पाँच रुपये ने ज़िंदगी बदल दी……. Piyush Goel द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

पाँच रुपये ने ज़िंदगी बदल दी…….

दोस्त,ज़िंदगी में जब भी सुनहरा मौक़ा मिले उस अवसर को हाथ से जाने ना दो , इस कहानी के माध्यम से ये ही बताना की कोशिश की गई . एक क़स्बे में एक धनाढ्य सेठ रहते थे बड़े ही परोपकारी व पूजा पाठ वाले इंसान थे . एक दिन सेठ जी पूजा करके घर की और लोट रहे थे रास्ते में एक भिखारी मिला और सेठ जी से पाँच रुपये माँगे, पता नहीं सेठ जी के क्या मन में आया भिखारी को बोले ठीक हैं तुझे मैं पैसे दूँगा लेकिन मेरी एक शर्त हैं ….भिखारी बोला जी क्या शर्त हैं तेरे को मैं पाँच रुपए प्रति दिन के हिसाब से दूँगा तुझे एक काम करना होगा तुझे प्रतिदिन मंदिर आकार भगवान की पूजा करनी होगी ये कह कर सेठ जी आगे चल दिए. सेठ जी अपने रास्ते भिखारी अपने रास्ते …. अगले दिन जैसे ही सेठ जी मंदिर से बाहर निकले भिखारी सेठ जी का इंतज़ार कर रहा था देखते ही सेठ जी से बोला सेठ जी मुझे आपकी शर्त मंज़ूर हैं. समय गुजरता रहा अब तो दोनो मंदिर पर रोज़ाना मिलने लगे सेठ जी को भी लगा भिखारी में कुछ तो बदलाव हैं कुछ तो बदल रहा हैं चलो मेरी शर्त से किसी के जीवन में बदलाव हैं ये सेठ जी मन में सोच रहे थे . महीना हो चला था भिखारी सेठ जी की दुकान पर पहुँच कर सेठ जी के पैरो को छुआ और कहने लगा आपकी एक बात ने मेरे जीवन में बदलाव ला दिया और यह कह कर चल दिया.सेठ जी ने भिखारी को रौका और अपनी शर्त के पैसे लेने को कहा. पहले तो मना करने लगा पर सेठ जी बोले नहीं ये तो पैसे तुम्हारी शर्त की जीत कै हैं ये तो तुमको लेने पड़ेंगे बड़े अनुरोध करने पर भिखारी ने पैसे लिए …. समय गुजरता रहा ऐसे ही शर्त पूरी करता रहा …. एक दिन भिखारी सेठ जी दुकान पर आया और पैर पकड़ कर बोला आज आप से कुछ माँगने आया हूँ अगर आप अनुमति दे तो सेठ जी बोले हाँ ज़रूर कहो क्या चाहिए सेठ जी मुझे १०,००० रुपये चाहिए सेठ जी पहले तो तोड़ी सी शंका में पड़ गए पर कुछ पल के सोचने के बाद कहा ठीक हैं ये लो १०,००० रुपए … भिखारी रुपए लेकर चला गया समय गुजरता गया सेठ जी को थोड़ी चिंता तो थी पर एक बात से बड़े ही सन्तुष्ट थे की घर में किसी को नहीं पता था तो चिंता सिर्फ़ सेठ जी को थी और इस बात की भी थी चलो आगे आने वाले कई वर्षों के शर्त के पैसे चले गए लेकिन कई बार बिना स्वार्थ के किए गए काम का रिज़ल्ट आशा से कही अधिक होता हैं और हुआ भी वो ही. क़रीब १० साल बाद वो भिखारी सेठ जी दुकान पर आता हैं और सेठ जी के पैरो को छूँ कर सेठ जी के पास बैठ जाता हैं लेकिन सेठ जी पहचान नहीं पाते और पूछते हैं कौन हो मैं पहचान नहीं पाया … सेठ जी मैं वो ही भिखारी जिस से आप ने शर्त रखी थी … सेठ जी बोले कितना बदल गया हैं पहचान में भी नहीं आ रहा हैं और आज कल क्या कर रहे हो … भिखारी बोला सब बताऊँगा पर आपको अपने पूरे परिवार के साथ मेरे साथ चलना होगा सेठ जी बोले लेकिन कहा आप चलो तो सही क़रीब दो घंटे सफ़र के बाद एक होटल के सामने गाड़ी रुकती हैं और जो सम्मान सेठ जी का होता हैं सेठ जी समझ नहीं पाते भिखारी सेठ जी को होटल में अंदर ले जाता हैं और होटल की चाबी सोपते हुए बोलता हैं ये आपका ही होटल हैं और इसका नाम भी सेठ जी के नाम पर था सेठ जी के सम्मान में एक सुंदर आयोजन किया गया था उस भिखारी ने सब कुछ बताया कैसे मेरी ज़िंदगी इस व्यक्ति ने बदल दी ….ना मैं मंदिर के सामने सेठ जी से मिलता ना सेठ जी शर्त रखते … (परिस्थितियों ने मुझे भिखारी बना दिया था)पर अगले दिन में सेठ जी की शर्त इस लिए मान ली की कि मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं हैं पाने के लिए बहुत कुछ हैं मेरे पास अवसर आया और उस अवसर को मैं जान गया इस व्यक्ति को क्या लाभ अपनी जेब से पैसे दे किसी नेक काम के लिए … और मेरे मन में ये बात आईं अवसर ने पुकारा हैं इसको हाथ से जाने नहीं दूँगा और ये भी जानता हूँ मेहनत को कोई विकल्प नहीं हैं मेहनत तो हर काम में करनी होती हैं और की भी और ईश्वर के आशीर्वाद से आज मैं बहुत खुश हूँ इस होटल की चाबी सेठ जी को सोपते हुए आज जो भी हैं सब इनके माध्यमसे सेठ जी ने उसको गले से लगा लिया …. लेकिन सेठ जी मैं आप से एक बात पूछना चाहता हूँ … आपने क्या सोच कर शर्त रखी थी सेठ जी बोले ये सब कुछ अचानक हो गया मैंने भी नहीं सोचा था उस शर्त का इतना बड़ा सम्मान मुझे और मेरे परिवार को मिलेगा …. अंत में एक ही बात समझ में आती हैं आप सच्चे हो अच्छे हो और ईमानदारी से लगन से क़िसी भी काम में लगे हो … अवसर ज़रूर मिलेंगे और सफल भी होंगे.) by Piyush Goel.Friends, whenever you get a golden opportunity in life, just grab it.
A rich man, Sethji lived in a town, he was a very philanthropist and a man of worship. One day while he was returning home from the temple, he met a beggar on the way who asked for five rupees from him. After thinking for a while, he told the beggar, “I will give you money but I have one condition, I will give you five rupees per day, you will have to do one thing. Every day you need to come to the temple and worship God,” saying that Sethji went ahead. The next day, as soon as Sethji came out of the temple, the beggar was waiting, on seeing Sethji he said, “I accept your condition.”
Time kept passing, and Sethji started meeting daily at the temple. He noticed that there was some change in the beggar, but he did not ask anything. It had been a month and the same routine was followed without a word. One day the beggar reached Sethji’s shop and touched his feet and said, “Sir you have changed my life”, and saying this, he left. Sethji stopped the beggar to give money as per their condition. The beggar refused to take it but Sethji insisted, saying you have followed the conditions so you will have to take it. The beggar took the money.
Days kept passing and the beggar kept fulfilling the condition in the same way…. One day the beggar came to Sethji’s shop and touched his feet and said, “Today I have come to ask something from you if you permit,” Sethji said, “yes sure, what do you want?” “Sethji, I want 10,000 rupees,” said the beggar. Sethji was in doubt at first, but after thinking for a few moments he said, “Okay, take these 10,000 rupees. The beggar thanked him and went away with the money. Time passed, Sethji was worried that he had given such an amount to a beggar. Then he thought maybe it was destined.
After about 10 years, a man comes to Sethji’s shop, touches his feet and sits beside him but Sethji does not recognize him and asks, who are you?
Sethji, I am the same beggar with whom you had placed a condition. Sethji was surprised to see him after so many years. He had left the hope of ever seeing him and had almost forgotten about it. The beggar requests Sethji to come along with him. Sethji was a little hesitant but agreed to go with him. After travelling for about two hours, the car stopped in front of a hotel and he was welcomed with great respect. Sethji does not understand, the beggar takes Sethji inside the hotel and hands over the key to the hotel. “This is your hotel.” The beggar says. A beautiful event was organized in the honor of Sethji, in his speech, while thanking Sethji the beggar how Sethji had changed his life…. Circumstances made me a beggar but I accepted Sethji’s condition where I had nothing to lose, I had a lot to gain, I got an opportunity and I took it.
And this came to my mind, I will not let it go out of my hands and I also know that there is no alternative to hard work. With Sethji’s help and with the blessings of God, today I have reached here. I am very happy and thankful to Sethji. I don’t know what made Sethji keep this condition for me and why did l accept it. But now I realise, it was an opportunity door that God had opened for me and
I grabbed it. If you are good nothing can go wrong with you. If you are sincere and hardworking you will get opportunities and you will be successful too.