आज रावण को अधजला ही रहने दोगे क्या..?? ARUANDHATEE GARG मीठी द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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आज रावण को अधजला ही रहने दोगे क्या..??

क्या ख्याल है बादलों...???
आज रावण को अधजला ही रहने दोगे क्या?

बुराई पर अच्छाई की जीत का
झूठा ढोंग करने वालों को ,
बुराई पर झूठी जीत भी नही दिलाओगे क्या?
आज रावण को अधजला ही रहने दोगे क्या?

तुम अगर यूं अपनी लीलाएं दिखाओगे,
तो राम लला की लीला को ,
अधूरा ही रहने दोगे क्या...???
आज रावण को अधजला ही रहने दोगे क्या..?

राम ने तो सच में रावण को मारा था,
क्योंकि उसके अत्याचारों से पृथ्वी क्षुब्ध हो चुकी थी।
पर आज के राम , क्या सच के रावण का विनाश करते हैं क्या ..???
आज रावण को अधजला ही रहने दोगे क्या..?

यूं आसमान में अपनी छटा बिखेरोगे ,
पल - पल में बरसात का मोड़ लोगे ,
तो रावण दहन के समय , सच की तेज़ बरसात कर दोगे क्या..?
आज रावण को अधजला ही रहने दोगे क्या..??

तुम ही जानो , क्या चाहते हो तुम !
क्या कोई मंशा है तुम्हारी ,
या खुद किसी और की मंशा के आधीन हो तुम !!
आज रावण को अधजला ही रहने दोगे क्या..??

भगवान की और राम जी की मंशा तो सब जानते थे ,
आज भी तुम्हें भेजने की उनकी ही कोई मंशा होगी शायद ।
शायद सच की कोई लीला हमारे नैनों को दिखाने वाले होंगे ,
और इसीलिए शायद वे ,आज रावण को अधजला ही छोड़ देंगे ...!!!!

-- अरुंधती गर्ग ( मीठी 😊 )
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आज शाम चार बजे से , बादल खूब घिरे हैं हमारे यहां । और ये कविता लिखने की मंशा मुझे , आसमान में बिखरी इन घनघोर घटा को देखकर ही आई । इसी लिए मैं पूछ बैठी सवाल आज इन बादलों से ।

कहते हैं...., बरसात का बरसना अच्छा माना जाता है , ये खुशी का प्रतीक मानी जाती हैं , अगर किसी अच्छे कामों में बरसे तो । लेकिन आज के दिन रावण का अधूरा जलना भी , शुभ तो नही माना जाता । फिर अगर आज ये बरसीं , तो उसे क्या माना जायेगा..??? शुभ...., या अशुभ..????, भगवान ही जाने । इसी लिए मैंने आज इनसे सवाल किए ।

और जो कुछ भी मैंने आज के बारे में विवरण दिया , ये सच है या झूठ दुनिया की नजरों में , ये मैं नहीं जानती । लेकिन मेरे ये..., अपने व्यक्तिगत विचार हैं , जिन्हें मैंने यहां पर उकेर दिया ।

दुनिया के हिसाब से ये विचार गलत भी हो सकते हैं , लेकिन मेरे हिसाब से सही हैं । क्योंकि झूठा ढोंग कर , हर साल रावण को जलाकर , सच्चाई की मूरत बनना...., मुझे नहीं आता । हम त्योहार को त्योहार की तरह न मान कर , हजारों ढोंग , रिवाजों और न जाने , किन - किन बातों को लेकर त्योहारों से जोड़ने लगते हैं , जबकि हम खुद कभी उसे अपने आचरण में नहीं लाते ।

बस...., इसी लिए ये बातें मेरे द्वारा कहीं गई । आशा है...., आप आज का त्योहार खूब खुशी , स्नेह , सौहार्द के साथ मनाएंगे और झूठे उपदेश देने की जगह , सभी को एंजॉय करने देंगे ।

विजया दशमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐💐
भगवान आपको आगे बढ़ने और सच की बुराई से लड़ने की शक्ति दे , न कि झूठा दंभ भरने के लिए आपको आतुर करें 💐💐💐

धन्यवाद 😊🙏🏻