सरकारी नौकरी वाला वर ARUANDHATEE GARG मीठी द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • You Are My Choice - 35

    "सर..."  राखी ने रॉनित को रोका। "ही इस माई ब्रदर।""ओह।" रॉनि...

  • सनातन - 3

    ...मैं दिखने में प्रौढ़ और वेशभूषा से पंडित किस्म का आदमी हूँ...

  • My Passionate Hubby - 5

    ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा॥अब आगे –लेकिन...

  • इंटरनेट वाला लव - 91

    हा हा अब जाओ और थोड़ा अच्छे से वक्त बिता लो क्यू की फिर तो त...

  • अपराध ही अपराध - भाग 6

    अध्याय 6   “ ब्रदर फिर भी 3 लाख रुपए ‘टू मच...

श्रेणी
शेयर करे

सरकारी नौकरी वाला वर

मेरा एक दोस्त इंदौर में कॉम्पिटेटिव एग्जाम की तैयारी कर रहा है । एक दिन वह अपने दोस्त के साथ एक मल्टीनेशनल कंपनी में गया उसके दोस्त के कहने पर । उसका दोस्त उसी कंपनी में कार्यरत है । लंच टाइम में सभी कैंटिन में बैठे थे और वहां बातें कर रहे थे । तभी उसके दोस्त की कलीग ने मेरे दोस्त से कहा ..... " तुम क्यों सरकारी नौकरी के पीछे पड़े हो , आज कल तो इतनी सारी प्राइवेट जॉब्स हैं , उनमें ट्राय करो , अच्छा सा बिजनेस स्टार्ट करो , फिर पैसा ही पैसा होगा । ये गवर्नमेंट जॉब तो बेकार है , इसमें कुछ नही रखा । "

मेरे दोस्त ने कुछ नहीं कहा उस वक्त , क्योंकि शायद कुछ कहना जरूरी नहीं लगा उसे । तभी किसी ने उस कलीग से पूछा...........
" आपका फ्यूचर प्लान क्या है...??? इस जॉब के बाद अब आप क्या करना चाहती हैं...????"

उस लेडी कलीग ने तुरंत जवाब दिया ......" बस पैसे कमाने हैं अब तो खूब सारे ..., एक बढ़िया सा घर लेना है ...., बड़ी कार लेनी है और एक सरकारी नौकरी वाला लड़का अपने लिए ढूंढ के, शादी करनी है । "

मेरे दोस्त ने तुरंत उससे पूछा ......, " सरकारी नौकरी वाला लड़का..!!!! "

वो कलीग मेरे दोस्त की बात सुनकर कुछ नही बोली और नजरें चुराने लगी । तब मेरे दोस्त ने कहा ...... " मैं भी इसी लिए कॉम्पिटेटिव एग्जाम की तैयारी कर रहा हूं , ताकि सरकारी नौकरी पा सकूं और एक अच्छे पद पर कार्यरत हो सकूं । हो सकता है , आपकी तरह ही मेरे भी कोई सपने देख रही होगी ...., जिसे सरकारी नौकरी वाला वर चाहिए । दिन रात ऐसी ही मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करके पैसे कमा रही होगी , ताकि हमारे फ्यूचर के लिए घर खरीद सके ..., कार खरीद सके ।"

देन उसके बाद वहां और कोई बात चीत ही नहीं हुई और मेरा दोस्त अपनी बात कहकर वहां से उठकर चला गया ।

अब कंक्लूजन ये निकला ....., कि लोगों को वर तो सरकारी नौकरी वाला चाहिए...., दामाद भी सरकारी नौकरी वाला चाहिए...., जीजा भी सरकारी नौकरी वाला ही चाहिए ....। लेकिन लोग आजकल लड़कों को ये सजेशन देंगे ...., कि खुद का बिजनेस करो क्योंकि सरकारी नौकरी में कुछ नहीं रखा । सेम अपने बच्चों को भी आजकल यही कहा जाने लगा है , जिन्हें बचपन से ये कहकर बड़ा किया गया है .... " अच्छे से पढ़कर मेहनत कर और सरकारी नौकरी ढूंढ ..., वरना कोई लड़की तूझसे शादी नहीं करेगी और न ही कोई अपनी बेटी की शादी तुझसे करेगा । "

और अब वही कहते हैं ...., सरकारी नौकरी में कुछ नहीं रखा , बिजनेस करो ....., प्राइवेट नौकरी करो ...., खुद की कंपनी स्टार्ट करो ....।

अगर सरकारी नौकरी में कुछ नहीं रखा..., तो दामाद ...., वर ...., जीजा .... क्यों सरकारी नौकरी वाला चाहिए..??? और मल्टीनेटिनल कंपनी या कोई भी खुद की कंपनी ओपन करना हलवा है क्या...??? ऐसा तो नहीं है ...., कि हमने बोला और कंपनी ओपन हो गई और बिना मेहनत किए ही मार्केट में अपनी अच्छी खासी जगह बना ली कंपनी ने ....।

अब इसके आगे कुछ न कहूंगी....., क्योंकि ऊपर दर्शाई गई कन्वर्सेशन ही कह गई है ..., आजकल की असलियत ।


धन्यवाद
- अरुंधती गर्ग ( मीठी 😊 )
_________________________________________________

यह रचना न ही किसी की कॉपी है और न ही ये झूठी है । बल्कि ये एक सत्य घटना है और हमारे समाज में बिखरी सोच का कड़वा सत्य । जिसे हम माने या न माने , पर असलियत न मानने से न ही बदलती है और न ही झुठलाई जा सकती है ।