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अभी भी इंतज़ार हैं उन पारियों का

अभी भी इंतज़ार हैं उन पारियों का … शाहगढ के तेजस्वी युवा ज्ञानी राजा घने जंगलों में घूमने के लिए निकल पड़े थकान बहुत हो गई थी अचानक उनकी नज़र एक सुंदर तलैया पर पड़ी राजा का मन तलैया को देख कर बड़ा ही प्रसन्न हुआ, कितनी अच्छे तलैया हैं पानी भी स्वच्छ हैं क्यूँ न पानी पी लिया जाये. राजा ने जैसे ही पानी पीने के लिए हाथ तलैया में डाला वैसे ही एक परी तलैया से बाहर निकल आयी राजा के शरीर को छूने लगी, राजा थोड़े से झिझके, परी तो राजा पर मोहित हो चुकी थी, राजा कुछ समझ न पाए , दुबारा पीने के लिए जैसे ही तलैया में हाथ डाल रहे थे तुरंत परी ने रोक दिया नहीं नहीं जितनी बार भी तलैया में हाथ डालोगे एक नई परी बाहर आ जाती …परी ऐसा होने नहीं देना चाहती थी क्यूँकि परी तो राजा को मन ही मन अपना बना चुकी थी. महाराजा आप पानी की बात करते हो मैं तो आपको अमृत पिलाऊँगी. परी तपाक से बोली महाराजा मैं आप से शादी करना चाहती हूँ , राजा तो पहले से ही शादीशुदा थे, राजा अपना पीछा छुड़ाना चाहते थे, अच्छा ठीक हैं मैं तुमसे शादी कर लूँगा पहले मेरे एक प्रश्न का जवाब देना होगा, परी ने हाँ कर दी. राजा ने परी से कहा मुझे एक ऐसा व्यक्ति चाहिए जो बिल्कुल भी अहंकारी ना हो परी बोली आप यही इंतज़ार करो अभी ढूँढ कर लाई, परी चली गई, राजा ने थोड़ी देर इंतज़ार किया, राजा को प्यास ज़ोर से लगी थी जैसे ही राजा ने तलैया से हाथ बाहर निकाला, तुरंत दूसरी परी राजा के सामने खड़ी थी. जैसे ही राजा को देखा वो भी राजा पर मोहित हो गई. राजा में आप से शादी करना चाहती हूँ ,राजा ने दूसरी परी से भी यही कहा की ठीक हैं मैं शादी कर लूँगा पर मेरे एक प्रश्न का जवाब देना होगा, परी बोली पूछो, मुझे एक ऐसा व्यक्ति चाहिए जो लालची न हो,परी बड़े उत्साह से बोली ये भी कोई प्रश्न हैं अभी ढूँढ के लाई … दूसरी भी चली गई ढूँढने. राजा फिर इंतज़ार करने लगे अभी तक लोट कर नहीं आई और अभी तक पानी भी नहीं पिया, तीसरी बार जैसे ही हाथ निकाला,तीसरी परी सामने खड़ी थी,उसने भी राजा का हाथ माँगा, राजा ने फिर एक नया प्रश्न रख दिया, परी ने हाँ भर दी, ऐसा व्यक्ति ढूँढ कर लाओ जो सुखी हो, परी बोली अभी लाई ढूँढ कर … राजा तीनो का बहुत देर तक इंतज़ार कर बिना पानी पिये वापिस चल दिए अपने राज्य की ओर… राजा को ही नहीं सबको इंतज़ार हैं उन परियों का(उन व्यक्तियों का). सोचना तो पड़ेगा ही” पुस्तक के बारे में।

“सोचना तो पड़ेगा ही” ये पुस्तक हर उस इंसान को पढ़ना चाहिए जो अपनी जिंदगी में सफल होना चाहते है। ये पुस्तक आपको हर वक़्त मोटीवेट रखेगा। इस पुस्तक में कुल 110 थॉट्स है उसमेसे में आपको इस आर्टिकल में 20 थॉट्स बताने जा रहा हु जो आपको पढ़ने चाहिए।



पियूष गोयल ने बोहोत ही अच्छे तरीके से लोगोको बताया है की अपने काम के प्रति सेल्फ मोटीवेट कैसे रहे।
20 थॉट्स –

1.जिंदगी को अगर किसी का सहारा लेकर जिओगे एक दिन हारा हुआ महसूस करोगे.

2.किसी काम की करने की नियत होनी चाहिए टालने से काम नहीं चलने वाला.

3.आपके सपनो में बहुत के सपने छिपे हैं …अपने सपने पुरे करो.

4.सोचना मेरी आदत…लगन मेरा समर्पण….जिद्द मेरी सफलता.

5.जिनकी नींव मजबूत उनकी विन(win) निश्चित हैं

6.मेरे लिए आलोचना करना चना चबाने जैसा हैं

7.चुनौतियों की चिंता न करो चिंतन करो चुनौतियां हर समय किसी न किसी रूप में आपके साथ चल रही हैं

8.उतनी इच्छायें पालो जीतनी पा लो

9.जो संघर्ष करते हैं वो जानते हैं मेहनत का कोई विकल्प नहीं हैं.

10.अगर आपके कदम में दम हैं आपका कद कभी छोटा नहीं होगा क(दम)… (कद)म.

11.जिंदगी में सीखने का मौका जहाँ भी मिले अवश्य सीख लो पता नहीं कहाँ काम आ जाये और साथ साथ साझा भी करते चलो पता नहीं कब किसके काम आ जायें.

12.जो कामयाबी बहुत प्रयासों के बाद मिलती हैं उसका एहसास अतुलनीय हैं.

13.हर काम पहले मुश्किल दिखता हैं पर होता नहीं

14.लगातार प्रयास करना मेरा काम हैं और मैं प्रयास करता रहूँगा जब तक मैं कामयाब न हो जाऊं.

15.कुछ नहीं करना बस जिंदगी की तराजू को बराबर तोलते चलो.

16.लालसा काम लगन पक्की लक्ष्य एक.

17.अपनी काबिलियत को पहचानो समझौता नहीं.

18.घडी की जो टिक टिक हैं यूँ ही नहीं हैं वो बार बार टोकती हैं खड़ा हो जा अभी बहुत कुछ हैं करने के लिए.

19. सच को कुछ समय के लिए ढक सकते हो छुपा नहीं सकते.

20.पढ़ लो…. लिख लो…. याद कर लो नहीं तो …पीछे मुड़ मुड़ कर देखना पड़ेगा.

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