लावण्या - भाग ७ Jagruti Joshi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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लावण्या - भाग ७

पिछले पार्ट में हमने देखा की लावण्या ने बहुत कोशिश की पर लक्ष नहीं आया अब आगे........

जैसे ही लावण्या बेहोश हुई लक्ष दौड़कर कैफे से बहार आया लावी को सिया के पास बैठाकर गाड़ी हॉस्पिटल की और भगा दी ,,, जैसे वो लोग हॉस्पिटल पहुंचे, लक्ष सीधे डॉक्टर के केबिन चला गया, और डॉक्टर को रिक्वेस्ट करते हुए कहा प्लीज डॉक्टर चेक करें इसे, पता नही वो अचानक से बेहोश हो गई ।
प्लीज डॉक्टर प्लीज इसे कुछ हो गया तो मैं जिंदा नहीं रह पाऊंगा ।
प्लीज चैक करो।
डॉक्टर ने बोला _____ प्लीज आप इन्हें यहां लेटा दीजिए और बाहर जाइए ,मैं चेक करता हूं,,! और पहले आप खुद को शांत करीये।
डॉक्टर ने सिया को इशारा किया तो वह लक्ष को लेकर बाहर आ गई।
करीब 10-15 मिनट में डॉक्टर बाहर आए और उन्होंने सिया और लक्ष को कहा कि इनको नॉरमल शौक लगा है इसकी वजह से वह बेहोश हो गई है ,,!
चिंता की कोई बात नहीं है मैंने इंजेक्शन दिया है सुबह तक होश आ जाएगा आप इसे घर ले जा सकते हैं,,
लक्ष _____
डॉक्टर कोई चिंता की बात तो नहीं है ना,,,
डॉक्टर ने लक्ष के कंधे पर हाथ रखकर कहा नहीं वह बिल्कुल ठीक है, !!
लक्ष ने डॉक्टर के हाथो को चुमा और थैंक्स कहा और वो दोनो सिया के लेकर बहार आ गए।
लक्ष ____ने सिया की और देखकर कहाँ
अभी इस हाल में हम इसे उसके घर नहीं छोड़ सकते हैं,, खामख्वाह मामु और नानु परेशान हो जाएंगे,,, में उसे तुम्हारे घर ले चलता हुं। आज रात तुम उसका ख्याल रखना।
सिया _____
नहीं यार आज घर पर गेस्ट है ,,वह ठीक थी तब तक कोई प्रॉब्लम नहीं थी ,।
पर अब उस की हालत ठीक नहीं है,,, हम इसे सचिन के घर ले जाते हैं वैसे भी वह फ्लैट में अकेला रहता है ।
और मैं भी उसके साथ रुक जाऊंगी तुम टेंशन मत लो हमें सचिन के घर छोड़ दो।
लक्ष ____ ओके ,!
सिया ने सचिन को फोन कर दिया था और सारी बातें बता दी थी । सचिन ने लावण्या के लिए गेस्ट्स रुम तैयार कर रखा था जैसे ही वह लोग सचिन के घर पहुंच गए,, लक्ष ने लावण्या को आराम से कार से बाहर निकाला और धीरे-धीरे करके गेस्ट रूम में ले गया और धीरे से बैड पर लेटा दिया।
लक्ष सोती हुई लावण्या को देखता रहा और उसने दर्द के साथ सॉरी बोला ,,,
और मन मे कहाँ,,,,,तुम्हें अभी तकलीफ होगी । पर बाद में तुम मुझसे दूर रहकर बहुत खुश होगी ,,,,और मुझसे भी अच्छा जीवन साथी तुम्हें मिलेगा,,,, इस लिए ही मेने मेरी लावी को इतना कुछ बोल दिया माफ कर देना।
उसकी आंखों से आंसू निकल कर जमीन पर गिरने लगे। लक्ष लावण्या के चेहरे पर जो हजारों सवाल थे वह पढ़ सकता था उसकी आह निकल गई।
सिया और सचिन खड़े-खड़े उन दोनों को देख रहे थे,,,, तभी सिया ने कहा_____
तुम रुक ना चाहते हो तो रुक सकते हो,,,
लक्ष ____
पर वह जाग जाएगी और मुझे देखेगी तो,,?
सिया____ने कहाँ
में लाइट बंद कर दूंगी ,,,जैसे उसे होश आएगा तब तुम्हारी जगह सचिन आकर बैठ जाएगा।
ईस बात पर सचिन ने भी हाँ कहा और वह दोनों कमरे से बाहर निकल गए।
लक्ष ने कमरे की लाइट बंद कर दी और हल्की सी डीम लाइट चालू कर दी।
और वो लावण्या के बगल में बैठ गया ,,,उसके माथे को चुमा और उसके बालों में प्यार से हाथ फेरने लगा ,,,उसने एक पल के लिए भी अपनी पलकें नहीं झपकाई थी।
वह बस सुबह तक उसे देखता रहा और उसके हाथों अपने हाथ में लेकर बैठा रहा ।
जब हल्का सा उजाला हुआ सूरज की किरने धरती पर पडी वह कमरे से बाहर आ गया,,,,
जैसे लावण्या का हाथ उस ने छोड़ा और वो कमरे से बाहर आया,,,,, लावण्या जोर से चीखी लक्ष ............
उसकी आवाज सुन कर सिया और सचिन दौड़कर उसके पास आ गए और पूछा क्या हुआ,, ?
लावण्या ___ लक्ष कहां है,,,?
सचिन ____
ने कहां वो यहा कैसे हो सकता है,,??
लावण्या______
नहीं मुझे ऐसा लगा कि वह पूरी रात मेरे बालों में अपनी उंगलियां घुमाता रहा ,, उसने मेरे माथे को चुमा, उसने मेरा हाथ अपने हाथों में पकड़ रखा था ।
मुझे ऐसा लगा अभी थोड़ी देर पहले ही वो बहार गया है,,, मैं उसे महसूस कर सकती हुं,,, सच मे मैंने फील कीया।
बहार खड़ा लक्ष अपनी लावी की सारी बात सुन रहा था। उसका दिल बहुत भारी हो गया था उसकी आंखों में से आंसू रुक नहीं रहे थे।
सिया ने उसके माथे पर हाथ फेरते हुए कहा तुम कल से उसके बारे में सोचते हुए बेहोश हुई थी,,,
इसीलिए शायद तुम्हें ऐसा लगा होगा ।
लावण्या उदास हो गई ।
सिया ने अनजान बनकर पूछा _____कल क्या बात हुई लक्ष से,,,??
लावण्या_____
(ने दुखी होते हुए कहां )
यार वह मुझसे नफरत करता है ,,,क्या मैं इतनी बुरी हुं,, क्या मैं अच्छी नहीं दिख ती,,क्या मैं सच मैं उसके लायक नहीं रही।
उसने कहा हमारा प्यार तीन साल पहेले ही खत्म हो गया था।
पर मेरे दिल में तो आज भी वह जिंदा है फिर वह प्यार खत्म कैसे हो सकता है,,,???
तभी उसे कल शाम की गई लक्ष की सारी कड़वी बातें याद आ गई और वो सिया को गले लगाकर फूट-फूट कर रोने लगी।
बहार खड़ा लक्ष उसकी सारी बातें सुन रहा था।उसका दिल बहुत दुख रहा था वह वहां से चला गया क्योंकि उस को ज्यादा सुनने की हिम्मत नहीं थी।
सचिन और सिया दोनों ने लावण्या को संभाला । लावण्या वॉशरूम में गई शावर लेकर बहार आई और सचिन को देखकर कहा मुझे घर छोड़ दो,,,,!
सचिन ____
पर इस हाल मे शाम को चली जाना,!
लावण्या_____
नहीं तुम दोनों मेरी टेंशन मत लो अब मुझे खुद को संभालना सीखना पड़ेगा प्लीज मुझे घर छोड़ दो,,,!
सिया ने सचिन को इशारा किया तो सचिन ने कहा ऑके मेरी शेरनी चल कोई तेरा। साथ दे या ना दे हम दोस्त हमेशा तुम्हारे साथ ही है।
और वो लावी को छोड ने निकल गया। सिया भी अपनी कार मे अपने घर के लिए निकल गई।
लक्ष ने मामू और नानू को सब बता दिया था ,, तो वह लोग लावण्या की राह देख रहे थे और घर का माहौल ऐसा बनाया था कि जैसे उन लोगों को कुछ पता ही ना हो,,,!
वो लोग थोड़ी देर में लावी के घर पहुंच गए ,,,
लावण्या की फॅमिली उसकी ही राह देख रही थी।
जैसे ही लावण्या घर के अंदर एंटर हुई वो दौड़कर अपने नानू के गले लग गई,,,
उसने अपने आप को बहुत कंट्रोल कर रखा था की एक भी आंसु ना निकले। फिर उसने नानी को गले लगाया मामू को मामी और छोटे भाई को भी।
और उसने कहा मामी जल्दी से खाना परोसे मुझे भूख लगी है। उसके चेहरे पर नकली हँसी थी। सचिन को यह देखकर बहुत दर्द हो रहा था। उसने थोड़ी देर सब से बात की और फिर वहां से चला गया।
उसके जाने के बाद सब लोग डाइनिंग टेबल पर आ गए ,, आज सब कुछ लावी की पसंद का ही खाना बना था । और सालों बाद मामी भी अपना घर मे अपनी प्यारी बिटिया को प्यार से खाना परोस रही थी ।
यशोधरा सब कुछ भुला कर जैसे कुछ हुआ ही नहीं है ,, वैसा बिहेव कर रही थी । सब लोग उसके दर्द में दुखी थे पर कोई कुछ कह नहीं रहा था।
सबने खाना खाया और सब लोग लिविंग रूम मे आकर बैठ गए।
तभी मामा जी ने बातो बातो मे कहा_____ बोलो गुड़िया आप आगे क्या करना चाहती हो जॉब या और कुछ,,???
लावण्या_____ने
कहा मामू पूरे 3 साल बाद में यहा आई हुं कुछ दिनों तक तो आप लोगों को बहुत ज्यादा परेशान करना है, और बाद में सोचूंगी। में भागी थोडी ना जा रही हूं ,,,इस बात पर सब लोग हंसने लगे । सारे मिलकर इधर उधर की बातें कर रहे थे तभी वहां एंटरेंस पर किसी ने कहा संध्या में अंदर आ सकती हु ।।
जब संध्या जी ने देखा तो वो उनके बचपन की सहेली शीला थी।
जो बचपन से लेकर शादी करके 10 साल तक उसके पड़ोस में रही थी ।
कुछ शाल पहले ही वह हैदराबाद शिफ्ट हुई थी।
संध्या जी ने दौड़कर अपनी सहेली को गले लगाते हुए कहा अरे यार तुम्हारा घर है,,, तुम कबसे पूछ के आने लगी। और वह अपनी सहेली को लेकर अंदर आई।
शीला ने नाना नानी को प्रणाम करा उनका हाल चाल पुछा और अपने जीजा जी को हाय बोलकर फिर सोफे पर बैठते हुए लावण्या की ओर देखकर कहा___ लावी कैसी हो,,??

लावण्या______
मैं ठीक हूं ,आप कैसे हो,,?
शीला_____
मैं भी ठीक हूं बेटा और आपको देखकर और ज्यादा हो गई। वैसे भी मैं बहुत दिनों से संध्या से कुछ बातें कर रही थी पर वह मुझे ठीक से जवाब दे ही नहीं रही थी। तो सोचा आज सबके साथ मिलकर ही बात कर लुं।
और देखो खुशी की बात है कि तुम भी आई हुई हो,,!
संध्या ने कहा____
प्लीज यार अभी इस बात को मत छेड़ो ना,,,,
नानु ने कहाँ ______
पर बहुं उसे बात तो पूरी करने दो,,, ,,,,,,,,संध्या जी कुछ आगे बोलती उससे पहले नाना ने कहा बोलो
क्या बात है,,?
शीला ने कहा ____
देखो बाबू जी मैं गोल-गोल बात को नहीं घूमऊंगी,,,मेरा बेटा कुछ दिन पहेले ही कैनेडा से आया है ,, उसकी शादी की बात चल रही है ।
एक दिन संध्या के साथ लावण्या की फोटो को देखकर उसने मुझसे पूछा था कि यह लावण्या है,,??
मैंने हां कहा तो ,,,,उसने मुझे कहा कि मुझे लावण्या पसंद है अगर उसे एतराज ना हो तो मैं उससे शादी करना चाहूंगा ,,,???
फिर शीला ______ ने लावण्या के पास गई और उसने उसका हाथ पकड़ कर कहा _____
मुझे तुम्हारे और लक्ष के रिश्ते के बारे में पता है,, और यह भी पता है कि तुम दोनों साथ में नहीं हो , ,! इसलिए मैं ने यह कदम उठाया है अगर तुम्हारी ना है तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है मुझे बुरा नहीं लगेगा।
लावण्या कुछ देर सोचती रही फिर उसने शीला जी को हाँ कहाँ।
संध्या जी अपनी गर्दन ना में घुमाते हुए इशारा करती रही पर लावण्या ने अपनी बात कंप्लीट करते हुए का मुझे कोई एतराज नहीं है,, अगर विक्रांत मुझसे मिलना चाहता है तो आज शाम ही मिल सकता है,,!
अगर विक्रांत को मैं पसंद हुं तुम मुझे विक्रम को देखने की जरूरत नहीं है अगर उसे मुझसे बात करनी है तो आप उसे बोल दीजिएगा।
क्रमश.........जारी है.......!!