अधूरा इश्क - 4 Balak lakhani द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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अधूरा इश्क - 4

अधूरा इश्क (4)

बहोत दिनों बाद ये कहनी को मे आगे लिखने जा रहा हू, क्या करे हमारे देश वासी महामारी से लड रहे हैं, इसी स्थिति मे क्या लिखू कुछ सूज ही नहीं रहा था, सही कहु तो लिखने का कोई मन ही नहीं हो रहा था, पर क्या करू लिखे बिना रहा नहीं जाता था, आशा करता हू मेरे सभी पाठक स्वास्थ्य और कुशल होंगे और रहेंगे और रहे ये इश्वर से प्राथना रहेंगी आप लोगों के लिए.
तो कहानी मे आगे बढ़ते हैं हम अब तक का सफ़र काफी अच्छा रहा है और आगे भी इसी तरह आप का प्यार मिलता रहेगा, 🙏🙏

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जब आर केने मोबाइल पर इलीना के संदेश देखा तो वही खयाल जो टूटे थे वोह फिर से जुड़ने लगे,

इलीना : हैलो आर के.

आर के : ओह हैलो, केसे हो आप?

इलीना : I'm fine, what about you?

आर के : nothing just weak up.

इलीना : अभी? इतना लेट?

आर के : लेट कहा है, अभी तो मॉर्निंग के दस ही तो बजे हे.

इलीना : अच्छा तो आपकी भाषा मे ये जल्दी उठना हे? पर हम तो इसे लेट ही कहते हैं.

आर के : अच्छा तो कितने बजे उठ जाती है? वेसे तो आप NRI लोग जल्दी उठते होंगे एसा हमे यकीन नहीं होता हा.. हा..

इलीना : हा हम भी उठ लेते हैं, हाँ कोई कोई होते हैं आप जेसे नवाब, हाँ.. हाँ..

आर के :अच्छी बात है, मे वेसे भी जल्दी उठ कर कुरु भी क्या? लोग तो शॉप पर 11:00am के बाद ही आते हैं.

इलीना : हा वोह भी हे, पर जल्दी उठो तो बहोत कुछ कर भी सकते हो, मोर एक्टिविटी , जॉगिंग, जीम, साइक्लिंग जेसी कई सारी चीजे है दुनिया मे, पर आप तो उठते ही इतने बजे हो के ये सब करने वाले लोग आपको दिखाई ही नहीं देते होंगे.

आर के : हा वोह तो हे पर एसा हे ना कि अभी हम बिलकुल फिट हे तो हमे जरूरत ही नहीं इन सब की, तो क्यू हम उसमे वक्त बर्बाद करे.

इलीना : ओह तो दुनिया मे जो ये सब करते हैं, वोह लोग वक्त की बर्बादी कर रहे हैं?

आर के : अरे मे सबकी बात नहीं करता, मे सिर्फ मेरे ही सीमित तक कि बात करता हू.

इलीना : ओके

आर के : आप हेल्थ को लेकर काफी परहेज रखती होंगी, तभी तो फिट हो.

इलीना : हा, डाइट पूरा फोलो करती हू.

आर के : अच्छी बात है.

ऎसे ही दोनों की बाते चलती रही पता ही नहीं चला आर के को कितना वक़्त बीत गया
अचानक घड़ी की तरफ नज़र जाती है और वोह बोल पड़ता है ओह! शिट.

इलीना : क्या हुवा कुछ गलत बोल दिया क्या मेने?

आर के : नहीं.. नहीं मे तुमसे बातों मे रहे गया और वक्त कितना हो गया पता ही नहीं चला, मुजे शॉप पर जाना है, और अभी तक मे रेडी भी नहीं हुवा, सॉरी मुजे जाना होंगा, मे बाद मे बात करता हू.

इलीना : नहीं सॉरी तो मुजे बोलना चाहिये, मेने आपका ज्यादा वक़्त ले लिया, जाइए आप अपना काम कीजिये मे तो फ्री ही थी तो ऎसे ही गप्पे मरने बेठ गई.

एक दूसरे को बाय बोलते हुवे अपने अपने काम मे व्यस्त हो जाते हैं, आर के तो और ही ताव मे आ गया था उसके दिल में तो कई कई लड्डू फूटने लगे थे, कि कोई तो बात बन रही है, और क्यू ना फूटे आखिर पसंदीदा चेहरे से बात होती है तो हर किसी का चेहरा खिल उठता है, ए तो फिर भी आशिक मिजाजी ठहरा तो ये तो होना ही था.

उस तरफ इलीना को कोई दोस्त जेसा मिला जिसके साथ बात करके अपनी बोरियत दूर कर सके ये सोच कर खुश थी, जितने दिन वोह इंडिया मे रहेगी तब तक उसे जान सकेगी ये सब दिमाग मे चल रहा था.
तभी उसके मोबाइल की घंटी बजती हे, उसका ध्यान भंग हो जाता है जब मोबाइल की स्क्रीन पर नाम देखते ही उसके चहरे का रंग फीका पड़ जाता है, वोह उठाती नहीं है और मोबाइल को उल्टा कर देती है, एसा दो बार होता है उसको लगा ये नहीं बंध होगा अब उठाना ही पड़ेगा तब जाके मानेगा,

इलीना : हा बोलो..
(सामने सिरे से एक भारी आवाज मे)

दीपेश : कब से कोल कर रहा हूं, कहां थी तो उठाती नहीं थी?

इलीना : फोन बेडरूम मे पड़ा था और मे किचन मे थी चटनी बना रही थी जो सुनाई नहीं दिया.

दीपेश : ओह एसा हे? केसे गुजर रहे हैं तुम्हारे दिन वहा?

इलीना : अच्छे और केसे रेस्ट जो मिल रहा हे तो अच्छा ही लगता है ना किसको अच्छा नहीं लगता आराम करना. आप बताइए वहा सब ठीक है?

दीपेश : हा यहा सब ठीक है, अभी आया मोटेल से.

इलीना :everything is ok

दीपेश : ya all good

इलीना : ok I have lot of work pending so put on call sorry.

दीपेश : OK no problem by

इलीना : by

(कहते हुवे कॉल ड्रॉप कर देती है, मुह फूलते हुवे, मूड खराब हो गया हो जेसे. और वोह आर के को कोल सीधा कोल लगाती है,)

* * * *

उधर आर के अपने काम मे व्यस्त था तभी मोबाइल पर घंटी बजती हे देखते ही उसकी आँखों में चमक ही बढ़ जाती है तुरंत मोबाइल हाथ मे लिया.

आर के : हैलो

इलीना : हैलो आपको डिस्टर्ब तो नहीं किया ना?

आर के : हाँ पर कोई बात नहीं, बोलिए क्या हुकुम हे हमारे लिए.

इलीना : कुछ नहीं ऎसे ही कोल किया बोर हो रही थी तो, पर आप काम करे रहे हैं तो कीजिए आपका काम sorry.

आर के : अरे नहीं बोलिए आप काम कुछ खास नहीं था बस वोह तो बाद मे भी हो सकता है.

इलीना : अच्छा? तो आप अपने काम को ज्यादा महत्व नहीं देते?

आर के : नहीं हम कम को पहेले मह्त्व देते हैं, पर आपके लिये तो थोड़ा फ्री हो ले तो कहां मे रोडपती हो जाऊंगा. बताईये केसे याद किया

इलीना : कुछ नहीं ऎसे ही बोर हो रही थी तो कोल किया सोचा चलो किसीसे बात की जाए तो आपका खयाल आया कि आपको परेशान किया जाए, (और ठहाका लगाकर हसने लगी)

आर के : ओह तो बोर हो रही हे आप इसलिए याद किया?

इलीना : ना.. हा.. वेसे ऎसे ही

आर के : ओके ओके जस्ट मस्ती कर रहा था.

इलीना : तो ठीक है, आपकी शादी हो गई?

आर के : नहीं, क्यू? हे कोई आपके जेसी?

इलीना : बस ऎसे ही पूछ लिया, आप तो..
और हाँ मेरे जैसी मे एक ही हू.

आर के : बेड लक होती तो.. किस्मत खुल जाती.

इलीना : ओह उसमे क्या भला किस्मत खुलती?

आर के : आपको जो देखे वोह तो एसा ही कहेगा, आपने कभी आईने में देखा हे फ़ुरसत से तो हर कोई कामना करता, बादाम सी आँखे.. गुलाब की पंखुड़ियां जेसे होंठ.. मंजरी आँखे कोन फना नहीं होगा.

इलीना : एसा कुछ नहीं नॉर्मल सी ही तो हू.. फ्लर्ट कर रहे हों?

आर के : नहीं जो आप हो मुजे लगा वही जुबान पर आ गया.

इलीना : सब ल़डकियों से ऎसे ही बात करते हो क्या?

आर के : नहीं ये तो आपको देख जो लगा वोह जुबा पर आ गया.

इलीना : एसा नहीं लगता कि बहोत ज्यादा हो रहा है अब?

आर के : कहा मेरा बस चले तो मे हर वक़्त आपकी तारीफ करता राहु.

इलीना : ओक, thank you,मुजे थोड़ा काम हे तो sorry मुजे जाना होंगा.

आर के : ओके कोई बात नहीं sorry की कोई जरूरत नहीं इसमे.
(दोनों अपने अपने काम मे खो जाते हैं ए सिलसिला अब रोज का हो गया था कभी "आर के" बात कर लेता तो कभी इलीना काफी अच्छी बॉन्डिंग हो गई थी दोनों मे, दो महीने बीत चुके थे बातों बातों मे, काफी कुछ एक दूसरे के बारे मे जान चुके थे, पर कुछ बाते अभी भी एक पिटारे मे इलीना ने छुपा रख्खा था, कई बार उसे लगा आर के की बता दु पर जुबा तक आते आते रुक ही जाता था, उतने मे इलीना का वीजा समाप्त हो रहा था, तो उसे रिन्यू करने विदेश मंत्रालय जा पहुंची थी तभी आर के का कोल आता है.

आर के : हैलो मिस u s क्या कर रही हो?
(वोह अब इलीना को मिस US ही बुलाता था)

इलीना : हा बोलो मिस्टर लंदन रिटर्न.
(इलीना अब आर के को मिस्टर लंदन रिटर्न बुलाती थी, क्यू के आर के वहा दो साल रहकर वापस आ गया था उधर का माहौल उसे पसंद नहीं आया था)

क्रमशः