तेरी चाहत मैं - 10 Devika Singh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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तेरी चाहत मैं - 10


अजय ने सोचा, की जाने से पहले लाइब्रेरी होता चलूं, कुछ किताबें लेनी थी उसे। अजय लाइब्रेरी जा रहा था की रास्ते में रिया ने उसका रास्ता रोका।
रिया बोली "जब से तुम यहां आए हो, हम को काफ़ी परशान किया है। पहले किसी की इतनी हिम्मत नहीं थी, की हम को या विक्रम को कोई कुछ कह भी सके। लेकिन जिस दिन से तुम आए हो। बराबर हमारा रास्ता काट रहे हो। आज तुम्हारी वजह से विक्रम की इतनी ज़िलत हुई है। हम को हमारे पापा के सामने शर्मिंदा करवा दिया। हम तुमसे बदला जरूर लेंगे। इन सब का हिसाब जरूर देना होगा तुम्हे।”


अजय बोला "देखो रिया ना तो मैंने तुम्हारा रास्ता काटा ना विक्रम का, लेकिन जो हरकत तुमने की उसका जवाब देना जरूरी था। बाकी मैंने नहीं कहा था की आप अपने पिता को शामिल करो। ये अपने खुद किया था, और उसके बाद हालत ने सच का साथ दिया। आपके दोस्तो ने जो किया वो गलत था। अगर कोई किसी लड़की के साथ बदसुलूकी करेगा, तो सजा मिलेगी ही। सना और हीना तो मेरी दोस्त है, अगर कोई आपके साथ भी ऐसा करेगा, तो उसके साथ भी यही करुंगा मैं। बात को समझा करो। सही और गलत का फैसला करना सीखो।”
रिया बोली "हम को ना बताओ क्या सही है क्या गलत। तुम बस हिसाब देने के लिए तैयार रहना।” ये कह कर रिया वहा से चली गई।

अजय सोचने लगा - अजिब पागल लड़की है। हमेंशा गुस्से मैं ही रहती है। फिर वो भी वहां से लाइब्रेरी चला गया, और कुछ देर बाद वो कोचिंग चला गया।
कोचिंग मैं उसे अपने क्लासेस पूरे किये तो कोचिंग के मलिक की रिक्वेस्ट पर उसे न्यूटन के कुछ स्टूडेंट्स के भी कुछ डाउट क्लियर करें। इस तरह कोचिंग से आते आते आज अजय को देर हो गई थी। वो कैंपस की तरफ चला आ रहा था। कोई नहीं था उस सुनसान रोड पर।


तभी अचानक एक दम से एक कार की तेज हेडलाइट्स ने उसकी आंखे चौंधिया दी। और फिर उसे कार से एक ठोकर लगी। वो उछल कर दूर जा कर गिरा। अजय रोड की साइड मैं पड़ा था। उसके काफ़ी चोटे आई थी। कार से रिया निकली और और अजय के पास पहुची।
रिया बोली, "हमसे टकराने का अंजाम देख लो अजय। हम चाहते तो गाड़ी तुम पर चढ़ा सकते थे। पर तुम्हारे लिए इतना ही काफी है। लेकिन जाते जाते तुमको एक और चोट देंगे। तुमने भी हमें कई चोटे जो दी हैं।” इतना कह कर रिया कार के अंदर से एक बीयर की बोतल निकल लायी और फिर उसे अजय को दिखाते हुए बोली "इस से हम तुम्हारे दिमाग को दुरस्त करेंगे।"

अजय बोला "तुम पागल हो गई हों रिया।"
रिया ने बीयर की बोतल खोल कर पीना शुरू की और बोली हम पागल है, घमंडी है, क्यूंकी हम रिया है। रिया रॉय, जिसका रास्ता काटा है तुमने। हम अपने रास्ते को काटने वाले के साथ बहुत बुरी तरह पेश आते हैं। हमको याद रखना अजय, हम रिया हैं।"
ये कह कर उसने वो बोतल अजय के सिर पर मार कर तोड़ डाली। अजय दर्द से चीख पड़ा। रिया हंसते हुए बोली "याद रखना अजय, हम रिया हैं।" इतना कह कर वो हंसते हुई अपनी कार की तरफ चली गई। फिर वो कार वहां से धूल उडाते निकल गई। अजय उसे जाते देखता रहा और दर्द के मारे बेहोश हो गया।


To be continued
in 11th part