अन्तरिक्ष पर्यटन की शुरुआत Anand M Mishra द्वारा यात्रा विशेष में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • जंगल - भाग 12

                                   ( 12)                       ...

  • इश्क दा मारा - 26

    MLA साहब की बाते सुन कर गीतिका के घर वालों को बहुत ही गुस्सा...

  • दरिंदा - भाग - 13

    अल्पा अपने भाई मौलिक को बुलाने का सुनकर डर रही थी। तब विनोद...

  • आखेट महल - 8

    आठ घण्टा भर बीतते-बीतते फिर गौरांबर की जेब में पच्चीस रुपये...

  • द्वारावती - 75

    75                                    “मैं मेरी पुस्तकें अभी...

श्रेणी
शेयर करे

अन्तरिक्ष पर्यटन की शुरुआत

नए युग का सूत्रपात! अन्तरिक्ष पर्यटन की शुरुआत! पहले हमलोग बदरीनाथ तथा केदारनाथ यात्रा के बारे में सुनते थे। लेकिन अब तो अंतरिक्ष पर्यटन की शुरुआत हो गयी। हो सकता है कि आनेवाले समय में विद्यालय से बच्चों को लेकर अंतरिक्ष में लेकर जाएँ। सोचकर ही रोमांच आ जाता है। इस कड़ी में भारत की बेटी सिरिशा बांदला और वर्जिन गैलेक्टिक कंपनी के मालिक 70 वर्षीय ब्रिटिश कारोबारी रिचर्ड ब्रैनसन ने रविवार को निजी विमान से अंतरिक्ष यात्रा कर आगे की राह खोल दी। ब्रैनसन, सिरिशा समेत क्रू मेंबर ने व्हाइटनाइट कैरियर एयरक्रॉफ्ट से रात 8:15 बजे उड़ान भरी। 8:30 बजे पृथ्वी से 50,000 फीट की ऊंचाई पर वीएसएस यूनिटी अलग हुआ और सबको 2।80 लाख फीट ऊपर ले गया। वहां सबने भारहीनता महसूस की। 9:10 बजे यूनिटी धरती पर लौट आया। अपने देश की बेटी केवल शिरिषा केवल पांच साल तक ही भारत में रही हैं। उन्होंने पड्रयू यूनिवर्सिटी से एयरोनॉटिकल / एस्ट्रोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक के बाद जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री ली है। वे बचपन से ही अंतरिक्ष जाना चाहती थीं लेकिन दृष्टि कमजोर होने से वे पायलट नहीं बन सकीं। अपनी ख़ुशी को जाहिर करती हुई उन्होंने कहा कि यूनिटी 22 के अद्भुत और साहसी मिशन का हिस्सा बनने के लिए अविश्वसनीय रूप से सम्मानित महसूस कर रही हूं जिसका मिशन सभी के लिए अंतरिक्ष को उपलब्ध कराना है। सच में यह एक स्वप्न के पूरे होने की तरह है। लोग स्वप्न देखते हैं और फिर उसे पूरा करने के लिए जी-जान से लग जाते हैं। मानव सपना देखता है। आज की नई पीढ़ी भी अन्तरिक्ष में जाने का स्वप्न देखती है और जाती भी है। रोमांच चाहिए लेकिन साथ में जोखिम है। जोखिम उठाकर रोमांच करना आज की पीढ़ी को अच्छा लगता है। जोखिम उठाने से ही कुछ हासिल होता है। हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने से कुछ हासिल नहीं होने वाला है। अब अंतरिक्ष में जाने के लिए यात्री तैयार बैठे हैं। खुशी की बात यह थी कि भारत की बेटी सिरिशा भी उस दल की सदस्या थीं। उसके पहले यह गौरव सुनीता विलियम्स तथा कल्पना चावला को प्राप्त हो चुका है। टेस्ला के संस्थापक अलेन मास्क भी इस घटना के गवाह बने। आनेवाले समय में दुनिया के तीन व्यापारी अन्तरिक्ष पर्यटन के लिए भारी भरकम निवेश कर रहे हैं। ये व्यापारी हैं – जेफ़ बेजोस, अलेन मास्क तथा ब्रेनसन। इन तीनों ने यह निवेश स्टार्टअप के माध्यम से किया है। इन तीनों ने अपने ग्राहकों को अंतरिक्ष यात्रा कराने का वादा किया है। ब्रैनसन के वर्जिन गैलेक्टिक कंपनी के पास पहले से ही लगभग छः सौ लोगों ने अग्रिम बुकिंग करा रखा है। यह रकम एक अनुमान के मुताबिक़ 1 करोड़ 86 लाख रूपये से अधिक है। वैसे कंपनी को उम्मीद है कि अगले वर्ष तक कंपनी अंतरिक्ष पर्यटन की वाणिज्यिक सेवा प्रारंभ कर देगी। हो सकता है कि तब सेवा की लागत भी कम हो जाए। अंतरिक्ष पर्यटन बाजार पर हावी होने की लड़ाई में तीन अरबपति जी-जान से लगे हुए हैं, जबकि हर रात करोड़ों लोग भूखे सोते हैं। अब भय यही है कि लक्ष्य पर्यटन ही रहे। यदि लक्ष्य पर्यटन नहीं है तो चिंता का विषय हो सकता है। कहीं लक्ष्य या इस पर्यटन का उद्देश्य खनिज दोहन हुआ तो फिर मनुष्य अंतरिक्ष को तबाह करने के लिए तैयार है। मनुष्य ने तो धरती को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अब अंतरिक्ष में छलांग लगा रहे हैं। लेकिन अभी से कुछ कहना जल्दबाजी होगी। अभी तो अंतरिक्ष यात्रा का आनंद उठाया जाए।