कलम मेरी लिखती जाएँ - 7 navita द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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कलम मेरी लिखती जाएँ - 7

Kavya sangrah ✍️

This chapter for my amazing relations with my father-in-law and mother-in-law. Love you both of you always .

✍️✍️✍️😊😊😊✍️✍️✍️😊😊😊✍️✍️✍️😊😊



🎼 बहू नहीं तेरा पुत बन मैं दिखावा 🎼


बहु नहीं तेरा बेटा बन खुलोवा ,
तेरे आगे अपना सिर झुकोवा ,
सिर तेरी दी पगड़ी बन खुलोवा ,
तेरी इज़्ज़त बन तेरा मान बढ़ावा ,
बहु नहीं तेरा पुत बन मैं दिखावा...

चले तू तेरा साया बन चला ,
तेरी आई ते मैं तेरे आगे आ खुलोवा ,
अपनी ज़िन्दगी तेरे लेखे लगावा ,
बहू नहीं तेरा पूत बन मैं दिखावा...

चले हमेशा माँ बापू मान से
सोचे हर एक संतान ,
बहु बन आई तेरे घर बापू
पर तेरे पुत तो ज्यादा तेरा मान मैं बढ़ावा ,
इस दुनिया को तेरा पुत बन मैं दिखावा ...

बापू ना तुम अकेले अपने बच्चों का ,
बेगाने घर से आ कर भी तेरे बच्चों से ज्यादा
खुद के लिए प्यार में पावा ,
आखरी उम्र मे तेरी बैसाखी बन आवा ,
समझी ना बापू खुद को बेसहारा ,
बहु नहीं तेरा पुत बन मैं बापू
तेरे बढ़ापे का सहारा बन मैं आवा...

दुख कभी कोई हो गहरा
सुख की छतरी बन मैं आवा ,
रोए जो अकेला बैठे कभी
तेरी रुमाल बन मैं आवा ,

दुःख ना आन बापू तुम्हे कभी कोई
दुःख आने से पहले सुख मैं दिखावा ,
हमेशा बहु नहीं तेरा पुत बन मैं आवा
तेरे साथ कंदा मिला मैं चलती जावा ,

माँ बाप चाहते हो घर में एक बेटा
जो बने हमारे बढ़ापे में सहारा ,
आज करती मैं बापू तुमसे एक बादा ,🤝
पुत चाहे तेरा कपूत बन आवे ,
पर तेरे बेटे से पहले हमेशा मैं
बन कर आऊ गई तेरा सहारा,
बहु नहीं तेरा पुत बन मैं हमेशा आवा ..


लेखे -- सारी उम्र करा सेवा

बैसाखी -- लकड़ी की सोटी के सहारे चलना

तेरी आई -- तेरे ऊपर कोई प्रॉब्लम आने से पहले खुद पये लेना


✍️✍️✍️✍️😊😊😊😊✍️✍️✍️😊😊😊✍️✍️✍️


🎼🎼 मेरी साँस 🎼🎼


शाद्दी कर तेरे घर थी मैं आई
नए नए रिश्ते थे संग लायी

सब से गहरा रिश्ता है मेरा तुमसे
सास बहु का रिश्ता बना था तब हममे

नए रिश्तो से पहचान थी करवाई
हर रिश्ते की अहमित थी बताई

सास से माँ कब बन तुम आई
जे कभी समझ ना आई

सास बन हर काम था सिखाया
माँ बन हमेशा लाड़ था लड़ाया


बहू का हर फर्ज था तुमने बताया
पत्नी का धर्म क्या , तुमने जे सिखाया

आज था तुमने मुझे माँ बन कर
बच्चे को संभालने का था बताया

तेरी सिख से था आज मैने
अपना घर परिवार था बनाया

क्या होया जो होगी आज तुम बूढ़ी
संभालने के लिए आज मैं हो खड़ी

तुमने है मुझे हमेशा ज़िन्दगी का बताया
आज भी चलो, ज़िन्दगी मे तेरा ही समझाया

चाहिए हमेशा मुझे साथ तेरा
तेरे बिन ना कोई और मेरा

बूढ़ी होइ गई तो क्या हुआ ,
आज भी सिख देता तेरा हर काहा

सास भी रहना , माँ भी बन रहना
मानो मैं हर तेरा कहना

सास बहु का रिश्ता है बतलाता
ज़िन्दगी मे रिश्तो की अहमित है सिखलाता

पति शाद्दी करके है लाता
असल रिश्ता सास से है बन पाता

सास ना हो
तो कौन तुम्हे तेरी ज़िम्मेदारिआ है समझाता
घर से परिवार कैसे तुम बनाता

सास का करो मैं मान
आज तक रखा उसने मेरा ध्यान

आज करो मैं उसका सन्मान
ज़िन्दगी भर रखो मैं उसका ध्यान

✍️✍️✍️😊😊😊✍️✍️✍️😊😊😊✍️✍️✍️😊😊

🙏🙏Respect always our in-laws🙏🙏


To be countined...😊😊✍️✍️


Read my Kavya sangrah 🙏🙏😊


Please give me your valuable rating and review to my Kavya sangrah 🙏🙏😊


Thanku so much everyone 🙏🙏😊