शेष जीवन (कहानियां पार्ट15) Kishanlal Sharma द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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शेष जीवन (कहानियां पार्ट15)

शादी के बाद रमेश अहमदाबाद आने लगा तब उसके माता पिता ने सीमा को उसके साथ भेजना चाहा था।लेकिन वह उसे साथ लेकर नही आया था।पहले वह पिता से पत्र व्यवहार करता रहता था।पर अब उसने यहाँ आने के बाद ऐसा करना बंद कर दिया था।रमेश को यह आशा नही थी कि सीमा बाद में भी उसके पास आ सकती है।सीमा को देखते ही वह आग बबूला हो गया था।
"मैने तुम्हे सुहागरात को ही बता दिया था मेरी तुमसे जबरदस्ती शादी हुई है।फिर तुम यहाँ क्यो आयी हो?"
"मैं अपनी मर्जी से नही आयी।मुझे पिताजी छोड़कर गए हैं",सीमा डरी सहमी सी बोली थी।
"पिताजी समझते है।तुम यहाँ रहोगी,तो मैं तुम्हे अपना लूंगा।याद रखो पूरी जिंदगी भी यहां पड़ी रहोगी तो भी मेरी पत्नी नही बन पाओगी।"रमेश ने गुस्से में सीमा से न जाने क्या क्या कहा था।सीमा गर्दन झुकाये चुपचाप सुनती रही।उसके मुंह से एक शब्द भी नही निकला था।
सीमा को सुहागरात को ही रमेश ने बता दिया था कि वह उमा से प्यार करता है।आज सीमा को रमेश की प्रेमिका उमा को देखने का अवसर भी मिल गया था।रमेश की पसन्द उससे ज्यादा सुंदर थी।रमेश उमा को चाहता था इसलिए रमेश से शादी होने के बाद भी उसे पत्नी का दर्जा नही मिल पाया था।रमेश की पत्नी बनने के बाद भी वह कुंवारी थी।रमेश ने अभी तक उसके बदन को छुआ तक नही था।
सीमा रमेश की ब्याहता थी।वह चाहती तो रमेश से लड़ झगड़कर उसे उमा के पास जाने से रोक सकती थी।लेकिन सीमा शिक्षित और समझदार थी।वह जानती थी कि रमेश की राह में रोड़े अटकाकर वह पति का दिल नही जीत सकती थी।पति का दिल वह उसकी सेवा करके ही जीत सकती थी।सेवा करने के लिए पति के पास उसके साथ रहना जरूरी था।श्वसुर बिना बेटे को बताए,बिना कुछ कहे उसके पास छोड़कर चले गए थे।रमेश ,सीमा को अपने साथ नही रखना चाहता था।सीमा उसके पास रहना चाहती थी।इसके लिए जरूरी था वह पति की किसी बात का विरोध न करे औए उसने ऐसा ही किया ।
यह मालूम होने पर भी की पति उसके अधिकार दूसरी औरत को सौंप रहा है।वह चुप रही।उसे विश्वास था कि एक ने एक दिन उसका भाग्य पलटेगा।रमेश,उमा को छोड़कर उसे अपनायेगा।
रमेश ने सीमा को अपने पास से भगाने के लिए उसे हर तरह से प्रताड़ित किया।पर सीमा सब कुछ सहकर भी चुप रही।
सीमा के आने के बाद भी रमेश के व्यवहार में उमा के प्रति कोई बदलाव नही आया था।वह उमा को चाहता था।उससे प्यार करता था।सीमा के आने के बाद भी रमेश का उमा के साथ घूमना और उसके घर जाना बंद नही हुआ।उमा ,रमेश से हंसती बोलती पर उसके दिल में पहले जैसा प्यार नही रहा था।पहले उमा,रमेश से ऐसा व्यवहार करती थी मानो रमेश उसका हो।उसकी वजह थी रमेश उससे शादी करने का वादा कर चुका था।उमा को उसके वादे पर यकीन था।इसलिये वह रमेश से ऐसे व्यवहार करती मानो वह उसका पति हो।
रमेश और उमा के सम्बंध मात्र भावात्मक नही रहे थे।उमा शादी से पहले ही समर्पण कर चुकी थी।रमेश उसे अपनी पत्नी बनाने का वादा कर चुका था।इसलिए उसे यह अनुचित नही लगा।