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दर्द का रिश्ता

जब ईश्वर आपको एक सपना देता है, तो सपने की हमेशा परीक्षा होगी। अभी आपके जीवन में दबाव का एक उद्देश्य है। यह आपको कुचल नहीं रहा है। यह आपके अंदर जो है उसे बाहर धकेल रहा है। यह आपको दिखाता है कि आप कौन हैं।

 

मैं ने कई बार ऐसा सोचा कि मैं अपने जीवन के अनुभवों का आदान प्रदान करूँ | लेकिन मुझे ये अवसर प्राप्त नहीं हुआ क्योंकि मुझे समय नहीं मिला |

मैं आज बस वही बातें लिखने जा रहा हूँ जो मैंने अपने जीवन में अनुभव किया है | आप अपने जीवन में क्या क्या सोचते हैं या करना चाहते हैं इस बात को आपके अलावा कोई समझ नहीं सकता | मतलब वास्तविक स्थिति आपके अंतर मन की क्या है यह सिर्फ आप अनुभव कर सकते हैं | मेरे जीवन में ऐसे कई पहलु हैं जिसने मेरे जीवन में मुझे समझाया कि आप के अलावा आपको और कोई समझे यह मुमकिन नहीं है I आपके जीवन में कई लोग ऐसे होंगे जो आपको जानने का दावा करते हैं या फिर आपके जीवन में आपको समझाना चाहते हैं कि वह आपको जानते हैं I मेरे जीवन का अनुभव मुझे ये बताता है कि ऐसा जीवन में कुछ भी नहीं है I मैं सही हूँ ये तो मैं नहीं कह सकता हूँ, लेकिन मैं गलत नहीं हूँ ये मैं कह सकता हूँ क्योंकि कुछ अपवाद हर किस्से में होते हैं I

 

मैं अपने जीवन में बहुत जल्दी इस बात को जान लिया कि आपके जीवन में आपसे ज्यादा बड़ा आपका शुभ चिंतक कोई और नहीं हो सकता है I आपको जीवन में बहुत दूर चलना पड़ता है यह जानने के लिए कि आपके नजदीक कौन है I आप को अपने जीवन में कई लोगों से मिलना पड़ता है यह जानने के लिए कि आपका अपना कौन है I और जब आप सत्य से मिलते हैं तो अक़्सर यह आपको आश्चर्यचकित कर देता है I

 

अक़्सर जीवन में हमारे पास इस बात को जानने के लिए कोई यंत्र नहीं होता है. जिससे हम यह जान सकें कि कौन हमें कितना अपना मानता है या कौन मेरे साथ है और मेरे लिए अच्छा सोचता है.. जैसा मैंने कहा कि इसका कोई पैमाना नहीं है जिसमें इसकी जानकारी ली जा सकती हो | और अगर ऐसा होता भी तो यह हमारे जीवन में कुछ खास करामात नहीं कर पाता I क्योंकि हर व्यक्ति आपको यही दलील देता कि क्या आप को मुझ पर भरोसा नहीं है I

 

रिश्तों को हम इंसान भावनाओं से जोड़ते हैं। और हमारे अंदर की भावनाएं कहाँ से उतपन होती हैं? जब हम हमारे दिमाग को वह भावना को अनुभव करने को कहते हैं, तब वही भावना हमारे रोम रोम में फैलती है और हमारे कण कण में उतपन होने लगती है।

 

तब हमारी भावनाओं के अनुसार, हमारा रक्तचाप ऊपर नीचे होता है। हमारे दिल पर इसका सीधा असर पढ़ता है।

 

दर्द एक पीड़ा है। वह हमें अंदर से इसलिए कुरेड़ती है क्योंकि हमारा दिल हमारी विवशताओं के आगे झुक जाता है। हमारे शरीर को ज्ञात हो जाता है कि हमारे दिमाग ने कहीं न कहीं हार मान ली है।

 

लेकिन यह दिल है कि मानता नहीं।

तब हमारा दिल ज़ोर से धड़कने लगता है। वह हमें यह एहसास दिलाने का प्रयास कर रहा होता है कि हम अभी भी जिंदा हैं। हमारे पास आगे और भी कई अवसर आएंगे।

 

लेकिन जब दिल देखता है कि दिमाग ने भी हार मान ली है तो वह भी निराश हो जाता है और वह भी दुखी हो जाता है।

 

तब हमारे रोम रोम में संकेत जाता है कि यह ऐसा दर्द है जो दिमाग दिल को फुसलाकर समझा नहीं पायेगा।

 

इसलिए दिल से दर्द का रिश्ता गहरा है क्योंकि वह सबसे आखिर में हार मानता है।

 

दिमाग सब दिशाओं में विश्लेषण करने के बाद ही कोई निष्कर्ष निकालता है, इस प्रक्रिया में संवेदना काफी हद तक निष्क्रिय हो जाती है। जबकि संवेदनाओं का असर तात्कालिक यानी जज्बाती तौर पर रहता है। इसी के चलते दर्द जो एक शक्तिशाली भावना है दो लोगों को मजबूती से जोड़ने का काम सक्रियता से करती है। दर्द की अनुभूति भी जब एक जैसी परिस्थितियों के अन्तर्गत हुए हों और आपस में एक दूसरे से बाँटे (share किये हों) हों, तब ही दर्द का रिश्ता बन जाता है।जो बहुत मजबूत होता है और दर्द का रिश्ता कहलाता है

 

सब अपने हिसाब से आकलन करते हैं. क्योंकि हमारे शब्द लोग अपने तरीके से समझते हैं ना कि हमारे तरीके से.और हम उस बातों पर विचार करते हैं जिससे हमारा कोई लेना देना नहीं. हम अगर अपने जीवन को नियंत्रित और शब्दों का महत्व समझ लें तो सारी समस्या ही ख़तम हो जाएगी. लेकिन हमारी आदत है कि हम वो सारी चीज अपने आप पर ले लेते हैं जो हमारे लिए होता ही नहीं है. जैसे अगर मैं काला नहीं हूँ और मुझे कोई काला बोले तो हँसी आनी चाहिए या हम उसे पागल समझ लेंगे. लेकिन वास्तविकता में हम उसे बताने लगते हैं कि मैं काला नहीं हूँ.

आश्वासन और आशा दो ऐसी चीजें हैं जो जीवन में लोगों को बहुत पसंद है I क्योंकि ये दोनों शब्द इंसान को सभी कष्टों से मुक्ति देता है I और मेरा मानना है कि ये शब्द जीवन के सभी अवस्था में आपके लिए उपयोगी सिद्ध होते हैं I क्योंकि जब आप किसी कार्य में सफल नहीं होते हैं तो आप खुद को कई प्रकार से आश्वासन देते हैं जैसे यह कार्य के लिये आप नहीं बने, या फिर मेरे भाग्य में यह नहीं लिखा, भगवान जो चाहते हैं वही होता है जैसे कई तरह के आश्वासन भरे शब्द हैं जो आपको कष्ट मुक्त होने में उपयोगी हैं I और आशा का भी ऐसा ही कुछ प्रयोग किया जाता है I जैसे आने वाला समय अच्छा होगा, कल आज से बेहतर होगा, हमारे भाग्य में कुछ और लिखा है, जैसे कई आशा रूपी समुद्र में डूबकर आप काफी समय तक आनंदित महसूस करते हैं I यह आनंद हमें कार्य को आगे नहीं करने का विश्वास देता है और यह आनंद हमारे मन को सुकून भी देता है I ऐसी बहुत सी महत्वपूर्ण घटना हैं जो हमारे जीवन को इसी आशा रूपी समंदर में गोते लगाने के लिए छोड़कर चला जाता है I और हम किसी बच्चे की तरह सुन्दर और मन को लुभाने वाली सपनों में खो जाते हैं I लेकीन यह ज्यादा समय तक काम नहीं आता क्योंकि यह भी उसी स्वप्न की तरह है जो नींद खुलते ही हमारी सारी खुशियों को धूमिल कर जाता है I

बस इतनी सी बात है

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