Do Ghost Phantoms Really Happen - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

क्या भुत प्रेत सच में होतें है - पार्ट 3 - अंतिम भाग

शाम का वक्त था | और हमारे मोेहल्ले की लाईट कटी हुई थी आस पास के बच्चे और बुजुर्ग लोग बाहर खटीया में बैठे थे और मैं उन बच्चों के साथ वहीं बैठा हुआ था | हम लोग शायरी गाना ईत्यादी गुनगुना रहे थे | तभी उन्हीं में से एक लड़का बोलता है की चलो छुपाछापी खेलते है |

ईस खेल में सब बच्चे छुप जाते है | और एक जन को उन सभी को खोजना पड़ता है
उसके बाद जो पकड़ाता है उसे चोर बन्ना पड़ता है
यानी के अब उसकी बारी आ जाती है अपनी आँख किसी दिवार या पेंड़ के पीछे मुँध कर खड़े रहे जबतक की कोई रेडी न बोलदें

तो यही खेल हम लोग उस समय खेल रहे थे अभी शाम के करीब 6:30 बजे का टाईम होगा

अंधेरा भी धीरे धीरे होने लगा था | यानी शाम ढल रहा था
तो हम लोग ये खेल बंद करना चाह रहे थे

उन सभी ने एक दुसरे को चिल्लाना शुरु कर दिया के चलो अब और नही खेलेगे जितने भी लोग छिपे हो सब बाहर आ जाओ

तकरीबन सभी लोग आ गए थे | और फिर हमलोग जाकर खटीया में ही बैठ गए

तभी हम लोगो को याद आया की अमन तो आया ही नही है ईसिलिए हमलोग अमन को खोजने चले गए
जितनी दुर तक हम लोग खेले थे उन सभी जगहों में उसे चिल्ला चिल्ला कर बुलाए

पर बहुत खोजने पर वह नही मिला | ईसिलिए हम सब लोग अमन के घर जाने का ईरादा बनाए | कुछ लोग उसके घर जाने को राजी नही हुए

वह लोग बोल रहे थे के उसके घर के आस पास अजीब लगता है | उसकी दादी मुझे अजीब दिखती है पहले हमलोग जब उसके घर जाते थे तो उसकी दादी हमें घुरती रहती थी

ईसिलिए तब से हमलोग उसके घर जाते नही है उन्हीं में से एक लड़का बोला की मेरी अम्मी भी वहाँ जाने से मना करती है

मेरी अम्मी कहती है की अमन के घर मत जाया करो और न ही कभी उसके घर का कुछ खाना पानी तक उसके घर का पीने को मना करती है

ईसिलिए तुम्ही लोग जाओ उसके घर हम नही जाएँगे
मै और श्याम उसके घर जाने का निर्णय लिया

और हमलोग चल दिए उसके घर जब हमलोग उसके घर पहुँचे तो देखे की अमन तो अपने घर में ही है

मैने उस्से पुछा के तुम कब चले गए थे हमें पता ही नही चला तो वह बोला मै उसी टाईम आ गया था
मैने तुम सब को बोला भी की मै घर जा रहा हुँ तुमलोग खेल में मगन थे ईसिलिए मै चुपचाप अपने घर को आ गया

मैने उसे साईड में आने को और उसे वह बात बताई जो वह सब मुझे बता रहें थे

मैने बोला के जब मै तुम्हे खोज रहा था | और तुम नही मिले तो मैने उन लोेगो को बोला के चलो अमन के घर चलते है तो वह लोग कहने लगे की मेरी अम्मी मना करती है वहाँ जाने और ये कह रहे थे की तेरी दादी उन्हें घुरती है

ईसिलिए वह नही आना चाह रहे थे मैने पुछा के क्या ये सच है

वह बोला धीरे बोल सुन लेगी बुढ़िया | वह बताया की मेरी दादी काला जादु ईत्यादी करती है और ये बात पुरे गाँव के लोगो को पता है

कुछ लोग मेरी दादी को डायन बुढ़िया भी बोलतें है और अपनें अपनें बच्चों को मना करतें है मेरा घर जाने को

मेरी दादी की वजह से मेरा पुरा घर बदनाम है मौहल्ले में
कब मरेगी ये बुढ़िया

मेरी नजर उसके घर की तरफ गई तो मैने देखा की उसकी दादी हमारे तरफ ही देख रही थी पता नहीं कितने देर से देख रही होगी




ईसिलिए हम लोग जल्दी से उसके घर से निकल गए और उन सब को बोला की तुमलोग सही कह रहे थे सच में उसकी दादी घुरती है और हमलोग को भी वह बहुत देर से घुर रही थी पर बाद में नजर पड़ा उस पे

हम सभी ने ये माना हो न हो ये बुढ़िया डायन ही है

The End

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