नफरत से बंधा हुआ प्यार? - 32 Poonam Sharma द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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नफरत से बंधा हुआ प्यार? - 32


देव अपने ऑफिस रूम में कुछ काम कर रहा था जब उसने बाहर से एक बड़े से धमाके की आवाज़ सुनी। वोह धमाका इतना बड़ा था की उसे अपने पैरों पर ज़मीन की भी हलचल महसूस हुई।

वोह तुरंत अपनी सीट से उठा और सबिता के ऑफिस की तरफ भागा। "सबिता!" उसने चिल्लाते हुए उसे पुकारा और उसके दरवाज़े पर नॉक किए बिना दरवाज़ा पर धक्का देते हुए अंदर घुस गया।

सबिता अपने रूम में बिलकुल बीचों बीच खड़ी थी और अपनी बंदूक को सही से उसके खोल में रख रही थी।

"तुम ठीक हो? देव ने पूछा।

"हां! क्या हुआ है?" सबिता ने पूछा और दोनो बाहर की तरफ भागे।

"कुछ पता नही। मैने बस एक धमाके की आवाज़ सुनी थी। मुझे लगता है किसी ने हम पर हमला कर दिया है। मैं चाहता हूं की तुम यहां से जल्द से जल्द निकल जाओ और मैं यहां सब संभाल लूंगा। जब सब ठीक हो जायेगा तब मैं तुम्हे बुला लूंगा।"

सबिता रुकी और उसकी तरफ पलटी। वोह उसे घूर कर देखने लगी।
"तुम पागल हो गए हो क्या?" सबिता ने कहा। "मैं कभी भी अपने लोगों को यहां खतरे में छोड़ कर नही जाऊंगी। मैं कोई फूल कुमारी हूं जिसे सुरक्षित रखने की जरूरत है और बड़े और ताकतवर आदमी दुनिया को बचाए। ऐसा मेरे सामने दुबारा मत बोलना।"

देव बस उसके लिए चिंतित था। उसने झल्ला कर कहा, "ठीक है।"

जैसे ही वोह दोनो बाहर धमाके की तरफ पहुंचे उन्होंने देखा हवा में बस धूल ही धूल थी। खासते हुए वोह दोनो उस तरफ गए जहां सभी लोग इकट्ठा हो रखे थे।

"क्या हुआ?" देव ने अपने एक आदमी से पूछा।

"किसी ने ग्रेनाइड फेका है, शायद।"

"अपने कुछ लोगों को भेजो और पता करो कहां से फेका गया था।" देव ने आदेश दिया। "मुझे लगता है जिसका भी काम है वोह जरूर यहीं कहीं होगा।"

इसी बीच सबिता ढूंढते हुए आराम से ध्रुव को पुकार रही थी। "ध्रुव," उसने आवाज़ दी।

ध्रुव भीड़ और धूल की धुंध से निकल कर सामने आया, "यस मैडम?"

"मैं चाहती हू की तुम अपने कुछ आदमियों को लेकर सिंघम्स के आदमियों के साथ जाओ और ढूंढो उसे। मुझे वोह आदमी, जो इसके लिए जिम्मेदार है, आज शाम तक मेरे सामने चाहिए वोह भी ज़िंदा।"

"श्योर, मैडम।" ध्रुव ने कहा और वापिस गायब हो गया धूल में।

उसके बाद देव और सबिता लोगों को चैक करने लगे की कहीं कोई घायल तोह नही हुआ और अपने कंस्ट्रक्शन के भी मुआयने करने लगे की कितना नुकसान हुआ।

"अब हमें दो महीने ज्यादा लगेंगे काम खतम करने में।" देव ने मुआयने के बाद गुस्से और निराशा से कहा।

सबिता ने भौंहे सिकोड़ते हुए उसे देखा। "हम और ज्यादा वर्कर्स लगा देंगे और जल्द ही खतम करने की कोशिश करेंगे।" सबिता ने कहा।

देव ने सहमति जताते हुए सिर हिला दिया क्योंकि यही बेस्ट सॉल्यूशन लग रहा था।


****

एक घंटे बाद एक आदमी पकड़ा गया।

"बताओ, किसने भेजा तुम्हे यहां यह करने के लिए।" देव ने उस पर चिल्लाते हुए पूछा।
एक दूसरे कमरे में ले जा कर देव उस पर मुक्के पर मुक्के जमा रहा था।

दर्द से तड़पने और चिल्लाने के अलावा वोह आदमी कुछ नही बोल रहा था।

"बता?" देव ने गुस्से से एक आखरी बार ज़ोरदार लात मारी और फिर नाराजगी से पलट गया। वोह अपने पसीने से भीगे हुए चेहरे को माथे की तरफ से पोछने लगा।

सबिता उसी रूम में चुपचाप बैठी सब देख रही थी और उसका पर्सनल बॉडीगार्ड उसे कुछ बता रहा था।

"हम जानते हैं की यह सेनानी है," देव ने सबिता को बताया। "मुझे ऐसा लग रहा है की जरूर सेनानी फैमिली के अंदर का ही कोई है जिसने इससे यह करवाया।"

सबिता ने सिर हिलाया और फिर वो चेयर से उठ खड़ी हुई। वोह चलती हुई उस आदमी के पास गई और उससे दो कदम की दूरी पर रुक कर आराम से पूछा, "नाम?"

वोह आदमी चुप रहा लेकिन देव देख सकता था की वोह आदमी कांपने लगा था।

सब ने सबिता प्रजापति के टॉर्चर करने के तरीके को सुना था। चारों तरफ अफ़वा थी की वोह बेरहमी से टॉर्चर करती है। देव ने सुना था किसी से की सबिता जिसको भी टॉर्चर करती है वोह मरने की दुआ करता है। उसने किसी और से सुना था की वोह जिसको भी टॉर्चर करती है वोह इतना डर जाता है की रात में सपनो में भी डरता है।

देव अब साक्षी बनने वाला था सबिता के टॉर्चर का।

"मैं तुम्हे एक मिनट का समय देती हूं इससे पहले की मैं तुमसे अपनी तरीके से बुलवाऊं।" सबिता ने उस आदमी से कहा।

देव ने नोटिस किया था की सबिता सभी से प्यार से और आराम से ही बात करती थी। वोह शायद ही किसी से ऊंची आवाज़ में बात करती थी। देव जनता था की चिल्ला के बात करने से ज्यादा शांत आवाज़ में बात करने से सामने वाले पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है और वोह ज्यादा डरता है।

"तुम्हे दिया हुआ एक मिनट खतम होता है।" सबिता ने कुछ देर इंतजार करने के बाद कहा।

उसने उस आदमी के चारों ओर चक्कर काटना शुरू कर दिया। "हजारों लोग..... घड़ी की सुई की तरह लगातार काम करते हैं..... सिर्फ अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए और अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए। और तुमने क्या किया?" सबिता ने अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए पूछा। "तुम उन लोगों से मिल गए जो हमसे किसी छोटे या फालतू के कारण से बदला लेना चाहते हैं।"

सबिता के बॉडीगार्ड ने सबिता के हाथ पर थम्बस्क्रू (अंगूठे को मरोड़ने का औजार) रख दिया।

"सबसे पहले तुम्हारे राइट हैंड के अंगूठे से शुरुआत करते हैं, शुरू करें?" सबिता ने कहा। "ताकि तुम फिर कभी भी ग्रेनाइड नही फेक सको, और हमारी सारी मेहनत को बर्बाद ना कर पाओ।"

वोह आदमी लंबी लंबी सांसे लेने लगा।

थोड़ी देर में ही चारों ओर बुरी तरह चिल्लाने की आवाज़ गूंज उठी। सबिता ने उसकी दो उंगलियां थम्बस्क्रू से तोड़ दी। उसके बाद उस आदमी ने अपना नाम बता दिया।

****

सबिता अपने ऑफिस रूम में लगे वाशबेसिन में अपने खून से सने हाथ धो रही थी जब उसके ऑफिस रूम का दरवाज़ा किसी ने खोला। उसने नैपकिन उठा कर अपने हाथ को सुखाया।

उसने जानबूझ कर अपनी नज़रों को उठा कर नही देखा। वोह जानती थी की देव अब उसे घृणा की नज़रों से देखेगा। यहां तक की सबसे कट्टर आदमी भी मुंह मोड़ लेगा जो उसने अभी अभी किया। उसने सोच लिया था की वोह निराश नही होगी अगर देव ने उससे कहा की अब वोह उसके साथ आगे कोई संबंध नहीं रखेगा।

उसने सोचा की अगर यह रिश्ता अच्छे नोट पर खतम हो, अच्छी यादों के साथ, तो ज्यादा अच्छा है।

जब थोड़ी देर तक भी चुप्पी छाई रही तोह सबिता ने अपनी नज़र उठा कर देखा की देव कुछ बोल क्यों नही रहा। सबिता के हाथ नैपकिन से पोछते हुए रुक गए जब उसने देव के चेहरे के भाव देखे। उसके चेहरे पर घृणा के भाव बिलकुल नहीं थे।

उसकी जंगली आँखों में खून की लालसा साफ झलक रही थी, लेकिन एक और तरह की वासना भी थी।

"डैट् वॉस सो फक्किंग हॉट," देव गुर्राया और धीरे धीरे उसके नज़दीक बढ़ने लगा।

सबिता ने अपनी भौंहे सिकोड़ी और पूछा, "व्हाट वास?"

"यू। जो तुमने किया उस आदमी के साथ।"

सबिता को बहुत आश्चर्य हुआ, जो वोह सोच रही थी देव ने ऐसा कुछ नही किया।
"तुम्हे लगता है किसी को टॉर्चर करना हॉट है?" सबिता ने पूछा।

"नही। मुझे तुम हॉट लग रही थी उस वक्त जब तुम उस बास्टार्ड को टॉर्चर कर रही थी जो की उसी लायक था। मेरा तोह मन कर रहा था की तुम्हे उसी वक्त अपनी बाहों में समेट लूं और तुम्हे चूम लूं लेकिन मैने कैसे अपने आप को रोका मैं ही जानता हूं।"

सबिता ने अपना सिर हिलाया। "तुम पागल हो जो की मेरे बारे में उस तरह से सोच रहे थे जिस वक्त मैं किसीको टॉर्चर कर रही थी।"

"क्यों?" देव ने पूछा और उसके शर्ट के बटन को खोलने लगा। "मुझे पूरा हक है यह सोचने का की मेरी गर्लफ्रेंड कितनी हॉट है जब वोह किसी बुरे इंसान को टॉर्चर करती है तब भी।"

"मुझे उस नाम से मत बुलाओ!" सबिता बोली पर फिर हल्की सी मुस्कान बिखर गई उसके चेहरे पर।

देव कुटिल लहज़े में मुस्कुराया। "यू आर माई गर्लफ्रेंड, बेबी!" देव ने कहा और उसके हाथ सबिता के शरीर पर इधर उधर फिसल रहे थे। "इतनी हॉट गर्लफ्रेंड शायद ही किसी की होगी। डैम! उस सीन ने तोह मुझे तुम्हारे लिए और भी पागल कर दिया। मैं उम्मीद करता हूं की तुम बुरा नही मानोगी अगर मैं अभी फोरप्ले ना करूं तोह। मैं बाद में कॉटेज पर जाके सारी भरपाई कर दूंगा।"

सबिता ने अपनी आंखे अविश्वास से बार बार झपकाई। "ज्यादा एक्साइटेड मत हो, सिंघम। यह नॉर्मल सी बात है मेरे लिए, जब भी जरूरत पड़ती थी मैं ऐसा ही करती थी।"

"जानता हूं। लेकिन मैने तुम्हे इससे पहले एक्शन में कभी देखा नहीं था ना।" देव ने कहते हुए चालाकी से सबिता को बैड पर लेटा दिया।

"यू आर क्रेज़ी," सबिता ने हाफते हुए कहा और देव को कस कर पकड़ लिया। हमेशा की तरह उसका दिमाग और शरीर दोनो ही तैयार था देव के लिए।

"यस, बेबी," देव ने फुसफुसाते हुए बड़बड़ाते हुए कहा। "क्रेज़ी फॉर यू, ओनली फॉर यू।" इसके बाद देव ने अपने होंठ सबिता के होंठ पर रख दिए। दोनो के बेचा इंटेन्स किस चलता रहा।

दोनो ने अपना कंट्रोल खो दिया और एक दूसरे को सरेंडर कर दिया।

****

काफी देर बाद, जब उन्होंने ऑर्डर दिया था की धमाके के नुकसान से जो गंदगी हुई उसे साफ करदें, उन्होंने निरक्षण किया और दोनो कॉटेज के लिए निकल गए। और फिर कहीं से शुरू हो गए जहां पर खतम किया था।

लगभग सुबह हो गई थी, जब वोह शांत होकर एक दूसरे की बाहों में चुपचाप लेटे हुए थे।

सबिता ने कुछ देख कर अपनी भौंहे सिकोड़ी। क्योंकि देव का हाथ सबिता की कमर पर लपेटे हुए उसके पेट पर था और सबिता की पीठ देव के सीने से लगी हुई थी। देव ने बिलकुल भी उसे सेक्सुअली नही पकड़ा हुआ था बस ऐसे ही गले लगा रखा था।

फिर देव ने कुछ ऐसा किया जिससे सबिता की भौंहे और ज्यादा सिकुड़ गई। देव ने अपनी उंगली से पहले उसके हाथ की रेखाओं पर चलाया और फिर उसकी हथेली को प्यार से चूम लिया।

सबिता उसकी बाहों में कुनमुना ने लगी। वोह असहज हो कर निकलने की कोशिश करने लगी।

देव ने उसे वापिस खीच लिया और कस कर बाहों में दबा दिया जैसे वोह कोई उसका टैडी बियर हो सॉफ्ट सा क्यूट सा।

"सिंघम बेहतर होगा की तुम मुझे जाने दो, मैं कोई खिलौना या गले लगाने की चीज़ नही हूं।" सबिता ने चेतावनी देते हुए कहा।

देव ने हसीं उड़ाते हुए अपने हाथ और कस दिए। "यहीं, तो तुम गलत हो, प्रजापति। मुझे पता है तुम भी एंजॉय करोगी। और अगर नही, तोह अच्छा होगा की आदत डाल लो। जैसा की तुम मेरा साथ एंजॉय करोगी जब हम डेट पर जायेंगे।"

सबिता ने अपनी भौंहे फिर सिकोड़ ली। देव शायद गले लगाने के बारे में सही हो की सबिता को अच्छा लगने लगेगा, लेकिन वोह डेट पर जाने के मामले में सही नही है। "मैं डेटिंग पर जाने वाली टाइप की लड़की नही हूं, सिंघम।"

देव ने सबिता को अपनी तरफ पलट दिया और उसकी तरफ मुस्कुराते हुए देखने लगा। "तोह फिर तुम बनने की तैयारी शुरू कर दो। तुम मेरे शरीर का अपने हिसाब से पूरा इस्तेमाल करती हो, कम से कम मेरा तुम्हारे साथ एक बार डिनर पर जाना तोह बनता है। क्या तुम मुझे डिनर पर भी नही ले जा सकती।"

"तुम बिलकुल गधे हो," सबिता ने भी उसी तरह मुस्कुराते हुए कहा।

देव मुस्कुराया। "जानता हूं, मैं हूं। बट कम ऑन, प्रजापति। मुझे ट्रीट के लिए इनवाइट तोह करो।"

"तुम जब भी किसी लड़की के साथ डेट पर जाते हो तोह क्या उनसे बिल भरवाते हो?" सबिता ने उत्सुकता से पूछा। "मुझे कोई हैरानी नहीं होगी की वोह इसी वजह से तुम्हारे साथ थोड़े वक्त ही रहती होंगी, और जल्द ही भाग जाती होंगी।"

देव ज़ोर से हसा। "नही ऐसा नहीं है। मैं ही हमेशा पे करता हूं। पर तुम्हारी बात अलग है।" देव ने उसे अर्थपूर्ण दृष्टि से देखा। "पर तुम्हे पता है क्या? मैं तुम्हे पहले एक जगह ले जाना चाहता हूं। मैं काफी समय से तुम्हे वहां ले जाने की सोच रहा था। और फिर हम उसके बाद डिनर पर चलेंगे।"

सबिता ने पहले सोचा और फिर सिर हिला दिया। "ठीक है, लेकिन मुझे पहले अपना शेड्यूल देखना होगा की किस शाम को मैं फ्री हो सकती हूं।"

देव ऐसे मुस्कुराया जैसे कोई लॉटरी लग गई हो उसकी।

सबिता जानती थी की उसे अब कुछ ही मिनट में जाना होगा, तोह उसने वापिस उसकी बाहों में आने से मना कर दिया। उसने अपना सिर उठा कर देव की तरफ देखा और प्यार से कहा, "किस मी।"

तुरंत ही, देव के चेहरे से हसी गायब हो गई और सबिता को शिकारी की नज़रों से देखने लगा। "श्योर, मैडम।" देव ने ध्रुव की मिमिक्री करते हुए कहा।

और फिर अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए। देव ने अपने बड़े बड़े हाथों से सबिता को जकड़ लिया और रोल करते हुए उसके ऊपर आ गया। वोह दोनो एक दूसरे को इंटेंसली किस किए जा रहे थे।































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(पढ़ने के लिए धन्यवाद)
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