तेरी चाहत मैं - 43 Devika Singh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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तेरी चाहत मैं - 43

आने वाले दिन काफ़ी उलटफेर और तूफ़ान लाए थे। मुकेश रॉय ने सिकंदर खान को अपने बिजनेस से और जिंदगी से बेदखल कर दिया। सिकंदर खान के ऊपर धोखाधड़ी के आरोप लगे और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। "तुम बहुत बड़ी गल्ती कर गए मूकेश! जो मुझसे उलझ गए। पर ये कानून ज्यादा देर मुझे अपने क़ैद नहीं रख पाएगा। कानून से कैसे खेलना है मैं अच्छी तरह जनता हूं। बस तुम एक बात समझ लो, मैं तुमको इतना रुलाऊंगा की तुम जिसका अंदाजा भी नहीं लगा सकता।" जाते हुए सिकंदर खान के ये आखिरी लफ्ज थे, जिसपे मुकेश रॉय बोले "मैं तुम्हारी गीदड़ भबकियो से डरता नहीं हूं। मुझे अपने भगवान पर भरोसा है, वो मुझे तुम जैसे लोगो से बचाता है। आगे भी बच्चा लेगा।"


कुछ दिन सभी लोग इन सब चीज़ मैं मसरूफ़ रहे, फ़िर ज़िंदगी नॉर्मल होने लगी। कई दिन बाद सभी दोस्त समंदर के किनारे बैठे हुए वक्त गुजार रहे थे।
अजय बोला "जिंदगी कितनी बदल गई है। कभी हम लोग कितना टाइम एक साथ गुजारते थे अब देखो शायद महिने भर बाद इतनी फुर्सत मिली है।”
"हां यार, सही मैं कितनी मसरूफियत है अब।" राज बोला
“तुम लोगों का तो पता नहीं पर साहिल सच मैं बहुत व्यस्त है। ऑफिस मे बॉस के ऑर्डर बजाता है, घर मैं फोन वाली लड़की के। बेचारा बड़ा मसरूफ है।” रोहित चाय की चुस्की लेते हुए बोला तो सब साहिल को देखने लगे।

"क्या मतलब है तुम्हारा, मैं किसी लड़की के आदेश नहीं बजाता।" साहिल ने कहा तो रोहित बोला “रहने दो यार, कुछ दिन पहले, रात मैं सी… सी…. सू….. सू जो कर रहे थे हरी मिर्च खा के, वो क्या था। तुम्हारी हालत छुपी नहीं थी, फ्रिज से सारा जूस पी गया था तू।” ये बात सुन कर सभी हसने लगे। साहिल ने रोहित पर चढाई कर दी तो रोहित वहा से भागा। न्यूटन उस्के पीछे-पीछे।

कुछ देर बाद सिमरन बोली "अजय आगे का क्या प्लान है।"
"मैं समझा नहीं सिम्मी?" अजय बोला, सिमरन ने कहा "तुम्हारी जॉब तो अब ठीक ठाक चल रही है, और जिस तरह तुम काम कर रहे हो, फ्यूचर मे ग्रोथ पक्की है। पर प्रोफेशनल लाइफ के अलावा, अपनी लाइफ का भी सोचो, शादी का क्या सोचा है तुमने।"
अजय बोला "अभी सोचा नहीं, तुम दो करो पहले, फिर मैं भी सोचूंगा। एक बार मैं एक शादी हो तो टेंशन कम होती है।”
“हमारी तो हो ही जाएगी, पापा ने तैयारी भी शुरू कर दी है, पर तुमको तो जैसे इन सब में कोई इंटरेस्ट ही नहीं है। पहले कॉलेज मैं पढाई और अब ऑफिस मैं काम। बस यही जिंदगी है तुम्हारी। कैसे चलेगा इस तरह।

हीना बोली "सही कहा राज तुमने, अजय अब कुछ सोचोगे इसके लिए। कब तक ऐसे अकेले रहोगे।"
सना ने भी हां मैं मिला और बोली "देखो साहिल की भी गर्लफ्रेंड हो गई है। रोहित को इग्नोर करो, उसकी तो उसके मॉम डैड ही करेंगे, क्योंकि उसे कंट्रोल करने के लिए कोई हंटर वाली ही लानी पड़ेगी।”

"यार तुम सब तो मुकेश सर की तरह मेरे पीछे लग गए हो।" अजय हंसते हुवे बोला।
सिमरन बोली "सर ने भी तुमसे शादी करने को बोला!" पर अजय ने हामी भारी।
"मेरे भाई अब तो ये बात तय है की तेरी लाइफ मैं एक तुफानी हस्ती आने वाली है। मुझे लगता है तो था की मुकेश सर तुझको पसंद करते हैं, पर इतनी जल्दी कौन तुझको अपना बेटा बना ले, ये मैंने नहीं सोचा था। भाई तू तैयार हो जा, तेरी लाइफ में सुनामी आने वाली है।” राज मजे ले कर बोला तो अजय बोला, "क्या बक रहा है, कैसा तूफ़ान और कैसी सुनामी यार।"
“मेरे बच्चे तुम समझे नहीं। मुझे भी लगता था ऐसा। और तुम्हारी बातें से अब मुझे भी यकीन होने लगा है। राज तुम सही कह रहे हो, इस्का तो बैंड बजने वाला है।" सना ने शोखी से अजय से कहा।
"ये क्या रायता फैला रहे हो तुम सब। क्या कहना चाह रहे हो।" अजय थोडा गुस्से से बोला।
“मेरे प्यारे भाई, आपकी लाइफ में आने वाली सुनामी जो है, उसे दुनिया रिया के नाम से जानती है। मुकेश सर का आपकी लाइफ मैं इतना ज्यादा इंटरेस्ट, साफ दिख रहा है की हम लोग जल्दी है कशिश को भाभी बोलेंगे। "हीना ने मजे ले के कहा और सब हसने लगे।
"तुम सब का दिमाग खराब हो गया है, औल-फौल बक रहे हो।" अजय ने टालते हुए कहा।

"देख लेना बेटा, जल्दी ही होगा ऐसा।" सब मिल के बोले और ज़ोर-ज़ोर से हसने लगे।


फोन की रिंग से साहिल के ख्यालों को तोड़ लगा। वो ऑफिस के एक प्रोजेक्ट पे काफ़ी मसरूफ़ था। उसे फोन उठाया तो देखा की कई मैसेज थे। फोन रिसीव किया तो दुसरी तरफ से सोनी बोली "तो आप हमको इग्नोर कर रहे हैं। कितने मेसेज किया, आपने किसी का जवाब नहीं दिया।”
साहिल बोला "नहीं ऐसा नहीं है। मैं काम मैं मसरूफ था।"
सोनी बनावटी गुस्से से बोली "रहने दिजिये साहिल, अगर हम दुसरे नंबर से कॉल ना करते तो आप इसे भी जवाब नहीं करते।"
साहिल बोला "मैं सच कह रहा हूं, सोनी मैं सच मैं व्यस्त था वरना आप फोन करे और कभी मैं ऐसा करता हूं क्या!"
"हम्म.. चलिये माफ़ किया इस बार, असल मैं हम आप से नराज़ नहीं रह सकते। ये बात आप जानते हैं। असल मैं हमने आपको आमंत्रित करना है, आज हमारी साल-गिराह है। हमने एक छोटी सी दावत रखी है, जिसमे कुछ कुछ बेहद खास लोगों को बुलाया है।" सोनी मस्कुराते हुवे बोली।
"तो क्या मैं आपके लिए इतना खास हूं।" साहिल बोला
“साहिल आप अंदाज़ नहीं लगा सकते हैं आप हमारे लिए कितने खास हैं। बस इसी लिए हम अब आप और ज्यादा दूर नहीं रह सकते। आज आपको हम से मिलना ही होगा।"
"जी मैं जरूर आउंगा, मैं भी तो आपसे मिलना चाहता हूं।" साहिल बोला।

"पर साहिल मुझे एक बात का डर लगता है, की कहीं आपको मैं पसंद ना आई तो क्या होगा।" सोनी बोली।
“आप कुछ ज्यादा सोचती हैं। आप बहुत अच्छी है बस ये बात हमें याद रखिए।” साहिल बोला.
"हम्म .. आप को अपना एड्रेस टेक्स्ट कर रही हूं, आप जल्दी से पहुंचे। आपको 8 ऑफ क्लॉक आना है। अभी 5 ऑफ क्लॉक हुए हैं। आना जरूर साहिल, हम आपका इंतजार करेंगे।" ये कह कर उसने फोन कट कर दिया।

शाम को 7:45 PM को साहिल होटल गुलमर्ग के रिसेप्शन पे खड़ा था। रिसेप्शन पर उसे पूछा “मुझे दीवाने खास हॉल मैं जाना है। मेरा नाम साहिल हैं।" रिसेप्शन पे बैठी लड़की ने कहा "जरूर सर, मैं अभी आपकी हेल्प कारती हूं।" ये कह कर उसे एक दुसरे लड़की को कुछ समझया और वो साहिल को ले कर लिफ्ट की तरफ बढ़ गई। होटल की ग्यारहवीं मंजिल पे जाकर लिफ्ट रुकी।
"सर ये हमारा वीआईपी एरिया है, कुछ कुछ चुनिंदा लोग ही यहां आते हैं।" हमारे स्टाफ मेंबर ने दीवाने खास हॉल का दरवाजा खोलते हुए कहा।
हॉल मैं कोई नहीं था, ये देख कर न्यूटन बोला "यहाँ तो एक पार्टी है, पर अभी तक कोई आया नहीं है।"
हम्म लड़की ने कहा "सर बिलकुल आज हमारी मैम बर्थडे है। दावत भी है। हमारी मैम कुछ खास लोगों को ही बुलाती हैं। और इसबार सिर्फ आपको ही बुलाया है।”
"मतलब! यहां और कोई भी आमंत्रित नहीं है। आप एक बार चेक कर लिजिये, मैं इतना वीआईपी नहीं हूं। कहीं आप मुझे गलत हॉल मैं तो नहीं ले आई है।" साहिल हेयरानी से बोला।

"नहीं साहिल आप बिलकुल सही जगह पर हैं। और हमारे लिए आप से जायदा खास कोई नहीं है।”
साहिल आवाज की तरफ मुखातिब हुआ। सामने अलविना खडी मुस्कुरा रही थी। उसे देख कर साहिल हैरांन था।
आप यहां कैसे, मुझे तो सोनी ने यहां बुलाया था। क्या आप जानती है सोनी को? साहिल को कुछ समझ नहीं आ रहा था।
“साहिल आप पहले तशरीफ रखिये। इतना परेशान ना होइए।” अलविना ने उसके लिए चेयर लगाते हुए कहा।
साहिल बैठा गया। अलविना उसके पास बैठे हुए बोली "साहिल आप इतनी जल्दी खराब क्यों जाते हैं।"
"नहीं मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है, मुझे यहां सोनी ने बुलाया है ...." साहिल कुछ बोलता उसे पहले अलविना ने न्यूटन के मुह पर हाथ रख कर कहा, "साहिल मैं ही आपकी सोनी हुं आपके सामने है।"
"क्या! पर आप तो अलविना हैं।” साहिल अभी भी नहीं समझ राहा था
अलविना मुस्कुराते हुई बोली "जी मैं अलविना ही हूं और मेरा पुरा नाम अलविना शाहबाज खान उर्फ ​​सोनी है।"

“ये क्या मज़ाक है अलविना! आप सोनी कैसे हो सकती है।” साहिल ने कहा।
“क्यूं साहिल, मैं सोनी क्यूं नहीं हो सकती। आप चाहते हैं तो हमारा इम्तिहान ले सकते हैं।” अलविना ने मुस्कुराते हुए कहा। साहिल को कुछ समझ नहीं आया तो वो कुछ खास बातें जो उसे किसी से शेयर नहीं करी, अलविना से पुछी, जिसका अलविना आराम से जवाब दे दिया और बोली "आप बेकार मैं मुझसे सवाल कर रहे हैं, अपने दिल से पूछिए, क्या आपको नहीं लगता की मैं आपकी सोनी हूं।"

"साहिल मैं जनता हूं की ये सब आपके लिए थोड़ा अजीब है। पर मैं आपको पसंद करती हूं। कॉलेज से ही मैं आपकी सादगी को पसंद करने लगी थी। पर आप के दिल के हाल को देखते हुए मैं एकदम से अपनी मोहब्बत को जाहीर नहीं कर सकती थी। इसलिए मैंने सोनी का सहारा लिया। और सोनी के ज़रीये मैंने आप के दिल को टटोला और उसमे अपने लिए जगह बना ली। यकिन किजिये सोनी के ज़रीये कहा हर लफ्ज मेरे ही दिल से निकला था। मैंने आपसे सच में मोहब्बत करी है।" अलविना ने साहिल से कहा जो एक गहरी सोच मैं था।


आपने मोहब्बत तो की पर एक झूठ की बुनियाद पे। मैं कैसे मान लूं की ये मोहब्बत ही हैं। हो सकता है की आप को मुझ पर तरस आ गया हो। मैंने आपको एक अच्छे दोस्त की हैसियत से सब कुछ बताया। और सोनी को अपने दिल मे जगह दी। जब सोनी मुझसे नराज हुई तो मैं अपने आप को गुनाहगार मनने लगा। आपके फोन का इंतजार करता था। आपसे सब कुछ शेयर करना लगा था। मुझे लगा की शायद खुदा ने मुझे मेरी इबादत के एवज में सच्ची मोहब्बत से नवाजा है। पर ये मोहब्बत तो एक फरेब पे कायम है। साहिल ने काफ़ी टूटे लेहजे मे कहा।

नहीं साहिल मेरी मोहब्बत फरेब नहीं है। मैं आपकी वही सोनी हूं जिसके साथ आप अपना सब कुछ शेयर करते थे। मैंने आपसे जो कुछ भी कहा वो सच ही कहा है। अलविना ने साहिल को हसरत भारी निगाहों से देखते हुए कहा।

“आप मेरी सोनी नहीं हैं, आप अलविना हैं। मेरी सोनी तो बड़ी ही सिंपल सी लड़की थी। आप तो बहुत बड़ी हस्ती हैं। मेरा और आपका क्या मेल। पर आपने अच्छा नहीं किया, अपने मुझसे मेरी सोनी को छीन लिया। क्या हक बनता है आपका मेरी जिंदगी मैं खराब देने का। मेरी मोहब्बत को फिर आपने मुझसे जुदा कर दिया।” साहिल के लेहजे मैं तख्त कोफ्त थी।

साहिल मुझे पता है की ये सब थोड़ा ज्यादा हो गया, इसी लिए मैंने आज आपको सब कुछ सच बता दिया है। हां पर मैंने शायद गलत किया। पर आप सोचिए, की अगर अलविना साहिल से अपनी मोहब्बत का इज़हार कारती तो क्या साहिल उसे कुबूल कर देता। सोनी ने साहिल के दिल में मोहब्बत की शमा रोशन करी है, जो शायद अलविना कभी ना कर पाती। और अलविना शायद ये बरदाश्त नहीं कर पाती। इसलिए उसने सोनी का सहारा लिया, ताकी वो अपनी मोहब्बत को पा सके। अलविना ने भरे गले से अपनी बात कही।

कुछ देर कोई कुछ नहीं बोला। दोनो चुप चाप बैठे रहे।

फ़िर अलविना बोली "कहा शायद आपकी नारज़गी जायज़ है। मैने अपनी हद पार कर दी। पर मैं भी क्या करती, ये दिल तो मजबूर है। आपको जाने के बाद, मैं आपको पसंद करने लगी। आपके अंदर दर्द था और मेरे दिल में आपके लिए मोहब्बत, बस यही सोचा की मैं अपनी मोहब्बत से आपके दर्द को खतम करुंगी। पर शायद ये गलत था। लेकिन साहिल कोई फैसला लेने से पहले ये जरूर सोचिएगा की आपकी सोनी का दिल और अलविना का दिल एक ही है। अलविना या सोनी कोई भी हो जज्बात एक है, मोहब्बत का जज्बा एक है और हमारी रूह एक है।"

इतना कह के अलविना वहा से उठ कर सामने बनी बालकनी मैं चली गई। उसका चेहरा अब आंसुओं से भीग गया था। उसका अकेला रोना शायद बादलों को मंजूर नहीं था। वो भी उसके साथ रोने लगे। पर अलविना को एहसास ही नहीं था। सच ही कहते हैं, की गम और खुशी ऐसे एहसास है जो दुसरे सब एहसास मिटा देते हैं।

"अलविना, अंदर चलो, भीग जाओगी।" साहिल की आवाज़ पर वो अपनें आसूं पोछते हुए बोली "मुझे कुछ नहीं होने वाला साहिल आप फ़िकर नहीं करिए।
“आपको नहीं तो मेरी सोनी को तो हो सकता है ना। और अगर मेरी सोनी को कुछ हुआ तो मैं मार जाउंगा। एक बार कुछ यूं ही बरस रहे थे बादल, उन बादलों ने मुझे मोहब्बत से महरूम करा दिया था। आज इनको जीतने नहीं दे सकता। इसबार तो बिलकुल नहीं है।”

|| साहिल ने करीब आकार अलविना के सामने घुटनो पे बैठे हुए कहा “अलविना मुझे ये तो नहीं पता की तुमने मेरे अंदर क्या खास बात देखी, हो सकता है कि तुम्हारे दिमाग का पेंच धीला हो या तुम्हारी नजर कमजोर हो। पर मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं है और मैं इसी हालत में तुमको पसंद करता हूं और हमेशा करता रहूंगा ||

अलविना को अपने कानों पर याकीन नहीं हुआ था, वो भी अपने घुटनो पर बैठे हुए बोली "साहिल तुम सच कह रहे हो ना।" साहिल उसके आंसु पोछते हुए बोला "हा अलविना, तुम्हारे मुझे दो वजह दी हैं तुमसे मोहब्बत के लिए, एक दोस्त अलविना के रूप मैं और मुझसे मोहब्बत करने वाली सोनी जिस मुझको दुबारा असल मैं जीना सिखया। मैं दोनो की आंखों में मैं आंसु और चेहरे पर गम नहीं देख सकता।”

अलविना खुशी से साहिल के गले लग गई और बोली "हमको यकीन था की साहिल अपनी सोनी से नराज नहीं रह सकता। सोनी अपने साहिल से बहुत मोहब्बत करता है। उसकी मोहब्बत कोई उससे छीन नहीं सकता।”

साहिल बोला "हां सही कहा अलविना आपने, पर एक बात कहूं बुरा तो नहीं मनोगी?"
अलविना ने साहिल की आंखों में देखते हुए कहा "अभी भी तुमको लगता है की मैं तुमसे नाराज़ हो सकती हूं, बेवकूफ। बोलो क्या कहना है।"

"हम्म..ठीक है, पहली बात तुम बड़ी खराब महमान नवाज हो, इतनी देर से एक कप चाय तक नहीं पूछी। बारिश मैं भिगोया वो अलग। ऊपर से आप इतनी हल्की नहीं है जो मुझ मासूम के घुटनो पर इतनी देर से बैठी है।" साहिल ने अलविना की आंखें मैं देखते हुए मासूमियत से कहा।

"साहिल तुम्हारा मतलब मैं मोटी हूं, अब तुम्हारी खैर नहीं। जाओ हम तुमसे बात नहीं करेंगे!" ये कहते हैं अलविना उठी और साहिल को एक धक्का देते हुए अलग हुई।

"अलविना सॉरी! पर प्लीज इस बार मरना मत पिचले बार की तरह। गलती से खुशी मैं सच निकला गया।" साहिल अलविना के पास आते हुए बोला।

अलविना मस्कुराते हुई बोली "तुमको पता है ना की तुम कितने बड़े स्टूपिड हो।"
"हां पता है, पर अब अगर तुमसे मोहब्बत की है तो झेलना तो पडेगा" साहिल बोला
"पता है और मैं इसी स्टुपिड से प्यार करती हूं, और इस स्टुपिड से नराज भी नहीं हो सकती। अब चलो मैं तुम्हारी महमान नवाजी कारती हूं!” अलविना अंदर जाते हुए बोली।
"मेहमान नवाजी से तुम्हारा मतलब खाने से ही है ना या..?" साहिल बोला.
"हां फिल्हाल तो वही है, पर तुम्हारी हरकतो पे भी बहुत कुछ निर्भर करता है।" अलविना ने हाथ मलते हुए जवाब दिया।
"हां-हां मैं बहुत अच्छा इंसान हूं, कोई गलत हरकत नहीं करता।" साहिल बोला
"घबराइए मत साहिल, हम बिगडे लोगो को अच्छे से सुधारते हैं, और आपके लिए हम अकेले काफ़ी हैं।" अलविना ने हंसते हुए कहा। तो साहिल भी हंसते हुये हॉल मैं चला गया।

बहार बारिश रुक चुकी थी और चांद अपने शुद्ध शबाब के साथ मुस्कुरा रहा था साहिल और अलविना की मोहब्बत की शुरुवात हो चुकी थी। आसमां में निकले चंद और तारे उसके गवाह थे।



To be continued
in 44th Part