युद्ध का रण - 02 Mehul Pasaya द्वारा पौराणिक कथा में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

युद्ध का रण - 02

महाराज : आज की सभा मे ये पेहली शिकायत यही पे पुर्ण होती है. कृपया दुसरी लोगो को भेजो जिनकी सम्श्याए हो.

दास : दूसरे शिकायत वाले को बुलाया जा रहा है. कृपया हाजर हो.

मिठू : महाराज मेरा नाम मिठू है. और मेरी समश्या ये है की मेरी गाय नही मिल रही है.

महाराज : अरे काफी विचलित शिकायते आ रही है. किसी की जाल गुम हो जाती है. किसी की गाय चोरी हो जाती है. ये हो क्या रहा है. शिपाईयो जाओ और इनकी गाय ढूंड के दो इस मिठू भाई को.

मिठू : धन्यवाद महराज.

《 दूसरे कक्ष मे... 》

महाराणी वन्दना : पता नही इस गाव मे हो क्या रहा है. इस गाव के राजा भी परेशान है. और अब उनकी भी दिन पे दिन उम्र बढती जा रही है. अब इस राज पाट को संभाल ने के लिए कोई तो चाहिए ना.

दासी कुमावती : महराणी जी आप क्यू फिक्र कर रहे है. इसके लिए आपके सुपुत्र करण है. ना वो फ़ीर सब संभालेंगे. वैसे भी वो तो तैयारी कर रहे है. इस 'देव गढ सालू' के लिए.

महाराणी वन्दना : हा दासी कुमावती बात तुम्हारी सही है. लेकिन करण कितना चोटा है.

《 तीसरे कक्ष मे... 》

रुद्र : अरे भैया संभाल कर कही गिर मत जाना वरना लग जायेगी.

करण : अरे नही अब मे बडा हो गया हू. मुझे ऐसी छोटी मोटी चौटो से कुच नही होता. और अब कुच ही वक़्त है. फ़ीर हम पार कर लेंगे ये परीक्षा.

《 देहरण खण्ड 》

महराज भुजंग : स्वागत है आपका इस देहरण खण्ड के राजा के महेल मे. तो बताईये कैसी सेवा कर सकते है आपकी. कैलाश जी

कैलाश : हेहेहे अरे महाराज आपके लिए एक खुश खबरी लेकर आये है. अगर आप एक बार ये खबर सून लोगे तो खुश हो जाओगे.

महाराज भुजंग : अरे वाह ऐसी तो कौनसी खबर लेकर आये हो हमारे लिए. हमे भी तो बताओ हमे भी तो पता चले.

कैलाश : पास के जो देव गढ सालू भाग है. पुर्व की दिशा मे. उस शाम राज्य के राजा अब खुद से बे काबू हो गए है. तो ये सही मौका है. की हम वहा पे कब्ज़ा कर ले.

महराज भुजंग : अरे वाह कैलाश जी आप तो सच मे बहुत अच्छी खबर लेकर आये हो. हम अभी वहा पे अपनी सेना को भेजता हू. मेरी सेना को मेरा आदेश पहुचाया जाये. की अगले सुर्यास्त तक मुझे देव गढ सालू की गादी चाहिए. किसी भी परिश्तीथी मे.

कैलाश : अरे जरुर महाराज क्यू नही. हम ही दे आते है. आपका आदेश.

《《《 अभी तक आपने जाना की कैसे देव गढ सालू के राजा ने दो लोगो की सम्श्याए हल कर दी और अब उस महराज के साथ और भी दुवेधाए कई सारि आने वाली है. और वहा दूसरि तरफ कैलाश ने महाराज भुजंग को बता दिया था. की अब वक़्त आ गया है. अब देव गढ सालू के महाराज अब उनकी तबियत मे सेहत मन्द नही है. तो अब अब आगे क्या महराज भुजंग देव गढ सालू पे अपना कब्ज़ा जमा पायेगा जान्ने के लिए पढते रहे यौध का रण 》》》

《 पढ्ना जारी रखे... 》