The Email Bharat Khatre me - 3 books and stories free download online pdf in Hindi द ईमेल भारत खतरे में - (भाग 3) (5) 1.7k 6.2k 1 तीन दिन गुजर गए लेकिन अभी तक एयर बेस पर हमले वाले इनपुट की कोई पुष्टि नहीं हो पाई थी। बार बार ये गाना सभी इंटेलिजेंस संस्थाओ से सुना जा रहा था। कभी कभी तो ऐसा लग रहा था कि ये गाना हमारे लिए कोई वाइरस बन गया था जिसका कोई औचित्य नहीं था। लेकिन मेरा दिल अभी भी उसी ईमेल पर अटका था।सबनम को भी रोज गुहार लगाता कि कुछ तो मदद करो। वो भी बहुत कोशिश कर चुकी थी लेकिन किसी परिणाम पर नही पहुंची। इधर सतीश सर एयर बेस के इनपुट को लेकर बहुत ही ज्यादा गंभीर थे।आज में आफिस में कुर्सी पर दाहिने हाथ मे पेन हिलाते हुए उस ईमेल को दूसरे तरीके से पढने की कोशिश कर रहा था। इतने में किसी लड़की की मधुर आवाज मेरे कानो से टकराई।"गुड मॉर्निंग सर्" मैं पीछे मुड़ा तो देखा कि एक लंबी लड़की, रंग गोरा, कम से कम 5 फिट 8 इंच लंबी, सुनहरे बालो को पीछे बाँधे हुए सावधान खड़ी थी। चेहरे की मुस्कराहट को देखकर मेरे मन को अच्छा लगा। "गुड़ मोर्निंग मिस.......""शिवानी रॉय" "ओक गुड़ मोर्निंग शिवानी रॉय लेकिन मेने आपको पहचाना नही" "सर में आज ही मेने रॉ में एक अस्सिस्टेंट इंटेलिजेंस रिसर्च पोस्ट पर जॉइन किया है।" शिवानी ने खुशी खुशी अपनी बात कही।"माफी चाहता हूँ शिवानी मुझे पता था कि आज दो नए स्टाफ जॉइन करने वाले है शिवानी रॉय ओर विशाल ददलानी। बहुत बहुत मुबारक हो। अरे खड़े क्यों हो कुर्सी पर बेठो।" में शिवानी से मिलकर इसलिये खुश हुआ कि एक स्टाफ में बढ़ोतरी हो गई। पहले से स्टाफ कम था काम बहुत ज्यादा था। मैंने शिवानी को स्टाफ में सभी से मिलाया फिर उसकी खासियत को जानने के लिए वार्तालाप शुरू कर दी। "ओके शिवानी अपने बारे में बताओ तुम रॉ को क्यों जॉइन किया " शिवानी :- " सर कोई खास वजह तो नही बस देशप्रेम ने मूझे यहां लेके आ गया। में किसी भी संदेश की असली वजह जानने में माहिर हूँ ऐसे मेरे ट्रेनर कहते है। मैंने आई आई टी की है वहां पर भी मेरे प्रॉफेसर जब सवाल पूछते तो मेरा अलग ही नजरिया रहता था। मुझे लगता कि मेरा ये हुनर ही मुझे रॉ तक लेकर आ गया है। शायद इसलिए मुझे इस विभाग में शामिल किया गया है।"मैं शिवानी की बातों से बहुत प्रभावित हुआ। शायद मेरे भगवान ने मेरी सहायता के लिए ही शिवानी को भेजा हो। "तो फिर आपकी परीक्षा तो लेनी ही पड़ेगी" ये कहकर मेने अपने ईमेल को शिवानी को क्रैक करने के लिए आमंत्रित किया। मैन शिवानी को सिर्फ 5 मिनट दिया। जिस ईमेल को पिछले चार दिन से क्रैक करने की कोशिश कर रहा था शिवानी के लिए ये समय बहुत कम था। जब पांच मिनट बाद वापस आया और शिवानी की टिप्पणी सुना तो में हक्का बक्का रह गया। मेने शिवानी से पूछा :- तुम्हारे पांच मिनट समाप्त हो गए है। तुमने अपना दिमाग लगा लिया ना। शिवानी भी उत्सुकता से जवाब दिया :- हाँ सर। मेने अपना दिमाग लगा लिया है। सर आपको क्या जानना है। मैं उसकी उत्सुकता ओर दृढ़ विश्वास से अचंभित था। मेरा सवाल:- शिवानी ये बताओ कि ये ईमेल वास्तव कहाँ से किया गया है।शिवानी:- सर में 99 प्रतिशत निश्चित हूँ कि ये ईमेल की शुरुआत पाकिस्तान से हुई है। शिवानी की इस जवाब को वही पर रोककर मैंने थोड़ा प्लान बदल दिया। मैंने शिवानी को ईमेल की सारी जानकारी देते हुए कहा "शिवानी आज श्याम को ऑफिस के बाद किसी रेस्टोरेंट में इस पर चर्चा करेंगे। क्योंकि में ऑफिस में इसको किसी की भनक भी नही लगने देना चाहता हूं।" मेरे इस प्रस्ताव से शिवानी सहमत हो गई और मैंने शबनम को भी साथ मे रहने के लिए बोल दिया। ‹ पिछला प्रकरणद ईमेल भारत खतरे में - (भाग 2) › अगला प्रकरणद ईमेल भारत खतरे में - (भाग 4) Download Our App अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी मदन सिंह शेखावत फॉलो उपन्यास मदन सिंह शेखावत द्वारा हिंदी जासूसी कहानी कुल प्रकरण : 4 शेयर करे आपको पसंद आएंगी द ईमेल भारत खतरे में - (भाग 1) द्वारा मदन सिंह शेखावत द ईमेल भारत खतरे में - (भाग 2) द्वारा मदन सिंह शेखावत द ईमेल भारत खतरे में - (भाग 4) द्वारा मदन सिंह शेखावत NEW REALESED Adventure Stories अंगद - एक योद्धा। - 7 Utpal Tomar Spiritual Stories मानव भेड़ियाँ और रोहिणी - 5 Sonali Rawat Love Stories अधूरी कहानी - 2 Chandan Kumar Rajput Fiction Stories ताश का आशियाना - भाग 41 Rajshree Horror Stories भुतिया एक्स्प्रेस अनलिमिटेड कहाणीया - 24 Jaydeep Jhomte Love Stories मेरे हमदम मेरे दोस्त - भाग 3 Kripa Dhaani Love Stories प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग ३१ RACHNA ROY Moral Stories कंचन मृग - 20. यह युद्ध नहीं युद्धों की श्रृंखला थी Dr. Suryapal Singh Anything जिन्दगी एक पहेली दिनेश कुमार कीर Motivational Stories सोने के कंगन - भाग - २ Ratna Pandey