The Author Neerja Pandey फॉलो Current Read पिशाच..! - 12 - डेविल की दुनिया By Neerja Pandey हिंदी डरावनी कहानी Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 76 अब आगे,राजवीर ने अपनी बात कही ही थी कि अब राजवीर के पी ए दीप... उजाले की ओर –संस्मरण नमस्कार स्नेही मित्रो आशा है दीपावली का त्योहार सबके लिए रोश... नफ़रत-ए-इश्क - 6 अग्निहोत्री इंडस्ट्रीजआसमान को छू ती हुई एक बड़ी सी इमारत के... My Wife is Student ? - 23 स्वाति क्लास में आकर जल्दी से हिमांशु सर के नोट्स लिखने लगती... मोमल : डायरी की गहराई - 36 पिछले भाग में हम ने देखा की फीलिक्स ने वो सारी बातें सुन ली... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास Neerja Pandey द्वारा हिंदी डरावनी कहानी कुल प्रकरण : 12 शेयर करे पिशाच..! - 12 - डेविल की दुनिया (22) 2.7k 8.3k डेविल की दुनिया 👿👿..... जब से इस दुनिया की उत्पत्ति हुई है ,तभी से अच्छाई और बुराई का संघर्ष भी होता रहा है। डेविल भी कभी अच्छाई और सत्कर्म पर चलने वाला था । पर घमंड और अहंकार ने उसे बुराई के रास्ते पर डाल दिया और उसे बुराई का प्रतीक बना दिया।आप डेविल को तो जानते ही होंगे लेकिन आपमें से बहुत कम लोगों को ही डेविल की असली कहानी पता होगी। डेविल का असली नाम लुसिफर था। वो एक देवदूत था और और वह उन सब देवदूतों में सबसे सुंदर था। उसके पास उन सबमें सबसे ज्यादा ज्ञान था इसलिए उसे देवदूतों का सरदार बनाया गया था। वो खुद को भगवान से भी ऊपर मानता था और वो हर चीज में अपना विचार रखता था। एक दिन भगवान ने एक बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे पर उसका विचार नहीं लिया तो उसे लगा की भगवान उसका अपमान कर रहे हैं। उसने स्वर्ग के एक तिहाई देवदूतों को, जोकि ये मानते थे की लुसिफर भगवान से अधिक शक्तिशाली और ज्ञानी है, लेकर भगवान के खिलाफ विद्रोह करना लगा। कई देवदूतों ने उसे समझाया की वो गलत कर रहा है लेकिन वो अपने घमंड में इतना चूर था की उसने उनकी बात नहीं मानी। वो अपने समर्थकों को छोड़कर बाकी सबको बहुत परेशान करता था। उससे तंग आकर सबने भगवान से गुहार लगाई तो भगवान ने उसे देवदूतों के सरदार के पद से हटा दिया और उसे स्वर्ग से निकल दिया। भगवान ने उसके साथ इन सभी को भी बाहर निकल दिया जो उसका समर्थन करते थे। लुसिफर उन सबको लेकर आत्माओं की दुनिया या नरक में जाकर रहने लगा। वो थोड़े ही समय में वहां का राजा भी बन गया। वहां पहुंचकर उसने अपना नाम बदल कर सेटन या फिर डेविल रख लिया और उसके समर्थक राक्षसों में बदल गए। वो अब भगवानों के खिलाफ हो गया था। बाकी सब भगवानों की तरह डेविल भी अमर है। बाकी देवदूतों की तरह इसके पास भी दो सफेद पंख हैं जिसकी मदद से यह उड़ता है। उसके पास राक्षसी शक्तियां होने के साथ साथ दैवीय शक्तियां भी हैं क्योंकि पहले यह स्वर्ग में ही था।डेविल को भय और बुरे कर्मों का प्रतीक माना जाता है। वह लोगों को अपने हिसाब से चलने में बहुत माहिर है। कहा जाता है की हर गलत काम करने वाले इंसान के पीछे डेविल का ही हाथ होता है।वो ऐसा इसलिए करता है क्योंकि इंसानियत भगवान की देन है और वो इसको खत्म करके अपनी बादशाहत कायम करना चाहता है। डेविल को धोखे और झूठ का बादशाह भी कहा जाता है क्योंकि यह झूठ बोलकर लोगों को अपने वश में कर लेता है और काम पड़ने पर उन्हें भी धोखा दे देता है।कहा जाता है की अभी इस दुनिया में जो भी भ्रष्टाचार हो रहा है वो सब डेविल के कारण ही हो रहा है और हम भी इस समय उसी की दुनिया में जी रहे हैं। जब ये भ्रष्टाचार ज्यादा बढ़ जाएगा तब भगवान और डेविल में एक युद्ध होगा जिसमें भगवान डेविल को हराकर उस कई हजार सालों के लिए कैद कर देंगे।सभी अच्छे कर्मों वाले एवम सच्चाई पर यकीन करने वालो को उस घड़ी का इंतजार है; जब डेविल का प्रभाव इस धरती से खत्म हो जाएगा।🙏🙏🙏पढ़ने के लिए धन्यवाद.. आगे के एपिसोड्स अगले भाग में..#stayhome#staysafe 🙏 ‹ पिछला प्रकरणपिशाच..! - 11 - ला लोराना ... Download Our App