ऑफिस लौटते समय राघव ने एक अद्भुत प्रश्न किया – " वैसे गौरव भैया एक महिला जो कुछ ही देर में मरने वाली है वह उस दर्दनाक समय में भी अपने खून से चिन्ह क्यों बनाएगी ? "
गंभीर आवाज में गौरव ने उत्तर दिया – " वही तो नही समझ पा रहा लेकिन मन कह रहा है वह कोई साधारण लिखे गए चिन्ह नही थे । वह क्या हो सकता है दिमाग में नही आ रहा । "
ऑफिस पहुँचतें ही महेश जी ने फोन कर जानकारी दी – " गौरव रॉयल फ्लैट के बारे में रमाकांत के पास से और भी जानकारी को हासिल किया गया है । फ्लैट के तीसरे और चौथे तल्ले पर और भी परिवार किराए पर थे पर वो सब भी रहस्यमय तरीके मारे गए । लेकिन उनके फाइल मेरे पास नही है क्योंकि फ्लैट दूसरे थाने के अंडर में है । मैंने थाने में बोल दिया है आप अपने आदमी को भेजकर मेरा नाम बताकर फाइलों को ले लीजिए । "
बात को सुनकर राघव ने कहा – " उसी थाने के पास मेरी एक दोस्त काजल का घर है । मैं उसे बता देता हूँ वह फाइल को ले आएगी इससे हमारा समय भी खराब नही होगा । "
गौरव राजी हो गया । कॉल लिस्ट के पहले नम्बर को डायल किया राघव ने – " हैलो काजल बोल रहा हूँ । महेश कुमार के नाम से तुम्हारे पास वाले थाने से कुछ फाइल ला सकती हो । ठीक है फाइलों को लेकर मेरे ऑफिस में न आकर सीधे सिटी लाइब्रेरी के सामने वाले रॉयल फ्लैट के पास आ जाओ । "
राघव ने फोन रख दिया । रॉयल फ्लैट के पास काजल को बुलाने वाली बात गौरव को पसंद नही आया । पर उसने कुछ नही कहा केवल इतना बोला –
" तेरी दोस्त बहुत मेहनत कर रही है क्या बात है । "
राघव के शर्माने वाले हंसी को देख गौरव को सबकुछ समझ आ गया ।
शाम सात बजे गौरव और राघव ; रॉयल फ्लैट के सामने पहुंचे । राघव ही पहले गाड़ी से उतरा ।
कुछ भी हो गौरव उसका सीनियर ऑफिसर है और उनकी सुरक्षा राघव के लिए पहला काम है । राघव गाड़ी से उतर कुछ दूर फ्लैट की तरफ बढ़ा । महेश जी ने ठीक ही कहा था यह रास्ता पूरी तरह सुनसान ही है । राघव उस समय गाड़ी से कुछ दूरी पर था । सिर को उठाकर देख रहा है बड़े से फ्लैट को , अचानक अंधेरे में किसी ने उसका हाथ पकड़ लिया ।
" मत जाओ , उधर मत जाओ । "
आतंक से चिल्ला उठा राघव – " हे कौन है तू , हाथ छोड़ । "
राघव के आवाज को सुनकर गौरव जल्दी गाड़ी से उतरा और देखा वहां एक 70 - 72 साल का एक पागल बूढ़ा राघव के हाथ को पकड़ खींच रहा है ।
यह देख गौरव बोला – " आप कौन हैं ? और यहां क्या कर रहें हैं ? " गौरव के बात को सुनकर वह बूढ़ा उसकी तरफ देखा और तुरंत ही मानो बूढ़े की आंख लाल हो गई । वह पागल राघव के हाथ को छोड़ गौरव की तरफ गया और बोला – " आ गया , महाकाल आ गया , कर सकते हो हाँ केवल तुम ही यह कर सकते हो । हमें इस अभिशाप से मुक्त केवल तुम ही यह कर सकते हो। "
गौरव आश्चर्य होकर केवल देखता रहा । इस बूढ़े को वह जानता भी नही है और इसके अलावा किस अभिशाप से बचने के बारे में बोल रहे हैं ।
गौरव बोला – " आप शांत हो जाइए क्या नाम है आपका ? कहाँ रहते हैं आप ? "
ठीक उसी समय पीछे से हॉर्न की आवाज आई । गौरव ने पीछे मुड़कर देखा एक नीले रंग की स्कूटी उनके तरफ ही आ रही है । स्कूटी के रुकते ही राघव उस तरफ गया ।
– " काजल आ गई ,फाइलों को दो । "
स्कूटी सीट के नीचे से फाइल को निकालकर काजल बोली – " तुम सभी रास्ते के पास खड़े होकर क्या कर रहे हो ? "
" क्या हुआ देख नही पा रही यह बूढ़ा ,,,,,,,,,, "
गौरव और राघव पीछे देखते ही चौंक गए क्योंकि वह बूढ़ा गायब है । गौरव को पूरी याद है कि कुछ देर पहले ही वह उसके हाथ को पकड़ कर खड़ा था ।
काजल बोली – " कहाँ बूढ़ा आदमी , क्या कह रहे हो ? "
राघव को रोक बात को बदलते हुए गौरव बोला –
" वो तो राघव मजाक कर रहा था । तुम फाइल लेकर आई अब तुम घर लौट जाओ । "
" नही गौरव भैया फाइल को मैंने पूरा पढ़ा है । इस फ्लैट में हर बार ही कोई न कोई रहस्यमय तरीके से मारा गया है । यह सब जानते हुए भी राघव को अकेला कैसे छोड़ू तुम ही बताओ । "
राघव बोला – " पागलपन मत करो काजल , यह मेरा ड्यूटी है । "
काजल बोली - " तुमको सेफ रखना भी मेरी ड्यूटी है समझे । "
परेशान होकर गौरव बोल पड़ा – " इसीलिए मैंने तुमको कहने जा रहा था कि इसमें तुम्हारे काजल को शामिल मत करो । राघव नारी चरित्र बहुत ही जटिल है । जो भी हो अब कोई लाभ नही है तुमको अकेला छोड़कर काजल नही जाने वाली और वैसे भी हमारा प्राइवेट एजेंसी है इसीलिए हम अगर चाहें तो किसी को भी साथ रख सकतें हैं काजल भी चल सकती है हमारे साथ ।"
राघव ने हताश होकर उत्तर दिया – " ठीक है चलो तब तीनों ही रॉयल फ्लैट में चलते हैं । "
राघव के हाथ से फाइलों को लेकर एकबार देखा गौरव ने और बोला – " बहुत ही रहस्यमय केस है तीसरे तल्ले पर दो दोस्त एक साथ रहस्यमय तरीके से मारे गए । और चौथे तल्ले पर एक बूढ़े ने अपने दो लड़के की हत्या करके स्वयं आत्महत्या कर लिया । इसके सबूत को उनके बहुओं ने दिया है । "
फाइलों को गाड़ी में रखकर गौरव ने फ्लैट की तरफ पैर बढ़ाया । फ्लैट का सामने वाला दरवाजा खुला ही है । दरवाजे से अंदर आकर तीनों ही सीढ़ी से ऊपर चढ़ने लगे । पसभी के हाथ में टोर्च है इसीलिए सीढ़ी से चढ़ने में कोई परेशानी नही हो रही । एक तल्ला पार करते ही गौरव को ऐसा लगा कि कोई उनके पीछे ही चल रहा है । राघव ने भी ऐसा ही महसूस किया इसीलिए वह बार - बार पीछे मुड़कर देख रहा है । लेकिन सीढ़ी चढ़ने की गति को नही कम किया । गौरव के कहे अनुसार काजल को बीच में रखकर गौरव और राघव सतर्क होकर पांचवे तल्ले की तरफ बढ़ चले । वातावरण में मानो कोई फिसफिस करके बात कर रहा है ।
आश्चर्य की बात है गौरव व राघव इन सभी अलौकिक अनुभूति को महसूस कर रहें हैं लेकिन काजल सही तरीके से ही आगे बढ़ रही है । उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि आसपास के जगह उसके लिए साधारण ही हैं । राघव अपने डर को काबू में रखकर आगे बढ़ता रहा गौरव ने भी अपने अनुभव को नही बताया ।
पांचवें तल्ले के उस रूम के सामने पहुँचतें ही अचानक उनके आतंक दुगुने हो गए । गौरव को ऐसा लगा कि दरवाजा खोलते ही शायद कुछ ऐसी भयानक परछाई कमरे से निकल आएगा जिसे देखकर किसी मनुष्य का बचा रहना सम्भव नही है । कमरे की चाभी उनके पास नही है इसीलिए पॉकेट से मल्टीलॉक्स जैसा कुछ निकाल गौरव ध्यान से ताला खोलने लगा । दो तीन मिनट के मेहनत से ही ताला खुल गया । गौरव के दरवाजा खोलते ही एक दुर्गंध भरी हवा बाहर निकल आया मानो उस कमरे में रहते हुए इस हवा का भी दम घुटने लगा था ।
तीनों ने ही एक साथ कमरे में प्रवेश किया और अंदर जाते ही आश्चर्य तरीके से अपने आप दरवाजा फिर बंद हो गया ।
राघव जल्दी से जाकर दरवाजे पर धक्का देने लगा – " किसने बंद किया दरवाजा , खोलो दरवाजा । "
काजल भी इस बार डर गई है इसीलिए उनके डर को भगाने के लिए गौरव ने शांत आवाज में कहा –
" अरे राघव छोड़ एक लात मरते ही यह दरवाजा टूट जाएगा । इससे अच्छा हम जो काम करने आएं हैं उसे शुरू करतें हैं । गौरव के बात को सुनकर राघव और काजल कुछ शांत हुए । दरवाजे को छोड़ वह सभी टॉर्च जलाकर दीवारों को देखने लगे ।
चारों तरफ के दीवारों पर खून के धब्बे लगे हुए हैं । गौरव को लगा कि इस जघन्य अपराध के अलावा भी इस कमरे में ऐसा कुछ हुआ है जिसे वह कल्पना भी नही कर सकता । ऊपर पंखे की तरफ नजर डालते ही कुछ झूलते हुए चमगादड़ उनके नजर में आए ।
गौरव को संदेह हुआ – " अच्छा राघव दरवाजा तो बाहर से बंद था और इस कमरे में एक ही खिड़की है लेकिन वह भी अंदर से बंद है । रूम में कोई वेंटिलेटर भी नही है फिर यह चमगादड़ अंदर कैसे आए ? "
राघव ने कोई उत्तर नही दिया क्योंकि उसकी नजर अटक गई है नीचे फर्श पर बने कुछ लाल चिन्ह व अक्षर की तरफ ।
" ये सब क्या लिखा है गौरव भैया ? "
जाकर देखते ही चौंक गया गौरव – " यह क्या , ये तो विंडीक्ट रिचुअल का मंत्र है । "
काजल और राघव एकसाथ बोल पड़े – " विंडीक्ट
रिचुअल , यह क्या है ? " …..
।। अगला भाग क्रमशः ।।
@rahul