Khooni Friday - 4 - गांव का भूत Raj Roshan Dash द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • अनोखा विवाह - 10

    सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट...

  • मंजिले - भाग 13

     -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ...

  • I Hate Love - 6

    फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 47

    पिछले भाग में हम ने देखा कि फीलिक्स को एक औरत बार बार दिखती...

  • इश्क दा मारा - 38

    रानी का सवाल सुन कर राधा गुस्से से रानी की तरफ देखने लगती है...

श्रेणी
शेयर करे

Khooni Friday - 4 - गांव का भूत

Thriller hindi story, बहुत से लोग रात का सफर करते है मगर कुछ सफर ऐसे भी होते जिन्हे याद करके बहुत ज्यादा डर लगता है, ऐसा ही यह सफर है, कुछ दोस्तों ने यह सोचा की हमे एक साथ अनिल के गांव में जाना चाहिए क्योकि अनिल से मिले हमे बहुत साल हो गए है, वह अपनी खेती की वजह से गांव में चला गया था


उसके बाद उससे मिलना नहीं हुआ था, इसलिए सभी ने यही योजना बनाई थी, इसलिए अगले दिन वह सभी साथ में चलने के लिए तैयार थे, लेकिन एक दोस्त ने कहा की यह सफर कम से कम 150 किलोमीटर का है, हम ऐसा करते है की रात में सफर करते है, दिन में बहुत ज्यादा ट्रैफिक होगा, हमे परेशानी भी हो सकती है, सभी को उसकी बात ठीक लग रही थी,


मगर एक को यह पसंद नहीं आ रहा था, क्योकि वह रात को कही नहीं जाता था, उसे लगता था की रात का सफर अच्छा नहीं होता है, क्योकि शायद वह अँधेरे से डरता था, सभी को सब कुछ ठीक लग रहा था, मगर उसकी बात पर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा था, क्योकि उन्हें लगता था की वह डर जाता है इसलिए मना कर रहा है, सभी ने कहा की अगर तुम्हे जाना है तो रात में ही जाना होगा नहीं तो जाने की कोई भी जरूरत नहीं है, सभी की बात वह मान गया था,

अगली रात को उन्हें अपनी कार से उस गांव में जाना था, जिससे की वह सुबह पहुंच जाए सभी लोगो को घर से ले लिया गया था, उसके बाद कार से ही गांव में जाने लगे थे यह सफर 150 किलोमीटर का था, वह सभी लोग कार को धीरे ही चला रहे थे, तभी सामने से अचानक ही बहुत तेजी से कार आयी और उसे बचाने के लिए उन्होंने ने कार कोदूसरी दिशा में मोड़ दिया था, जिससे कार एक पेड़ से जा टकराई थी, सभी लोग बहुत ज्यादा डर गए थे, क्योकि उन्हें लग रहा था की आज बचना बहुत मुश्किल है,

सभी लोग कार से निचे उतरे और देखा की वह कार कहा गयी थी, वह वहा पर नहीं थी, उनमे से एक बोला की पता नहीं कौन था इतनी तेजी से कार चला रहा था की हमे तो बहुत डर लगा था, उसकी वजह से हमारी कार पेड़से टकरा गयी थी, पता नहीं कौन पागल है, जो बहुत तेजी से यहां पर कार चला रहा है, यह जंगल का रास्ता ही ठीक है अगर हम यहां से जाते है तो कुछ दुरी तक कुछ भी नहीं होगा, सभी ने उसी रस्ते से जाने का निश्चय किया था, मगर एक ने मना कर दिया था क्योकि जंगल से जाना ठीक नहीं है

किसी ने भी उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया था, सभी को यही लगता था की इसे तो डर ही लगता रहता है, सभी ने जंगल से जाने का निश्चय कर लिया था, कार को जंगल की और से ले जाया गया था, जंगल में बहुत ज्यादा अँधेरा था, मगर रास्ता ठीक लग रहा था, तभी सामने उन्हें एक पेड़ गिरा हुआ नज़र आया था, यह पेड़ कैसे गिरा होगा कुछ पता नहीं था मगर वह रस्ते के बीच में था सभी को अब उतरना ही पड़ा था क्योकि पेड़ को रस्ते से हटाना भी जरुरी था,

सभी निचे उतरे और पेड़ को रस्ते से हटाया गया जिससे आगे जाने के लिए रास्ता मिल सके, सभी कार में बेथ गए और उस रस्ते से जाने लगे, अभी कार को चले ही आधा घंटा हुआ था की सामने से एक आदमी दौड़ता हुआ आ रहा था सभी की नज़र उस आदमी पर गयी तो वही पर कार को रोक दिया था, उसके बाद वह आदमी उनके पास आया और कहने लगा की आगे जाना ठीक नहीं है आप यही से वापिस चले जाए, क्योकि आगे रास्ता ठीक नहीं है, उस आदमी को देखकर सभी ने पूछा की आप यहां पर क्या कर रहे है वह कहने लगा की में भी इसी रस्ते से जा रहा था


मेरी कार आगे खराब हो गयी है और मुझे कोई भी मदद नहीं मिल रही है इसलिए में मदद के लिए यहां पर आया हु, सभी ने कहा की आप हमारे साथ में बैठ जाए, वह आदमी उनकी कार में बैठ गया और कार आगे की चलने लगी सभी बाते करते हुए जा रहे तभी बहुत ज्यादा अँधेरा हो अचानक ही हो गया था, यह किस कारण हुआ था समझ नहीं आ रहा था, कार को रोक दिया गया था, सभी निचे उतरे तो वह आदमी कही भी नज़र नहीं आ रहा था


सभी ने अपने चारो और देखा मगर वह नज़र नहीं आ रहा था, अब थोड़ी रौशनी आ रही थी, वह आदमी कहा चला गया है, उसे तो हमारी मदद चाहिए थी, वह अचानक से गायब हो गया था, कुछ समझ नहीं आ रहा था, इसलिए सभी ने कहा की हमे यहां से चलना चाहिए तभी वह डरने वा दोस्त बोला की एक तो मेने यह कहा था की जंगल से नहीं जाना चाहिए और उसके बाद तुम चले आये हो अब मुझे बहुत ज्यादा डर लग रहा है, ऐसा करते है की अब यहां से चलते है और कोई भी अब कार को कही नहीं रोकेगा,


उसके बाद सभी लोग कार में बैठ गए और चलने लगे, कुछ दुरी तय की थी तभी कोई उन्हें लिफ्ट मांगता हुआ नज़र आया वह कौन था जो रात को यहां पर लिफ्ट मांग रहा है, उन्होंने ने कार को धीमा किया और उससे पूछा की तुम्हे कहा जाना है, वह कहने लगा की में रास्ता भटक गया हु, मुझे आप आगे तक छोड़ देंगे उन्होंने ने कहा की ठीक है पीछे बैठ जाओ, मगर कुछ देर तक भी वह पीछे नहीं पहुंचा था, कुछ दोस्त बहार निकले तो देखा की यहां कोई नहीं है,


Thriller hindi story, तुमने किसके के लिए कार रोकी थी, वह आदमी यहां नहीं है वह भी कही चला गया है, यह सब क्या हो रहा है अब यहां पर रुकना ठीक नहीं है, सभी ने अब यह विचार कर लिया था की अब कार कही भी नहीं रुकेगी, वह बहुत तेजी से कार चला रहे थे, आखिर वह उस गांव में पहुंच चुके थे, जिस जगह पर उन्हें जाना था, मगर यह सफर उन्हें याद रहेगा, उसके बाद रात का सफर उन्होंने ने कभी नहीं किया था. अगर आपको यह रात का सफर हिंदी कहानी, (thriller hindi story), कहानी पसंद आयी है तो आप इसे शेयर जरूर करे और कमेंट करके हमे भी बताये,