तेईस नम्बर... निशा शर्मा द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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तेईस नम्बर...

नई दिल्ली की सात मंजिला इमारत की तीसरी मंज़िल पर नये ऑफिस के अपने नये केबिन में सामने रखे हुए लैपटॉप पर नज़रें गड़ाए एसोसिएट-डायरेक्टर मिसेज़ मृणालिनी की नज़र अचानक ही अपने सामने टेबल पर पड़े आज के तमाम हिंदी तथा अंग्रेजी के अखबारों पर पड़ती है जिसमें से एक अखबार की हेडलाइन "तेईस नम्बर,की सीट पर दर्दनाक कत्ल" पढ़ते ही मिसेज़ मृणालिनी ज़ोर से हंसने लगती हैं और अपनी सैक्रेटरी मिस मिताली से कहती हैं कि ओफ्फो!!हद्द है इन अखबार वालों की भी मतलब कि अब ये अपना अखबार बेचने के लिए अपनी हैडलाइन्स किसी भी नॉवेल की तरह....ओह दिस इज़ टू मच!!

अब इस खबर पर बोलने की बारी उनकी सैक्रेटरी मिस मिताली की थी जो कि अपनी मैडम मृणालिनी को अभी तक हंसते हुए बड़े ही ध्यान से और इस भाव से देख रही थी कि जैसे वो उनकी इस हंसी की बिल्कुल भी भागीदार नहीं!!

अरे नहीं मैम,ऐसा नहीं है।ये सचमुच बड़ा ही दर्दनाक हादसा है।मैम,इसमें एक थियेटर में मूवी देखते हुए एक बंदे को बड़ी ही बेरहमी से कत्ल कर दिया गया।इट्स टू स्केरी,मैम!एंड मैम यू नो,व्हेर??

मृणालिनी नें लापरवाही से अपनी गर्दन झटकते हुए पूछा...व्हेर???

"मैम,इन गाजियाबाद!",मिताली नें जवाब दिया।

अब मृणालिनी के चेहरे पर कुछ चिंता की लकीरें उभर आयी थीं जिन्हें अपनी एक हथेली से सहलाते हुए उसनें दोबारा अपनी सैक्रेटरी की ओर गौर से देखते हुए पूछा....इन विच थिएटर???मृणालिनी की आवाज़ के कंपन को इस वक्त बहुत ही आसानी से महसूस किया जा सकता है।

मिताली शायद इस बार मृणालिनी का सवाल नहीं सुन पायी और वो गुनगुनाती हुई ऑफिस के वॉर्डरोब से कुछ फाइल्स निकालने में लगी रही कि तभी मृणालिनी चीख पड़ी...मैंने पूछा कौन सा थिएटर???क्या बहरी हो गई तुम??

मृणालिनी की इस चीख से मिताली ज़ोर से काँप उठी।जिसकी एक वजह तो ये थी कि सामान्यतः मृणालिनी कभी अपने स्टाफ पर इस तरह चीखती या चिल्लाती नहीं थी और दूसरी वजह शायद ये थी कि मिताली का ध्यान अभी कहीं और था।

उसनें डरते हुए जवाब दिया...मैम,वो...वो...आय मीन इन मल्टीप्लेक्स,लोनली थिएटर!!

मिताली के इस जवाब को सुनकर मानो मृणालिनी के पैरों तले की ज़मीन ही खिसक गई।मृणालिनी नें हड़बड़ाते हुए अपने सामने टेबल पर पड़ा हुआ अपना मोबाईल उठाते हुए अपने पति आयुष्मान का नंबर मिलाया जिसके नॉट रीचेबल आने पर मृणालिनी के हाथ-पांव से फूलने लगे।

मिताली,आय एम गोइंग...कहते हुए मृणालिनी तेजी से अपने केबिन से बाहर निकलने लगी जिसपर मिताली नें डरते हुए कहा...मैम,मीटिंग्स!!

"मिताली,कैंसिल ऑल द मीटिंग्स प्लीज.!!",मृणालिनी ये कहते हुए तेज कदमों से बाहर निकलकर फटाफट लिफ़्ट के बटन्स प्रैस करती हुई सीधे अपनी गाड़ी में बैठकर,ड्राइवर को फौरन अपने घर गाजियाबाद लेने के लिए कहकर चल दी!

मृणालिनी पूरे रास्ते बस आयुष्मान को कॉल करती रही।कल शाम को ही मृणालिनी की अपने पति आयुष्मान से बहस हो गई थी जिसका कारण सिर्फ ये था कि आयुष्मान लेट नाइट मूवी की टिकिट्स लाया था मगर मृणालिनी को अपने नये ऑफिस और नयी जिम्मेदारी के चलते रात में ही दिल्ली के लिए निकलना था जहाँ एक क्लाइंट के साथ डिनर था उसका और फिर उसके बाद भी उसे सारी रात ऑफिस में ही ठहरना था।

"ज़रा टिकिट्स तो दिखाना,ओह्ह!सीट नंबर-तेईस!वाओ,मतलब कि हमारी शादी की सालगिरह की तारीख!!ऊप्स!आय एम रियली सॉरी जान,कल हमारी शादी की सालगिरह है।सॉरी मैं तो भूल ही गई थी।यार आयुष तुम तो समझते ही हो न कि ये नये ऑफिस की जिम्मेदारी और मेरा वर्कलोड!बट आय प्रॉमिस डियर,कल का डिनर हम साथ में करेंगे,बेबी..पक्का वाला प्रॉमिस!"कहते हुए मृणालिनी नें अपनी बाहें आयुष्मान के गले में डाल दीं!

आयुष्मान ने मुस्कुराकर कहा...पक्का प्रॉमिस न!!

बिल्कुल पक्का...आय लव यू एंड थैंक्यू फॉर सपोर्टिंग मी!

गाड़ी के ब्रेक लगने की आवाज़ से खयालों में खोयी हुई मृणालिनी की तंद्रा टूटी और वो दौड़ती हुई अपने घर के अंदर गई और उसनें जैसे ही अंदर पुलिस को देखा तो वो किसी अनहोनी के ख्याल से वहीं चक्कर खाकर गिर पड़ी।

होश आने पर जब उसनें खुद को अपने बैडरूम में औरआयुष्मान को अपने सिरहाने बैठा हुआ पाया तो वो झटके से उसके सीने से लग गई।मृणालिनी अब फूट-फूटकर रो रही थी और आयुष्मान बस उसे चुप कराये जा रहा था।

काफी देर बाद मृणालिनी खुद को सम्भाल पायी और फिर मृणालिनी द्वारा आयुष्मान को उसके घर आने और उसकी घबराहट की वजह बताये जाने पर मृणालिनी को पता चला कि वो मूवी का प्लान तो आयुष्मान ने उन दोनों के लिए सोचकर बनाया था और जब मृणालिनी ही नहीं जा रही थी तो फिर इस अवसर पर वो अकेले वहाँ जाकर क्या करता।

तो फिर वो पुलिस यहाँ???मृणालिनी के पूछे जाने पर आयुष्मान ने उसे बीच में ही टोंकते हुए बताया कि पुलिस तो बस जस्ट नॉर्मल इन्क्वायरी के लिए आयी थी क्योंकि वो टिकट मैंने ऑनलाइन बुक किया था और जब मैं वहाँ नहीं पहुंचा फिर मेरी ही सीट नंबर तेईस पर किसी का मर्डर हुआ है डियर तो इन्क्वायरी तो होगी ही न!बट यू डोन्ट वरी जान,इट्स नॉर्मल!

आयुष्मान नें मृणालिनी को अब अपने सीने से कसकर लगा लिया।ये तेईस नंबर सीट अब शायद उन दोनों की ज़िंदगी में एक नया और खूबसूरत मोड़ का सबब बनने वाली थी।अब शायद मृणालिनी अपनी सफलता की अंधी दौड़ की रफ़्तार को कुछ कम करने की कोशिश ज़रूर करेगी!!

लेखिका...
💐निशा शर्मा💐