रॉयल फ्लैट रहस्य - 6 - अंतिम Rahul Haldhar द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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रॉयल फ्लैट रहस्य - 6 - अंतिम

उनके प्रश्न के उत्तर को ना देकर गौरव ने अपने पॉकेट से एक छोटे डायरी को निकाला । फिर एक के बाद एक पन्ने को पलट बीच के एक पन्ने पर रुक गया और मन लगाकर कुछ पढ़ने लगा ।
कुछ मिनट के बाद बोला – " राघव मुझे पहले ही समझ जाना चाहिए था पर अब हम कुछ भी नही कर सकते । "
गौरव आतंक से फर्श पर बैठ गया । राघव और काजल ने उसे किसी तरह पकड़कर कमरे के एक कोने में रखे पुराने बेड पर बैठाया । अचानक उसी समय बेड के नीचे पड़े एक टुकड़े फेंके हुए कागज पर राघव की नजर पड़ी ।
उसे सावधानी से खोलकर वह उसे पढ़ने लगा –
" मैंने मदनलाल की बात को मान लिया इसके बाद से और किराया देने की जरूरत नही । डायरी के फाड़े पन्ने में यह क्या लिखा हुआ है ? "
गौरव ने उत्तर दिया – " विजय ने जिस डायरी को पाया था उसके लास्ट के कुछ पन्ने फाड़े गए थे यह शायद वही भाग है । "
राघव को समझने में देर नही लगा कि मालादेवी के साथ क्या हुआ था । गुस्से और घृणा से कागज को मोड़कर फिर फेंक दिया ।
काजल बोली – " गौरव भैया पॉकेट डायरी से क्या जाना बताइए और फर्श पर लिखे इन अक्षरों का अर्थ क्या है ? "
कांपते आवाज में गौरव ने उत्तर दिया – " ये सभी विंडीक्ट रिचुअल के अंतिम तीन अक्षर हैं । विंडीक्ट एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है रिवेंज अर्थात प्रतिशोध / बदला । इस रॉयल फ्लैट में अभी तक जितने रहस्य का मैंने पता लगा लिया है वह बताता हूँ । राघव सोच कर देखो रमाकांत ने कहा था मरने से पहले सूर्यनारायण की पत्नी ने अपने खून से कुछ अक्षरों को लिखा था । संभवतः वह विंडीक्ट रिचुअल के बारे में सबकुछ जानती थी । लेकिन मरने से वह उस रिचुअल के दस अक्षरों को नही लिख पाई पर पांच से ज्यादा अक्षर लिखा था यह निश्चित है । इसीलिए उस समय से ही यहां पर विंडीक्ट इविल का जन्म हुआ इसीलिए इस फ्लैट में एक के बाद एक रहस्यमय मृत्यु हो रहा है । असल में बात ये है कि अपने प्रतिशोध को मिटाने के लिए विंडीक्ट इविल को बुलाने पर वह पूरे कम्युनिटी के खिलाफ काम करता है । जयप्रकाश की पत्नी ने अपने पति से बदला लेने
के लिए विंडीक्ट इविल को जगाया लेकिन उसके बाद विंडीक्ट इविल पूरे पुरुष कम्युनिटी के विरुद्ध चला गया । अर्थात उसने सभी पुरुषों के विरुद्ध तांडव शुरू किया । इसी कारण इस फ्लैट में केवल पुरूष ही रहस्यमय तरीके से मर रहे थे । "
गौरव को रोककर राघव ने प्रश्न किया – " लेकिन मालादेवी और वह महिला तो । "
" यही तो और भी भयानक बात है क्योंकि विंडीक्ट रिचुअल का नियम यह है कि जो इसका शुरू और अंत करेगा अर्थात अपने खून से वह विशेष अक्षरों को लिखेगा उसी समय उसके शरीर में गर्मी बढ़ती जाएगी । और विजय के चीट्ठी से भी जाना गया कि मालादेवी का शरीर इतना झुलस गया था कि अंत में फावड़े से अवशेष को उठाना पड़ा था । "
राघव बोला – " फिर मालादेवी के लड़के को किसने मारा ? "
" मालादेवी ने खुद ही , यह रिचुअल एक विशेष जगह पर करना सम्भव है जैसे इस कमरे में या फ्लैट में पर मालादेवी जिससे प्रतिशोध लेना चाहती थी यानी मदनलाल वह यहां नही रहता था इसीलिए विंडीक्ट इविल के क्षमता को बढ़ाने के लिए पुरूष का बलिदान जरूरी था । मालादेवी के पति उस समय जीवित नही थे इसलिए कोई उपाय न पाकर अपने लड़के को ही मलादेवी ने बलिदान कर दिया । "
" लेकिन विंडीक्ट रिचुअल के इतने बातों को मालादेवी ने कैसे जाना ? "
" इसके लिए विंडीक्ट रिचुअल के नियम को जानने की जरूरत नही होती । विंडीक्ट इविल खुद ही विक्टिम के अंदर आकर सब कुछ करवा लेता है । मालादेवी के लड़के के बलिदान को पाकर विंडीक्ट इविल इतना शक्तिशाली हो गया कि विजय को अपने वश में करके मदनलाल और उसके साथी के हत्या को करवाया । जिससे मालादेवी के प्रतिशोध
की आग खत्म हुई । इसी के साथ - साथ यह रिचुअल सम्पूर्ण हो गया था इसीलिए इस फ्लैट में किसी पुरुष के आने पर बचना सम्भव नही है । "
बात खत्म होते ही गौरव तेज दर्द से कराह उठा । राघव चौंककर नीचे की तरफ देखा फर्श के मेज से निकले कुछ धारदार कील गौरव के दाहिने पैर में धंस गया है ।
काजल चिल्लाकर बोली – " गौरव भैया इस विंडीक्ट रिचुअल का कोई न कोई तोड़ तो होगा ही । कुछ करिए ज्यादा समय नही है हमारे पास । "
कहीं से एक पत्थर उड़ते हुए सिर पर लगा । वह फर्श पर गिर पड़ा , फिर उठ खड़े होते ही उनके अंतिम आशा भी खत्म हो गए । दरवाजा कहाँ है ? जिस कमरे में वो सभी खड़ें हैं उसका दरवाजा व खिड़की कुछ भी नही है । दीवार पर खून के धब्बे क्रमशः ताजा हो रही है । हताश होकर फिर गौरव फर्श पर ही बैठ गया ।
" मेरी ही गलती है तुम सभी को यहां पर लेकर नही आना चाहिए था । "
राघव ने गौरव के कंधे पर हाथ रखा – " गौरव भैया सच में क्या कोई उपाय नही है । "
हताश आवाज में गौरव ने उत्तर दिया – " उपाय है लेकिन वह करना सम्भव नही है । "
राघव को बचाने का अभी भी एक उपाय है यह जानकर काजल उत्तेजित हो गई और बोली –
" गौरव भैया क्या उपाय है ? वह बताओ मैं राघव को अपने सामने मरने नही दूंगी । "
काजल और राघव के गौरव की तरफ किसी उम्मीद से देख रहे हैं यह देखकर न चाहते हुए भी गौरव बोला –
" विंडीक्ट इविल को रोकने का एकमात्र उपाय उसके शत्रु मिहिविंडीक्ट को जागृत करना । जिस स्थान पर विंडीक्ट को जगाने के लिए एक महिला ने आहुति दी है , ठीक उसी जगह अब मिहिविंडीक्ट को जगाने के लिए और एक महिला को अपना आहुति देना पड़ेगा । किसी पुरुष के आहुति से कोई लाभ नही होगा । "
एक पल भी न सोचकर काजल बोली – " मिहिविंडीक्ट को जगाने का नियम क्या है मैं आहुति दूंगी । "
" पागलपन मत करो काजल तुमने अगर आहुति दिया तो मृत्यु अनिवार्य है । "
काजल की आंख आंसू से भर गए वह बोली –
" राघव को बचाने के लिए मुझे तो इतना करना ही होगा । "
राघव बोला – " ये क्या बोल रही हो काजल , हमें कुछ नही होगा । "
कमरे के अंदर धीरे - धीरे सड़ा दुर्गंध बढ़ रहा है । कोई मानो फर्श पर धीरे - धीरे करके आगे बढ़ रहा है ।
डरते हुए राघव बोल पड़ा – " गौरव भैया क्या सच में और कोई उपाय नही है । "
एक लंबे सांस को निकाल गौरव ने असहमति में सिर हिलाया ।
काजल बोली – " राघव तुम अपने ड्यूटी के कर्तव्य को भूल गए हो गौरव भैया को बचाना तुम्हारा काम है । और तुम्हें बचाना मेरा कर्तव्य है । "
राघव के सामने धर्म संकट उपस्थित , उसके आंख से आंसू गिर रहे हैं वह कांपते आवाज में बोला –
" ठीक है तुम्हारा और मेरा कर्तव्य ही यही है तो मैं तुम्हें नही रोकूंगा । गौरव भैया मिहिविंडीक्ट को जगाने के लिए क्या करना होगा बताइए ।
पॉकेट से उसी डायरी को निकाल फिर न जाने क्या पढ़ने लगा गौरव और उसके बाद बोला – " मिहिविंडीक्ट को जगाने का नियम ठीक विंडीक्ट रिचुअल के समान ही है जो आहुति दे रहा है उसके चेहरे के ताजे खून से फर्श पर अक्षरों को लिखना होगा लेकिन वह अक्षर,,,,,,,, । "
बात समाप्त नही कर पाया गौरव क्योंकि अंधेरे से कुछ काले रंग के हाथ निकलकर उसके मुँह को दबाकर रखा है । यह देख राघव और काजल पीछे हटने लगे । डायरी को राघव की तरफ फेंक कर किसी तरह गौरव बोला – " 52 नंबर पेज पर जो दस अक्षर हैं वही विंडीक्ट के मंत्र हैं । उन अक्षरों को उल्टे तरफ से बनाना होगा । "
राघव ने देखा गौरव के ठीक पीछे क्रमशः एक गहरे अंधेरे का गड्ढा बन रहा है । फिर उसी गड्ढे से कुछ और काले रंग के हाथ निकलकर गौरव को जकड़ लिया । हाथों की संख्या क्रमशः बढ़ते ही जा रहे हैं । राघव समझ गया कि उस ब्लैकहोल में गौरव के एक बार प्रवेश करने पर वह मर जायेगा ।

क्या करे राघव कुछ समझ नहीबपा रहा । और दूसरी तरफ गौरव खुद को बचाने की जोरदार कोशिश कर रहा है ।
काजल बोली – " देख क्या रहे हो धारदार कुछ दो ।"
मंत्रमुग्ध की तरह राघव ने अपने पॉकेट से अपने पसंद के केरसब्ल्यूर चाकू को काजल के हाथ में दिया । चाकू को हाथ में लेते ही अपने चेहरे पर कई बार वार किया काजल ने और फर्श पर टप - टप कर खून गिरते रहे ।
हाथों की संख्या बढ़ती जा रही है और गौरव का शरीर आधा अंदर अंधेरे गड्ढे में चला गया है ।
इधर राघव 52 नम्बर पेज को खोलकर काजल के चेहरे के ताजे खून से लैटिन अक्षरों को उल्टे तरीके से बनाने लगा । दस अक्षर समाप्त होते ही काजल के चारों तरफ एक लाल आभा जल उठी । उस जलते आग से काजल के शरीर का चमड़ा गलने लगा लेकिन इससे उसे कोई दर्द नही हो रहा बल्कि वह पागलों की तरह हँस रही है । लेकिन वह हंसी किसी महिला की नही है । काजल के अंदर से मानो कोई आदमी पागलों की तरह हँस रहा है ।
उधर जो ब्लैकहोल गौरव को गहरे अंधेरे में खींचकर ले जा रहा था वह भी गायब हो गया है । किसी तरह एक पैर पर खड़ा हुआ गौरव , राघव को देखते ही उस कमरे के एक ओर एक दरवाजा खुलने की आवाज आई । कमरे में मानो दो अप्राकृतिक भयानक शक्ति ने लड़ाई शुरू किया है । दोनों ही जल्द कमरे से बाहर निकल आए । गौरव पहचान गया कि
यह वही दरवाजा है जिससे उन्होंने कमरे में प्रवेश किया था । समय न व्यर्थ करते हुए दोनों सीढ़ी से नीचे भागे । कमरे की तरह बाहर भी भयावह छाया चारों तरफ फैला हुआ है । बाहर बहुत तेज आंधी आई है और बारिश भी जिससे मानो पूरा फ्लैट कांप रहा है । बार - बार बिजली कड़कने की आवाज आ रही है । किसी तरह कुछ सीढ़ी उतरने के बाद गौरव चौंककर पीछे आ गया और बोला – " यह क्या हम पांचवे तल्ले से उतरकर फिर पांचवे तल्ले पर क्यों आ गए । "
पांचवा तल्ला इस समय काले अंधेरे से भरा हुआ है । चारों तरफ के भयानक आवाज से दोनों मानो अपने होश को खो रहे हैं ठीक उसी समय राघव चिल्लाया – " गौरव भैया देखो वहां पर एक छोटा लड़का खड़ा है । "
गौरव ने दाहिने तरफ देखा वहां खड़ा एक छोटा लड़का हाथ से एक दिशा की तरह इशारा कर रहा है । गौरव समझ गया यह मालादेवी का वही लड़का है । वह राघव को साथ लेकर लड़के के निर्देशित की तरफ दौड़ा । अंधेरे से आकर न जाने क्या - क्या उस कमरे में प्रवेश कर रहें हैं ।
" गौरव भैया ये सब कौन हैं ? "
" चलो यहाँ से निकले वरना हम भी मारे जाएंगे । ये शायद वही सभी आत्माएं हैं जो अब तक विंडीक्ट इविल के कारण मुक्ति नही पाए थे । "
अंधेरे में ही दोनों दौड़ते रहे । इतने अंधेरे में कहाँ रास्ता कहाँ दरवाजा कुछ भी नही दिख रहा । तभी एक परिचित आवाज सुनाई दिया ।
" इधर आओ इधर "
दोनों ने चौंक कर देखा नीले रंग के चमकदार चादर को
ओढ़कर गहरे अंधेरे में एक बूढ़ा खड़ा है । गौरव तुरंत उन्हें पहचान गया यह वही बूढ़ा है जिसके साथ फ्लैट में अंदर जाने से पहले मिले थे ।
दोनों उसी तरफ दौड़े पर वह बूढ़ा मानो क्रमशः पीछे ही जा रहा है देखते - देखते वह बूढ़ा परछाई बनकर गायब हो गया । उसके बाद ही गौरव को होश आया कि वो दोनों कब दौड़ते - दौड़ते उस फ्लैट के बाहर निकल गए उसका पता ही नही चला । तभी अचानक उनके आसपास दो - तीन जोरदार बिजली गिरने के कारण दोनों बेहोश हो गए ।

सुबह गौरव ने उठने के बाद देखा दोनों फ्लैट के बाहर रास्ते पर पड़े हुए हैं । कल रात से ही लगातार बारिश हो रही है । दोनों के शरीर पानी में भीगकर चिपट गए हैं ।
राघव उस समय भी बेहोश था गौरव ने उसे किसी तरह कंधे पर उठाकर गाड़ी में बैठाया । खुद ड्राइविंग सीट पर बैठकर आखिरी बार फ्लैट की तरफ देखा उसने ।
भोर रात के धीमी रोशनी में भी फ्लैट का एक भी भाग नही दिख रहा मानो किसी अदृश्य शक्ति ने उसे मानव आंखों से गायब करके रखा है ।

बेहोशी गायब ही राघव को लगा कि वह सोया हुआ है ।
ऑफिस के ही एक सोफे के ऊपर , पास में देखते ही दाहिने पैर में बैंडेज बंधे अवस्था में बैठे गौरव को देखा ।
गौरव बोला – " देखो तो तुम्हारे माथे का बैंडेज ठीक से बंधा है या नही । ज्यादा खून नही निकल रहा था इसीलिए हॉस्पिटल नही ले गया । "
जवाब में माथे पर हाथ रखकर राघव कल के घटन को याद करने की कोशिश करने लगा । उसी समय दीवाल से झूलते एल. इ. डी. टीवी का आवाज सुनाई दिया दोनों के कानों में ,,,,,,
" आज की सबसे बड़ी खबर , आप देख सकतें हैं कि कल रात के तेज आंधी तूफान से किस तरह एक पुराना फ्लैट टूट कर गिर गया है । कहा जा रहा है इसका नाम था रॉयल फ्लैट , आज से 11 साल पहले बने इस फ्लैट को फिर ठीक नही किया गया ।
इसके साथ ही हमारे सोर्स द्वारा और एक खबर आया है कि कल रात के हादसे में फ्लैट के टूटने से एक प्राइवेट चैनल के पत्रकार काजल चौधरी का उसी फ्लैट के नीचे दबने के कारण मृत्यु हुई है । उनका शरीर दबकर इतना विकृत हो गया कि अंत में फावड़े से पुलिस ने अवशेष को निकाला । पुलिस को बाद में कपड़े व आईडी कार्ड को देखकर उनको पहचाना गया । "

गौरव ने टीवी को बंद कर दिया । राघव की आंखे भर गई है । तभी उसके फोन पर एक नोटिफिकेशन टोन बज उठा । किसी तरह उसे पॉकेट से निकलकर स्क्रीन पर आंख रखते ही फेसबुक नोटिफिकेशन ने बताया - " Hi raghav today is your friend kajal's Birthday wish her .."

।। समाप्त ।।


@rahul