कविता विशेष ARUANDHATEE GARG मीठी द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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कविता विशेष


आप सब जानते हो
आप सब मेरे लिए क्या हो...????
आप सब मेरे लिए मेरी चाय हो,
जिनसे मिलते ही मुझे ताजगी का एहसास होता है
आप सब न मेरे मोबाइल हो
वो इस तरह .....,
कि अगर ज्यादा वक्त तक आप सबसे बात न हो तो
दिन और जिंदगी खाली - खाली सी लगती है

दोस्त सिर्फ एक वर्ड नहीं
केवल एक रिश्ता नहीं
बल्कि एक सुकून है
इनफैक्ट मेरे लिए दोस्ती कोई रिश्ता नहीं
बल्की एक खूबसूरत सी चीज़ है
जो हर किसी की जिंदगी में होनी चाहिए

मेरी जिंदगी में एक वक्त के बाद
कभी दोस्तों की कमी नही रही
बचपन में पैरेंट्स और घर के
बाकी सब सदस्य मुझे दोस्त
की तरह ही ट्रीट करते थे
थोड़ी बड़ी हुई , तो दादा जी से
मेरी सबसे अच्छी दोस्ती हुई
फिर उसके बाद पापा से हुई
क्योंकि बचपन में पापा ज्यादा
प्यारे थे हम दोनों भाई बहनों को
क्योंकि वो डांटते कम थे
और हमारी फरमाइशें ज्यादा पूरी करते थे
जबकि अब मम्मी से ज्यादा
दोस्ती पक्की है हमारी
उसके बाद स्कूल फ्रेंड्स
फिर जब जगह बदली
शहर बदला ........,
तो दादी , मेरी दोनों बुआ
मेरी छोटी बहने मेरी दोस्त बनी
और स्कूल फ्रेंड्स के तो क्या ही कहने
शब्द को ढूंढ कर अगर आसमान से भी लाऊं न
तो उनके लिए मुझे कम ही लगेंगे

वो दोस्त ऐसे थे
कि मतलब उनसे ही मुझे
असल दोस्ती के मायने पता चले
हम मिलते सिर्फ स्कूल में थे
बट ऐसा लगता था जैसे ये सब
सिर्फ पढ़ाई में साथ देने के लिए नहीं
बल्कि मेरी हर तरह से मदद करने के लिए मिलें हों मुझे
उनसे एक दिन न मिलूं तो
लगता था जैसे मैंने अपने दिन में
बहुत कुछ मिस कर दिया हो

फिर दोबारा स्कूल चेंज हुआ
चीज़ें बदली और शायद हालात भी
लेकिन ......, मुझे एक बार फिर
दो दोस्तों के रूप में एक नई जिंदगी मिल गई
उनसे मुझे समझ आया
कि असल मस्ती करना क्या होता है
आजादी क्या होती है
और खुलकर जीना क्या होता है
बचपन के बाद से पहली बार
उनके साथ ही मैंने मस्ती चालू की
बहुत सारी तो नहीं..., पर थोड़ी - थोड़ी
पहली बार मुझे तब फ्रेंडशिप डे का गिफ्ट मिला
और मुझे आज भी याद है
मेरी फ्रेंड ने जब मुझे वो लॉकेट दिया
तो मैं कितनी खुश हो गई थी
था तो वह सादा सा , सिर्फ काले धागे का
जिसमें व्हाइट कलर के ट्रांसपेरेंट तीन मोती थे
लेकिन उसकी उपयोगिता मेरे जीवन में कितनी है
ये तो इस बात से ही वो पता लगा सकती है
कि उसका दिया गिफ्ट मैंने आज तक संभालकर रखा है
एंड आगे भी संभालकर रखूंगी

स्कूल फ्रेंड्स में से मेरी और एक बेस्ट फ्रेंड थी
जिसका साथ मुझे ऑटो के बहाने
थोड़ा सा और मिल जाया करता था
मुझे आज भी याद है वो दिन
जब हमारे एग्जाम्स थे और उस समय मैं
लगभग खुद से ही टिफिन बनाकर ले जाया करती थी
उस दिन मैंने उपमा बनाया था
और एग्जाम से छुट्टी के बाद
हमारे सारे फ्रेंड्स चले गए थे
सिर्फ हम दोनों ही बचे थे
वो भी ऑटो का वेट कर रहे थे
भूख लगी थी दोनो को
तो मैंने निकाला अपना टिफिन
और बड़े शौक से कहा
"बताओ टेस्ट करके, कैसा बना है?"
देन उसने टेस्ट किया
और उसने कुछ नहीं कहा बस मुस्कुरा दी
मैंने जब उसे खाया , देन मैंने तुरंत कहा
"ये तो कितना कड़वा है"
उसने तब भी कुछ नहीं कहा और बस मुस्कुरा दी
असल में उसमें सरसों के दाने ज्यादा हो गए थे
जिसकी वजह से वो उपमा कड़वा हो गया था
मैंने उससे कहा , " यार इसे खत्म करना होगा ,
बहुत सारा है और मैंने बहुत चाव से बनाया है ,
अगर बच गया...., तो घर पहुंचकर डांट पड़ेगी "
उसने सिर्फ हां में सिर हिलाया
और मेरे साथ बैठकर बिना कुछ कहे
उसने वो पूरा टिफिन बिना स्वाद का उपमा खाया
आज भी जब याद करती हूं उस वक्त को
तो वाकई मुझे बड़ी हंसी आती है
कि कैसे मैंने अपने स्वार्थ वश उसे कहा
और बेचारी सिर्फ मेरा मन रखने के लिए
उस कड़वे उपमा को भी झेल गई

स्कूल लाइफ फिनिश होने के बाद तो जैसे
सिर्फ जगह ही नहीं , शहर ही नहीं,
बल्कि दोस्तों के साथ - साथ पूरा एक स्टेट भी चेंज हो गया
सबसे अकेली सी हो गई थी मैं
ऐसा नहीं था , कि आस - पास दोस्त नहीं थे
थे...., पर बहुत कम और मतलबी
पर उनमें से भी कुछ ऐसे थे
जो अच्छे थे और मुझसे दोस्ती करना चाहते थे
पर मैं नई जगह के चलते उन्हें बेस्ट फ्रेंड नहीं कह पाई थी
वही कॉलेज का एक साल था ...., जब मैं अपने पुराने सभी दोस्तों
चाहे वे घर के हों या स्कूल के हों ,
सभी को बहुत ज्यादा मिस करती थी
एक साल बाद फिर मेरे दोस्त बने
और सिर्फ कहने के लिए ही नहीं
बल्कि मेरे साथ हमेशा खड़े रहने के लिए
यहां भी सिर्फ फ्रेंडशिप डे विश करने वाले दोस्त नहीं थे
बल्कि मेरी हर मोड़ पर मदद करने वाले दोस्त थे

उनमें से एक दोस्त ऐसी थी
जो मेरे साथ रहती थी
बेचारी मेरी डांट भी खाती
मेरा आलस पन भी सहती
उसके बाद भी मेरी तारीफों के पुल बांधती
मैं भी ऐसी ...., कि जैसे मैंने कसम ही खा ली हो
कहीं भी जाऊंगी , तो इसके साथ ही जाऊंगी
वरना कभी कहीं नहीं जाऊंगी
और वो बेचारी मेरी सारी बातें मानती
बिलकुल एक बड़ी बहन की तरह

फिर एक और दोस्त मेरी लाइफ में आया
जो कि मेरा पहला लड़का दोस्त था
मुझसे उम्र में एक साल बड़ा है
लेकिन हालात ये हैं , कि अगर उसे गाली से भी नवाज़ू
तो उल्टा हंस देता है , लेकिन कभी बुरा नहीं मानता
वो एक ऐसा दोस्त है ,
जिसने मुझे समझाया , कि यूं सबसे कटे - कटे से रहने से
जिंदगी कभी आगे नहीं बढ़ती
सबसे बात करो , मिलो और जिंदगी को खुलकर इंजॉय करो
शायद मेरा वो दोस्त ये समझ गया था
कि मैं यहां आकर , नए माहौल को देखकर
डर रही हूं , सहम रही हूं , शायद अपना नहीं पा रही
उसने मुझे दोबारा जीने की राह में खड़ा किया
एंड दिस टाइम...., वो सिर्फ मेरा एक अच्छा दोस्त ही नहीं
बल्कि मेरा बड़ा भाई भी है
उसने मेरी लाइफ में एक ऐसे स्पेशल वन की एंट्री कराई
जिसके बिना अब मैं जिंदगी में जीने की सोच भी नहीं सकती

उस स्पेशल वन ने मुझे एक खुला आसमान दिया
जिसमें मैंने भी अपना डर त्याग कर
अपने पंख पसारे और जीना सीखा
जमीन दी उसने मुझे और जिंदगी का नया सलीका सिखाया
अब अगर मैं ये कहूं , कि वो मेरे दोस्त नहीं है
तो शायद गलत होगा ,
क्योंकि दोस्त तो मेरे वो हैं
और जिंदगी में हमेशा रहेंगे

उसके बाद मेरी जिंदगी में कभी दोस्तों की कमी नहीं रही
और सबसे बड़ी बात ये..., कि उस स्पेशल वन ने
मुझे सभी से जुड़ने का एक जरिया दिया
ऐसा नहीं था , कि वो जरिया मेरे पास नहीं था
या मेरे पेरेंट्स ने मुझे एविलेबल नहीं कराया था
कराया था...., लेकिन वो जरिया लेटेस्ट वर्जन से थोड़ा पुराना था
उस जरिए के कारण ...., मुझे मेरे फिर से वही पुराने
स्कूल फ्रेंड्स मिल गए , जिनसे कभी मेरा दिन बना करता था
जिनसे मैंने आजादी सीखी थी
फैमिली और सारे फ्रेंड्स सब मिल गए थे
पर मैंने अपने जिंदगी के
सबसे अनुभवी और प्यारे दोस्त को खो दिया था
मेरे ही जन्म दिन के दिन और वो थे मेरे बब्बा जी ( दादा जी )

लेकिन उस स्पेशल वन दोस्त ने मुझे समझाया
कि किसी के चले जाने से जिंदगी नहीं रुकती
उसने और मेरे पैरेंट्स ने और मेरी खूबसूरत दोस्त मेरी दादी ने
मुझे दोबारा बर्थडे मनाने के लिए मनाया
और मैं उनकी खुशी में खुश भी हुई और असलियत भी समझी

अब स्थिति ये है , कि मेरे पास दोस्तों की
बिलकुल भी कमी नहीं है
दिल से अजीज दोस्त भी हैं
और शरारती दोस्त भी
मेरे जॉब कुलीग्स भी मेरे दोस्त बने
और मेरे स्टूडेंट्स भी
और मेरे उसी दोस्त उर्फ मेरे बड़े भाई ने
मुझे जॉब दिलाने में मदद की
और नतीज़ा ये हुआ , कि वहां भी मेरे बहुत सारे दोस्त बने
एक अलग लेवल की मस्ती और वक्त इंजॉय किया वहां मैंने
प्रोफेशनल लाइफ के रूल्स सीखे
और साथ ही में मुझे हर जगह सपोर्ट करने वाले
मेरी गलतियों को निगलेक्ट करने वाले
मुझे सही दिशा देने वाले
और मुझे अपनी जिंदगी में खुद से भी ज्यादा
महत्व देने वाले दोस्त भी मिले

कुछ वक्त पहले मेरी जिंदगी ने फिर से पलटी मारी
और मैंने हर बार की तरह फिर जगह चेंज की
उसके कुछ समय बाद मेरा करियर भी बदला
और मेरा सेड्यूल भी
लेकिन मानना पड़ेगा मेरे दोस्तों को
इन सब ने ..., साथ कभी नहीं छोड़ा मेरा
मेरे कुछ दोस्त ऐसे भी हैं
जिन्हें अगर मैं याद न करूं न , तो ये खुद मुझे याद कर लेंगे
लेकिन न कभी खुद को मुझे भूलने देंगे
और न ही कभी अपनी कमी महसूस होने देंगे

अब तो हालात ये हैं,
कि इनकी लाइफ में अगर कुछ भी अच्छा या बुरा होता है
तो सबसे पहले खबर मुझे पहुंचाते हैं
और सच कहूं...., तो मुझे कभी पता ही नहीं चला
कि इन सबकी जिंदगी में मैं इतनी अहमियत कब से रखने लगी
कि जो बातें ये दुनिया से छुपाते हैं
वो बातें मुझसे शेयर करते हैं ये सब
और ऐसा ही कुछ हाल मेरा भी है
मेरी हर अच्छी बुरी जिदंगी का सच
किसी न किसी दोस्त की डायरी में
महफूज है या ये कहूं जप्त है

कुछ वक्त पहले ही मेरी दोस्ती
कुछ नए लोगों से हुई
जिनसे न मेरी उम्र मिलती है
और शायद न ही मेरा अनुभव
लेकिन उन सारे दोस्तों ने न सिर्फ
मेरी कलम और उसकी स्याही को निखारा है
बल्कि मुझे अपनी जिंदगी में इतनी जगह दी है
कि मैं खुलकर उनका दुख दर्द बांट सकूं
उनकी खुशियों का हिस्सा बन सकूं
और उन्हें सलाह दे भी सकूं
और साथ ही उनसे सलाह ले भी सकूं
इस थोड़े से ही वक्त में मेरी न ही सिर्फ उनसे दोस्ती हुई
बल्कि मुझे नए अनुभवों का ज्ञान हुआ
उनकी बदौलत मुझे गुरु का मान मिला
और साथ में एक अच्छी सखी का भी
एक में मैंने अपने गुरु और दादा जी को ढूंढा
तो बाकियों में बड़े भाई सा प्यार मिला
कम समय में ही बढ़िया सी दोस्त मिली
तो वहीं बड़ी बहन और छोटी बहन का मान मिला
सीधी तरह से कहूं..., तो उन दोस्तों ने
बहुत कम समय में ही मेरी जिंदगी में अपना एक
अहम स्थान बना लिया
अब स्थिति ये है
कि दूर होते हुए भी उनसे अगर मेरी एक दिन भी किसी साइट पर
अगर मुलाकात न हो, तो ऐसा लगता है जैसे
उस दिन कुछ मिस कर दिया हो मैंने

सच कहूं...., तो दोस्ती एक ऐसी चीज है
जो हर रिश्ते में व्याप्त है और निभाई जा सकती है
बल्कि ये बात भी एक दम सत्य है ,
कि बाकी रिश्ते दोस्ती में व्याप्त नहीं है
हम हर रिश्ते में दोस्ती का महत्व ढूंढ सकते हैं
लेकिन हर रिश्ते को हम दोस्ती के बिना कभी नहीं जी सकते

आज फ्रेंडशिप डे पर मेरे सारे दोस्तों को
जो कि अभी मिले हों या बरसों पहले
जो मेरी हमउम्र हों , या मुझसे बड़े या छोटे
जो मुझे हमेशा सीख देते हों , या फिर असीम स्नेह
जो मुझे आशीर्वाद देते हों
या फिर जिंदगी की राह पर कदम रखने का सलीका सिखाते हों
उन सभी को...., मेरी जिंदगी से जुड़े सभी रिश्तों को
और सभी दोस्तों को .....,
मित्रता दिवस की खूब खूब बधाई
आप सब हैं , तो मैं जिंदगी को जीती हूं
अगर आप सब न होते , तो शायद जीती तो जिंदगी
पर बिना किसी स्वाद और सुकून के

Happy belated friendship Day too all of you 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐

- अरुंधती गर्ग ( Meethiiiiiii 😊 )
आप सबकी इत्तू सी लेखिका ☺️😀😅

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आप सभी मातृभारती परिवार के सदस्यों को बीत चुके मित्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं 💐💐💐💐💐💐💐😊😊😊😊