मेरी मोहब्बत कौन...?(भाग 01) Swati Kumari द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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मेरी मोहब्बत कौन...?(भाग 01)

सुबह के 9:30 या 10 का समय हो रहा था बस कुछ देर पहले ही कॉलेज की गेट खुली ही थी हेमंत और हिमाशु किसी बात को लेकर बहस करते हुए कॉलेज के अंदर प्रवेश करते हैं । इन दोनों के बीच ऐसी लड़ाईयां लगभग दिन में दस बार हुआ करती थी । आखिर दोनों बेस्ट फ्रेंड जो थे... दोनों एक-दूसरे से बात किए बिना भी नहीं रह सकते थे और बीना लड़े भी नहीं रह सकते थे उनकी बहस या लड़ाई आधे से अधिक बीना मतलब मंनोरंजन के लिए हुआ करती है और आज की लड़ाई भी कुछ ऐसी ही है बेमतलब....


"तू ना एक काम कर मेरे बाप.... कॉलेज की जितनी भी लड़कियां है ना सब से तू अकेले ही शादी कर ले मेरे लिए किसी को छोड़ना ही मत...,कमीने.."हेमंत दिखावटी गुस्से से कहता है और अपने दोस्त हिमांशु के पीठ पर घुसा दे मारता है

"क्यों भड़क रहा है ऐसी कौन सी गलती हो गई मुझसे बता जरा और तू तो ये घुसा ना मारा ही मत कर ऐसा लगता जैसे कोई लड़की गुदगुदी कर रही हो.....",हिमांशु कहता है

"गलती.... गुनाह हुआ है तुझसे और वो भी तू ने जानबूझ कर किया है।"

"ऐसा क्या किया मैं ने...?"

"मेरी गर्लफ्रैंड मुझे छोड़कर चली गई।",कहते हुए हेमंत अपना चेहरा बनाता है

"तो तू मुझे क्यों गालियां मार रहा है...",हिमांशु हेमंत का कॉलर मड़ोडते हुए कहता है

"क्योंकि वो भी तेरी वजह से गई।",हिमांशु को हल्का धक्का देते हुए हेमंत कहता है जिस कारण हिमांशु नीचे जमीन पर गिर जाता है

"मेरी वजह से....",हिमांशु आश्चर्य से कहता है

"हाँ तेरी वजह से उसने तेरे डोले शोले देख लिए और फिदा हो गई तेरे उपर, रात से ही मुझे ब्लॉक कर रखा है। और धमकी भी दिया है, बोली है कि तेरी भाभी बनकर दिखाऊंगी...।"कहते हुए हेमंत झूठ-मूठ का रोने लगता है

"पर वो मुझे देखी कब...?"

"कमीने जब तू अर्धनग्न हो कर वीडियो कॉल कर रहा तब वो मेरे साथ ही थी।"

"हाय रे मेरी इज्ज़त....",कहते हुए हिमांशु अपने दोनों हाथो को मोड़ते हुए अपनी छाती से सटाते हुए पूरे शरीर को सिकोड़ता है

"एक तो मेरा दिल टूटा है वो भी तेरी वजह से उपर से साले तू ही नौटंकी किए जा रहा है।",कहते हुए हेमंत अपने पैर से चप्पल खोलता है और हिमांशु के उपर फेंक देता है

"अब इसमें मेरी क्या गलती... अब मैं इतना हेंडसम हूँ तो उसमें मैं क्या करूँ",कहते हुए हिमांशु अपना चेहरा अपनी हथेली के पीछे छुपाता है

हेमंत और हिमांशु दोनों बचपन के दोस्त है स्कूल से लेकर अभी तक का सफर दोनों ने साथ में ही किया इन दोनों के बीच जितना प्यार है उतना ही झगड़ा भी होता है। अभी फिलहाल दोनों औरंगाबाद के......कॉलेज में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं और इनका घर भी औरंगाबाद ही है जिस कारण दोनों वाइक से आसानी से कॉलेज आया और जाया करते हैं ।

हिमांशु दिखने में काफी स्मार्ट है और हमेशा बन-ठन कर भी रहता है। सिक्स पैक्स, डोले शोले, लम्बा कद, हट्टा-कट्टा शरीर, जो उसे वरूण धवन से कम नहीं दिखा रहा था। और वहीं हेमंत भी दिखने काफी स्मार्ट था पर वो कभी खुद के उपर ध्यान नहीं दिया करता था। जैसे हैं मस्त हैं...., मध्यम कद, गोरा चिट्ठा रंग, छोटी-छोटी दाढ़ी, खड़ा नाक, और कान में एक छोटी सी बाली जिसे वो बार-बार खिचते रहता था हिमांशु इस बात को लेकर भी कइ बार उसे चिढ़ाता था ।

हेमंत के चपल फेंकने पर हिमांशु खुद को हेंडसम बताते हुए शर्माता है

"कुत्ते तू हेंडसम का हाथ पैर भी नहीं बस जादू करके मुझे मेरी गर्लफ्रैंड छिनता है , जब भी मेरी कोई नई गर्लफ्रैंड बनती है तो तू अपनी को छोड़कर मेरी वाली के साथ नैन नमटके करने लगता है और उसके तीसरे दिन ही ब्रेकअप होना तो सुनिश्चित हो जाता है। सब तेरी वजह से....."

"मेरी वजह से कैसे कमीने....",हिमांशु अपनी जगह से उठते हुए कहता है

"तू उसे इंप्रेस कर लेता है।"

"ओहोहो... मैं इंप्रेस करता हूँ तुझे तो मेरा शुक्रियादा करना चाहिए कि गंदी लड़कियों से मैं तुझे बचाता हूँ।"

"हाँ और खुद चार-चार के साथ घूमता है सुनिता, कविता, सरिता.. पता नहीं ओर कौन कौन..."

"हृहृह...अच्छा तो जलन हो रही है भाई को....",हिमांशु अपने मुँह पर हाथ रखते हुए कहता है

"क्यों होगी तुझसे जलन.... जितनी गर्लफ्रैंड के साथ घुमना है घुम मेरे बाप का क्या जा रहा है।",इतना कहते हुए हेमंत कुछ पेड़ की पत्तियां मड़ोड़ता है और गुस्से से हिमांशु के उपर फेकते हुए वहाँ से चला भी जाता है

हिमांशु को हेमंत की यह हालत देख बहुत हँसी आती है वो हँसते-हँसते वहीं लोट पोट हो जाता है । कुछ देर बाद ही हेमंत वापस आता है और लात मारते हुए हिमांशु को घसिटकर उठाता है। और उसके कॉलर को मड़रते हुए खिचक ले जाता है

"अब क्या हुआ बे....कहाँ ले जा रहा?",हिमांशु अभी भी हँसे जा रहा था

"ज्यादा खुश मत हो मनीपर्वत पर नहीं ले जा तुझे...",हेमंत हिमांशु को घूरते हुए कहता है

"अच्छा फिर तू जरूर मुझे नरकलोक ले जा रहा होगा है ना......",कहते हुए हिमांशु हेमंत के हाथ से अपने शर्ट का कॉलर छुड़ाता है

"छोडूंगा नहीं तुझे देखता हूँ मैं भी आज तू घर कैसे जाता है कमीने आज तुझे तेरी नानी याद ना दिला दी ना तो कहना.....",कहते हुए हेमंत उलटा चल रहा है तभी उसके कानों एक मीठी आवाज जाती है

"संभलकर ......."कहते हुए किसी ने उसके पीठ पर हाथ रखा

हेमंत आश्चर्य से पीछे मुड़ता है
हेमंत के पीछे एक लड़की खड़ी होती है । जिसके हाथ में बहुत सारी किताबें थी, आँखों पर गोल चश्मा, तीखी नाक, खुले केश, कमल के पंखुड़ी से होठ, सुराही सी गरदन, गोरा रंग, ब्लू सूट और एल्लो क्लर का पटियाला सलवार हाथ ही एक तरफ लटका हुआ दुपट्टा, कान में छोटे से झुमके जिस पर सुर्य की रोशनी पकड़ते ही रंगबिरंगे छोड़ रही थी।
हेमंत बस उस लड़की को देखते रह जाता है

"हेल्लो....."वह लड़की हेमंत के आँखों के सामने हाथ हिलाते हुए कहती है

"अ....ज.....जी "

"आप मेरी किताब के उपर चढ़े हो प्लीज ..."कहते हुए वह लड़की नीचे की तरफ इशारा करती है

उस लड़की के इशारा करते ही हेमंत नीचे की तरफ देखता है तो पता चलता है कि वह किसी उपन्यास वाली किताब के उपर अपना पैर रखा है। वह झट से अपना कदम पीछे मोड़ता है और दोनों कान पकड़ कर क्षमा मांगता है और फिर वह किताब उठाने के लिए जल्दबाजी में नीचे झुकता है जिस कारण हेमंत का सिर उस लड़की के हाथ में बची हुई किताबें से जा टकड़ाता है और बांकी बची हुई किताबें भी जमीन पर गिर जाती है पहले तो वह लड़की हेमंत को घूरती है फिर दोनों साथ में नीचे झुकते हैं । जिस कारण दोनों का सिर आपस में टक्करा जाता है । वह लड़की इस बात को नजरअंदाज करते हुए चुपचाप बीना कुछ कहे किताबों को समेटने में लग जाती है।

"वो कहते हैं कि अगर सिर किसी से टक्करा गया हो तो दुबारा फिर से टक्करा लेना चाहिए नहीं तो सामने वाले से बिछड़ना पड़ता है।",हेमंत थोड़ा घबड़ाते हुए कहता है

"अच्छा... मतलब कि सामने वाला इंसान एक बार मर रहा हो तो उसे दुबारा भी मारना चाहिए नहीं....",वह लड़की हेमंत को घूरते हुए कहती है

"नहीं मेरा मतलब वो नहीं था.... मतलब ऐसा लोग कहते हैं।"

"हाँ तो लोगों से हमे क्या मतलब... कहने को तो लोग बहुत कुछ कहते हैं अगर हम सब कि सुने तो हमारी आधी जिन्दगी सुनने में ही निकल जाएगी।"

"लेकिन, अगर कहावत सही हो गई तो.....",हेंमत काफी धीरे से कहता है

"तो... तुम कौन से मेरे पिअॉनसे... हो, आजकल माँ-बाप से बिछड़ने से डर नहीं लगता लोगों को और तुम चले एक अनजान से बिछड़ने...."

"तुम तो नाराज हो गई...."

"जी नहीं....",कहते हुए वह लड़की अपनी किताबों को उठाती है और जाने के लिए मुड़ती है

"सुनो तुम्हारा नाम.....?",हेंमत डरते हुए कहता है

वह लड़की अपने चश्मे को नाक पर थोड़ा सड़काती है और आँखों को सिकोड़ते हुए गुस्से से हेमंत को देखती है

"वैसे अगर तुम नाम बताना नहीं चाहती तो कोई बात ..पर मैं तुम्हें अपना नाम जरूर बताऊंगा....",कहते हुए हेमंत अपना हाथ आगे बढ़ाता है

"आई एम नॉट इंट्रेस्ट......",कहते हुए वह लड़की वहाँ से जाने लगती है

"अरे! पर सुनो तो....",कहते हुए हेमंत उसका रास्ता रोकता है

"वाइय...."

"आई एम हेमंत.... और मैं...."

"मुझे नहीं सुनना..."

"प्लीज नाम तो बता दो यार...."


क्रमशः........

Swati kumari