अंधेरा कोना - 9 - डरावनी लाइंस - 19 in 1 Rahul Narmade ¬ चमकार ¬ द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • My Wife is Student ? - 25

    वो दोनो जैसे ही अंडर जाते हैं.. वैसे ही हैरान हो जाते है ......

  • एग्जाम ड्यूटी - 3

    दूसरे दिन की परीक्षा: जिम्मेदारी और लापरवाही का द्वंद्वपरीक्...

  • आई कैन सी यू - 52

    अब तक कहानी में हम ने देखा के लूसी को बड़ी मुश्किल से बचाया...

  • All We Imagine As Light - Film Review

                           फिल्म रिव्यु  All We Imagine As Light...

  • दर्द दिलों के - 12

    तो हमने अभी तक देखा धनंजय और शेर सिंह अपने रुतबे को बचाने के...

श्रेणी
शेयर करे

अंधेरा कोना - 9 - डरावनी लाइंस - 19 in 1

नमस्कार, आप सबको बताते हुए मुजे आनंद हो रहा है कि मेरी stories के 20k readers हो चुके हैं, इसलिए मैं आप सभी का खूब खूब आभारी हूं। आप आप जानते हैं कि मैं राहुल व्यास हॉरर मे कुछ नया करने की हमेशा कोशिश करता आया हू, आज मैं आपके लिए मेरी one line horror stories का कलेक्शन लाया हू, आशा करता हू कि मेरी लिखी गई कहानी आपको हमेशा पसंद आएगी, आप पढ़ते रहिएगा और मुजे feedback देते रहिएगा, धन्यवाद, Thank you so much.





"पार्टी"

आज पार्टी मे जाने के लिए तैयार हो गया था, माँ के पास गया और कैसा लग रहा हू पूछा तो उसने जबाव नहीं दिया, फिर बहन के पास गया उसने भी जवाब नहीं दिया, फिर पापा के पास गया तो उन्होंने भी कुछ नहीं कहा, फिर आयने मे खुदको देखा तो आयने मे मुजे कुछ नहीं दिखा!!

"कंकाल"

मैं कोलेज मे नया था, कुछ दिन से मुजे अपनी बायोलॉजी की लेब से बोलने की आवाज आ रही थी, एक दिन रात को मैं लेब मे गया, फिर से मुजे आवाज आई, ध्यान से देखा तो वो कंकाल कुछ बोल रहा था।

"फोटो"

कैमरामेन ने बहुत बार फोटो खिंची लेकिन उस शख्स की पासपोर्ट साईज फोटो आई ही नहीं जिनका डेथ सर्टिफ़िकेट बनाना था।


"होस्टेल का रूम"

उस लड़की ने 5 साल पहले होस्टेल के उस कमरे में फांसी लगा कर आत्महत्या की थी, तब से उस बंद पड़े कमरे की खिड़की से आज भी जुलता हुआ फांसी का फंदा दिखाई देता है..


"दिवाली"


दिवाली का त्योहार था, हम सब फटाके जला रहे थे, थोड़े दूर एक विरान सा पड़ा मकान था, मैंने देखा कि वो ही 2 बच्चे और माँ बाप भी फटाके जला रहे थे, जिनकी मौत आज से 6 साल पहले दीवाली के ही दिन एक हादसे में हो गई थी।



"पेड़"

आज भी मैं उस पेड़ के बगल में खडा था, मुजे कहीं से साँस लेने की आवाज सुनाई दी, ध्यान से सुना तो वो आवाज उसी पेड़ से आ रही थी....



"पुतला"

मैं उस इलाके में नया था, मैं हर दिन कॉलेज जाने के लिए उस चौक से गुजरता था, उस चौक मे एक पुतला था, उस दिन रात के 11.00 बजे को निकलना था, वो रास्ता सूमसाम था और वहा कोई नहीं था, मैं उस पुतले के बगल से गुजरा की अचानक किसीकी आवाज आई, "कैसे हो"?


"Ex BF"

रुबीना के फोन की रिंग बजी, उसने कॉल उठाया तो सामने उसके ex BF का कॉल था, उसके घर पे शाम 5.00 बजे को फंकशन था उसने रुबीना को इन्वाईट किया, थोड़ी देर मना करने के बाद अखिर मे रुबीना ने हामी भर दी।. शाम को जब रुबीना उसके घर पे गई तो वहा उसके Ex - BF की शोक सभा रखी गई थी।


"रोना"

मुझे मेरे घर में रोज रात को, कई इंसानो के रोने की आवाज आती है, सुना है कि कई साल पहले मेरे घर से पहले इधर कब्रिस्तान हुआ करता था!



"Medical college"

दूसरे दिन MBBS 1st यर की क्लास शुरू होने वाली थी, अगले दिन रात को मैं सामान ले के होस्टल पहुच गया था, होस्टल कॉलेज के ही कैम्पस मे थी। अंधेरे कोने में एक फटे हुए कपड़े मे एक आदमी बैठा था उसे मैंने मेरी होस्टल ब्लॉक का अड्रेस पूछा, उसने जवाब मे सिर्फ इशारा किया। दूसरे दिन मैंने उसी इंसान को मेरी उस मेडिकल कॉलेज मे डेड बॉडी के तौर पर देखा जिसपे कई महीनों से प्रैक्टिकल किए गए थे।


"नींद"

मुजे रात को नींद नहीं आ रही थी इसलिए एक दिन मैंने मेरे साये को कहा कि मुजे सुला दे!