इश्क - 2 om prakash Jain द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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इश्क - 2

वेदांत और सिम्मी की अटूट प्रेम कहानी ।आप ने इश्क 1पढ़ा, पाठक गणों का स्नेह और प्यार मिला ।आगे लिखने की जिज्ञासा मेरे मन के कल्पना में होने लगा।मैं आप के बहुत -बहुत शुक्र गुजार हुँ।

सिम्मी ,शेखर के साथ अपने घर में ।आ गया बेटी।हाँ, ये शेखर हैं ,मेरे अमेरिका वाली सहेली की भाई।रात हो गया है जा बेटा।सिम्मी ,वेदांत की याद में ख्वाब देख रही है।सतरंगी सपने ।पापा ,सिम्मी के बेडरूम में कंबल देने ।सोने दे पापा ,नींद आ रही थी।चलता हूँ ।अच्छा सुभह बताना अमेरिका वाली सहेली कैसी है।जा ना पापा ,बहुत सुंदर ,अमीर है।वेदांत की तस्वीर दीखने लगता है।जाओ ना पापा अमेरिका वाली सहेली की सपने देख रही हूं ।जाता हूँ ।बेटी हमारा हैसियत नहीं वहां जाने की।
वेदांत तो पागल हो चुका है।शेखर तू जाना यार ।रात हो गया है ।मैं तेरे साथ सोऊंगा ।अरे बैल का दिमाक पया है ।तुझे अक्ल है नही।बैल को कोई अकल रहता है,भोंदू।सिम्मी की सपना देखना है नहीं बोल सकता बे साले।जाता हूँ भाभी को तेरा काला करतूति बता दूंगा ।अरे यार इश्क हो गया है।ख्वाब देख मेरे को क्या करना ।मिठाई का एक डिब्बा दे दे ।अरे बाबा दो डिब्बा रख ले ।अरे जा न बेवकूफ सिम्मी मेरे सपने में आ गई।आता हूँ सिम्मी।गुड बाय।अरे तू कहाँ चली ।शेखर-मर बे सिम्मी के ख्वाब में ,काका के साथ सोऊंगा ।
सिम्मी ,वेदांत तेरा दोस्त शेखर वेरी गुड बाय ।बेड इंसान है।उसका नाम मत लेना ।एक नंबर का फरेबी और फ्राड है ।तुम कैसे हो ।आई एम बी हैप्पी।मुझे तुम पागल लगते हो ।शेखर तुम्हारा सपने देखने नहीं देता ।इस लिए वो फरेबी और फ्राड है ।तुम डिस्टर्व मत कर न यार ।डीनर में मजा आया ।सिम्मी तुम से इश्क करता हूँ ।मुझे शेखर से प्यार हो गया है।तुम से नही ।शेखर का मर्डर तय।
सिम्मी ख्वाब ,वेदांत के गहरी नींद में ।आई लव यू वेदांत।प्यार किया कोई चोरी नहीं ।मैं बहुत गरीब हु वेदांत ।मुझे बाजार में बेच न देना ।बेच दूंगा ।मत करना येसा।एक नजर में तुमसे प्यार ।हाँ, तो सिम्मी मजाक उड़ाया।अमीरों के सौक है।
सुभह ,काका -वेदांत उठाना नहीं है क्या ।8 बज रहे है।
ऊं ऊं मुझे सोने दे काका ,सपने बिगाड़ दिया ।जाता हूँ। शेखर सूटिंग के लिए तैयार है ।मैं नहीं जाऊंगा आंख मलते उठता है ।काका चाय ।तेरे को लवेरिया हो गया है ।किसने बताया ।सिम्मी बेटी ने ।अरे हराम जादा शेखर,काका को क्या बताना ।मैं नहीं बयाया मैं नालायक नहीं हुँ।काका--सिम्मी का फोन आया था ।तू घोड़ा बेच कर सिम्मी की ख्वाब में दीवाना था ।होता है बेटा ।जवानी दीवानी है ।नो डायलॉग । शेखर चल बे सूटिंग में ।शेड्यूल बन गया ।तेरा शेड्यूल बनाने मुझे नहीं भाता ।नास्ता कर ले काका ब्रेड और आम लेट ले कर खड़ा है ।काका का इज्जत कर ।काका, सिम्मी क्या बोल रही थी ।शेखर -एक बाल्टी पानी उसके सिर में डाल दे।काका येसा कही ।हाँ बेटा हाँ ।शेखर तेरा टांग तोडूंगा ।सिम्मी भाभी को फोन लगाउ क्या?पूरा खेल बिगाड़ देगा ।एक नजर में प्यार हुआ है ।नजर लगा रहा है ।शेखर तू कभी नहीं सुधरेगा ।कुत्ते की पूंछ है टेढ़ा आदमी।
सूटिंग करनाल की पहाडी में ,ओ कैसी हीरोइन है ।नखरे दिखा रही है ।शेखर तू सीरियस हो जा बेटा।फ़िल्म नहीं चली तो हम बर्बाद हो जाएंगे।उस लड़की को पहाड़ से कूदने बोल ।देख रहा हूँ डाईरेक्टर कुछ नहीं कर रहा है ।अरे ओ हीरोइन कब से भाव खा रही है ।डाइरेक्टर को इम्प्रेस ही करती दिख रही है।अपने प्रेमी के ऊपर कोई तरस नहीं ।शेखर जा कूद कर मरने बोल ।प्रेमी नदी में कूद गया है।
सिम्मी का फोन हेलो वेदांत ,कैसे हो ,आज कंप्यूटर सेंटर में काम करने की तनिक मन नहीं।स्क्रीन में तुम्हीं दिख रहे हो ।लेबरों का पंजियनऔर बीमा करने का मन नहीं ।कैसे करूँ यार।मैं दुकान बंद कर दिया ।मत कर दुकान बंद पब्लिक चिल्लायेगा ।मिलते है ना दूसरी डीनर में।कल का पचा नहीं ।आज बदहजमी हो जाएगा ।शेखर से बात कर तुम्ही कर लो ।मैं सूटिंग में हुँ।मूड खराब है ।क्यों ।एक कौड़ी की हिरोइन दौ कौड़ी की अकड़ दिखा रही है ।सूटिंग कैसा होता है मैं भी देखु।अरे मजा आएगा ।कैसी गांव की लड़की है।कल तो प्यार हुआ है।इतना जल्दी भी क्या।ऊँ ऊँ रोने लगी ।अच्छा सॉरी मेडम ।मैं आ रही हूं ।कैसे आएगी पैदल गांव की जंगली लड़की हुँ।

डाइरेक्टर -वेदांत आज सूटिंग कैंसल करते है ।क्यों मेरा इतना सारा पैसा लगा है ।शेखर नहीं बंद होगा सूटिंग उस हीरोइन को तू लिफ्ट देते जा ।उसका प्रेमी तो मर गया उसे कोई दुख नहीं ।तू उस विडो के साथ इश्क लड़ा रहा है ।देख तो रहा हूँ ।चूप बे शेखर बकबक कर हर है ।डाईरेक्टर को क्यों नाराज कर रहा है ।ठीक है आज नहीं मरने का मन नही तो कल मरने नदी में धकेल देंगे ।डारेक्टर जी वेदांत सर आडिया ठीक है ।अब क्या करे पहाड़ के नीचे वाला सूटिंग कर लेते है ।ओके।
सिम्मी ,वेदांत तुम शेखर को नहीं भेजे ।अरे यार आज लोचा हो रहा है ।पूरा कास्टिंग खराब हो गया ।सब शेखर का नजराना है ।मैं कुछ नहीं जानती स्कूटी से आ रही हूं ।अरे हम करनाल की पहाड़ी में है ।सिम्मी तू मान जा यार ।जंगली जानवर भी है।अकेले मत आना ।हम लोग सूटिंग में नीचे आ रहे है।शेखर जा बे भाभी को लेने ।उतावली हो रही है ।सूटिंग यहीं होगा ।सिम्मी के साथ हम दोनों नदी में कूद कर जान देंगे।

शेखर ,भाभी मैं हूँ ना फिकर मत कर ।वेदांत पागल हो चुका है ।मती फिर गया है ।काका को उल्टा सीधा बोल रहा था।तेरे सपने में ब्रेड आमलेट भी नही खाया है।नदी में कूद कर जान देने को तैयार है।आजा भाभी तु ।सिम्मी का फोन -वेदांत मैं मर जाऊंगी।तेरे बिना कैसे जिऊंगी।अरे तुझे शेखर ने उल्टा पुल्टा कुझ कहा क्या ।सिम्मी सूटिंग है मरना जीना लगा रहता है ।हीरोइन हरामजादी नदी में कूद कर मर नही रही है ।मेरा पूरा शेड्यूल खराब हो गया है ।शेखर गया है तुझे लेने ।लेट हो जाएगा पापा को बता देना ।अमेरिकन सहेली के घर मे हु।आने में लेट हो जाएगा ।ये भी बता देना रात ज्यादा होने से रुकना पड सकता है ।ठीक है वेदांत मम्मी को बता देतु हुँ।पापा को मना लेंगे ।ओ के।हनुमान पहुँच गया होगा।आज काका से मिलाऊँगा।शेखर रहेगा तो आऊंगा ।क्यों ,मुझ पर भरोसा नही।है।पर दिल तो पागल है मानता नहीं ।तेरा भी कोई भरोसा नही ।काका सब बता दिया दिन में सपने देखतो हो ।ये सब कमीना शेखर का खेल है।तुमको गलत सलत बताता है।उसका नंबर डिलीट कर दो ।कर दूंगी ।तुझे बुखार हो तोमुझे खबर कोन करेगा।वेदांत ,तुमसे मैं बहुत प्यार करती हूं ।
हेलो ...ई एम वेदांत स्पीकिंग ।राज साहब मैं।सर नमस्कार ।तुम्हारा स्क्रिप्ट फाइनल किया हुँ।तुम्हारा दोस्त ने झूठ बोला 10 बरस लिखने में लगे है ।तुम 10 साल के उम्र से स्क्रिप्ट लिख रहे हो ।अरे शेखर के बांतों पर मत जाइए एक नम्बर का जुआड़ी है।फाइनल 10 लाख होता है ।अपना अकाउंट नंबर सेंट कर दो ।और कापी राइट भी अग्रीमेंट भी।ओके सर ।दूसरी स्क्रीप्ट पर फायदा करवा सकता हूँ ।तुम हमारे लिए लिखो।cg फ़िल्म में दम नहीं है।खर्चा निकल गया तो बहुत ।येसा करो तुम बॉम्बे ही क्यों नहीं आ जाते मेरा एक छोटी बंगाला है तुझे रहने फ्री में ।आई एम स्योर सर।सोचता हूँ ।फिर भी।तुम जैसे समझो।