लावण्या - भाग २ Jagruti Joshi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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लावण्या - भाग २

हमने पिछले पार्ट में देखा की लावण्या को लक्ष्य का झूठ बोला खटक रहा था और वह खुद से पूछ रही थी कि यह बार-बार इसके साथ में क्यो कर रहा है अब आगे..................

लावण्या की नींद रात को देर से सोने की वजह से देर से खुली थी उसने उठने के बाद पहले अपना फोन चेक किया............
ना कॉल ना मैसेज वो उदास हो गई। उसे लगा था कि लक्ष को घर जाकर पता चल ही गया होगा कि उस के पापा ने उसे कॉल किया था और मैंने रिसीव किया था ,,,फिर भी ना कोल ना मैसेज।
वह उठी वॉशरूम गई नाहकर कर फ्रेश होकर बाहर आई कपड़े चेंज किए और कोलेज बैग लेकर नीचे चली गई। उसकी मामी संध्या जी ने बड़े प्यार से उसे गुड मॉर्निंग बोला और नाश्ता दिया,,,,, नानी मंदिर गई थी और मामा जी जोब पर चले गए थे,
वो सीधा अपने नाना के रूम में चली गई,,, नाना बालकनी में सोफे पर बैठे बैठे अखबार पढ़ रहे थे,,,वो नानु के पास गई और उनके घुटनों पर सर रखकर बैठ गई,

नानू ने कहा_____ क्या हुआ हमारी गुड़िया रानी को आज मुड ठीक नहीं है ,उन्होंने उसे लाड लड़ाते हुए कहा।

लावण्या____ कुछ नहीं नानु बस ऐसे ही,,,।

नानु_____
नानू ने उसके बालों पर हाथ फेरते हुए कहा ,,,,क्या उसके साथ झगड़ा हो गया,,????
आपके चेहरे के हाव भाव से लग रहा है कि आप दोनों के बीच कुछ हुआ है,,, फिर से लक्ष ने क्या कीया,,,,??

लावण्या_____
लावण्या ने अपनी आंखों में तैरती नमी को पोछते हुए और चेहरे पर मुस्कुराहट लाने की कोशिश करते हुए कहा,,, अरे नानु कुछ नहीं हुआ बेकार में आप चिंता कर रहे हो।

नाना जी ने कहा क्यों बेटा हमसे छुपा रहे हो। आपको पता है कि आपकी हंसी और आपकी हंसी के पीछे का दर्द दोनो हम जानते हैं,,,!!
अब बताओ कि क्या हुआ।
लावण्या और लक्ष का जो रिश्ता था वह लावण्या और लक्ष दोनो के परिवार को पता था ,,,! और वह लोग खुश भी थे। इसीलिए उनके बीच जब भी झगड़ा होता , मनमुटाव होता तो परिवार वाले शामिल हो जाते हैं,
और वो लोग कोशिश करते उन दोनो का पेचअप कराने का।

लावण्या ने कहा पता नहीं नानु मुझे क्यों लग रहा है कि जब से हम दोनों एक हुए हैं हमारा रिश्ता सबके सामने आया है वह मुझसे ज्यादा झूठ बोल रहा हे,वह पहले जैसा नहीं लग रहा , वह हर छोटी बड़ी बात में झूठ बोलता है , कभी-कभी तो उसकी शुरुआत ही झूठ से होती है,,,
मैं क्या करूं नानु अब मुझे उस पर और उसकी बातो पर भरोसा नहीं रहा।

नानु भी क्या बोलते , लावण्या झूठ भी नहीं बोल रही थी। उन्होंने लावण्या के गाल थपथपाते हुए कहा,,, मेरी गुड़िया रानी क्यों आप इतनी फिक्र करती हो वह भी नादान है, तुम्हें भी पता है ना, उसमें अभी बचपना भरा हुआ है, वह थोड़ा मनमौजी है अपनी लाइफ अपने हिसाब से जीने वाला है, तुम्हारी संगत में रहेगा वह भी सब सीख जाएगा। तुम एक बार उसे समझा कर तो देखो।
लावण्या एक सुलझी हुई अपने सिद्धांतों पर चलने वाली लड़की थी। वह हर बात को दिल से सोचती थी और हर काम दिल से ही करती थी।
जहां दिमाग लगाना हो वही दिमाग लगाता था उसका ।
लावण्या के लिए प्यार कोई खेल नहीं था, बिना मां बाप के पली-बढ़ी थी तो हर रिश्ते की अहमियत उसे पता थी।
लावण्या ने अपने नानु को कहा कोशिश करूंगी नानु। पहले जब मे उसे देखती थी तो मुझे वो थोड़ा भी नहीं पसंद था।
पर उस्से बात की उससे मिलने लगी तो वो मुझे सच मे अच्छा लगने लगा,,,और धीरे-धीरे उस्से प्यार करने लगी। वो दिल साफ है, मैं खुद से भी ज्यादा उस पर भरोसा करना चाहती हूं पर....... वो रुक गई।
नानू ने अपने चेहरे पर थोड़ी सीरियस भाव लाते हुए कहा____ देखो बेटा हर इंसान को ईश्वर ने अलग बनाया है शायद वह आपके सामने झूठ बोलता हो, पर वो वजह यह भी हो सकती है कि वह आपको खोना ना चाहता हो,, वो आपसे झूठ बोलता इसका मतलब यह नहीं कि वे आपसे प्यार नहीं करता।
ईस कारण क्या तुम उसकी हर बातों को दिल पर लगा लोगी। इस तरह से तो हर बार तुम्हारा दिल टूटेगा,,!
ऐसे नही चलेगा गुड़िया अभी तो ढेर साल ही गुजरे है तुम दोनों के रिश्ते को।
अभी तो तुम दोनों को पूरी जिंदगी साथ बिताती है, ऐसा ना हो कि आप इस छोटी छोटी बातों को दिल पर लगा ले और वह बड़ी हो जाए।
लावण्या ने अपने नानू की बात काटते हुए कहा नानू में उसे गलत नहीं ठहरा रही पर सोच रही हूं कि जो अभी से ऐसा है उसके साथ पूरी लाइफ कैसे,,,,
ठीक है बेटा अगर तुम चाहोगी तो मैं उस्से बात करूंगा मगर तुम चाहती हो तो वह तुमसे सच बोले सब बातें बताये ,तो तुम्हें भी सच सुनने की हिम्मत रखनी होगी ।
जो भी डिसिजन लो वह सोच समझ कर लेना और वह खड़े हुए और धीरे-धीरे करके वह कमरे से बाहर निकल गए,,,,,!!!!
लावण्या को भी लगा कि वह शायद ओवररिएक्ट कर गई है उसे नानू की बात सही लगी। उसने अपनी आंखें बंद की मन ही मन उसने लक्ष को सॉरी बोला और वह कॉलेज के लिए निकल गई।
लक्ष का नाम ही सिर्फ लक्ष था। उसके जीवन में कोई ध्येय नहीं था ।बाप करोड़पति था पॉकेट मनी जितनी चाहिए थी उतनी मिलती थी ।दोस्तों के साथ मौज मस्ती करना पार्टी करना और लावण्या को प्यार करना वही उसका जीवन था। दोनों बाप बेटे की कभी नहीं बनती थी ।उसके पिता चंद्रशेखर जी नामी बिजनेसमैन थे, उनका नाम रुतबा उनके समाज में और दोस्तों में बहुत था ।
उन्हें हमेशा अफसोस रहेता कि उनका बेटा उनके जैसा नहीं है और जब यह बात वो अपने दोस्तो के सामने बोलते तो लक्ष को अच्छा नहीं लगता। उन दोनों की कभी नहीं बनती थी दोनों बाप बेटे के झगड़े में उसकी मां बिचारी पीस जाती।

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कोलेज ~~~~~~~~~~

लावण्या कॉलेज आई पर उसे कहीं भी लक्ष नहीं दिखा उसने उसके दोस्तों के पूछा क्लास में देखा वो कही नहीं था। लावण्या ने अपने सारे क्लास अटेंड की ,, सिया देख रही थी कि आज उसका ध्यान क्लास में नहीं है। फिर जब ब्रेक हुआ तब वह गार्डन में आकर फोन लगाने लगी मगर उसका फोन बंद आया तो वो टेंशन में आ गई कि क्या हुआ होगा उसका फोन ना लगने से वह कल वाली सारी बातें भूल गई थी।
वह सोच रही थी कि अब क्या करु अंकल आंटी को फोन लगाऊ या नहीं। वो अपनी सोच मे डुबी हुई थी की तभी
तभी सिया आई और उसने कहा चल ना यार शॉपिंग के लिए चलते हैं मेरी कजिन की शादी है और मुझे ट्रेडिशनल कपड़े चूस करना है प्लीज यार तू रहेगी तो मैं अच्छे से शॉपिंग कर पाऊंगी।
नहीं यार सुबह से उसका फोन नहीं लग रहा उसका फोन बंद आ रहा है मैं टेंशन में हूं और मैं तुम्हारे साथ ठीक से शॉपिंग नहीं कर पाऊंगी तुम अकेली ही चली जाओ।

प्लीज प्लीज प्लीज यार मना मत कर प्लीज यार और वह घुटनों पर बैठ गई।

लावण्या ने चिढ़कर कहा ओके बाबा नाटक मत कर चलती हूं में अपनी नौटंकी समेट। जब लावण्या ने हा कहा तो सिया बहुत ज्यादा खुश हो गई,,, उसने अपनी स्कूटी चालू की और दोनों सहेलियां शॉपिंग के लिए निकल गई ।
वह दोनों मॉल पहुंची और काफी सारी शॉपिंग कर ली थी पूरी ट्रॉली कपड़े और एक्सेसरीज ,जूते और बैग से ही भर गई थी।, ,, सिया ने देखा कि लावण्या फिर से अपने फोन में लग गई थी।
लावण्या ने चिंता जताई और कहा यार उसने अभी भी फोन बंद रखा है क्या हुआ होगा,,,??
सिया ने सजेशन देते हुए कहा कि तू उसके बेस्ट फ्रेंड अर्थ को फोन लगा शायद उसे पता होगा।
लावण्या _____
ओ मेरी जानेमन तूने क्या सजेशन दिया है ऐसा आईडिया मुझे क्यों नहीं आया तु एक मिनट रुक मैं उस्से बात करती हुं,,,
और उसने अर्थ को फोन लगाया दिया एक बार काटा दो बार काटा तीसरी बार फोन उठाते हुए कहा हेलो पर उसकी आवाज से थोड़ी सुस्त लगी.......
लावण्या ने कहा ___क्या हुआ यार तू ऐसे क्यों बोल रहा है कुछ हुआ है क्या,,,?
उसने कहा सॉरी मैंने तुम्हें बताया नहीं पर लक्ष का एक्सीडेंट हो गया ।
उसने मुझे बताने को मना किया था उसके हाथ और पैर में फ्रैक्चर आया है,!! हम सुबह से हॉस्पिटल में है थोड़ी देर में डिस्चार्ज हो जाएगा,,,!!
तुम सीधे उसेके घर पर ही मिलना और उसे बताना नहीं कि मैंने तुम्हें बताया है।
लावण्या घबराई हुई आवाज में बोली ,,,,वो ठीक है ना उसे ज्यादा तो नही लगी है।
कौन से हॉस्पिटल में हो तुम मुझे आना है प्लीज तुम मुझे बताओ।
वो और कुछ बोलती उससे पहले ही अर्थ ने कहा वो बेहोश है और अब डॉक्टर आ रहा है मैं तुम से बाद में बात करता हूं और उसने फोन रख दिया,,!
लावण्या की आंखों में से टप टप टप कर के एक-एक आंसू गिरने लगे, वह वहां ढ़ेर हो गई सिया ने उसे संभालते हुए बोला क्या हुआ यार,,, प्लीज मुझे बताओ और खुद को संभालो।
लावण्या जोर-जोर से उसके गले लिपट कर रोने लगी तभी उसकी नजर अचानक से थोडे दुर मॉल की एक लेडीस शोप पर गई....... वहां अर्थ और लक्ष दोनों शॉपिंग कर रहे थे। उन दोनों को देखकर लावण्या का गुस्सा सातवे आसान पर पहुंच गया।
उसने अर्थ को फोन लगाकर खडूस अंदाज में बोला जल्दी मुझे उस हॉस्पिटल का बता दो मैं वहां आ रही हूं ।
जब अर्थ ने ये सुना तो वो थोड़ा हड़बड़ा ने लगा । लावण्या ने देखा की लक्ष उसे फोन मे कुछ लिखकर समझा रहा था वो जैसे ही बोल ने गया तभी लावण्या फोन कट कर दिया और वह धीरे-धीरे उन दोनो के करीब जाने लगी.......
वह दोनों सोच रहे थे कि लावण्या ने ऐसा क्यो करा।इतने मे लक्ष की पीठ पर पीछे कीसी नै हाथ रखा वो जैसे मुड़ा उसे झटका लगा .........
लावण्या_____ बहुत ज्यादा फैक्चर हुआ है ,,,,? चलने में दिक्कत होती होगी ,, शायद बोलने में भी फोन उठाने में भी,,हे ना ।
वो पहले थोड़ा शोक्ड था फिर जैसे कुछ हुआ ही ना हो वो बेबाकी से बोला सॉरी बेबी तुम्हारे लिए गिफ्ट खरीदने आया था ।
लावण्या____झूठ बोल कर,, ?

यार तुम्हारा बर्थडे आ रहा है तो तुम्हारे बर्थडे गिफ्ट की शॉपिंग करने आया हुं।
लावण्या_____ यार मुझे कोई भी गिफ्ट नहीं चाहिए मुझे सिर्फ तुम चाहिए और तुम्हारा प्यार और हमारे रिश्ते में एक सच्चाई चाहिए। तुम्हारे लिए वहाँ मेरी जान निकल गई थी वहां में मरे जा रही थी,,,!!!
और तुम्हारा क्या यहा शॉपिंग कर रहे हो और वह भी बार-बार झूठ बोलकर,,,,, तुमने एक बार भी नहीं सोचा कि मुझ पर क्या बीतेगी,,,,, तुम सोच भी कैसे सकते हो,,!!! रहो अपने दोस्त के साथ और वो वहां से जाने लगी..... उसकी आंखों से आंसू निकल गए उसका दिल बहुत भारी हो गया था जैसे टुट ही गया हो।
लक्ष को लगा इस बार कुछ ज्यादा हो गया है ,,,वो उसके पीछे दौड़ा और घुटने पर बैठ कर बोलना सॉरी सॉरी सॉरी मुझे माफ कर दो यार,,!!! मैं तुम्हें खो नहीं सकता हूं,,,।

क्रमश........जारी है।
यह पार्ट कैसा लगा वह मुझे जरूर बताना क्या लावण्या माफ कर पाएगी लक्ष्य को क्या वह लोग एक हो पाएंगे यह जानने के लिए मिलेंगे नेक्स्ट पार्ट मे आप लोग अपना ख्याल रखिएगा 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🍟🍟🍟🍟🍟🍟🍟🍕🍕🍨🍨🍨