रूपिका यह सारा नजारा देखकर चौंक उठती है, उसे कुछ समझ नही आता, कि गार्गी और मानव उसे मारना क्यो चाह रहे थे और यह लडका कौन था । रूपिका लडके के हाथ से बह रहे खून की तरफ देखती है, वही मानव और गार्गी उस लडके को गुस्से से घूर रहे होते है ।
" तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई बीच में आने की, अब तुम नही बचोगे,,,,!!!! गार्गी ने भयानक आवाज में कहा । वो लडके के हाथ से तलवार निकालने की कोशिश करती है पर नहीं निकाल पाती तभी उसकी तलवार को लगाओ हुआ सारा खून हवा में उड़ जाता है और तलवार अपने आप उस लड़के के हाथ से निकलकर बाहर आ जाती है, रूपिका यह सब आंखे फाडे देख रही थी, वही गार्गी उस लडके पर अटेैक करने वाली होती है पर लडका तलवार पकडकर अपनी तरफ खींच लेता है । तलवार काफी चमकीली थी, उस तलवार से निकली चमक चारो तरफ रोशनी कर रही थी ।
लडका , तलवार से उन दोनो पर अटैक करता है तो गार्गी और मानव भी उस पर तलवार से अटैक कर देते है । अभी उन तीनो के बीच लडाई चल रही थी देखते ही देखते लिफ्ट में मौजूद उन सफेद कपडे वाली परछाईयो नें गार्गी और मानव को घेर लिया । वो लडका उन परछाईयो को कुछ इशारा करता है इसके साथ ही वो परछाईयां मानव और गार्गी पर अटैक कर देती है । पर इससे पहले वो उन दोनो का कुछ बिगाड पाती वो दोनो काले धुंएं के साथ अचैनक ही वहा से गायब हो जाते है ।
रूपिका एक तरफ खडी कांपते शरीर और नम आंखो से यह सब देख रही थी । धीरे-धीरे वो सफेद परछाईयां गायब होने लगती है अब वहां सिर्फ वो लडका और रूपिका मौजूद थे । लडका तलवार की तरफ देखता है फिर रूपिका की तरफ,,,, रूपिका को देखकर उस लड़की की आंखें चमक उठती हैं ।
" रूको,,,कौन,,,, कौन हो तुम,,, तुमने मेरे डैड,,, और मेरी बहन को क्या किया,,,, वो लोग मेरे ऊपर अटैक क्यो कर रहे थे,,, वो लोग मुझे क्यो मारना चाह रहे थे,,,, क्या हुआ है उन्हे,,,,,????? वो तो मर चुके थे ना,,,,," रूपिका नें अपने मन में उठ रहे सभी सवालो को उसके सामने रख दिया ।
लडका रूपिका की आवाज सुनकर पलटता है वो पलक झपकते ही रूपिका के सामने आकर खडा हो जाता है । लडके की आंखे रूपिका के चेहरे को एक पल के लिये निहारती है फिर लडका रूपिका के चेहरे की तरफ देखते हुए-" हां वो मर चुके है,,,, अभी जो तुम पर हमला हुआ है वो तुम्हारे डैड और बहन नही थे, वो सब आत्माएं थी,,,,, !!!!
" आत्माएं,,,,,???? यह कैसे हो सकता है,,,,????
रूपिका की बात सुनकर उस लडके की नीली आंखे मुस्कुरा देती है । लडका रूपिका से कुछ नही कहता पर रूपिका के हाथ को धीरे से पकडता है रूपिका अपने हाथ की तरफ देखती है तो उस पर एक डायरी रखी हुई थी जो काफी पुरानी मालूम पड रही थी, रूपिका उस डायरी की तरफ हैरानगी से देखने लगती है ।
" यह,,,, यह,,,, क्या है,,,,, ? रूपिका अपनी नजरे उठाकर उस लडके से सवाल करती है पर सामने कोई नही था, अब हर तरफ सिर्फ ओर सिर्फ अंधेरा फैला हुआ था ।
रूपिका अंधेरे में यहां - वहां देखने लगती है वो कुछ ओर कहती उससे पहले ही लाइट्स आ जाती है । चारो तरफ पिन ड्रॉप साइलेंस के अलावा कुछ नही था ।
" यहां तो कोई भी नही है,,,,??? यह सब क्या था, और वो लडका,,,,," रूपिका यहां-वहां देखते हुए खुद से सवाल करती है पर उसे कोई भी दिखाई नही देता, रूपिका अपने हाथ में पकडी डायरी को देखती है ।
" मानव रहैजा,,,, !!! डैड की डायरी,,,,," रूपिका नें खुद से धीरे से कहा , इस वक्त उसकी आंखो में हैरानगी और नमी दोनो दिखाई दे रही थी ।
अगले दिन
रहैजा हाऊस
वदान्य, निवेदिता को लेकर , रूपिका के घर पहुंचता है पर उन दोनों को घर पर रुपिका नहीं मिलती जबकि उन्हें पता चलता है कि रुपिका सुबह ही घर से चली गई है । माधवी को भी नही पता था कि वह ऑफिस गई है या फिर कहीं ओर, इसलिए उसने उन दोनों को यही कहा था कि वो ऑफिस चली गई है ।निवेदिता, माधवी को पहले से ही जानती थी इसलिये माधवी नें उसे बताया था कि वो बिल्कुल ठीक है ।
वैसे तो माधवी को रूपिका के एक्सिडेन्ट का नहीं पता था, पर जब उसे पता चलता है तो माधवी हैरान रह जाती है क्योकि निवेदिता और वदान्य जो कुछ बता रहे थे वैसा तो कुछ भी रूपिका के साथ नही हुआ था, ना तो उसके शरीर पर चोट के निशान थे और ना ही कुछ ओर......
" यह आप क्या कह रही है निवेदिता मैम,,??? रूपिका मैन साहब को बिल्कुल ठीक है,,,,, उनका तो कोई एक्सिडेन्ट नही हुआ है, मैं तो 2 दिन से उनके साथ हूं मुझे तो कोई चोट नहीं दिखाई दी और वह तो ढंग से चल -फिर भी रही है,,,,,"
"क्या, पर उसका एक्सीडेंट हुआ था और वो कितने दिन से अस्पताल में थी, शायद लड़की ने अपनी बैंडेज वगैरह हटा दी होगी,,,,, ओफो काम करने इतना भी क्या जूनून कि अपने दर्द का भी एहसास नही,,,,, ??
" हम्म,,, बुआ आपकी बात बिल्कुल सही है, मुझे भी यह बात सुनकर बहुत अजीब लगा,,,,,,"
" वदान्य तुम मुझे अपने साथ उसके ऑफिस छोड़ दो, मुझे उससे बात करनी है उसे डांट लगाऊंगी, आखिर वह इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है,,,,,"
" औके ठीक है बुआ,,,,, चलिये,,,"
फिर वदान्य और निवेदिता वहां से चले जाते है, वही माधवी, निवेदिता और वदान्य की बाते सुनकर थोडी परेशान हो जाती है ।
" यह दोनो कह रहे है रूपिका मैम साहब का एक्सिडेन्ट हुआ है, पर जब से मैं यहां आई हूं वो तो मुझे बिल्कुल ठीक लग रही है,,,, पता नही क्या हो रहा है,,, कुछ तो अजीब है, मुझे तो यह शहर ही अजीब लगता है,,,,," कहते हुए माधवी नें अपना सिर झटक दिया फिर अपने काम में लग गयी ।
दूसरी तरफ
वीर पथिक कॉलेज ऑफ न्यू सब्जेक्ट स्टडीज
देहरादून, उत्तराखंड
रूपिका कॉलेज के बाहर खडी उसे कुछ सोचते हुए देखे जा रही थी । रूपिका कॉलेज से नजर हटाकर अपने पर्स मे कुछ ढूंढने लगती है वो पर्स से वही डायरी निकालती है जो कल रात उसे उस लडके ने दी थी ।
" डैड की डायरी में इस कॉलेज पर ही सबकुछ लिखा है, कि वो इस कॉलेज में पढे, यही पर उनकी मुलाकात मॉम से हुई और लास्ट टाइम एक्सीडेंट से पहले भी वो इस कॉलेज में ही आ रहे थे, कुछ तो है इस कॉलेज में,,,, एण्ड सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि उन्होंने यह कॉलेज भी मेरे नाम पर खरीद,,,,, पर उन्होंने गार्गी उसका नान कही मेन्शन नही किया है,,,,, सिर्फ मेरा और मॉम का ही जिक्र है,,,,,," रूपिका नें खुद से मन ही मन सवाल किया । वो ना जाने कब तक ऐसे ही खडी रहती अगर एक लडकी नें उसे टक्कर ना मारी होती ।
" औह मैडम , तुम्हारे डैड की जमीन है क्या यह,,,,, जो यहां पुतला बने खडी हो, हटो,,,, !!!!! एक टॉम बॉय लडकी नें उसे धक्का मारते हुए कहा । रूपिका साइट में हट जाती है और वहां से जाने लगती है ।
" सॉरी,,, मेरा ध्यान नही था,,," रूपिका नें कहा ।
रूपिका के सॉरी कहते ही वो लडकी रूक जाती है वो अजीब नजरो से रूपिका को देखती है उस लडकी की आंखो में जैसे कुछ सवाल तैर गये हो । लडकी अपना हाथ रूपिका के फेस के सामने हिलाती है । रूपिका उस लडकी की इस हरकत पर उस एकटक देखने लगती है उसे समझ नही आता कि वो क्या कर रही है ।
" क्या हुआ, आप ऐसे क्यो देख रही है,,,,, ??? रूपिका ने सवाल किया । लडकी नें रूपिका की बात सुनकर सिर हिला दिया फिर तेजी से वहां से निकल गयी , वही रूपिका खडी उस लडकी को सवालियां नजरो से देखती रहती है ।
धारावाहिक जारी है...........