है, जब वह दोनों आये तो पूछा की आपने यहां पर अपनी नयी हवेली बना ली है आप लोग वहा से क्यों आ गए थे, फिर उनके पिताजी बोले की अब वहा पर मन नहीं लगता था इसलिए यहां पर आ गए है


यह बात अभी यही पर ही पूरी हो गयी थी अगली सुबह ही दोनों भाई उठे और उन्होंने ने अपनी पुरानी हवेली में जाने की इच्छा राखी जबकि सभी ने वहा पर जाने से मना कर दिया था और यह भी कहा गया की कोई भी अब व्हा पर नहीं जाएगा दोनों भाई को यह बात बहुत अजीब लग रही थी क्योकि उनका मन था की वह अपनी पुरानी हवेली को देखे मगर कोई भी नहीं जा रहा था, इसलिए वह भी नहीं जा पाए थे,



कुछ दिन बाद उन दोनों भाई के लिए एक रिश्ता आ गया था इसलिए उनके पिताजी ने इसी साल उनकी शादी करने का फैसला लिया था अब वह अपनी पढ़ाई भी पूरी कर चुके थे और अब उनका व्यपार बहुत अधिक फैल चूका था जिसे संभालना मुश्किल था एक दिन दोनों भाई यही सोच रहे थे की हमे एक बार तो अपनी पुरानी हवेली में जाना चाहिए मगर बड़े ने मना कर दिया था इससे शायद पिताजी नाराज हो सकते है



लेकिन बहुत कहने पर दोनों भाई वहा पर चलने के लिए त्यार हो गए थे, और दोपहर के समय में वह वहा से चले गए थे, जब वह दोनों वहा पर पहुंचे तो अब उसकी हालत कुछ ठीक नहीं लग रही थी क्योकि बहुत साल पहले ही हवेली को छोड़ दिया था आज उसकी हालत ठीक नहीं थी वह अंदर गए थे मगर उन्हें कुछ अजीब महसूस हो रहा था उस जगह पर बहुत ठण्ड थी बहार बहुत अधिक गर्मी थी लेकिन वहा पर सर्दी का अहसास हो रहा था


दोनों आपस में बात करने लग गए थे यहां इतनी ठंड क्यों है हमे यहां पर कुछ अजीब लग रहा है तभी उनकी नज़र ऊपर गयी उस जगह पर कोई चल रहा था वहा पर कौन था जबकि बहार तो ताला लगा हुआ था यहां पर अंदर कौन है वह उसे देखने के लिए ऊपर गए थे मगर कोई भी नहीं था तभी एक कमरे की बिजली जल गयी थी उसे देखकर उस कमरे में गए तो उस जगह की बिजली जली हुई थी.


उन्होंने ने यहां पर बना स्विच बंद किया था तभी बहार आ गए थे बहार आने पर जैसे ही दूसरे कमरे की और गए तो सभी कमरे की बिजली जली हुई नज़र आयी थी यह क्या हो रहा है यहां पर अपने आप ही बिजली का स्विच खुल जाता है और बिजली जल पड़ती है यहां पर कुछ तो अजीब है जो हमे समझ नहीं आ रहा है तभी उनकी नज़र हवेली के सामने गेट पर गयी थी वहा पर कोई खड़ा हुआ था उसे देख कर वह सभी बहार आ गए थे,


दोनों भाई जब बहार आये तो वह आदमी अभी भी खड़ा हुआ था वह उसके पास आये और पूछा की तुम ऊपर क्यों देख रहे थे, वह आदमी बोला की पहले यह हवेली का ताला लगा दो और यहां से चले जाओ लेकिन दोनों भाईयो ने पूछा की तुम कौन हो यहां के बारे में क्या जानते हो तभी वह आदमी उन्हें अपने साथ कुछ दुरी पर ले गया था उसने बताया की वह यहां पर बहुत ही पुराना नौकर था और उस रात उसने नौकरी छोड़ दी थी


वह रात भी बहुत अजीब थी उस रात बहुत दीपक जलाये थे मगर कोई भी दीपक जल नहीं रहा था उस दिन भी बहुत अजीब लग रहा था और वही दिन था जब मालिक के पैर में चोट आ गयी थी, क्योकि वह अचानक ही गिर गए थे, उस दिन के बाद हवेली में कुछ अजीब ही हो रहा था और अगले दिन ही सब लोग यहां से चले गए थे मेने भी काम छोड़ दिया था उसके बाद कभी काम पर नहो गया था लेकिन यहां पर रात को अचानक ही बिजली जल जाती है और कोई चलता हुआ नज़र आता है


क्या आपको कोई नज़र आया था वह दोनों उसकी बात पर यकीन करे या न करे कुछ समझ नहीं आ रहा था वह कुछ भी मानने को त्यार नहीं थे मगर एक बात यह थी की वहा पर कुछ अजीब तो है जोकि समझ नहीं आ रहा था वह आदमी पूछने लगा की तुम कौन हो वह बोले की कुछ दिन पहले ही वह शहर से वापिस आये है तभी वह नौकर समझ चूका था की वह मालिक के बेटे है क्योकि उसने तो उन्हें छोटा ही देखा था


यह कहानी आपको पसंद आएगी क्योकि इसमें बताया गया है की किस तरह हवेली में उनका सामना एक भूत से होता है लेकिन फिर भी वह बच जाते है यह कैसे होता है आप इस कहानी में पढ़ सकते है,


पिछले भाग में आपने पढ़ा की यह भूतिया हवेली को छोड़कर सभी लोग अपनी नयी हवेली में चले गए थे, क्योकि उन्हें वहा पर कुछ अजीब महसूस हो रहा था अगर आपने अभी तक इसके पिछले दो भाग नहीं पढ़े है तो आप यहां पर इन्हे पढ़ सकते


हम कुछ पिछले तथ्य के बारे में विचार करते है जिससे आपको कहानी के बारे में पता चल सके,


एक परिवार अपनी पुरानी हवेली में रहता था और वहा पर कुछ अजीब घटनाये जब शुरू हुई तो वह वहा से कुछ दुरी पर अपनी नयी हवेली में रहने के लिए चला गया था उसके बाद उन्हें कुछ भी महसूस नहीं हुआ था जब बहुत साल बीत गए तो उसके दोनों लड़के अपनी पढ़ाई को पूरा करके आये थे, उन्हें जब यह पता चला की हमारा परिवार पुरानी हवेली से नयी हवेली में आ गया था तो उन्हें अपनी पुरानी हवेली में जाने की इच्छा हुई थी


मगर उनके पिताजी ने साफ़ मना कर दिया था और उसके बाद वह बिना बताये वहा पर चले गए थे उन्हें वहा पर कुछ अजीब महसूस हुआ था ऐसा लगता था की वहा पर अब भी कोई है जब उन्हें हवेली के बहार अपना पुराना नौकर मिला तो उसने उन्हें वहा से जाने को कहा था, उसके बाद दोनों भाई वापिस चले गए थे अब आगे पढ़ते है उनके पिताजी आये और कहने लगे की जैसा मेने तय किया था की तुम्हारी शादी जल्द ही हो जायेगी वैसा ही होगा अगले महीने तुम्हरी शादी है दोनों की शादी एक साथ में है, जैसा की हम चाहते थे,


वह दोनों भाई उस हवेली के बारे में बात करना चाहते थे

मगर अपने पिताजी के डर से वह नहीं कह पा रहे थे, वह चुप हो गए थे

जब रात हुई तो वह दोनों भाई सोच रहे थे की वहा पर क्या है जोकि कोई भी नहीं जाता है

और जो हमे महसूस हुआ था वह भी क्या है कोई तो है जो वहा पर छुपा हुआ है

और हमे डराने की कोशिश कर रहा है मगर कौन हो सकता है

यह हमे पता लगाना चाहिए मगर हमे किसी ने देख लिया तो हो सकता है

की घर पर सभी लोग नाराज हो जाए, वह पुरानी हवेली नयी हवेली से दिखाई देती थी


तभी उनकी नज़र पुरानी हवेली पर गयी थी, उसके एक कमरे में बिजली जल रही थी

बड़े भाई ने कहा की यही मौका है हम यह पता कर सकते है की वहा पर कौन है

जिसने वह बिजली जला रखी है जब छोटे ने देखा की बिजली तो जल रही है

इसका मतलब वहा पर कोई तो है जिसने यह काम किया है

पता करना चाहिए और हो सकता हम उसे पकड़ भी ले

क्योकि वह सभी को डरा रहा है

दोनों ने यही सोचा और उस हवेली की और बढ़ने लग गए थे

वह दोनों अकेले नहीं थे उनके साथ उनका चौकीदार भी था


चौकीदार ने कहा की हमे ऐसे नहीं जाना चाहिए क्योकि अगर यह बात पता चल गयी तो बहुत परेशानी होगी दोनों भाई ने कहा की तुम्हे साथ में जाना ही होगा, जब वह तीनो उस रात को वहा पर पहुंचे तो तीनो ने देखा की ऊपर के एक कमरे में बिजली जल रही है मगर कौन हो सकता है उस जगह पर वह बिना बताये वहा आ तो गए थे मगर उन्हें पता करना था की कौन है वहा पर, तीनो बिना कोई भी आवाज किये चुप-चाप ऊपर चढ़े,



चौकीदार बहुत डरा हुआ था उसे ज्यादा कुछ पता नहीं था मगर उसे एक बात मालूम थी की यह जगह डरावनी है, वह डरते हुए आगे चला रहा था जब वह तीनो उस कमरे के पास पहुंचे तो उसका दरवाजा खुला हुआ था जब तीनो ने अंदर देखा तो कोई भी नहीं था वह बहुत ही सावधानी से अंदर देख रहे थे, उसके बाद उनकी नज़र एक टेबल पर गयी थी जिस पर लैंप भी जल रहा था और उस पर एक किताब रखी हुई थी जिसके पेज कुछ छण बाद अपने आप ही पलट रहे थे, कुर्सी भी हिल रही थी


मगर कोई दिख क्यों नहीं रहा था, उन्होंने ने बहुत कोशिश की थी देखने की मगर कुछ भी नहीं देख पा रहे थे तभी चौकीदार बोला की यहां कोई नहीं है फिर भी यहां पर कोई है यहां से चलते है हमे यहां पर नहीं रुकना है तभी एक आवाज आयी और कहने लगी की क्या देख रहे हो और तुम यहां पर क्या कर रहे हो इतना सुनते ही वह तीनो वहा से भागे थे अब वहा पर रुकना ठीक नहीं था उनके पेरो की रफ़्तार बहुत तेज थी जल्दी-जल्दी सीढिया उतरे और बहार निकल आये थे


जब वह बहार आये तो उनकी नज़र ऊपर की खिड़की पर गयी थी जिसके पास कोई खड़ा था वह एक परछाई की तरह लग रहा था उसके बाद वह वहा पर नहीं रुके थे और घर पर ा गए थे उनकी हालत अब अच्छी नहीं थी चौकीदार से दोनों भाई ने कहा की अब इसके बारे में कोई बात नहीं होगी और यह बात किसी को भी पता नहीं चलनी चाहिए चौकीदार बहुत डर गया था, वह यह बात किसी से भी नहीं कहने वाला था


उसके बाद कोई भी उस हवेली में नहीं गया था मगर हर रोज उसी कमरे की बिजली जलती हुई नज़र आती है मगर जाने की इच्छा नहीं होती है कुछ दिन बाद उन दोनों की शादी हो गयी थी मगर वह वहा पर रुकना नहीं चाहते थे उन्हें लगता था की हो सकता है की वह हमारे पीछे न आ जाए इसलिए वह उस गांव से दूर एक शहर में ही रहते थे इस बात को बहुत साल बीत गए है मगर अब कोई भी वहा नहीं जाता है .......