लॉकडाउन चाय और तुम Bhumesh Kamdi द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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लॉकडाउन चाय और तुम

LOCKDOWN

CHAI

AUR

TUM

फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टिंडर, स्नैपचैट और व्हाट्सएप। ये ट्यूब, वो ट्यूब, यूट्यूब, क्लिक-क्लॉक, राउंड क्लॉक और हा टिकटॉक।

सोशल मीडिया का भी कोई जोड़ नहीं। एक बार जो चल पड़ो वापस दिखता कोई मोड़ नहीं।

आज से कुछ साल पहले ना, बस मैं था। परिवार, दोस्त, गली-मोहल्ला, छत और छत के ऊपर बात करते पडोसी। यानी वो सब कुछ जिसे हम छू सकते हैं, देख सकते हैं, महसूस करते

हैं। मेरी छोटी सी दुनिया मैं Everything was Real.

और देखते ही देखते वक्त के साथ-साथ पता नहीं कब मैं technology के रेसकोर्स मैं इंटरनेट के घोड़े पे सवार होकर फर्राटेदार दौड़ने लगा।

छोटीसी दुनिया अब बड़ी, digital virtual दुनिया बन चुकी थी। नए दोस्त, फेसबुक दोस्त, इंस्टाग्रामर्स, यूट्यूबर्स। और फिर मुझे उनके और उनको मेरे लाइव अपडेट भी मिलने लगे।

Even peoples relationship statuses, who were committed yesterday, complicated Today and single tomorrow.

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हैलो, मैं हूँ अजय। यह मेरी कहानी है।

थोड़ा उदास सा मूड, घर न जाने की हया और ये लॉकडाउन। आम आदमी की जिंदगी अचानक से बदल सी गई, मानो जीवन को एक विराम सा मिल गया हो हमें।

चेन्नई, एक खूबसूरत सा शहर, आज यहाकी सडको पे खालीपन का शोर गुंज रहा था। अब असल मैं करने के लिए कुछ था ही नहीं। बस Stay home, Stay safe. बचपन से गाने गुनगुनाने की या

सीटी बजाना अच्छा लगता था। लगभग शाम हो चुकी थी, मैं गैलरी से कमरे में बस तहल रहा था।

AA Ante(whistling song) & checking phone.

अचानक से वही मुझे किसके गुनगुनाने की आवाज सुनाई दी। मैं देखने बाहर आया, इधर-उधर देखा तो कोई नहीं था सो वापस रूम में चला गया। फिर से मैंने वही आवाज सुनी, गैलरी में जाकार अच्छे

से सुनता हूं तो सामने वाले बिल्डिंग के निचले वाले चौथी मंजिल से आवाज आराही थी। थोड़ी देर में एक लड़की बाहर आई। हमारा म्यूजिक गुनगुनाना और नजर दोनो एकदूसरे से मिल गया। उसने थोड़ा

हिचकिचाते हुए देखा, हम दोनो ने affiliative सी स्माइल दी, सिर हिलाया और वो गैलरी से वापस अन्दर चली गई।

शाम को गैलरी में आराम करते हुए। थोड़ी देर कभी कभी ताजी हवा लेना काफ़ी अच्छा रहता है। Me on my lapi , googling some text. मुझे हल्की सी चाय की महक और गुनगुनने की आवाज

सुनाई पड़ी। इस बार मेरी नजर सीधा उसके छोटे बालकनी पे गई, उसकी खिडकी खुली थी और इंडक्शन पे वो कुछ बना रही थी।

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Wooh.!! such a mesmeric beauty she was looking..! Her untied hairs, चंदन के माथे पे टीका, seems like she just got ready fresh and making tea for herself.

वाह..!! चाय की खुशबू मेरे मन में समा गयी, I simply love south Indian peoples. They look so simple, multi-talented, follow their regional culture, and

importantly open-minded.

मैंने बस वहाँ देखना बंद कर दिया और अपने लैपटॉप पर फोकस किया। कुछ मिनटों के बाद, मैंने उसकी ओर देखा और एक delighted smile दी।

"Hey hi", waved her.

➼ "Hey, good eve", she said.

After some minute she breaks the muteness

➼ "What are you doing?"

"Nothing, just checking some articles also sometimes I like to be here in free space. look at the sky, such good weather today.", I replied.

➼ "Yeah exactly. I saw you here around a time in the gallery", she replied.

"Ooh... Really ", quite a little startled.

"Hey, by the way, myself Ajay, and you..?"

➼ "Hii, Bhanumati here, call me simply 'BHANU' "

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"Ok simply Bhanu"

"Are you new here..?"

➼ " NO, not at all. it's almost like half-year completed, but between college and daily life, felt free complete now."

"Yes, exactly now we have much free time due to this Corona pandemic", I replied.

मुझे नहीं पता था कि हमारी बातचीत कैसे शुरू हुई और बस यूँही चलती रही।

हमारी बातचीत के बीच कुछ देर बाद उसने पूछा।

➼ "Would you like to have some Tea..?"

"Yes, sure please."

वो अपने कप में और दूसरे में भी थोड़ी सी चाय लेने के लिए अंदर जाती है ।

➼ "here it is. uhh, but how could I pass it to you..?"

"oops", I replied.

➼ "OK, Do one thing, Come on the terrace in 2min, Will bring it for you there", She answered.

"Cool, See you there", I told.

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मैंने lapi को कमरे में अंदर रखा, अपना चेहरा धोया, छत पर गया और उसका इंतजार करने लगा। कुछ देर बाद वह दो कप लेकर आई और मुझे एक कप चाय पिलाई।

"Thanks for the Chai, You don't know how much it means to me. Due to this lockdown about two months later, I'm having a good cup of tea.", I told

her.

took a sip from the cup and again added

"Superb, Chai with Elaichi flavor, Really Thanks a Ton".

➼ "your welcome '', she responded.

On that Friday, Looking towards the sky.

"Due to heavy rain yesterday, ये हल्की ठंड हवा, मौसम, और ये साथ में चाय का स्वाद. All this is so soulful, वाह..! "

➼ " Hello MR. कहा खो गयी तुम ?? Had you lost in your thoughts." she snapped fingers and said.

"Oh, So sorry, I was just nothing. But तुम्हे हिंदी आती है..? वाह " I replied.

➼ "हा, थोड़ा थोड़ा आती है, मैं बहुत बॉलीवुड की फिल्में देखता, कभी कभी रोमांटिक फिल्में और सभी। I can understand very well but बोलना नहीं आता.." Bhanu said.

"OOh.. that’s great just give it a try and you will be good at it."

People are connected to all over India with this Bollywood and south cinemas.

"मैं भी साउथ की हिंदी dubbed मूवीज अक्सर देखता हूँ," I told her.

➼ " Okay, but tell me, what you were thinking about before this. you lost within yourself."

"Hmm, right, you got it correctly. Your cup of tea just reminded me, some of my old memories."

➼ "Ooh Hoo... sounds good, reminds you what.?

"Really, but Just leave it Bhanu, that's a long story."

➼ "Oh ho, Tell me now, I would like to listen, हमारे पास बहुत टाइम है.", Bhanu giggled.

She again added

➼ " I saw many times while you were reading in the gallery also I don't know why but your smile says that something must be special. Was it about your love..?"

"Oh hello, Wait, Hold On Bhanu. It's not like that as you thought but Yes that was very special to me.."

And I started to tell her about the story. ' Hmm, Listen ".

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सीधे उस कॉलेज के समय ।

स्कूल से हम सब कॉलेज आगये और हमारे बीच कई दोस्तों ने अलग-अलग स्ट्रीम वाले अलग-अलग कॉलेजों में जाने का फैसला किया। लेकिन फिर भी, मैंने और मेरे कुछ दोस्तों ने उसी जगह से हायर

सेकेंडरी करने का फैसला किया।

हाफ पैंट से फुल पैंट और साथ में टाई पे हम सब आगये थे। वही पुरानी दोस्ती विथ कुछ नए दोस्त और कॉलेज । लेकिन फिर भी, सब कुछ बड़ा excited सा माहौल था। कॉलेज का पहला दिन, एक

एक करके आज बस सारे स्टूडेंट्स अलग-अलग सब्जेक्ट और teachers से introduce हो ही रहे थे तो अचानक से वह एक नई मैडम की एंट्री हुई।

वो पल अच्छे से याद है मुझे। सिंपल लाइट पिंक कलर की साड़ी, वो नीली बड़ी बड़ी आंखे, एक साइड उड़ता पल्लू, फेयर स्किन टोन , beauty at its best. मेरे तो मन में पहेली बार जोरसे घंटी

बजी थी और बैकग्राउंड में “मैं हूं ना” का तुम्हें जो मैंने देखा गाना।

वो जैसे ही क्लास में आई, सबकी निगाहे बस उन्हे ही देख रही थी। .सारी क्लास Good Morning विश कर ही रहा है और इधर हमारी backbenchers gang बस देखते ही हक्का-बक्का, और मुह

से बस एक ही आवाज SSSSS (Sound like लाल मिर्च लगी हो ) .पूरी क्लास पिन-ड्रॉप साइलेंट. मैडम थोड़ा embarrassed हो जाती है।

" Miss. LAVINA " she introduced her as a new CS teacher and luckily among our last benchers I'm the guy who choosen CS stream. I was very happy

at that time. Class finished and she told us" See you tomorrow with regular classes, possibly bring your new textbook with yourself."

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While she was going to leave Class Except me my all backbencher boys added "Thank you mam .. SSSSS " (Sound like lal mirch)

This time she looked at us very angrily and left the class. And Within 2min our loving Chahare Sir came into the class. भलेही हम शरारती backbenchers थे

but every teacher also knew that we all were good students too. Sir looked at us with a smile said to the whole class "Look, everyone, you just turned

from school to college, This everything will be excite you but even your studies will also get you into exciting mode too, So just Enjoy your college life

but NO more complaints and shararat especially you guys backbenchers."

" Thank god, अपने ही सर थे वरना आज हम सब तो गए थे कामसे " I muttered.

कॉलेज का पहला दिन खत्म, बारिश भी अब थम चुकी थी। मुझे याद आया कि मुजे टेक्स्टबुक भी तो लेनी है, उसे बहने थोड़ा मैडम के सामने अपना इंप्रेशन ही हो जाएगा। बुक स्टोर्स थोड़ी दूर होने के

कारण आज पापा ने स्कूटी की चाबियां देने से मना भी नहीं किया।

और में चल पड़ा रास्ते, एक famous स्टोर गया और जैसे ही मैं कुछ किताब के बारे में कहने ही वाला था की वही बुक किसीके हाथों में दिखी, साइड में जैसे ही देखू । I'm shocked by

"Miss Lavina". मैंने एक्साइटमेंट में आवाज लगायी।

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"हैलो मैम, आप यहा ?"

उन्होंने ऊपर देखा लेकिन अनदेखा कर दिया, मैंने फिर कहा।

"मैम, मैं हूँ अजय, कॉलेज से आपका स्टूडेंट।"

➼ "अच्छा तुम हो, वही हो ना तुम बैकबेंच स्टूडेंट्स", उन्होंने जवाब दिया।

मैंने शर्म से नीचे देखा

"अरे मैडम, बस यही किताब है नई एडिशन आने में अभी टाइम लगेगा।" स्टोरकीपर की तबी आवाज सुना दी।

➼ "ओह हो, ओके थिक है, वैसे तुम यहाँ किस काम से आए थे" उन्होंने मुझसे पूछा।

"आह, यही टेक्स्टबुक ही लेने ", मैंने उत्तर दिया।

➼ "अच्छा चलो अब दुसरी स्टोर में देखना पड़ेगा, शायद मिल जाए"

हम दोनों दुकान से बाहर चले गए, उन्होंने स्कूटी स्टार्ट की पर शुरू हुई नहीं.. 1 2 3 बार लेकिन नो रिएक्शन, थोड़ी देर बाद मेने पूछा

"मैडम क्या हुआ..?"

➼ "अरे यार, पता नहीं ये स्कूटी स्टार्ट ही नहीं हो रही, तुम कहा जा रहे हो अभी?", उन्होंने पूछा।

"मैं बस यहीं पास में" मैंने फिर उसपर कहा

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"मैडम, एक काम करते हैं, आप मेरे स्कूटी पे आ जाओ, 1 2 स्टोर साथ मे ही देखते हैं, फिर आने के बाद फिरसे आपकी स्कूटी स्टार्ट करके देखते हैं।"

➼ "हम्म, good idea, चलो"

उन्होंने अपनी स्कूटी दुकान के सामने खड़ी की और हम बुक की तलाश में निकल पड़े।

वह स्कूटी पर एक तरफ बैठ गई और कंधे पर हाथ रखा।

मैं गाड़ी चला रहा हूं, आकाश की ओर देख रहा हूं और अपने आप से कह रहा हूं "भगवान, अधभूत"

मेरे रोंगटे खड़े हो गए, धड़कन 80 से 120, खुशी का तो बस ठिकाना ही नहीं। क्या आप यकीन कर सकते हैं कि दोपहर मैंने जिन्हें देखा और दिल में घंटी बजी हो और ठीक उसही शाम को आप उस

स्पेशल person के साथ हो वो भी स्कूटी की सवारी. यह सब एक सपने की तरह था और मेरे जीवन के उस समय का सबसे खुशी का पल था।

बचपन में हमारा दिल कितना मासूम होता है ना, आपके प्यार, क्रश या चाहने वाले से ज्यादा से ज्यादा उम्मेद ही क्या होती है की वो आपके साथ रहे, आपसे दो बातें करें।

हमने शहर का पूरा एक चक्कर लगा, 2-3 स्टोर देखने के बाद आखिरकार न्यू एडिशन किताब मिल गई। हम वापस उस जगह पर गए जहां पहले स्कूटी खड़ी थी। वह स्कूटी वास्तव में पुरानी थी और

उसका maintainance नहीं किया गया था। काफ़ी सारी किक्स लगाने के बाद आखिरकार स्टार्ट हो ही गई। मैंने उन्हें स्कूटी सौंप दी।

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➼ "Hey, thank you so much for your help dear. now it's getting late, bye see ya",she said.

" Yes, your welcome, मैडम " I replied with a simper.

I started scooty and went back to roads, thinking about the moment "my 1st day of college, How fortunate I was..! "

Suddenly the sound of thunder heard and raindrops started.

➼ "Wow, amazing, your story was very interesting", Bhanu said and I just got back to reality.

तेज बारिश होने लगी, वह सूखने के लिए लटके अपने कपड़े लेकर वापस कमरे में चली गई

➼ "Bye, Mr. , Will talk to you later soon"

"Sure, Bye," I replied.

मैं भी अपने कमरे में वापस गया, अपना लिंक्डइन चेक किया और फिर नेटफ्लिक्स पर एक फिल्म देखी और सो गया।

@रविवार सुबह

"धडाम " से आवाज, ऐसा लगा कोई बम फूट गया हो। मैं अचानक से हडबडाकर उठ गया, दरवाजे पर देखा तो कोई नहीं था। वापस आकर बिस्तर पर लेट गया।

" धडाम " से फिर से आवाज।

मैंने सुना कि गैलरी के दरवाजे से आवाज आ रही थी, दरवाजा खोला और जैसे ही इधर उधर देखता हूं तो बड़े बड़े पत्थर पड़े, मैंने उन्हें उठाया और चारों ओर देखा

➼ "Hey jay, it's me here, you are looking sleepy, 9 o'clock already. Wake up.", Bhanu said.

"It's Ajay, not Jay, Do you want to break this door with the rock or what?", I said, rubbing my eyes.

➼ "Aiyoo, Sorry, Ajay, Not intentionally"

➼ "I didn't mean to disturb you but As you told your memories that day and I was only thinking about what happened next. I would like to listen. you

know I love movies and would like to listen to this kind of storytelling from you.", Bhanu said.

"Oh, You didn't disturb me, not at all, I was kind of shocked like what happened and woke up ", I replied to her.

➼ "I have something for you to eat." she said.

"Ah ha, and what is that..?”

➼ "Come on the terrace and Will also talk there for some time."

"Okay, Give me just 5min."

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मैं फ्रेश हुआ और छत पर गया जहाँ वह इंतज़ार कर रही थी। उसने मेरे हाथ में bowl दिया ।

➼ “take this, eat some idli ”

“ohh hoo, idli” half filled bowl of idli dipped in white peanut & coconut chutney.

“Did you make this..?”, I asked.

➼ “Noo, that’s what we have for our Sunday Morning breakfast .”she replied.

“Oh, so sweet of you” And I took a bite to taste

“Hmmm, Tasty, Bhanu thank you so much for this.” Again added

“You are alone in your room..? the hostel looks vacant.” I inquired with her.

➼ “ No, One another Dii is with me but almost nobody here is in the hostel. Everyone living here in the locals went back home."

➼ What about you..? No one is there in your flat..?” she asked.

“Only for Now, I'm alone here. Just yesterday, bhaiya traveled back home for 2days, he lives nearby to the city and other two guys went home as they got Work from home.” I said.

➼ “Oh, okay, Will you now continue with that story, please.”

“ Sure, I'm on my way and How can I say no to you”, I saw a childish innocence within her.

➼ “Yeah, that’s good”

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और कहानी जारी रही।

ऐसेही कॉलेज का almost 11th finished होने पर था The final practical exams were in a few days.

हमारी लैब खतम हो गई और सब लोग लैब से बाहर निकलने लगे।

"क्या हुआ मैडम, आप ठीक हो..? मतलब आप परशान दिख रहे हो।"

➼ "हा, तुम्हारे प्रैक्टिकल जो आने वाले है और अभी बोहोत कुछ टास्क पेंडिंग है, इसीलिए।", उन्होंने जवाब दिया।

“May I help you..?”, मैंने पूछ लिया।

➼ “Noo, Ajay, it's okay, I will manage it. Don’t worry.”, she confirmed.

“I’m free enough, so can I do something for you anything..?

➼ “Okay then, pick up that file. Execute pending programs then take printouts and convey me.”

“Okay, sure”, I answered.

After that, we were both busy with our work.

A few hours later

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"मैडम जी, चाय...?" चाय वाले भैया ने पूछा।

"हा, प्लीज", उसने जवाब दिया। वह कांच के प्याले में चाय मेज पर रख देते है।

➼ "भैया, 1 मिनट रुको।

हे अजय, यहाँ आओ, चाय पियोगे तुम”, उसने पूछा।

"नहीं नहीं मैडम, Thank you, it’s ok” ", मैंने जवाब दिया।

➼ "तुम्हे चाय पसंद नहीं..?" उन्होंने पूछा।

"नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है।"

➼ “Then come here and join me.”

चाय वाले भैया अजीब सी तिरचे नजरोसे मुझे देखते हुए 1 चाय का कप मुझे दिया।

वो हर स्टूडेंट के साथ एक दोस्त की तरह व्यवहार करती थी और हमेशा लोगों के साथ समान व्यवहार करती थी। मैंने उनके जैसी मैडम कभी नहीं देखी।

वो दिन हमारी चाय के साथ-साथ बहुत सारी बातें हुई, जैसे की वो अपने बारे में बताने लगी की she feels sometimes down, a little bit bored , क्योंकि वह यहां नई थी और यहां किसी के

इतने करीब नहीं थी। उन्होंने मुझसे पढ़ाई के बारे में मेरी future plans के बारे में पूछा और उन पर कुछ सुझाव भी दिए, आदि। और धेर सारी बातें।

उस दिन मुझे ऐसा लगा, एक अच्छा स्टूडेंट्स तो में था ही लेकिन आज उनका एक अच्छा दोस्त भी बन चुका हूं।

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अचानक, फोन की घंटी बजी और मैं वास्तविकता में वापस आ गया।

उसने फोन उठाया, वो फोन पर busy हो गई तो कुछ देर बाद मेने उससे हाथ इशारे करते हुए कहा की ‘you carry on, will talk later’ और वह खाली bowl लेकर कमरे में चला गया।

अब लगभग १-२ हफ्ता हो गया है और मैं और भानु चिट-चैट पार्टनर की तरह एक-दूसरे के बहुत करीबी दोस्त थे। हम इतने ज्यादा मिलते नहीं पर जब भी मिलते तो दोनो अपने daily routines,

बातें, thoughts, कुछ हल्के-फुल्के snacks और हा mostly important स्माइल्स जरूर शेयर करते थे।

ऐसे ही एक दिन, शाम को।

थंडी थंडी हवा चल रही थी और मैं गैलरी में बैठा था। क्रेविंग्स आराही थी कुछ खाने का मन कर रहा था। तबी मुझे भानु भी दिखी उसकी गैलरी में। हंगर प्लस मैगी बेस्ट कॉम्बो हमेशा। मुझे याद आया

की भानु का bowl भी मेरे पास ही रह गया था।

“Hey Bhanu, what's up.? I waved to her.

➼ “Nothing, getting bored.” She replied.

“Ok listen, meet me at terrace after about 15min”

➼ “Okay but what happened ??”

“Nothing, see you there”

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मैंने उसे बताया और किचन में मैगी बनाने चला गया।

मैगी रेडी की, फ्रेश हो गया, मैगी को दो bowl परोसा और छत की ओर बढ़ गया। वो पहले से ही वहां थी, इधर-उधर घूम रही थी।

“Ooh hoo…what you made today MR. ..?” she asked.

“Tan-tana, पकड़ो, special Maggie for you and this one is for me.”

➼ Thank you. Smells good”, and she tasted a little bit.

“Hmmm, delicious” something new flavor and taste.

“Yup, it's tomato Maggie, I loved onion, tomatoes in Maggie.”

वहां कुछ समय बिताने के बाद।

➼ “So Mr. What happened then..? You can continue with your story.”, Bhanu said.

“Can we just leave that Topic, please.”

➼ “But why, Noo way, means something special happened later”, again she told.

"ऐसा कुछ नहीं, okay dear, सुनो"।

कहानी पर वापस

कॉलेज अब खतम होने वाला था, हमारे फाइनल टेस्ट-सीरीज़ (practice papers) शूरु हो गए थे।

एक दिन मैं कॉलेज से साइकिल पे घर के तारफ जा रहा था और वहा गेट पर

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"पीप..पीप..पीप" स्कूटी हॉर्न बजता है। मैडम साइड से जाते हुए

➼ "अरे, अजय।"

"ओह, हाय मैडम" मैंने जवाब दिया और हम दोनों रुक गए

➼ “अच्छा हुआ तुम मिल गए, मैं तुम्हें बताने ही वाली थी, today’s my birthday, you and sakshi both are invited to my birthday at home. So please come.”, She invited.

“Ooh wow, Wish you A happy birthday mam.”, I congratulated her and shook hands.“

"लेकिन मुझे आपके घर का पता नहीं पता।"

➼ "Don't worry, साक्षी पता जानती है, तुम दोनों शाम को आओ ठीक है।"

"ठीक है, ज़रूर मैडम," मैंने जवाब दिया।

➼ "ठीक है, चलो बाय।" और वह घर चली गई।

घर पहुंचा, मम्मी से कुछ पैसे लिए और फिर पास की गिफ्ट शॉप में चला गया। घर वापस आया, हाथ से बना birthday का ग्रीटिंग कार्ड बनाया, कार्ड के ऊपर कुछ रिबन जोड़ा, उस पर कुछ लाइन्स

लिखीं जिन्हें मैंने गूगल से कॉपी किया था।

शाम को हम दोनों मैडम के घर गए। उनका घर काफी बड़ा था और इंटीरियर को बहुत खूबसूरती से डिजाइन किया गया था। जैसे ही हम वहाँ पहुँचे, वहाँ पहले से ही बहुत सारे दोस्त और मेहमान थे।

कुछ समय बाद, हमने birthday सेलिब्रेट किया और केक कट किया।

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वहां सभी बहुत खुश थे और यहां तक ​​कि मैडम भी। हर किसीने बहुत बड़े और महंगे गिफ्ट्स लाये थे इसलिए मैंने अपना गिफ्ट अपनी जेब में रखा और ग्रीटिंग कार्ड भी छिपा दिया।

आम तौर पर, मुझे लगता था कि वो केवल मेरे साथ बहुत अधिक बात करती है और वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त है लेकिन आज, मुझे पता चला कि उनके आस-पास इतने सारे लोग उनके सबसे अच्छे

और करीबी दोस्त थे At that time, I felt like I'm nobody but someone.

मुझे एक ऐसा कोना मिला जहां मेरे आसपास कोई नहीं था और मैं भी बस चुप रहा। पता नहीं क्यों लेकिन उस समय मैं नाराज था, मेरे लिए ये मिनी अटैक जैसा था। जब सब व्यस्त थे तो मैं छत पर

सीढ़ियाँ चढ़ गया और वहीं दीवार पर बैठ गया।

luckily, यहाँ आने से पहले, मैंने रात के समय के लिए दो सिगरेट ख़रीदीं थी। लेकिन अभी इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। मैं regular smoke करने वाला नहीं था, बस कभी कबार जब भी मुझे

लगता। मैंने हाल ही में कुछ दिनों से पहले smoke करना शुरू कर दिया था।

एक सिगरेट जलाकर वहीं बैठ गया। मैंने फिर से दूसरी जला दिया और smoke करना शुरू कर दिया।

अचानक कोई वहाँ छत पर आया और मैंने इधर-उधर देखा, उस सिगरेट को दीवार के एक कोने में फेंक दिया।

वो थी "मिस लवीना", वो मेरे पास आई और बोली।

➼ "तुम यहाँ क्या कर रहे थे, अकेले छत पर बैठे" & wait, did you just smoke here.”

"नहीं, बिलकुल नहीं।" मैंने धीमे स्वर में उत्तर दिया।

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➼ "मुझसे झूठ मत बोलो, मैंने अभी तुम्हें देखा बेटा, तुमने उस कोने पर कुछ फेंका और तुमने यह सब क्यों ..?" उस समय मुझे बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई।

“Mam, I .. I ..I'm sorry for that”, looking down to earth.

➼ “Look at me here, what's wrong with you..? Do you smoke often..? and I'm not scolding you but just telling you as your good friend.

Don’t get addicted to these things okay.”

“I'm so sorry”, I murmured.

➼ "और ये तुम्हारे हाथ में क्या था..? मुझे दिखाओ। वह मेरे हाथ से वह कार्ड पकड़ लेती है।

"वाह, क्या तुमने इसे बनाया ..?"

"हाँ, सॉरी , मैं आपका गिफ्ट देना भूल गया।"

"यहा आपके लिए एक छोटा सा गिफ्ट मैडम और Wish you a Happiest Bday.”

➼ “Aww, so sweet of you. Thank you dear.”

"दरअसल, आपको आज इतने बड़े गिफ्ट मिले हैं और यह तो बस एक छोटा सा गिफ्ट है," मैंने कहा

➼ “अरे नहीं अजय, यह सिर्फ एक छोटा सा गिफ्ट नहीं है। मेरा विश्वास करो, मेरे लिए बहुत मायने रखता है। क्या मैं इसे अभी खोल सकती हूँ। ” उन्होंने पूछा।

“yes, please.”

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उन्होंने गिफ्ट के रैपर को फाड़ दिया और बॉक्स के अंदर एक Pink hair clip थी।

➼ "यह बहुत सुंदर लग रहा है, thanks to you again. "

“अरे अजय, मेरे पास तुम्हे बताने के लिए भी एक अच्छी खबर थी, मुझे दूसरे शहर में अच्छी नौकरी मिल गई। एक महीने के भीतर जल्द ही वहाँ जाऊँगी..हाँ, ” उन्होंने खुशी से कहा।

“ooh wow मैडम, Congrats “, I replied.

➼ “तुम्हे क्या हुआ है पर। आज परेशान क्यों दिख रहे हो..?"

"कुछ नहीं, लेकिन अब मुझे एक अच्छे दोस्त और मैडम की भी कमी खलेगी।"

➼ “Many people in your life will come and go, some will be temporary and someone will be there with you forever.

It's not about who is close and who is just a friend to you. It's all about just staying positive and connected to everyone. Let them decide whether

they were with you or they want to leave you. That’s what life is all about.”

“ha right, sounds great, such deep words.” I replied to her.

उन्होनें मेरे गाल पर एक प्यार भरी पप्पी दी और मेरे सर पर से हाथ फिरते हुए बड़े ही प्यार से सारे बाल बिखेर दिए। वो पल मेरे लिए शानदार था।

➼ "चलो अब जल्दी से निचे आजाओ और कुछ खा लो।"

“Okay, mam.”, said with a blushing face.

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➼ “Ohh hoo, Mr. Ajay,you are blushing now.” Bhanu commented and got me back to the real.

“No, I'm not, बस करो अब”, I replied to her.

In this all I finished up my Maggie. Suddenly Bhanu Said.

➼ “Uhh, Now, here I'm feeling homesick. वो अपने बारे में मुझे बताने लगी की कैसे वो पहली बार अपने परिवार से अलग, दूर है। और उसके बचपन की बेस्टी ने कुछ गलतफहमी के

करन अबतक कुछ महीने से बात नहीं की। Like the end of childhood friendship. यह ये नया शहर, कोरोना महामारी, लॉकडाउन। Worst case ever faced in my life.”

I stopped her talk and replied

“Hello relax, Calm down. It happens in life. Life is always not so easy. Ok let me give you an example.

In all our lives, there is always that one person who holds so much importance for us but does not really matter as much in someone else's life.

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People when open up like cardamom, their souls fall out like its beads. And When they are grinded together, it can even make a plain tea like life taste beautiful.

And when they are put in someone else’s life which is already wonderful like a biryani, their presence is not valued.

“अगर तुम किसकी चाय की महक बड़ा नहीं सकते, तो किसी बिरयानी का स्वाद बिघडाना मत। और अगर कोई तुम्हे अपने बिरयानी से निकल दे तो अपनी अहेमियत भूल जाना मत, बस किसी और की चाय में घुल जाना और उसका स्वाद बढ़ाना।”

वह एक शब्द नहीं बोली। चुप रही "अरे, क्या हुआ। तुम्हें भानु..?"

➼ “Kuch nahi, you put your thoughts so simply in words, I mean seriously ‘Biryani and cardamom’ WooW.”, she replied.

“hmm, बस, Stop Now. By the way Do you have any plans for back to the home..?”, I questioned her.

➼ “No, not yet, the university didn’t mention any updates regarding exams till now. So just stay here. What about you..?”

“Since PG University announced that they will conduct exams of last sem online so quite good for us. We are almost ready to go back home tomorrow.

me and some Maharashtrian friends looked up for a rental car for many days, luckily we got one.

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Also after a long 3-4 days of inquiries we somehow managed for other state travel permits too”

➼ “Ooh, that’s great, you guys are so lucky”, she replied in a low voice tone.

“Ok, sorry but now I will take leave; I have to backpack all my stuff.”

➼ “Yeah, Ok bye”

After that my whole day went through to sum up all things.

Next day

जब में अपनी चेयर और रस्सी पे टंगे कपड़े कलेक्ट कर रहा था तबी।

➼ “Hey Ajay, how are you! would you like to have some tea? One last time.” She asked.

“Hi Bhanu, I'm fine, I'm really going to miss your tea यार . Thank you for your sweet gesture.

Everybody should get a good chit-chat and friendly person like you. But right now I had to go out to buy some snacks.

Can we meet after an hour, maybe around 5 o’clock in the evening on the terrace, if you were free.”

➼ “Ok, Cool, Done.” She replied.

“Ok then, bye.”

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मैं बाहर गया, कुछ कुकीज़, snacks खरीदा, और फिर कमरे में वापस चला गया, सब कुछ पैक किया और छत पर आ गया।

करीब १०-१५ मिनट के बाद वो छत पर आ गई। हमने थोड़ी बातचीत की और फिर उसने कहा।

➼ “Can you just give me your phone..?’

“Okay, but suddenly what happened”

➼ “Nothing, give me your mobile pls..”

“Haa,but Why?”took out my phone outside of my pocket & immediately she snatched it.

“Hey..hey..What is this, Bhanu? what are you doing”give it back to me.”

➼ “No, I'm not, Need to check into your phone. So that I can search ‘Miss. Lavina’ on FB profile, I wanted to see how she looks now..?”

“Bhanu, Don’t do it, give it back to me & for your kind information she is not my Fb friend.”

➼ “oh, Really, You liar. I don’t believe in your words.”

“Seriously, I saw her profile once. but now Don’t know. Maybe she is not active on FB.”

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➼ “Possibly”, But still I want to check.”

“Give it back my phone otherwise I will be there on your terrace,” I said.

➼ “Oh, Really, you don't even have guts to come here. So pls.”

“Acha, without thinking a sec. I jumped to her terrace. Usually, the distance was not so far & so crossed it easily.”

➼ “OMG.. Really u came here..!!” And I was trying to snatch it back from her but failed.”

“Ok, wait, I will give it to you back definitely but 1​st​ show me her Profile.”

“क्या यार, रहने दे ना, भानु। क्या करुंगा अब उनकी प्रोफाइल देख, छोड़ दो ना..”

➼ "Shut up, you don't want to see but I want to see, Do you want your phone back or Not ..?"

“Okay, Fine”, in confirmative voice.

हम दोनों वही watertank के पास बैठे & She passed me mug of Chai “hmm, have it.”

“Well thanks, and you?”

➼ “No, I just took a cup of tea.”

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“Okay”, She gave back my mob. And I searched her name on Fb, With little uncomfortable feel.

Scroll down a little bit but didn’t found her profile.

“Look, मैंने कहा था ना, maybe She is not active on FB.”

➼ “wait, try with some different filter, you will find it.”

“Okay”, changed sorts, filter it to out of India also and again refreshed.

This time I scroll little and found a profile with similar faced like her & yes that’s it, that was her profile.”

I checked again in details and found that now she lives in ‘Omaha,USA’

Our expression like this, “Ohh Hoo”

She was married now & having a cute baby, I saw her in profile pic.

“But look she still looks so pretty, isn’t it..?

➼ “Yeah,You’re right.”, she said.

‘Beep..Beep..Beep.’ a car horn blows. 'बीप..बीप..बीप.' एक कार हॉर्न बजता है।

“शायद मेरे दोस्त आए हैं। I have to go. Bye dear”

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मैंने उसके हाथो में मग रिटर्न किया और जैसे ही मुड़ने लगा। वह करीब आई मेरा टी-शर्ट पकडके खीचा और मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए (we sealed with a kiss) and within a fraction of sec, she turns her face on the other hand.

मैंने खुद को एक मिनट के लिए रोका और कहा

"भानु, सुनो।",

I realized that she was just trying to express emotions that she felt for me through her actions.

Another ‘Beep..Beep..Beep.’ a car horn blows. “Ajay, come on, जल्दी आजा” one of my friends shouted from the ground.

➼ “It's ok, don’t say a word now. Please go, your friends are waiting out there. Bye, have a happy journey ahead”, she said in a low tone.

I turned around her. मेने उसके शोल्डर पे दोनों हाथ रखे और कहा -

“भानु, dear Listen, I admire your feelings, it's ok, fine.

और देखना तुम्हे धीरे-धीरे ये जगह, शहर, यहाके लोग सब कुछ अच्छा लगने लगेगा. Just stay dear as you are and be happy, Ok”, I said to her.

She just nodded her head with an affirmative Yes and smiled. “Yess, that's my good girl. Ok now, I have to go. “Bye, take care.”

➼ “Bye, take care.”

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मैं वापस अपने कमरे में गया, अपनी टी-शर्ट पर जैकेट पहनी, अपना बैग लिया और कार की तरफ नीचे चला गया।

कार में बैठने से ठीक पहले। मैंने उसके हॉस्टल की ओर देखा, वह वहाँ हाथ में मग लिए थी। उसने चाय की एक चुस्की ली और मेरी तरफ देखा।

We both waved hand ‘Goodbye’ and smiled.

मैंने अपनी सीट ली और कार सीधे सड़क की ओर बढ़ गई। हम कभी भी सोशल मीडिया पर नहीं जुड़े या यहां तक ​​कि एक-दूसरे के साथ अपने नंबरों को exchange भी नहीं किया

and that was the best thing we had.

आकाश की ओर देखते हुए, जो कुछ हुआ उसके बारे में मैं गहराई से सोच रहा था।

अचानक एक silent song बजने लगा कार रेडियो पर।

घर वापस आने की अपनी जर्नी के दौरान मैं कुछ घंटों के लिए शांत और मौन रहा। ”

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Something for those who read these

Somewhere Between “Crying out loud just to get what we want”

and “Holding our tears when we broken inside” we grew Up..!

Somewhere Between “Showing of the no. of Rakhis ”

and “Running away from Rakhis” we grown Up..!

Somewhere Between “ग्राउंड पे आजा”

and “Online आजा” we grown Up..!

Somewhere Between “Having lots of friends”

and “Having few good friends ” we grown Up..!

Somewhere Between “lets meet plan”

and “Let’s plan and meet” we grown Up..!

Somewhere Between “Cravings for fast food & hotel food.”

and “Cravings for माँ के हाथ का Home food” we grown Up..!

Somewhere Between “We are the best friends forever”

and “knowing that nothing truly lasts” we grown Up..!

Somewhere Between “Waking up at 6 AM”

and “Sleeping at 6 AM” we grew Up..!

As we grew up, we realized what has changed in our life.

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लाइफ मैं हम कभी सोचते भी नहीं का हमारा कुछ अच्छा या फिर कुछ बुरा दिन भी आएगा। कितनी अजीब होती है ये जिंदगी, जिंदगी में बस पैदा होना है give and take love, spread

happiness बस और फिर मर ही तो जाना है, ज्यादा कुछ नहीं। और लाइफ के यही 10% moments बस जरूरी है, बाकी 90% तो बस सिरफ रिएक्शन है।

ये लॉकडाउन भी एक लाइफ के उन्ही कुछ हसी-खुशी के 10% moments में से है। लॉकडाउन मे लॉग बोर, नाखुश और उदास नजर आराहे है और दुसरे साइड कुछ लोग तो इम्प्रूवमेंट या कहो

निखरकर बहार आ राहे है।

It's Okay, you just forgot who you are. Find out yourself and Now welcome back.

Be a person with positiveness. Spread love, happiness around you, and definitely a Good comeback returns towards you.

Keep it simple & be Always thankful to everyone.

Thanking you To all the Readers.

Written By- B.kumar

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