आनंद मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाला एक सीधा साधा लड़का था। जो ज्यादातर अपने काम में ही बिजी रहता था। जिससे अक्सर घर जाने में वो लेट हो जाता था।
अनुज, रवि, पूजा और मिहिक ये उसके बेस्ट फ्रेंड थे
जो उसके साथ इस कंपनी में काम करते थे।
और अक्सर घर साथ ही जाया करते थे।
आज शनिवार होने के कारण और काम से जल्दी छूटी होने पर सब जल्दी घर जा रहे थे।
तभी रवि कहीं बाहर खाना खाने की प्लानिंग करने लगता है। और सब शहर से थोड़ी दूर नेशनल हाईवे पर स्थित अपने फेवरट ढाबे पर चले जाते है जहां वो अक्सर
जाया करते थे।
अभी वह खाना खाने बैठे ही थे की हल्की बारिश होने लगी और थोड़ी देर बाद तेज बारिश के साथ बिजली भी चमकने लगी।
मौसम को देख पूजा कहती है ."यार मौसम कितना रोमांटिक हो रहा है ना यहां कितना अच्छा फील हो रहा है।"
तभी अनुज पूजा की बात काटते हुए
"ओह इसको रोमांटिक नही हॉरर कहते है।
ये बिजली का चमकना बारिश तेज हवाएं और मिहिका
की तरफ देख कहता है जरूर कोई चुड़ैल यहां घूम रही है"
इतना सुनते ही मिहिका को छोड़ सब हँसने लगते है
और मिहिका गुस्से वाला चेहरा बनाकर
" चुड़ैल का तो पता नही पर एक भुत तो जरूर घूम रहा है। जिसको ये मौसम अपने लायक लग रहा है। "
पूजा यार गाइज छोड़ ना ये सब हम डिनर पर आएं है
और तुम ये सब क्या भूत चुड़ैल की बातों को लेकर बैठ गये।
आनंद "ओह तो मिस पूजा को इन सब बातों से डर लग रहा है। फटु कहीं की थोड़ा सी बात हुई नही की डरने लग जाती है इतना डरा मत कर ये भूत चुड़ैल कुछ नही होते सब मन का वहम होता है।"
रवि "नही यार ये सब मन का वहम नही होता ये सब होता है। कहते है की कुछ लोगो की समय से पहले मृत्यु हो जाती है उनकी आत्मा यहां भूत बन घूमती रहती है।
जिनमे से कुछ अच्छी होती है और कुछ बुरी आत्मा होती है।"
आनंद "यार में इन बातों को नही मानता हाँ अगर कभी मैंने किसी भूत या चुड़ैल को देखा तो शायद में विश्वास करूँ।"
मिहिक " गाइज अगर भूत और चुड़ैल पर तुम्हारा रिसर्च हो गया हो तो हम घर चले वैसे भी रात के दस बज गए है
मम्मी का भी कॉल आ रहा है"
सब डिनर कर वहां से निकल जाते है|
एक तो मौसम के खराब होने के कारण और ऊपर से सुनसान सी सड़क माहौल को थोडा डरावना बना रहे थे।
पूजा जो बता तो नही रही थी पर डर उसकी आँखों में साफ नजर आ रहा था । जिसको आनंद और अनुज ने देख लिया था।
जिसकी वजह से आनंद और अनुज बीच बीच में अजीब सी आवाजे निकल सबको और भी ज्यादा डरा रहे थे।
इस तरह आनंद एक एक कर सबको उनके घर ड्राप क्र देता है। और खुद अपने घर की तरफ निकल पड़ता है।
जिसका घर एक सुनसान रास्ते से होते हुए आता था।
बारिश का मौसम , कड़कती हुई बिजली उपर से पेड़ों से टकराकर आने वाली तेज सायं सायं की आवाज करती ये तेज हवाएं, सामने सुनसान सड़क । इस अँधेरी रात को और भी ज्यादा डरावना बना रहे थीे।
थोड़ी दूर चलने पर आनंद को लाल साड़ी पहने एक लड़की एक पेड़ के नीचे खड़ी दिखाई देती । जो शायद किसकी गाड़ी का इंतजार कर रही थी आनंद की गाड़ी को अपनी और आती देख वो हाथ दिखा गाड़ी को रोकने का इशारा करती है । जिससे देख आनंद गाड़ी को रोक देता है।
आनंद पूछता है
" आप इतनी रात को यहां पर क्या कर रही है"
वो भी अकेली "
वो लड़की जो कि काफी डरी हुई लग रही थी और जिसके चेहरे और हाथों पर छोटी के निशान थे
और उसके सर से थोडा खून भी निकल रहा था जिससे लग रहा था जैसे किसी ने उसको पीटा हो और वो अपनी जान बचाते हुए भाग के आई हो ।
वह लड़की आनंद से कहती है
"भगवान बनकर प्लीज़ आप मुझे बचा लो वो लोग मुझे मार देंगे वो मुझे नही छोड़ेंगे ।"
आनंद उसे गाड़ी में बैठा लेता है और गाड़ी को वहां से भगा लेता है पर वहां उसे उसके अलावा कोई और नजर नही आता है।
आनंद वो " कौन लोग है और तुमको क्यों मारना चाहते है क्या तुमने कुछ बिगाड़ा है उनका और है कहना वो "
तभी लड़की कहती है " वो मारना नही चाहते बल्कि मार चुके है।"
इतना सुनते आनंद अचानक ब्रेक मारता है जिससे उसका सर आगे गाड़ी स्टेयरिंग पर लगता है और उसके चोट लग जाता है। इन सब को नजर अंदाज़ कर जेसे ही वो पीछे मुड़ कर देखता है वहां कोई नही होता ।
सिर्फ खाली सीट होती है
इस तरह अचानक लड़की को गायब हुआ देख
जिससे देख आनंद काफी सहम सा और डर जाता है उसका डर उसके चेहरेे पर साफ झलक रहा था ।
आज पहली बार उसको डर का एहसास हुआ था जो उसके चेहरे पर आता हुआ पसीना और उसके काँपते हुए साथ बयां कर रहे थे और आज उसे एहसास हुआ की दुनिया में भूत जैसा कुछ होता है।
वह हड़बड़ा जाता है और हड़बड़ाहट में अपनी गाडी को पूरी स्पीड में अपने घर की तरफ भगाता है।
तभी गाड़ी के साइड वाले शीशे में उसे वही लड़की नजर नजर आता है। जो उसको देख मुस्करा रही होती है।
देखते ही देखते अचानक वो लड़की धुँए की तरह गायब हो जाती है।
वह पूरी तरह से डर जाता है।
पसीने से तरबतर वह सोफे पर दुबक कर बैठ जाता है।
आज पहली बार आनंद इतना डरा हुआ लग रहा था
नींद उसकी आँखों से गायब थी।
पूरी रात करवटे बदलते बदलते इसी डर में गुजर जाती है।
आनंद का मन नही था पर ऑफिस तो जाना ही था।
बेमन से वह तैयार हो ऑफिस चला जाता है।
आज उसका व्यवहार थोडा अजीब था ।
वह गुमसुम सा अपनी कुर्सी पर बैठ था । उसका शरीर तो ऑफिस में था पर मन अभी भी उस रात वाली घटना के बारे में सोच रहा था।
अनुज एक फ़ाइल लेने उसके पास जाता है
और उसको आवाज़ देता है पर आनंद अभी भी उसी घटना में खोया हुआ था।
अनुज उसके कंधे पर हाथ लगा उसको हिलाता है
" भाई कब से आवाज़ दे रहा हूँ तेरा ध्यान कहाँ है
कुछ हुआ है क्या सब ठीक तो है ना "
आंनद " कुछ नही भाई वो रात को नींद नही आई यर उस चक्कर में बस थोडा ध्यान इधर उधर था सब ठीक है ठीक है यार "
अनुज " नींद क्यों नही आई कहीं कोई भूत देख लिया क्या
या कोई चुड़ैल देख ली" और हसने लगता है।
और आनंद को फिर एक बार उसका चेहरा याद आने लगता है।
अनुज "क्या हुआ भाई कहाँ खो गया।"
आनंद "कुछ नही यार बस ऐसे ही"
इतने में मिहिक आ जाती है।
मिहिक " चलो गाइज लंच करने चलते है लंच टाइम हो गया"
और सभी लंच करने चले जाते है।
तभी मिहिका अपने बैग से एक लिफाफा निकालते हुए
देखो गाइज में क्या लेके आई
"बिल्लू पकौड़े वाले से हम सब के लिए पकौडे"
अनुज "वाह यार चुड़ैल खुश कर दिया आज पक्का
तुमको 10 वाले कुरकुरे खिलाऊँ गा "
इतना सुन सब हँसने लगते है।
आनंद जैसे ही पकोड़ा उठाता है । उसकी नजर उस अख़बार पर पड़ती है जिसमे पकोड़े डाले हुए थे।
और वो पकोड़े साइड कर उस न्यूज़ को पड़ने लगता है।
उस न्यूज़ पेपर में वही लड़की थी जो कल रात उसे सड़क पर मिली थी।
आनंद अख़बार की तारीख देखता है।
जो लगभग 2 महीने पहले की थी।
आनंद को एहसास हो जाता है की इस लड़की की मौत
2 महीने पहले हो चुकी थी।
उसको न्यूज़ पेपर पढ़ता देख रवि हाथ से अख़बार ले लेता है। और उस न्यूज़ को देख बोलता है
" में इस लड़की को जानता हूँ ये और इसका पति हमारे घर के पास रहते थे। सुना था की ये दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे और गाँव से भाग कर यहां आए थे।
यहां दोनों ने शादी कर ली थी।
एक दिन अचानक ये गायब हो गए थे ।
फिर दो दिन बाद एक रात जब तेज बारिश हो रही थी। उन दोनों की लाश हाईवे के पास वाली सड़क पर मिली थी।
और सुना तो ये भी है की उस लड़की की आत्मा वहीं घूमती है और जब भी बारिश का मौसम आता है वो वहां से गुजने वाले लोगो से खुद को बचाने की सहायता मांगती है
अगर कोई उसकी सहायता ना करे
और ऐसी हालात में छोड़ चला जाता है तो कुछ दिन बाद उसकी मृत्यु हो जाती है।
जो वही आत्मा करती है।
अनुज "यार शायद मेरे ख्याल से उस रात उस लड़की ने वहां से गुजरने वाली लोगो से सहायता मांगी हो।
और किसी ने सहायता नही की हो।
जिसकी वजह से उनकी मौत हो गयी थी शायद
और अब हर वह इंसान जो बिना सहायता किये वहां से गुजरते है
उनको गुनहागार मानती है और उनकी जान ले लेती है।
रवि आनंद को इतने गौर से बातें सुनता देख
" आनंद तुमको इन सब में विश्वास भले ही ना हो पर भाई ऐसा होता है ये भूत चुड़ैल आत्मा सब होते है दुनिया में"
आनंद " हाँ मुझे पहले विश्वास नही था इन सब में
पर अब है अब पता लग गया ये सब होते है दुनिया में"
सब एक साथ हैरानी से आनंद को देखते है और सोचते है
की ऐसा क्या हुआ जो आनंद को विश्वास होने लगा इन सब पर।
पर कैसे।
क्योंकि कल रात से जब इस लड़की ने मुझसे सहायता
मांगी थी।
समाप्त
दुनिया में भूत प्रेत आत्माएं आपको क्या लगता है ये सब होते है या न। देखि नही पर मुझे तो लगता है ये सब होती है।
दोस्तों आपको ये कहानी कैसी लगी
जरूर बताए
"" ये कहानी पूर्णतय काल्पनिक है।""
From :- Karan mahich