श्रेया ने धीरे से पेपर्स अपने हाथ में लिए और उनको बड़े ध्यान से पढने लगी उन पेपर्स को पढ़ते ही श्रेया ज़ोर से चीलाई |
श्रेया : कॉन्ट्रैक्ट ? 5 करोड़ ? ये सब क्या है मिस्टर जिंदल ?"
अक्षत को , श्रेया को इस तरह देखकर बहुत मज़ा आ रहा था | वो श्रेया के चेहरे पर गुस्सा , साफ़ साफ़ देख सकता था | पर अक्षत खुद की ख़ुशी को श्रेया को दिखा नही सकता था। वहीँ दूसरी तरफ अक्षत नर्वस भी था , की अगर श्रेया ने उसका ऑफर ठुकरा दिया तो ? अक्षत ने जेसा सब प्लैन किया था , उसे यकीन था की सब वेसा ही होगा।
श्रेया ने गुस्से मैं ज़ोर से कहा |
श्रेया : नही बिलकुल नही |
अब अक्षत की बारी थी। वो बोला |
अक्षत : " ठीक है फिर | जेसी तुम्हारी मर्जी | मेरे पैसे दे दो , और तुम आज़ाद "
श्रेया को बहुत गुस्सा आ रहा था , वो मन ही मन अक्षत को बहुत सारी गलियां दे रही थी।
श्रेया : "कुत्ता , कमीना कहीं का , इस आदमी को शरम नही आती , एक लडकी का इस तरह फायदा उठाते हुए।" ये आदमी कितना लालची है | केसे मुझसे पैसे मांग रहा है | वो भी इतनी बड़ी रकम | जेसे की 5 करोड़ कुछ भी नही हैं | बेशरम कहीं का |
फिर अक्षत आगे बोला
अक्षत : " या इन पेपर्स पर साइन कर लो और मेरी वाइफ बन जाओ | या मेरे पैसे दे दो | चॉइस इस योर्स।"
अब तो श्रेया को और भी ज्यादा गुस्सा आ रहा था |
श्रेया को समझ आ रहा था, की अक्षत उसके मजे ले रहा है | जिसकी वजह से उसे उसका मर्डर करने का मन कर रहा था | वो ऐसा नही कर सकती थी। श्रेया सोचने लगी |
श्रेया : ( श्रेया सोचने लगी ) यहाँ मुझसे मेरे बिल्स नहीं पुरे हो रहे , उपर से हॉस्टल की पढाई का खर्चा , फिर मेरी बहन हिना | जो मुझे परेशान करने के मौके ढूडती रहती है | और घर पर हिना की मोम | इन सब के होते हुए तो मैं लाइफ मैं कभी भी कुछ भी नहीं कर पयुंगी | और भला मैं इतने पैसे कहाँ से लायुंगी ? मेरे पास तो फीस तक भरने के पैसे नहीं हैं |
श्रेया मन ही मन अक्षत के छोटे छोटे टूकडे कर रही थी। और फिर उसे तेल में फ्राई करके कुतों को खिलाने का प्लैन बना रही थी। वो ये सब सोच ही रही थी। तभी अक्षत बोला
अक्षत : " क्या सोचा फिर तुमने ? मुझसे शादी या मेरे पैसे ?"
श्रेया ने गुस्से में पेपर्स लिए और पहले कुछ सोचा फिर साईंन कर दिए | अक्षत के फेस पर एक प्यारी सी स्माइल आ गई। आखिर उसका एक लौता सपना , श्रेया से शादी करना , आज पूरा होने जा रहा था | फिर अक्षत अपनी जगह से उठा और श्रेया के सर पर हाथ रखते हुए उससे कहा |
अक्षत : गुड गर्ल |
जेसे की श्रेया छोटी बच्ची हो | फिर अक्षत ने श्रेया का हाथ पकड़ा और उसे उठाते हुए कहने लगा |
अक्षत : चलो।
श्रेया बोली
श्रेया : पर कहाँ ?
अक्षत बोला
अक्षत : " शादी करने।" ( हस्ते हुए )
शादी शव्द सुन , श्रेया अक्षत से हकलाते हुए पूछने लगी |
श्रेया : क्या ? शादी ?
अक्षत ने अपनी आँखें छोटी करते हुए श्रेया की तरफ देखा | और कहने लगा |
अक्षत : क्या मतलब ?
श्रेया हक्लाती हुए बोली |
श्रेया : वो , वो , मेरा मतलब अभी ? इसी वक्त ? पर मेरे पास तो मेरे डाक्यूमेंट्स भी नही हैं |
श्रेया की बात सुन अक्षत बोला |
अक्षत : " उन सब की चिंता तुम मत करो | मैं सब देख लूँगा | तुम बस मेरे साथ चलो | सारी अरेर्ज्मेंट्स हो चुकी हैं।
श्रेया अक्षत की बात सुन कर हैरान हो गई | श्रेया के चेहरे पर ये साफ़ दिखाई दे रहा था की वो कितना हैरान है , की अक्षत उसके बारे में सब जनता है | फिर अक्षत बोला |
अक्षत : " जो मैं चाहता हूँ उसे पूरा करके ही मानता हूँ कोई शक ?"
अक्षत को यूँ बोलते देख श्रेया ने जल्दी से ना में अपना सर हिला दिया फिर अक्षत बोला |
अक्षत : " चलो फिर | हम लेट हो रहे हैं |
श्रेया अभी भी विश्वास नही कर पा रही थी। की उसकी शादी होने जा रही है | वो भी किसी भी रेंडम लडके से नही | अक्षत से | अक्षत जिंदल से , जिसके इशारों पर पूरी दुनिया नाचती है श्रेया ने अक्षत के बारे में न्यूज़ में बहुत कुछ सुना था | , कुछ ही घंटों में श्रेया के हातों में उसका शादी का सर्टिफिकेट था।
श्रेया को तो भरोसा ही नही हो रहा था , की वो अब से शादी शुदा औरत है | वो तो बस , उस सर्टिफिकेट को घूरती ही जा रही थी। और दूसरी तरफ अक्षत , वो तो बहुत खुश था | आखिर उसका सपना जो पूरा हो गया था | उसकी ख़ुशी का तो कोई ठिकाना ही नही था।
मैरिज ब्यूरो के बाहर , श्रेया को एक मर्सिडीज दिखी | अक्षत ने श्रेया के लिए , कार का बैक डोर खोला | श्रेया चुप चाप कार मैं बेठ गई | उसे सनी को ड्राइवर सीट पर देखा । सनी पीछे मुड़कर , दन्त दिखते हुये। कहने लगा |
सनी : " वेलकम तो फॅमिली भाभी।"
श्रेया जानती थी की सनी अक्षत का छोटा भाई है | सनी कहने लगा |
सनी : "भाभी मैंने सुना है की आप बहुत अच्छा खाना बनती हो।" "मुझे खाना बहुत पसंद है।" "तो आप मुझे अच्छी-अच्छी डिशेस बनाके खिलाओगी न? बोलो न भाभी"
तभी अक्षत को आता देख सनी बोला |
सनी : बधाई हो भाई।" आपकी शादी के लिए | ( कुछ सोचते हुए सनी बोला ) "भाई आपका काम हो गया है | मैंने प्लान एक्सेक्यूटे कर दिया है।"
अक्षत ने सनी को घूरते हुए उसे चुप रहने का इशारा किया।
फिर सनी चुप हो गया। श्रेया कंफ्यूज नज़रों से सनी और अक्षत को देखने लगी।
श्रेया को अपनी पढ़ाई और इंटर्नशिप की टेंशन हो रही थी। तभी उसने सोचा कि ..
श्रेया : इस वक्त अक्षत का मूड अच्छा है बाद में क्या पता इनका किसी बात पर मूड खराब हो जाए तो अभी बात कर लेती हूं ।
श्रेया अक्षत के पास गई और बोलने लगी
श्रेया : मिस्टर जिंदल
अक्षत ने श्रेया की तरफ देखा और अपनी नॉर्मल खडूस आवाज में कहा
अक्षत : बोलो |
श्रेया जो एक तो पहले ही घबरा रही थी। ऊपर से अक्षत की खडूस आवाज सुनकर उसे और डर लग रहा था पर हिम्मत करके उसने कह दिया |
श्रेया : वो .. वो मेरी पढ़ाई और इंटर्नशिप।
श्रेया की बात पूरी होने से पहले ही अक्षत ने श्रेया से कह दिया
अक्षत : "डोंट वरी इस शादी से तुम्हारी पढ़ाई और इंटर्नशिप पर कोई असर नहीं होगा जैसे सब चल रहा है वैसे ही चलता रहेगा बस एक बात का ध्यान रखना श्रेया।"
अक्षत अब सीरियस लग रहा था तो श्रेया बड़े ध्यान से अक्षत को सुनने लगी |
अक्षत : "तुम्हारी अब शादी हो गई है तो तुम किसी और लड़के की तरफ देखोगे भी नहीं समझ आया।"
जब अक्षत यह सब कह रहा था तब श्रेया और अक्षत एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे। पता नहीं क्यों पर श्रेया ने अक्षत की बात, बिना अक्षत से कुछ कहे मान ली।
उसने अपना सर् हां मैं हिलाया अक्षत ने फिर श्रेया को अपने करीब खींचा और अपनी गोद में बैठा लिया। यूं अचानक खींचे जाने पर श्रेया अचानक से घबरा गई और अक्षत को अपनी बड़ी-बड़ी आंखों से देखने लगी।
श्रेया ने अक्षत की गोद से उठने की कोशिश की पर अक्षत श्रेया की कमर को बहुत कस कर पकड़ रखा था । उसने उसे पूछने लगा |
अक्षत : क्या हुआ सब ठीक है ?
श्रेया ने हां मैं अपना सर हिला दिया | तभी अचानक श्रेया को कुछ फील हुआ , और वो मन ही मन खुद को कोसने लगी |
श्रेया : हे भगवान शायद मेरे पीरियड्स आ गए। शिट कल तक तो मुझे याद था पर जो कुछ भी हुआ उसके बाद में सब भूल गई |
कल रात का इंसिडेंट याद करते ही श्रेया फिर से कांप उठी। अक्षत ने श्रेया को कस कर पकड़ा और उससे पूछने लगा |
अक्षत : "क्या हुआ श्रेया मुझे बताओ।"
श्रेया बहुत अनकंफरटेबल हो रही थी। वह बस यह सोच रही थी। कि अगर अक्षत के कपड़े खराब हो गए तो वह उस पर बहुत गुस्सा करेगा | तो श्रेया जल्दी से जब अक्षत का ध्यान उस पर नहीं था अक्षत की गोद से उठकर खिड़की की तरफ चली गई | श्रेया के यूं चले जाने पर अक्षत उसे घूरने लगा।
पर फिर उसने उसको अपने पास नहीं बुलाया उसे ऐसा लग रहा था कि श्रेया के लिए यह सब कुछ नया है तो शायद उसे थोड़ा टाइम लगेगा | घर पहुंचते ही श्रेया जल्दी से गाड़ी से नीचे उतरी और चली गई। उसे याद था कि वह सुबह किस कमरे से बाहर निकली थी।
तो वह जल्दी से रूम तरफ भागी | रूम में जाते ही श्रेया वॉशरूम में चली गई। अक्षत को कुछ अजीब लगा पर उसने ध्यान नहीं दिया | उसने इग्नोर कर दिया | लंच टाइम हो चुका था , उसने मेड को कहा ,
अक्षत : लंच लगा दो | तब तक हम चेंज करके आते हैं |
मैड्स को भी अब पता था कि अक्षत और श्रेया ने शादी कर ली है।
श्रेया के घर आने से पहले ही मैड्स को इंस्ट्रक्शंस दी जा चुकी थी। कि अब वह तुम्हारी लेडी बॉस है तो जिस तरह अक्षत का ध्यान रखा जाता है उसकी बात मानी जाती है उसे रिस्पेक्ट दी जाती है वैसा ही श्रेया के साथ होना चाहिए।
अगर किसी ने भी श्रेया की इंसल्ट करने की कोशिश भी की तो वह अपनी जान से हाथ धो बैठेगा | वहीं हिना जो सुबह से बेसब से ब्रेकिंग न्यूज़ का इंतजार कर रही थी। जिसमें श्रेया की खूब इंसल्ट होनी चाहिए थी। वह किसी भी न्यूज़ चैनल या न्यूज़ पेपर मैगजीन में कहीं पर भी नहीं दिख रही थी।
अब उसे और गुस्सा आ रहा था और वह सोचने लगी |
हिना : एक तो अचानक ये लड़की, पार्टी से भागकर पतानी कहां चली गई, तब से अभी तक हॉस्टल भी नहीं आई पता नहीं कहां छुपी बैठी है | ( ख़ुशी से सोचते हुए ) पर एक बात अच्छी हुई उसे अपनी औकात पता चल गई अब मेरे सामने आने से पहले सौ बार सोचेगी आई थी।
बड़ी आई थी , मुझसे मुकाबला करने | एक झटके में मैंने उसे आसमान से धरती पर गिरा दिया | कल तो मजा ही आ गया | किस तरह सब उसकी फोटोस ले रहे थे | वाह मेरे दिल को बहुत सुकून मिला।
श्रेया को और परेशान करने के लिए उसने अपनी मॉम और डैड को कॉल लगाया और उसने नमक मिर्च मसाला लगा लगा कर अपने पेरेंट्स को बताया | की श्रेया कल पार्टी से अचानक था पता नहीं कहां चली गई और अभी तक हॉस्टल भी नहीं आई वह पूरी रात हॉस्टल से बाहर थी।
हिना इस तरह अपने पेरेंट्स को सब बता रही थी। जैसे कि उसने कुछ किया ही ना हो और उसके पापा यह सुनकर , श्रेया से बहुत गुस्सा हो रहे थे | मिस्टर संजय ने गुस्से में कहा |
संजय अगरवाल : क्या ? वह लड़की पूरी रात बाहर थी ? किसके साथ थी ? क्या कर रही थी ? हिना बेटा मुझे सब बताओ |
फिर हिना के दिमाग में जो कुछ आया , बिना सोचे समझे , बड़ा चढ़ा कर अपने पापा से कहा |
हिना : डैड ,, पता नहीं | पर मैने श्रेया को , बार के पास बैठे हुए देखा था | वह बिना सोचे समझे बस ड्रिंक किए जा रही थी। मैंने मना भी किया था | की इतनी मत पी , पर इंटर्नशिप लगने की उसे बहुत खुशी थी। पर फिर भी , इतनी लापरवाही और फिर मैंने उसे एक लड़के के साथ जाते हुए देखा | उसके बाद मुझे वो कहीं भी नहीं दिखी | और मैं उसका कब से कॉल ट्राई कर रही हूं | वह मेरा फोन भी नहीं उठा रही | पता नहीं कहां है ? कैसी होगी ? ठीक भी होगी या नहीं ?
वह श्रेया की फिक्र करने का दिखावा कर रही थी। और वह इतनी अच्छी एक्टिंग कर रही थी। कि उसके पापा को उस पर बिल्कुल शक नहीं हुआ | उसके पापा को श्रेया के ऊपर और ज्यादा गुस्सा आया | वहीं दूसरी तरफ सनी ने हिना की जिंदगी बर्बाद करने का पूरा प्लान बना लिया था | सनी को पता था कि हिना को परेशान करने के लिए , अब उसे क्या करना है | अक्षत और श्रेया को घर छोड़ने के बाद सनी सीधा ऑफिस आया | जहां उसने हिना को देखा | आज हीना का ऑफिस में सेकंड डे था और वह हिना को बहुत गुस्से में देख रहा था।
जब हिना ने यह नोटिस किया , तो उसे ऐसा लगा कि,,
हिना : अरे वहन ! सनी सर मुझे , निहार रहे हैं |
पर वह बेचारी नहीं जानती थी। कि सानी क्या क्या सोच रहा है | बाद में सनी ने हिना के सुपरवाइजर से कहकर हिना को बहुत सारा काम दिलाया और उसके सुपरवाइजर से कहा कि हिना को बहुत ज्यादा बिजी रखें ताकि उसे सांस लेने तक का भी टाइम ना मिले और वैसा ही हुआ सुपरवाइजर ने हिना को इतना काम दिया की , हिना का तो लंच और डिनर , दोनों ही मिस हो गया |
घर पर
जब अक्षत रूम में गया उसे श्रेया कहीं भी दिखाई नहीं दी।
तभी उसने वाशरूम के दरवाजे खुलने की आवाज़ सुनि | श्रेया दरवाजे पर कड़ी थी | तो उसने श्रेया से पूछा|
अक्षत : "तुम वहां क्या कर रही हो बहार आओ"
तो श्रेया बहार नहीं आ रही थी। अक्षत को कुछ गड़बड़ लगी उसने श्रेया को ध्यान से देखा तो उसने देखा की श्रेया के चेहरे का रंग उड़ चूका है | उसने अपने पेट को बहुत कसकर पकड़ा था। उससे ठीक से खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था | फिर अक्षत मन ही मन सोचने लगा |
अक्षत : इसे क्या हुआ | एक तो ये मुझे कुछ बता भी नहीं रही | की मेरे गुस्से से ही मेरी जान चली जाएगी।
अक्षत ने गुस्से मैं कहा |
अक्षत : क्या हुआ श्रेया ?
श्रेया को अक्षत की आवाज़ से भी डर कग रहा था | पर फिर भी उसने हिम्मत करके हकलाते हुए अक्षत से कहा |
श्रेया : वो वो मुझे सैनिटरी पैडज़ चाहिए ।
पहले तो श्अरेया की बात सुन कर अक्षत को समझ नहीं आया , पर फिर दुसने श्रेया की बात पर जब ध्यान दिया तो , उसे समझ आया | , श्रेया को , अक्षत बहुत ध्यान से देख रहा था | फिर उसने देखा की श्रेया के पेट में इतना ज्यादा दर्द हो रहा था कि उससे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था । तभी श्रेया ने अपने पेट को कस कर पकड़ा और दरवाजे को पकड़ते हुए थोड़ी झुक गई | अक्षत ने जल्दी से श्रेया को पकड़ा और श्रेया से कहने लगा |
अक्षत : तो तुमने मुझे ये पहले क्यूँ नहीं बताया |
अक्षत ने फिर से श्रेया की तरफ देखा की उसने अपना पेट कस कर पकड़ रखा है और इतना अनकंफर्टेबल हो रही है वो समझ गया की शायद श्रेया को अजीब लग रहा होगा , इसलिए वो इस तरह बिहेव कर रही है। अक्षत बोला :
अक्षत : इसमें कुछ बुरा तो नाही है | तुम इतना हिचकीचा क्यों रही थी। पीरियड्स ही तो है तुम डर तो ऐसे रही थी। जैसे कि पता नहीं क्या हो गया है | मुझे भी डरा दिया तुमने तो |
फिर अक्षत अलमारी की तरफ गया और उसने वहां से कुछ पैडज़ उठाएं | अक्षत ने फिर श्रेया की तरफ देखा और इशारों में पूछा कि , कौन सा वाला चाहिए ? इशारों में ही श्रेया ने बताया कि उसे कौन सा वाला चाहिए ? फिर श्रेया ने अक्षत से कहा |
श्रेया : वो मेरे , मेरे कपड़े खराब हो गए हैं | तो ...
उसने श्रेया को कुछ कपड़े भी अलमारी से निकाल कर दे दिए | श्रेया शौक थी। अक्षत ने सारे कपड़े निकाल कर दिए थे | जिनकी श्रेया को जरूरत थी। श्रेया ने देखा की अक्षत को इन सब चीजों से कोई दिक्कत है।
वो जल्दी से बाथरूम के अंदर चली गई और दरवाजा बंद कर दिया | अक्षत को इसके बारे में आइडिया था | हालांकि पीरियड्स के बारे में उसे ज्यादा कुछ नहीं पता था पर, इतना पता था कि मंथली साइकिल होती है जो बहुत इंपॉर्टेंट भी होती है उसने फिर थोड़ा सा इंटरनेट पर सर्च किया | इंटरनेट पर देखने के बाद उसके बारे में सब कुछ पता किया | फिर उसने एक मेड को रूम में बुलाया और कुछ कहा |
"श्रेया को बहुत अजीब फील हो रहा था | कपड़े लेकर वो शीशे के सामने खड़ी खुद को निहारने लगी और सोचने लगी |
श्रेया : क्या इस आदमी को कुछ अजीब नहीं लगता | ऐसी अजीब हरकतें करता है | नॉर्मली तो आदमी इस बात पर बहुत बुरी तरह बिहेव करते है "
श्रेया को बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था उसे ऐसा लग रहा था कि वह अभी चक्कर खाकर गिर जाएगी | फिर उसने जल्दी से चेंज किया | बाथरूम से बाहर निकलते टाइम भी श्रेया को ऐसे लग रहा था कि उसे चक्कर आ रहे हैं | अक्षत ने जब श्रेया को वॉशरूम से बाहर आते देखा | उसने देखा की श्रेया ने अपना पेट पकड़ रखा था और दरवाज़ा भी पकड़ रखा था मानो उसे चक्कर आ रहे हों | जल्दी सेअक्षत श्रेया के पास भागा और श्रेया को पकड़ा जो गिरने वाली थी।
अक्षत ने श्रेया को गोद में उठाया और बेड पर लेटाया और उससे पूछने लगा |
अक्षत : तुम ठीक तो हो ?
फिर श्रेया को पानी का गिलास दिया | श्रेया ने पानी पिया | फिर अक्षत से श्रेया ने कहा |
श्रेया : "हां मैं ठीक हूं वो बस मुझे थोड़े से चक्कर आ रहे थे।"
अक्षत को पता था कि पीरियड्स के दौरान गर्ल्स को बहुत वीकनेस हो जाती है | काफी ज्यादा ब्लड लॉस होने के कारण | दर्द की वजह से श्रेया का चेहरा सफेद पड़ चुका था। अक्षत ने पूछा |
अक्षत : तुम्हें ज्यादा दर्द हो रहा है ?
अक्षत की आवाज़ बहुत सॉफ्ट थी | श्रेय को बहुत अलग कुछ फील हो रहा था | अक्षत के साथ | तो श्रेया ने ना मैं अपना सर हिला दिया | फिर अक्षत को गुस्सा आया और वो गुस्से में श्रेया से बोला
अक्षत : " जब तुम्हें दर्द हो रहा है तो तुम ना में सर क्यों हिला रही हो |
अक्षत के गुस्सा करने से वह डर गई और उसके पेट में दर्द और ज्यादा बढ़ गया। उसने अपनी आंखे बंद कर ली | जिनमें आंसू थे | अक्षत ने आंसू देखे तो उसे खुद पर गुस्सा आ रहा था |
अक्षत : हे भगवान | एक तो उसके पेट में दर्द हो रहा है ऊपर से मैंने उस पर गुस्सा कर दिया |
फिर उसने खुद को शांत करके श्रेया के सर पर हाथ रखा और धीरे से सहलाने लगा और बड़े प्यार से श्रेया से कहने लगा |
अक्षत : "अब तुम मेरी वाइफ हो | मैं तुम्हारा ख्याल नहीं रखूंगा तो और कौन रखेगा ? तुम मेरी रिस्पांसिबिलिटी हो श्रेया | में तुम्हारा पति हूं।" "श्रेया , अगर तुम मुझसे ही खुलकर बात नहीं करोगी , तो मैं तुम्हें जानूंगा कैसे?"
अक्षत की प्यार भरी आवाज सुनकर , श्रेया दंग रह गई | उसने अपनी आंखे खोली तो उसने देखा की अक्षत उसे बड़े प्यार से निहार रहा था।
तो फिर श्रेया बोली |
श्रेया : मेरे पेट में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है।
तभी उन्होंने दरवाजे पर किसी के आने की आवाज सुनी | वहां मेड थी। मेड ने कहा
मेड : सर , मैं मैडम के लिए शुगर वाटर लेकर आई थी।
अक्षत ने उससे बोल लिया , और श्रेया की तरफ बढ़ गया | जो बेड पर बैठी हुई थी।
और उसे वो पानी पिलाने के लिए अक्षत भी बेड पर बैठ गया और श्रेया को पिलाने लगा। श्रेया इमोशनल हो रही थी। कि आज तक उसका इतने प्यार से ख्याल किसी ने नहीं रखा था | मन ही मन श्रेया सोच रही थी।
श्रेया : मां के बाद पहला इंसान मिला है जो शायद उसका मन से इतना ख्याल रख रहा होगा।