मेरे शब्द मेरी पहचान - 14 Shruti Sharma द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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मेरे शब्द मेरी पहचान - 14

आज की कविताएँ :-)
1.) मेरी जिंदगी एक खुली किताब
2.) बेटियाँ

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---- मेरी जिंदगी एक खुली किताब ----

* मैं लिखकर खुद ढूँढती हूँ जवाब अपने ही सवालों का ,
स्वागत है उन सभी इच्छुुुक मेरे अल्फाज़ पढ़ने वालों का ।
हो खुशी या गम गिनने की मुझे अब फुर्सत नहीं ,
ये मेेेरी जिंदगी है , कोई हिसाब का दरखत नहीं ।
कहते तो सब हैं मगर कोई वाकई समझदार कहाँ ,
मेरे चंद लफ्ज़ कर जाएँ गुमराह जिन्हें , वो क्या समझेंगे भला मौन यहाँ ।
मैं खुद बनाकर चलती हूँ अपने ही उसूलों पर , यहाँ किसी की मुझ पर हिदायत नहीं ,
माना शिकायतें कई हैं खुद से , मगर जिंदगी से अब कोई शिकायत नहीं ।
अब जो जाना है खुद को , ना कोई शिकवा बस मुसकान लिए फिरते हैं ,
भाव भी मुझमें अब शब्दों में मिलते हैं ।
इस जीवन में
मेरा प्रत्येक शब्द , मेरी कला में इज़ाफत का आफ़ताब है ,
जो समझ सको तो पढ़ लो
मेरी तो जिंदगी का हर पन्ना एक खुली किताब है । ।
मेरी तो जिंदगी का हर पन्ना एक खुली किताब है । ।

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---- बेटियाँ ----

* बेटियाँ परिवार की शान हैं ,
इस देश का गौरव इस देश का अभिमान हैं ,
अपने शौर्य , अपनी प्रतिभा से नापा जिन्होनें ये पूरा जहान है ,
बेटियाँ हैं तो जिंदगी के गमों में वीराम है ,
होने से बेटियों के
दी है दस्तक , खुशियों ने भी खिड़कियों से अन्दर झाँका है ।
बड़े अभागे हैं वो लोग जिन्होनें बेटियों को बेटों से कम आँका है । ।


* अनदेखा कर काबिलियत को , उनके लड़की होने के कारण ने उन्हें नकारा है ,
बाद्दुआएँ दे बेटियों को , बेटों के लिए मानी मन्नतों को तारा है ,
अरे मूर्खों बेटियाँ तो आँखों का वो सितार हैं
जिन्होने ना सिर्फ हमे बल्कि सकल ब्रह्माण्ड को सवारा है ,
धिक्कारा है बेटियों को बोझ मानकर इसलिए दुआओं में बेटों को माँगा है ।
बड़े अभागे हैं वो लोग जिन्होनें बेटियों को बेटों से कम आँका है । ।


* बेटे कारणवश छोड़ जाते हैं , पर बेटियों की गैर हाज़री में भी परिवार के संग रहता उनका साया है ,
दौलत ना सही मगर बेटियों नाम बहुत कमाया है ,
बेटियाँ लड़ी हैं , यूँ लक्ष्मीबाई बनकर और दुश्मनों को अपने घुटनों तक झुकाया है ,
देख शौर्य और निडरता इनकी एक पल को तो यमराज भी घबराया है ,
बेटियाँ तो गुणों की खान का अनमोल साँचा हैं ।
बड़े अभागे हैं वो लोग जिन्होनें बेटियों को बेटों से कम आँका है । ।


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✍🏻- श्रुति शर्मा