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नफरत से बंधा हुआ प्यार? - ट्रेलर

वोह दोनो एक दूसरे से बुरी तरह लड़ रहे। लड़ते हुए इस बात का भी ध्यान रख रहे थे की कही गुस्से और झगड़े की वजह से एक दूसरे को मार ही ना डाले।
वह ये भी अच्छे से जानते थे की अगर उन दोनो में से किसी एक को भी कुछ हुआ तो कल होने वाली सिंघम और प्रजापति की शादी रुक जायेगी जो दोनो ही नहीं चाहते थे। कमरे में दोनो के ही चिल्लाने की आवाज़ें आ रही थी लेकिन सन्नाटा तब हुआ जब उस लड़के यानी "देव सिंघम" ने मौका मिलते ही उस लड़की यानी "सबिता" को झटके से खीच कर बैड पर लेटा दिया और उसके ऊपर आके उसके दोनो हाथ अपने एक हाथ से बैड पर ही सटा के कस कर पकड़ लिए।
सबिता ने बहुत कोशिश की उससे छूटने की पर देव उसे कस कर दबोचे हुए था।
"तुम मुझसे नही बच सकती" देव ने अपनी जलती हुई निगाहें उस पर डालते हुए कहा।
सबिता के हाथ देव को धक्का देने की कोशिश में रुक गए और अब वो उसे गौर से देख रही थी।
अब सिर्फ दोनो की चढ़ती उतरती सांसों की ही आवाज़ कमरे में आ रही थी।
सबिता जानती थी उसे जल्दी ही कुछ करना पड़ेगा वरना वो देव से बच नही पाएगी। उसे हर हाल में ही यहां से निकलना होगा आखिर उसकी शादी है कल अभय सिंघम से।

पर पहले इस बेवकूफ को अपने ऊपर से हटाना होगा तभी तो यहां से निकल पाएगी।
एक पल कुछ सोचने के बाद उसने अपनी आंखें देव के चेहरे पर टिका दी और उसे प्यार से निहारने लगी। वोह भी उसके चेहरे की तरफ ही देख रहा था। पूरे कमरे में शांति पसरी हुई थी। सबिता ने अब अपनी नज़र उसके होटों पर टिका दी। उसकी नज़रों का पीछा करते हुए देव को जब ये पता चला तो उसकी सांसें ऊपर नीचे होने लगी वोह लंबी लंबी सांसे लेने लगा। सबिता के लबों पर मुस्कान खिल गई लेकिन उसने जल्द ही छुपा ली। अब जान बूझ कर सबिता भी लंबी लंबी सांसे भरने लगी जो देव को अपनी तरफ आकर्षित करने का काम कर रही थी।
देव की आंखें चमक उठी और वासना से भर गई अगले ही पल उसने सबिता के लबों को अपने गिरफ्त में ले लिया और उसे चूमने लगा। उसने उसके हाथों को भी छोड़ दिया ताकि उसे कस कर पकड़ सके उसके मखमल से सॉफ्ट बदन पर अपने हाथ फिसला सके।

देव के छूते ही सबिता के बदन पर एक सिरहन सी दौड़ गई पर उसने जल्द ही उसे नजरंदाज कर दिया। उसने भी देव की पीठ पर अपनी पकड़ बना ली और धीरे धीरे अपने हाथों को नीचे ले जाने लगी जैसे ही उसके हाथ देव के थाईज तक पहुंचे उसकी जेब में रखा छोटा सा चाकू उसने झटके से निकल लिया। चाकू म्यान में से निकलने की आवाज़ भी हुई लेकिन इससे देव को कोई फर्क नहीं पढ़ा या उसने ध्यान ही नही दिया उसका ध्यान तो सिर्फ सबिता को चूमने में लगा हुआ था वो लगातार उसे बेहताशा चूमे जा रहा था।
सबिता ने फायदा उठाते हुए बिना वक्त गवाए उसके थाईज में बेदर्दी से चाकू घोप दिया। आआआह्ह..... जैसे ही उसको एहसास हुआ की उसके साथ क्या हुआ है वो दर्द से चिल्लाते हुए बैड पर ही दूसरी तरफ पलट गया और उसे गहरी नजरों से देखने लगा वह आश्चर्य था उसके मूव से। जैसे ही वो पलटा सबिता भी तुरंत उठ गई और बैड से उतरने को हुई पर तभी देव ने उसके पैर पकड़ लिए और उसे उतरने से रोक दिया। एक ज़ोर दार लात मारी सबिता ने देव को अपनी पूरी ताकत लगा के लेकिन देव की मजबूत पकड़ से वोह छूट नहीं पाई। देव ने एक हाथ से उसके पैर को पकड़े रखा जिसे सबिता नाकाम कोशिश कर रही थी छुड़ाने की और दूसरे हाथ से अपने थाईज से चाकू निकलने लगा। आआआआह्हह्ह.....फिर एक चीख निकली चाकू की नोक से उसकी खाल कट गई थी और खून बहने लगा।
देव की उसके पैर पर पकड़ ढीली हो गई और मौका मिलते ही सबिता दरवाज़े की तरफ भागी पर उसके पहुंचने से पहले ही देव ने जल्दी से आके पीछे से उसके बाल पकड़ लिए और खीच के उसे बैड पर वापिस पटक दिया। देव का लंबा चौड़ा और ताकतवर शरीर था जिसके सामने सबिता लाख कोशिशों के बाद भी टिक नहीं पा रही थी। दोनो फिर लड़ रहे थे सबिता लगातार स्ट्रगल कर रही थी उससे छूटने के लिए पर देव की ताकत के आगे टिक नहीं पा रही थी।

"मुझे जाने दो!....वरना में तुम्हे जान से मार दूंगी।" सबिता ने गुस्से से गरजते हुए कहा।

"तुम जानवरों जैसी हरकते करना बंद करदो,,,,वरना में भी तुम्हारे साथ ऐसा ही बरताव करूंगा।" देव ने भी लगभग उसी टोन में कहा। फिर उसके दोनो हाथों की कलाइयों को मरोड़ दिया और एक हाथ से ही कस कर पकड़ लिया।
दर्द से सबिता तड़प गई और आंसू की एक धारा बह गई।
दूसरे हाथ से देव ने नजदीक ही बनी खिड़की पर से पर्दा खीच दिया और उसके दोनो हाथों को कस कर बिस्तर के क्राउन से बांध दिया।

"तुम्हे मैं अपने भाई और परिवार की जिंदगी बर्बाद करने नही दे सकता। तुम तब तक यहीं रहोगी जब तक कल मेरे भाई की शादी नही हो जाती।" देव ने अपने शब्दों पर ज़ोर देते हुए गुस्से से कहा।

सबिता छूटने की कोशिश करती रही वोह जितनी कोशिश करती गांठ उतनी ही और कस जाती।

"मुझे जाने दो" वोह चिल्लाई। "तुम बहुत ही घटिया इंसान हो" उसने झल्लाते हुए कहा।

वोह बैड से उठ खड़ा हुआ और दर्द से कराह उठा जैसे ही उसने अपनी थाईज पर जख्म देखा। "शिट मैन!" वोह चिल्लाया जैसे ही उसने जख्म से खून बहता हुआ देखा।


वोह जो बनके दुश्मन मुझे जीतने को निकले थे,
कर लेते अगर मोहब्बत,
तोह में खुद ही हार जाता।


फिर एक आखरी बार वापिस उसे घूरते हुए देव कमरे से बाहर निकल गया और दरवाज़ा बंद कर दिया।





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