मोहल्ला-ए-गुफ़्तगू - 9 Deepak Bundela AryMoulik द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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मोहल्ला-ए-गुफ़्तगू - 9

9- मोहल्ला-ए-गुफ़्तगू

पूरी बेल जानें पर भी सविता ने फोन नहीं उठाया.. तो उसे चिंता हुई उसने उस दौरान 10-12 बार सविता को फोन किये जब कोई रिस्पॉन्स सविता की तरफ से नहीं मिले तो विकास ने उस मार्किट की हर दूकान पर जा जा कर दुकान दारों से पूछा सविता की फोटो भी अपने मोबाईल पर दिखाई लेकिन हर दुकानदार ने ये कह कर मना कर दिया के नहीं इस शक्ल की कोई महिला यहां नहीं आई थी तब वो शाम पांच बजे मूसा खेड़ी थाने पहुंचा और टीआई एस के प्रसाद को सारी घटना सुनाई थाने ने तात्तपरता के साथ कंट्रोल रूम को वायरलेस से सुचना देकर शहर की नेकेबंदी कर दी और सविता के फोटो को जारी कर दिया था मौके पर जा कर एस के प्रसाद और पुलिस टीम ने रात दस बजे तक छान बीन की क्योंकि मममले में तीन बाते शक के दायरे में आ रही थी. पहली ये कि अपहरण भी हो सकता था, दूसरा ये कि मामला गैंगरेप का भी हो सकता था और तीसरा ये जो आजकल कुछ ज्यादा ही चलन में हो रहा है यानि इश्क़ विश्क का.. इस के एवज में हमने एफ आई आर दर्ज़ कर के तफशिश जारी की लेकिन चौथे दिन दोपहर को विकास का फोन आया कि उसकी पत्नी सविता लौट आई है इतना सुनते ही पुलिस विकास के घर पहुंची सविता की हालत देख हमें बिलकुल भी ऐसा नहीं लगा कि उसका अपहरण या किसी रेप आदि जैसी वारदात कोई घटना घटी हो काफ़ी पूछ ताछ के बाद भी कोई बात सामने नहीं आई तो हमने विकास और सविता की काउंसलिंग करा कर घर भेज दिया था.. लेकिन दूसरे ही दिन विकास ने थाने में आकर आर थाना इंचार्ज से कहा कि उसकी पत्नी मेरे साथ रहने से मना कर रही है हमने सविता को थाने में बुला कर उसके ना रहने का कारण पूछा तो उसने इस बात को कबूल किया के वो अब विकास के साथ नहीं रहना चाहती है.. यानि वो इन तीन दिनों तक गायब थी वो अपने प्रेमी के साथ थी.. सविता को उसके पांच साल के मासूम बच्चे के भविष्य के बारे में कहा लेकिन इस बात का भी उस पर कोई असर नहीं हुआ तब हमने सविता के मायके से उसके घर वालों को बुला कर उसे उसके साथ सहरनपुर भेज दिया के कुछ दिन अपने घर वालों के साथ रहेगी तो शायद इश्क़ का ये बुखार उसके दिमांग से उतर जाए..लेकिन दस-पंद्रह दिन बाद खबर मिली कि विकास के साथ किन्ही अज्ञात लोगों ने रात में घर में घुस कर उसके साथ मारपीट की है जिसे अड़ोस पड़ोस के लोगोने उसे अस्पताल में एडमिट कराया है सूचना मिलते ही हम अस्पताल पहुँचे लेकिन विकास की हालत बातचीत करने की स्तिथि में नहीं थी.. अड़ोस पड़ोस के मौजूद लोगों से जानकारी इकठ्ठा की मालूम हुआ के विकास निहायती सीधा और सज्जन व्यक्ति था उसकी किसी से भी कोई दुश्मनी नहीं थी यही बात उसके काम करने की जगह से भी मालूम हुई हां मारपीट के समय उसका बच्चा गोलू विकास के पास ही था लेकिन वो सदमे में होने के कारण कुछ भी सही से नहीं बता पा रहा था.. जिसके चलते गोलू को हमने चाइल्ड केयर सेंटर की कास्टडी में भेज दिया.. और उसकी पत्नी और उसके घर वालों को सूचना दी लेकिन दो दिन तक कोई नहीं आया तो दाल में कुछ हमें काला नजर आया तो हमने सविता समेत उसके पूरे घर वालों को अपनी कास्टडी में लेकर इंदौर ले आये और कड़ी पूछ ताछ में सविता टूट गयी और जो बात सामने आई वो ये कि सविता कि सविता को राहुल से इश्क़ हो गया था और उन दोनों के सम्बन्ध भी थे जिस बात का विकास को कभी भी पता नहीं चल पाया था.. इसका मुख्य कारण विकास का नौकरी में अधिक समय तक उलझें रहना जिसका फायदा सविता और रोहन ने जम कर उठाया और ये सिलसिला पिछले दो साल से दोनों का चल रहा था.. तीन साल पहले ही विकास ने दिन रात मेहनत कर के सविता के नाम से मकान खरीदा था. सविता विकास से तलाक मांग रही थी विकास इस बात पर अडा था के मकान की रजिस्ट्री उसके नाम कर दें तो वो तलाक दे देगा.. इस बात को लेकर सविता ने अपने भाइयों को कहा के विकास उसे रखना नहीं चाह रहा है यानि अपनी गलतियों को छुपा कर उसने अपने पति के प्रति भाइयों को भड़काया जिसके चलते उसके भाइयों ने विकास को डराने धमकाने के लिए रात में सहरनपुर से आ कर मार पीट की जो कुछ ज्यादा ही हो गयी सविता ने सोचा था के भाइयों की दवीश के कारण विकास उसकी ज़िन्दगी से हट जाएगा और वो अपने प्रेमी के साथ आगे की ज़िन्दगी सुकून से गुज़ारेगी...

भाई जान.. क्या सुकून से गुज़ारेगी इस औरत ने तो सब की ज़िन्दगी खराब करके रख दी..

एसो का यही हस्र होता है.. नूर भाई आज कल के लोगों को क्या हो गया क्या कहें अच्छा भला हस्ता खेलता परिवार बिखर गया..

सर जी जिन लोगों की हसरतें अपनी औकात से ज्यादा होती है ना उनके साथ ऐसा ही होता है..

बिलकुल ठीक कहा आपने भाई सहाब आजकल लोग दूसरे की मेहनत का कमाया हड़पना चाहते है..ऐसे लोग किसी की मेहनत के मर्म को क्या समझेंगे.. लो भाई सहाब आपकी कटिंग हो गयी

अविनाश ने अपने बालों को आईने में देखते हुए हांथो से सवारा था

भाई जान लगे हाथ सेविंग भी कर ही दो.. (मेने नूर भाई से समय को देखते हुए कहा था )

जी जी भाई जान बस कर ही रहा हूं.. देखो इनकी शक्ल देखो ऐसी सकल के लोग भी इतने शातिर हो सकते है

वहां मौजूद सभी की नज़रे टीवी पर टिक गयी थी सविता और उसके प्रेमी को पुलिस हाथकड़ी डाले ख़डी थी और दूसरी तरफ उसके भाई भी पुलिस कास्टडी में खडे थे..

अरे....रे....रे....रे....! क्या इन तीनों भाइयों की मति मारी गयी थी जो अपनी बहन की बातों में आकर ऐसा जुर्म कर बैठे..?

अरे भाई जान अब इस औरत की शक्ल देखों किस एंगल से ये शातिर दिख रही है..

बिलकुल सही कहां अविनाश सर आपने ना जाने क्यों इस इश्क़ के चक्कर में ऐसा पागलपन कर बैठे

अरे भाईजान मोहब्बत ओहब्बत का मेल नहीं है पूरा का पूरा जिस्म और मकान को हड़पने का खेल था और वो वेचारा वेगुनाह तो फिजूल में मारा गया.. और इन लोगों की इस करतूत में उस बच्चे का क्या कसूर था.. उसकी तो पूरी ज़िन्दगी ही खराब हो गई..

इसीलिए लिए तो मैं कहता हूं अपना हो या पराया किसी की भी बात पर बिना जानें बुझे कोई कदम नहीं उठाना चाहिए... आह...

क क्या हुआ भाई सहाब..?

नूर भाई का उस्तरे वाला हांथ एक दम से रुक जाता है..

ओह यहां फुंसी उठ आई है उस पर कट लग गया.

नूर भाई ने फ़ौरन फिटकरी का पानी एक सीसी से हथेली पर उडेल कर और उंगली से उस कटी हुई जगह पर लगाया..

माफ करिए भाई सहाब..,!

अरे ऐसी कोई बात नहीं भाईजान.. अब ज़माने बाद ये दाढ़ी बन रही है.. आप तो बनाए..

अब नूर भाई अविनाश की दाढ़ी के बाल उस्तरे के बजाए केची से बाल कुतरने लगते है...

तभी वही बैठा एक ग्राहक बोलता है

एक ऐसा ही मिलता जुलता मामला झारखण्ड का भी था लेकिन उसमे लडके ने दरिया दिली दिखाते हुए अपनी बीबी की शादी उसके प्रेमी से करवा दी थी..

हां लेकिन वो मामला और ये मामला बहुत अलग है मैंने भी पढ़ा था उस लडके की शादी को बीस दिन ही हुए थे जब लडके को सारी बात पता चली तो उसने खुद ही सहमती दें दी थी लेकिन यहां तो शादी के सात साल बाद विश्वासघात किया वहां तो लड़की ने पहली ही रात में अपने पति को अपने प्यार के बारे में सब कुछ बता दिया था...

बारहल भाईजान जो भी हो आजकल का ज़माना बिलकुल भी पहले जैसा नहीं रहा..

अब आज कल अंगूरी मैडम को ही देख लो..

अरे हा क्या हालचाल है मैडम के आजकल...?

अरे भाईजान आपको नहीं पता..?

नहीं तो... क्यों क्या हुआ नूर भाई..?

आज कल उनके दड़वे में एक नया कबूतर आ गया है..!

मतलब..?

सुना था पिछले महीने उसके पति का हार्ट अटैक से इंतकाल हो गया है..

क्या बात कर रहें हो भाई जान लेकिन ऐसा कुछ पता नहीं चला..?

कैसे पता चलेगा भाई जी... उसका पति तो विदेश में रहता था.. सुना है मैडम हफ्ते भर के लिए गई थी सारा क्रियाक्रम कर के लौट आई.. अब नए कबूतर के साथ गुटर गूं हो रही है..

अरे....अरे भईया आप..?

नूर भाई की ऐसी आवाज़ सुन कर हम सब का ध्यान उनकी तरफ गया.

आप पहचानते है क्या नूर भाई इन्हे..?

अरे भाईजान अविनाश भैया को कौन नहीं जनता.. खुदा माफ करें मैं तो आपको पहचान ही नहीं पाया था.

मैंने नूर भाई के पास जा कर उन्हें इशारे से थोड़ा चुप रहने को कहा तो नूर भाई ने अपनी जिगसा को अपने काबू में किया और बात को थोड़ा घूमाते हुए बोले

लाहौलविलाकुवत ये नज़रे भी अब उम्र के साथ साथ कमजोर हो रही है माफ करियेगा भाई सहाब... बिलकुल आपही की तरह है वो भी जो काफ़ी सालों से नहीं आये है असल में उनके कई एहसान है मुझ पर इसीलिए मुझे आपको देख कर ऐसा लगा..

अविनाश नूर की बात सुनकर मुस्कुराने लगता है

क्रमशः10