The Author Neerja Pandey फॉलो Current Read पिशाच..! - 9 - मास्क के पीछे का खौफनाक चेहरा By Neerja Pandey हिंदी डरावनी कहानी Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books राजा और दो पुत्रियाँ 1. बाल कहानी - अनोखा सिक्काएक राजा के दो पुत्रियाँ थीं । दोन... डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 76 अब आगे,राजवीर ने अपनी बात कही ही थी कि अब राजवीर के पी ए दीप... उजाले की ओर –संस्मरण नमस्कार स्नेही मित्रो आशा है दीपावली का त्योहार सबके लिए रोश... नफ़रत-ए-इश्क - 6 अग्निहोत्री इंडस्ट्रीजआसमान को छू ती हुई एक बड़ी सी इमारत के... My Wife is Student ? - 23 स्वाति क्लास में आकर जल्दी से हिमांशु सर के नोट्स लिखने लगती... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास Neerja Pandey द्वारा हिंदी डरावनी कहानी कुल प्रकरण : 12 शेयर करे पिशाच..! - 9 - मास्क के पीछे का खौफनाक चेहरा (15) 2.8k 13.3k मास्क के पीछे का खौफनाक चेहरा😷👿कभी कभी जिंदगी में कुछ ऐसा घटित हो जाता है की हमारा उस घटना पर यकीन कर पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाता है ।और उस घटना से उबर पाना असम्भव सा लगता है। हम जितना उस दूर जाने की कोशिश करते हैं न जाने क्यों हमको ऐसा लगता है की हम उसके और करीब चले गए हैं। ऐसी ही कुछ घटना मेरे साथ हुई थी। यह कहानी मेरे दोस्त विराट की है। उसे हमेशा डर लगा रहता था की एक दिन एक जोकर आकर उसको मार डालेगा। मैं हमेशा उससे इस बात का कारण पूछती थी। वो हमेशा मेरी बात टाल देता था। एक दिन जब मैं उसके बहुत पीछे पड़ी तो उसने कहा "ठीक है अगर तुम जानना चाहती हो तो चलो मैं तुमको बताता हूं। लेकिन इसमें मेरी गलती नहीं है। तुम मुझे गलत मत समझना।"मैंने उससे कहा "पहले बताओ तो क्या बात है?"उसने कहा "यह बात करीब तीन साल पहले की है। मैं एक सर्कस देखने गया था। वहां पर एक जोकर से मेरी अच्छी दोस्ती ही गई थी। उसके अंदर एक आदत बहुत बुरी थी। वो हमेशा शराब पीकर दूसरों से लड़ता रहता था। उसके चलते मुझे भी शराब पीने की आदत पड़ गई थी। एक दिन हम दोनों साथ बैठकर शराब पी रहे थे। उसने बहुत शराब पी ली थी। वो अचानक से उठा और मुझे अपशब्द कहने लगा। मैने उससे शांत होने को कहा तो वो मुझे पीटने लगा। मैने भी अपने बचाव के लिए उसे खुद से दूर ढकेल दिया लेकिन मैं भूल गया था की हम लोग एक बड़े से नाले के किनारे बैठे थे। वो लड़खड़ाते हुए सीधे नीचे गिर गया और नाली के अंदर पड़ी टूटी बोतलों से उसका चेहरा बुरी तरह कट गया। मुझे अभी तक उसका खौफनाक चेहरा याद है।"उसके चुप होने के बाद मैंने कहा "लेकिन यह तो तीन साल पुरानी बात है न और वो मर गया है तो फिर तुम क्यों डर रहे हो?"उसने कहा "मरते मरते उसने कहा था की वो मुझसे बदला लेने जरूर आएगा चाहे उसे आने में पांच साल ही क्यों न लग जाएं।"हम लोग एक दूसरे से बात करते हुए आगे बढ़ ही रहे थे की एक लंबा सा आदमी पूरे चेहरे को ढकने वाला मास्क पहनकर हमारे बगल से गुजरा और उसने विराट के कान में कहा "मैं वापस आ गया हूं।" इससे पहले विराट कुछ कह या कर पाता उसने अपनी कोट के अंदर से एक टूटी हुई बोतल निकाली और विराट पर हमला करने लगा। विराट भी उसे खुद से दूर धकेलने लगा। इसी धक्कामुक्की में उस आदमी का मास्क गिर गया और मैंने उसका चेहरा देखा। उस आदमी ने एक आखिरी बार किया विराट पर और विराट वहीं लहूलुहान होकर गिर पड़ा। मैं अभी तक सुन्न अपनी जगह पर खड़ी थी लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा। मैंने विराट के पास जाकर देखा की वो मर चुका है। अब तक वो जोकर मुड़कर वापस जाने लगा था। थोड़ी दूर जाने के बाद पता नहीं वो कहां गायब हो गया। उफ्फ! कितना खौफनाक था उसका चेहरा। आगे क्या हुआ जानने के लिए अगला भाग पढ़े🙏 ‹ पिछला प्रकरणपिशाच..! - 8 - भानगढ़ का राज.. › अगला प्रकरण पिशाच..! - 10 - पहाड़ी राक्षस ... Download Our App