दर्पण छवि पर कुछ रोचक तथ्य. पीयूष गोयल दर्पण छवि के लेखक पीयूष गोयल 16 पुस्तकें दर्पण छवि में लिख चुके हैं,सबसे पहली पुस्तक( ग्रन्थ) "श्री भगवद्गीता"के सभी 18 अध्याय 700 श्लोक हिंदी व् इंग्लिश दोनों भाषाओं में लिखा हैं इसके अलावा पीयूष ने हरिवंश राय बच्चन जी द्वारा लिखित पुस्तक "मधुशाला"को सुई से लिखा हैं ,और ये दुनिया की पहली पुस्तक हैं जो सुई से व् दर्पण छवि में लिखी गई हैं इसके बाद रबीन्द्रनाथ टैगोर जी की पुस्तक "गीतांजलि"( जिसके लिए रबीन्द्रनाथ टैगोर जी को सन 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला था) को मेहंदी कोन से लिखा हैं.रबीन्द्रनाथ टैगोर जी पहले भारतीय व् पहले एशियाई भी थे जिनको साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला. पीयूष ने विष्णु शर्मा जी की पुस्तक "पंचतंत्र"को कार्बन पेपर से लिखा .अटल जी की पुस्तक "मेरी इक्यावन कवितायेँ"को मैजिक शीट पर लकड़ी के पैन से लिखा और अपनी लिखित पुस्तक "पीयूष वाणी" को फैब्रिक कोन लाइनर से लिखा हैं सं 2003 से 20015 तक 16 पुस्तके लिख चुके हैं.
1. श्री भगवद्गीता में कितने अध्याय व् श्लोक हैं.......१८ अध्याय 700 श्लोक.
2. पीयूष गोयल दर्पण छवि में कितनी पुस्तकें लिख चुके हैं .....१६ पुस्तकें.
3. मधुशाला के लेखक कौन हैं ..... हरिवंश राय बच्चन
4. दुनिया की पहली पुस्तक जो सुई से व् दर्पण छवि में लिखी गई हैं ...... मधुशाला.
5. प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुस्तक का क्या नाम हैं ....मेरी इक्यावन कवितायेँ.
6. मधुशाला को सुई से व् दर्पण छवि में किसने लिखा ....पीयूष गोयल.
7. गीतांजलि के लेखक का नाम..... रबीन्द्रनाथ टैगोर.
8. पीयूष ने मेहंदी कोन से कौन सी पुस्तक दर्पण छवि में लिखी ....गीतांजलि.
९.प्रथम भारतीय व् प्रथम एशियाई जिनको साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला पुस्तक का नाम व् सन .... रबीन्द्रनाथ टैगोर, गीतांजलि,1913.
10. पंचतंत्र के रचयिता का नाम .....विष्णु शर्मा.
11. दर्पण छवि व् कार्बन पेपर द्वारा लिखी गई पुस्तक का नाम .... पंचतंत्र. 1.जिंदगी को अगर किसी का सहारा लेकर जिओगे एक दिन हारा हुआ महसूस करोगे. 2.किसी काम की करने की नियत होनी चाहिए टालने से काम नहीं चलने वाला. 3.आपके सपनो में बहुत के सपने छिपे हैं ...अपने सपने पुरे करो. 4.सोचना मेरी आदत...लगन मेरा समर्पण....जिद्द मेरी सफलता. 5.जिनकी नींव मजबूत उनकी विन(win) निश्चित हैं. 6.मेरे लिए आलोचना करना चना चबाने जैसा हैं 7.चुनौतियों की चिंता न करो चिंतन करो चुनौतियां हर समय किसी न किसी रूप में आपके साथ चल रही हैं 8.उतनी इच्छायें पालो जीतनी पा लो 9.जो संघर्ष करते हैं वो जानते हैं मेहनत का कोई विकल्प नहीं हैं. 10.अगर आपके कदम में दम हैं आपका कद कभी छोटा नहीं होगा क(दम)... (कद)म. 11.जिंदगी में सीखने का मौका जहाँ भी मिले अवश्य सीख लो पता नहीं कहाँ काम आ जाये और साथ साथ साझा भी करते चलो पता नहीं कब किसके काम आ जायें. 12.जो कामयाबी बहुत प्रयासों के बाद मिलती हैं उसका एहसास अतुलनीय हैं. 13.हर काम पहले मुश्किल दिखता हैं पर होता नहीं 14.लगातार प्रयास करना मेरा काम हैं और मैं प्रयास करता रहूँगा जब तक मैं कामयाब न हो जाऊं. 15.कुछ नहीं करना बस जिंदगी की तराजू को बराबर तोलते चलो.