नफरत से बंधा हुआ प्यार? - 8 Poonam Sharma द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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नफरत से बंधा हुआ प्यार? - 8

इस वक्त रात के दो बज रहे थे। अभी तीन घंटे पहले ही देव सोया था और अब उसके जासूस जिसे देव ने रायडू के पीछे लगाया था उनमें से एक ने देव को फोन किया और घंटी की आवाज़ से देव की नींद खुल गई। फोन पर बात करने के बाद जब देव ने कॉल कट किया तो फिर उसने तुरंत अपने भाई अभय को कॉल लगा दिया।

"तुमने सुना?" देव ने कॉल उठते के साथ ही पूछ दिया।

"हां! अभी कॉल आई थी," अभय ने जवाब दिया।

रायडू इंडिया आ गया था। इन्वेस्टिगेटिंग टीम पता कर रही थी की इंडिया आके रायडू कहां चला गया है।

"मुझे पहले से ही लग रहा था की वोह इंडिया वापिस जरूर आएगा," अभय न गरजते हुए कहा। "पर मुझे ये नही पता की कब और कहां से उसने इंडिया के लिए फ्लाइट लेली।"

देव को अभय की आवाज़ में चिढ़ और निराशा दोनो ही महसूस हो रही थी, आखिर देव भी तो यही महसूस कर रहा था।

"इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, की रायडू यहां कैसे आया और कब आया।" देव ने उसे समझाते हुए कहा।
"हमे तो यह सोचना है वोह यहां क्यों आया? जबकि उसे पता है की इंडिया में हमारी पावर और नेटवर्क दो गुना है। हम यहां उसे आसानी से ढूंढ़ लेंगे।"
"कहीं वो किसी और के भरोसे तो नही आ रहा जो हमारी तरह ही ताकतवर हो? जरूर कोई उससे मिला हुआ है? देव ने अपनी भौंहे सिकोड़ कर शक जताते हुए कहा।

"पर कौन हो सकता है?" फोन के लाउड स्पीकर पे बात कर रहे अभय के ही साथी बैठी अनिका ने कहा।

फिर कुछ देर रुक कर और ये सोचते हुए की "कहीं उसकी आंटी ही तो इसमें शामिल नहीं? कहीं वोही तो रायडू की मदद नहीं कर रहीं?"
"नीलांबरी प्रजापति?" अनिका ने अंदाजा लगाते हुए कहा। फिर बेरुखी से एक आह भरी।

"मुझे विश्वास नहीं हो रहा की इन सब के पीछे वोह हैं।" अभय ने अपनी बात रखी।

पर अनिका को पूरा विश्वास होने लगा था। जिन चीजों को अब तक वो लोग सच समझ रहे थे कहीं उसमे कोई झूठ तो नही। लेकिन क्या? ये सब सोचते हुए अनिका कुछ देर चुप रही।

"वोह आमने सामने बैठ कर बात करना चाहती है, जब हम घर वापिस आ जायेंगे।" अभय ने देव से कहा।

देव बार बार अपनी पलके झपका रहा था, अपनी थकी हुई और नींद से बोझिल हुई आंखों को खुला रखने के लिए। वोह अभी आगे बात करने या सुनने की स्तिथि में नही था।
"में दो और टीम को भेज रहा हूं इंडिया में उसे ढूंढने के लिए," देव ने अपने भाई अभय को सूचित करते हुए कहा। "शायद वो अपनी इन्वेस्टिगेशन वहीं से शुरू करेंगे जहां रायडू इंडिया में उतरा था।"

"हम्मम! ठीक है। वैसे भी हमारे पास काफी इन्फॉर्मेशन है सैमुअल मैथ्यूज के बारे में जो उसे ढूंढने में मदद करेगी।" अभय ने कहा।

"हां! मैने उनसे ये भी पता लगाने को बोला है की वोह यूनाइटेड स्टेट्स पहुंचा कैसे।" देव ने कहा।
उसे अभय से बात करते हुए फोन में पीछे से अनिका की भी आवाज़ें सुनाई दे रही थी की वोह किसी और से बात कर रही है।
"क्या तुम दोनो कुछ और दिन वहां रहने का सोच रहे हो?" देव ने पूछा।

"नही," अभय ने तुरंत जवाब दिया।
"हम कुछ ही दिनों में वापिस आ जायेंगे।" अभय ने आगे कहा।
फोन रखने के बाद देव ने गहरी सास ली। कल एक के बाद एक उसकी तीन लगातार फोन पर मीटिंग्स थी। उसके बाद ट्रेनिंग देखने उसे साइट पर भी जाना था। जबकि वो बहुत थका हुआ महसूस कर रहा था और उसकी मीटिंग शुरू होने में अब चार घंटे से भी कम वक्त रह गया था, फिर भी उसने अपनी इन्वेस्टिगेशन टीम को दुबारा कॉल लगा दिया। वोह उनसे बात करने लगा और उन्होंने भी देव को समझाया की रायडू को ढूंढने के लिए उनका क्या प्लान है। देव अब फोन रखने ही वाला था की उस इन्वेस्टिगेटर ने कुछ ऐसा कहा की देव की नींद ही उड़ गई।
"क्या कहा तुमने अभी?" देव पुष्टि करना चाहता था जो उसने अभी सुना।

"आपने कुछ महीनो पहले कहा था ना की सबिता प्रजापति के बारे में पता लगाओ की कुछ संदेहजनक लगे तो बताना। हमने इसी से रिलेटेड एक रिपोर्ट आपको भेजी है। मुझे ये पता चला है की वोह भी किसी को ढूंढ रही है। मुझे बस इतना ही पता चला है की उसने कई अलग अलग कंपनियां हायर की हैं उस शख्स का पता लगाने के लिए और उन्ही में से एक ने मुझे ये बताया।" उस आदमी ने पूरी बात देव को बताई।

ये सुनते ही देव अपनी आंखों को छोटा कर भौवे सिकोड़ कर कुछ सोचने लगा।
"गैट मीं द डिटेल्स। ऑफ कोर्स! पहले रायडू ही टॉप प्रायोरिटी है, लेकिन सबिता पर भी नजर बनाए रखो।" देव ने अपनी बात कह कर फोन काट दिया और बैड पर लेट गया।

सबिता प्रजापति किसे ढूंढ रही है? क्या वोह रायडू को ढूंढ रही है? क्या अनिका का शक सही है? क्या सच में नीलांबरी प्रजापति ने ही रायडू की मदद की है भागने में? पर नीलांबरी ऐसा करेगी क्यों? और अगर नीलांबरी ने ऐसा किया है, तो सबिता क्यों ढूंढ रही है रायडू को? उसे तो पता होना चाहिए की रायडू कहां है।
ऐसे कई सवाल थे देव के दिमाग में जिसके जवाब फिलहाल उसे नही पता थे। पता थी तो बस एक बात की अपने दुश्मन पर नज़र रखने के लिए उसे अपने करीब रखना होगा। उसने सोच लिया था की वोह अब सबिता प्रजापति के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बताएगा ताकि करीब से उस पर नज़र रख सके।























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