स्टेट बंक ऑफ़ इंडिया socialem (the socialization) - 32 Nirav Vanshavalya द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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स्टेट बंक ऑफ़ इंडिया socialem (the socialization) - 32

सुप्रीम कोर्ट की काउंसिलर मी वेदमार्गी ने कहा अरे भाई इसकी तो आजकल बोलबाला है.

एडवर्ड ने कहा तो फिर ठीक है अमेरिकन रिजर्व बैंक के पास जाइए और क्रिप्टो के एक्सचेंज मांगीेये, फिर वह तो जवाब दे वह सुनिए और फिर मुझे बताइए.

वेद मार्गी थोड़ा सोचने पर मजबूर हुवे और कहा, अब क्या करना है!
मिस्टर रंगनाथन ने कहा तार्ज़ुब की बात तो यह है कि मिस्टर रॉय के एंटीफंगस के पास ब्लैक मनी रिकवरी सिस्टम है मगर यह डार्क मनी, यह तो सर दर्द बनता जा रहा है.

एनीवे, जयमन आर्य ने कहा मिस्टर रॉय आपका नेक्स्ट प्लानिंग क्या है?

रॉय ने कहा 000(ट्रिप्पल zero).

जय मां ने पूछा व्हाट ट्रिप्पल जीरो!!

रॉय ने कहां ट्रिपल जीरो एंटीफंगस की स्थापना होगी, जो भारत का सेल्फ का सारा कारोबार दलालीका ( एजेंसी) के रूप में संभालेगी.
यह एक इकोनॉमिक्स कंपनी होगी जिसका लाभ दुनिया का कोई भी देश उठा पाएगा.

जयमन ने पूछा तो फिलहाल आपको कितने सेल्फ की जरूरत पड़ेगी!!

रॉय ने कहा वेल, अभी तो एक लाख करोड़ से काम चलाना शुरू करेंगे, और बाद में आगे देखते हैं कितना रिस्पांस बढ़ता है.

रॉय ने कहा यदि एक लाख करोड़ की नोट रिजर्व बैंक से छपती है तो इतना ही गोल्ड कमिटमेंट बनता है.

वेद मार्गी ने पृच्छा से रंगनाथन की ओर देखा और रंगनाथन ने कहा मिस्टर वेद मार्गी यूं तो सेल्फ के बॉडी का नुकसान होने का कोई सवाल नहीं उठता मगर, किस के काउंट में कमी आती हैं तो उतना सोना रिजर्व बैंक को जमा करवाना पड़ेगा.

वेद मार्गी ने फिर से पृच्छा का भाव प्रदर्शित किया.

ओर जयमन ने कहा, 5000 सेलफ छपती है और 4000 का ही रिकॉर्ड बनता है तो 1000 सेल्फ की वैल्यू का सोना रिजर्व बैंक को देना पड़ेगा.

वेद मार्गी ने कहा, मगर सेल्फ के भाव बढ़ गए तब!!

रंगनाथन ने थोड़ा चीड़ कर कहां, वह सब सेटलमेंट की बात है. रूल तो यही है कि सेल्फ कम आती है तो इतना सोना डिपॉजिट करो. धेट्स ईट.

वेद मार्गी ने कहा तब ठीक है.

बाकी के चार महानुभावों ने एक साथ बोला की व्हाट अबाउट मिस्टर roy'स कमीशन!!

ट्रिपल जीरो इकोनॉमिक्स तो समझ में आ गई मगर 000 हमसे कीतना कमीशन लेगी?
अदैन्य ने प्रतीक्षा की थी सभी के एक साथ प्रश्नोच्चार होने की, और वैसा ही हुआ.

अदैन्य ने कहा, ट्रिपल जीरो आपकी बैंक से प्रति अयुत (10,000) ₹500 का कमीशन लेगी. माफ करना साहिबान, यह "अयुत" एक संस्कृत शब्द है. जिसका अर्थ होता है 10,000. जैसे एक मिलियन में 1000000 होते हैं वैसे एक अयुत में 10,000 होते हैं.
यानी कि प्रति अयुत त्रिशुन्य आपसे ₹500 कमीशन लेगी. बदले में सारा खर्चा, ट्रांसफर, पेमेंट्स सब कुछ त्रिशुन्य ही उठाएगी.

जो प्रश्नोंच्चार एक साथ हुआ था, वही सोच शुन्य भी एक साथ ही उत्पन्न हुआ और सभी एक दूसरे के सामने देखे बिना ही सोच में डूब गए.
थोड़ी देर के बाद मिस्टर रंगनाथन ने पूछा मिस्टर रॉय के ₹500, 10,000 के रिवाल्विंग( सेल्फ रेट) में होंगे, या रिजर्व बैंक के आउटलेट (ट्रेडिशनल करेंसी) रेट में?
अदैन्य ने सांत्वना देते कहा, जी नहीं यह बिल्कुल आउटलेट में ही होंगे.

अदैन्य ने कहा मिस्टर रंगनाथन रिवाल्विंग के आंकड़ों के हिसाब से करे बैठेंगे तो वह एक बहुत बड़ा अनप्रोफेशनल काम कहलाएगा. प्रोफेशनल थिंग वही होती है जो वस्तु से जुड़ी हुई छोटी से छोटी वस्तु का ध्यान रखा जाए और उस तक फायदा पहुंचा जाए. सितम किसी भी व्यवसाय का हिस्सा नहीं हो सकता.