न्यूटन सुबह - सुबह जॉगिंग करते हुए जा रहा था, उसे जल्दी - जल्दी हॉस्टल पहुच कर, तैयार होने की फ़िकर थी। इस चक्कर मैं उसका ध्यान भटक गया, बिना देखे वो रोड क्रॉस करने लगा, तभी उसके सामने कार तेजी से रुकी, बहुत तेज से ब्रेक लगाने पर भी कौन न्यूटन के काफी पास आ के रुकी। न्यूटन गुस्से मे आ गया और कार की ड्राइविंग सीट की विंडो में हाथ डालकर ड्राइवर का गिरबां पकड लिया। गुस्से में बोला है "बहार निकल, दिखता नहीं है तुम्हें, आंखें नहीं ……." इतना कहते हैं - कहते न्यूटन की आवाज़ बंद हो जाती है, वो घबरा जाता है।
ड्राइविंग सीट पे एक लड़की थी। जो अपनी बड़ी - बड़ी स्याह आँखों से न्यूटन को घूर रही थी। उसके गुलाबी गाल गुस्से से और लाल हो गए थे। न्यूटन ने झट से उसके गिरेबान को छोड़ दिया। तभी लड़की ने ज़ोर से दरवाजा खोला। न्यूटन उसकी ठोकर खा के गिर पड़ा।
लड़की बहार निकली, न्यूटन खड़ा हुआ। लड़की उसके पास पहुची और न्यूटन को एक जोरदार तमाचा जडा। फ़िर गुसे गुस्से में बोली "दिखता तुझे नहीं है जोकर। गधों की तरह रोड पे चल खुद रहा है और मुझे अंधा कह रहा है। अगर ब्रेक ना मार्ती तू किसी अस्पताल मैं पड़ा होता। समझा?" ये कह कर लड़की उसे घुरते हुए कार मैं वापस बैठ कर चली गई।
न्यूटन उसकी कार को जाता देखता रह गया। और चुप चाप, हॉस्टल आ गया। जब वो नहा के बहार आया तो, रोहित और अजय, रूम मैं बैठे थे। न्यूटन को देख के दोनो ज़ोर-ज़ोर से हसने लगे।
न्यूटन बोला "क्या हुआ, क्यूं बावलो की तरह हस रहे हो। क्लास मैं नहीं चलना।”
रोहित बोला "भाई तू क्लास को मार गोली, ये बताता इतना बड़ा काम करने की प्रेरणा कहां से मिली? एक लड़की का गिरेबान पकड लिया तूने!”
न्यूटन बोला "यार मुझे क्या पता था की कार मैं कौन है!" “हां और जब पता लगा तो काफ़ी ज़ोर का लगा। क्यूं? न्यूटन सर" अजय ने टांग खीची।
यार हो गया "उसने मुझे मारा भी तो! अपमान हुई है मेरी और तुम मजे ले रहे हो!”
रोहित बोला “भाई, अपमान, तुझे पता भी है तू किस्से मार खा के आया है। भाई तू इस कॉलेज के मजनूओ का नया हीरो हो गया है। तेरी चर्चा पूरे कैंपस मैं है।”
अजय ने कहा "वाह भाई वाह, क्या बात है न्यूटन सर।" "यार चुप करो फ़िज़ूल की बात!" न्यूटन झल्लाते हुये बोला
"अलविना शाहबाज खान, मैनेजमेंट फैकल्टी की टॉपर।
कॉलेज हॉकी टीम की कैप्टन, लड़के उससे बात करने को तरसते हैं और उसने तुझे उसे थापड़ मारा है। किसी को भाव नहीं देती वो! अब अगर तू उसे पंगा लेगा तो भाई सब तेरी पूजा ही करेंगे। रोहित ने पुरा खुलासा किया। फिर दोनो न्यूटन की खिचाई करते रहे।
शाम तक पूरे कॉलेज कैंपस मैं अफवाहें फैल चुकी थी। दूसरे दिन अलविना सुबह, अपनी टीम के साथ प्रैक्टिस कर रही थी। तभी उसकी एक दोस्त ने उसे बताया "यार, जिस लड़के को तूने कल थापड़ मारा था, उसने हद पार कर दी है। प्पूरे कॉलेज कैंपस मैं ढिंडोरा पीठ रहा है का उसका तुम्हारा चक्कर है, और कल जो हुआ वो तुमने उसे ब्रेकअप करने के लिए बहाने से किया है! "
"तुम पागल हो क्या कोमल, वो तो बिलकुल बेवकूफ सा लगता है" अलविना ने कहा। "क्या तुम क्या जानो लड़कों को, ये बिगडे हुए लड़के लड़कियों का अट्रैक्शन पाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं" कोमल ने समझाया। कुछ अफवाह और कुछ लोगों के बार - बार के सवालो ने अलविना को गुस्सा दिला दिया। शाम तक वो गुस्से से तप रही थी। उसे यही लगा की सब कुछ न्यूटन का ही करा हुआ है।
"कोमल ये लडका पागल है, इस्को समझाना ही पडेगा। मेरे फोन पे सिर्फ इसी से जुड़े मैसेज आ रहे हैं। मैंने आज तक अपने को फलतू की चीजों से दूर रखा, और ये पागल अपने फायदे के लिए मेरा नाम खराब कर रहा है। अलविना गुस्से से बोली।
"पर हम क्या करेंगे!" कोमल ने कहा तो अलविना ने जवाब दिया "सर तोडुंगी इसका मैं। दिमाग तभी ठिकाने आयेगा। तभी इसे समज आएगा और फिर कभी किसी लड़की को बदनाम नहीं करेगा। चलो देखते हैं की ये नमूना है कहां।”
“नाम साहिल है इसका, पर सब इसे न्यूटन कहते हैं। फाइन आर्ट्स का है। रोज़ रात में पढ़ने का बहाना करके, कॉलेज के पास वाली झील के किनारे जाता है। वही सबक सिखाते हैं।" इसे
कोमल ने यह मैसेज शेयर की सारे ग्रुप में।
कुछ देर बाद वो सब झील के पास थी। न्यूटन भी वही था। अपने लैपटॉप पे आंखें डाले, मसरूफ. उसे पता भी नहीं था की उसकी शामत आ गई थी।
पढाई का धोंग बंद कर बदतमीज इंसान, ये तूने क्या फलतू की बातें फैला रखी है कैंपस मैं। न्यूटन आवाज़ की तरफ़ मुखातिब हुआ तो देखा अलविना अपने ग्रुप और दो पुलिस कांस्टेबलों के साथ खड़ी थी। वो गुसे से न्यूटन को घूर रही थी।
पुलिस कांस्टेबल ने कहा "तुमको शर्म नहीं आती इतनी बेहूदा बातें किसी लड़की के लिए कैंपस मैं फैलाओ!"
न्यूटन ने सफाई देंनी चाहि "देखिए आप को गलतफहमी हुई है, मैंने ऐसा नहीं किया है। मैं तो खुद परेशान हूं।”
“झूट बोलते हो तुम, तुम्हारे जैसे लड़कों की वजह से ही हम सब लड़कियों का जीना दुश्वार हो जाता है। तुमको तो जूते पड़ने चाहिए। कोमल इतना कह कर, न्यूटन को थपड़ मार दिया।
उसके बाद पुलिस ने न्यूटन पर अपने हाथ साफ कर दिए, अपने आप को बचाने में न्यूटन गिर पड़ा और उसका लैपटॉप भी छीन कर गिरा दिया गया। न्यूटन ज़मीन पे बैठा रोने लगा।
इस बार तो हम तुझे ऐसे ही समझा रहे हैं, पर अगली बार लॉकअप मैं बंद करके केस बना देंगे। गलती से भी किसी लड़की को छेडा या कोई गलत बात हुई तो तू अंदर गया लड़के।
पुलिस वाले और अलविना के साथी वापस चले गए। न्यूटन चुप चाप वही बैठा रहा। उसकी आंखें आंसु से भारी हुई थी। लैपटॉप न्यूटन की जान थी, उसका फाइनल ईयर प्रोजेक्ट था उसमे, जो उसको अगले दिन सबमिट करना था, वो घबड़ा गया। उसकी मेहंनत पे पानी फिर गया था। ऊपर से मार से वो बेइज़्ज़त भी हो गया। उसने पने टूटे हुए लैपटॉप को ले कर हॉस्टल चला गया। अजय, ने उसे देखा तो कौन घबरा गया।
वो बिलकुल अंदर से टूटा हुआ था, अजय ने जैसे ही उसके कंधे पे हाथ रखा, वो उसके गले लग कर रो पड़ा। रोते हुए बोला "भाई, मैं फेल हो जाऊंगा, मेरा लैपटॉप टूट गया है। मेरा प्रोजेक्ट… .. ” इतना कहते हैं - कहते वो बेहोश हो गया। फेल होने के डर ने उसे अंदर से तोड़ दिया था, ऊपर से बेज्जती जो हुई वो झेलना बड़ी बात थी, किसी भी शरीफ इंसान के लिए।
कुछ डर बाद न्यूटन को कॉलेज की मेडिकल मे होश आया। वो अंदर से बुझा हुआ था। अजय, रोहित, राज, सना और हीना सब उसके पास दे। सना बोली "न्यूटन क्या हुआ ये, कैसा हुआ!"
न्यूटन ने बूझी-बुझी आवाज मैं कहा "मैं झील के पास गिर गया था।" वो शर्म से सच नहीं बोल पा रहा था।
"और ये चोटे कैसे लगी, गिरने की तो नहीं लगती है" हीना ने सांवलिया अंदाज से पुछा।
"हां न्यूटन, बता भाई तू, किसने मारा है तुझको, उसकी बैंड बाजा दूंगा भाई।" राज ने गुसे से कहा।
“मुझको किस्मत ने मारा है, मेरी पूरी मेहंनत मिट्टी मैं मिल गई। कल प्रोजेक्ट सबमिट करना है। मैं यहां पलंग तोड रहा हूं। और मैं कुछ नहीं बोलना चाहता, बेकार के फसाने बनेंगे फिर से। प्लीज मुझे तन्हा छोड़ दो।" न्यूटन का ऐसा लेहजा किसी ने नहीं सुना था आज तक, सब सकते में थे।
नर्स ने सुना तो उसे भी सबको जाने को कहा।
सब वहां से निकल के, हॉस्टल रूम मैं आ गए। हीना बोली "न्यूटन बहुत परेशान है। हम लोग अब क्या कर सकते हैं? "रोहित बोला," यार लैपटॉप उसकी जान था, उसे काफ़ी मेहनत से लिया था। बहुत बुरी तरह नुकसान हुआ है। लेकिन उम्मीद है। अगर हार्ड-डिस्क नहीं डैमेज नहीं हुई तो स्कोप है। लेकिन उसके लिए कल सुबह तक रुकना पडेगा। अगर डेटा मिल गया तो वो हमारे किसी के भी लैपटॉप पे प्रोजेक्ट पूरा कर सकता है। बस हमको उसे थोड़ा सा एक्सटेंशन दिलवाना पड़ेगा।”
"हम लोग कल मिस्टर शर्मा से बात करते हैं।" अजय ने राय दी। सबने हामी भरी।
"वो तो सब ठीक है, पर ये बात खटक रही है मुझे की न्यूटन को किसने मारा, और वो छिपा क्यूं रहा है।" हीना ने संजीदगी से कहा। सब इस बात पे गौर करने लगे हैं।
To be continued
in 24th part