Premier Amour - 5 akriti choubey द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

Premier Amour - 5

दोनो एक दूसरे की तरफ देखते हुए,,,,,दोनो को समझ नही आ रहा था कि अभीरी क्या करने वाली है,,,,।
तभी अभीरी बाहर आईं उसके हाथ मे फस्टेड बॉक्स था,,वो सौरभ के बगल में बैठ गई उसने बॉक्स में से दवा निकली और सौरभ के घाव पर लगाने लगी,,,।

कोई कुछ नही बोल रहा था अभीरी दवा लगा रही थी और अबीर खड़ा उनदोनो को देख रहा था,,,ओर अपने सौरभ भाई चुपचाप बैठे दवा लगवा रहे थे,,,।

तभी अबीर का फ़ोन रिंग हुआ उसने देखा,,मेंडी शो हो रहा था।उसने कॉल पिक नही किया बल्कि मेंडी को मैसेज कर दिया,,।

अबीर,,,,हमे निकलना होगा,,,।
सौरभ,,,अभी,,??
अभीरी उनकी बात सुन रही थी वो थोड़ी उदासी से,,,,अभी तो तुम लोगों ने खाना भी नही खाया खालो फिर चले जाना,,,।
वो इतना कहकर किचन में जाने लगी,।

अबीर,,,,नही अभीरी टाइम नही है,,,खाना पैक कर लो हम वही खा लेंगे,,,।
अभीरी रुक कर,,,,थोड़ा टाइम हो तो मेरे साथ खालो,,,,,उसकी बातों में उदासी साफ समझ आ रही थी,,,।
अबीर ओर सौरभ एक दूसरे की तरफ देखते हुए,,,,सौरभ,,,,ठीक है आपके साथ ही खा लेंगे,,।
अभीरी पलट कर,,,,,सच सरु,,,।
अबीर,,,,हाँ,,,,ओर आज ही क्यू रोज साथ में खाएंगे,,,क्यों वडी,,,।

अभीरी को कुछ समझ नही आ रहा था,,,,मतलब,,,,?
सौरभ,,,,,मतलब ये भाभी माँ की आप भी हमारे साथ चल रही है,,।
अभीरी,,,लेकिन तुमलोग तो कभी भी मुझे किसी भी मिशन लोकेशन पर नही ले जाते फिर आज,,,,?

अबीर,,,,हां नही ले जाते थे,,बट अब लेजा रहे है,,,क्यों तुम्हारा मन नही है हमारे साथ जाने का,,,,।

अभीरी अबीर की तरफ दौड़ती हुई आई और अचानक से उसे गले लगा लिया,,,,थैंक्स,,में तरस गई थी तुमलोगों के साथ रहने के लिए,,,,।
तुमलोग महीनों में आते थे वो भी कुछ घंटों के लिए,,,आई एम सो हैप्पी अब हम साथ रहेंगे,,।

सौरभ नोटंकी करते हुए,,अपनी आंखों पर हाथ रखते हुए,,,,,हाय घोर कलयुग है,,आप लोग भूलो मत यहा एक बच्चा भी रहता है,,,उसपर क्या असर पड़ेगा,,,,।
अबीर,,,कोन बच्चा,,???

सौरभ ,,,ऑफकोर्स मैं,,,,।
अबीर औऱ अभीरी उसे देखकर हँसने लगे,,,।

अबीर,,,,,,अभीरी हमारे पास ज्यादा टाइम नही है तुम जल्दी से पैकिंग कर लो फिर हम निकलते है।
अभीरी,,,,,लेकिन हम जा कहा रहे है,,???
अबीर सौरभ की तरफ देखते हुए,,,,सरप्राइज है,,वहां जाकर ही पता चलेगा।
अभीरी,,,,,ओके,,में पैकिंग करती हूँ,,तुमलोगों को कुछ रखना है क्या,,??

सौरभ,,,,हां भाभी माँ आपके हाथ का अदरक का अचार,,।
अभीरी,,,,तेरे लिए मैने बहुत सारा बनाया है,,ओर कुछ तो नही रखना,,,,??
अबीर,,,,,नही तुम थोड़ा जल्दी कर लो मेंडी वेट कर रहा है।

अभीरी,,,,,मैं पैकिंग कर लेती हूँ तब तक तुम लोग खाना पैक कर लो,,,ओर हां फ्रिज में खीर रखी है,,वो भी रख लेना,,,।
सौरभ,,,लेकिन वडी हममेसे तो कोई खीर खाता ही नही है,,तो भाभी माँ खीर क्यों रख रही है,,,,।

अबीर,,,, क्योंकि मेंडी को खीर बहुत पसन्द है,,।
सौरभ,,,,भाभी माँ को सबका ख्याल रहता है ना,,,
अबीर ,,,,ह्म्म,सिवाय खुदके,,,,,।

सौरभ,,,,वडी टाइम के साथ सब ठीक हो जाएगा,,भाभी माँ के घाव भी भर जाएंगे,,,,।
अबीर,,,काश.....

अभीरी रूम से आवाज देते हुए,,,अबीर कितने दिन का सामान पैक करना है,,,,।
अबीर,,,दो महीने,,,,,।


अभीरी, अबीर ओर सौरभ फार्म हाउस के लिए निकल गए,,,,,,।
कार जैसे ही फार्म हाउस के सामने पहुची,,,अभीरी ने देखा चारो तरफ़ पेड़ों के बीचों बीच बना एक आलीशान बंग्लो,,,,अभीरी,अबीर ओर सौरभ ने गेट के बाहर ही गाड़ी रोक दी,,,,,
अभीरी ने कार से बाहर आकर देखा,,,उसकी नजर बंग्लो के बाहर की नेम प्लेट पर पड़ी,,जिसमे ""अभीरी विला""लिख था,,,।
अभीरी ने उस नेम प्लेट को छूकर देखा,,,,।

कैसा लगा भाभी माँ??-पीछे खड़े सौरभ ने अभीरी से पूछा,,,।
अभीरी,,,सरु ये,,ये,,सब,,,

सौरभ,,,,,ये!ये मेरी भाभी माँ का सपना है,,,,।
अबीर,,,,,ये सौरभ ने पांच महीने पहले ही खरीदा है।कितने घर देखे तब जाकर ये फाइनल हुआ,,।

थोड़ा काम करवाया और पूरा हो गया इसकी भाभी माँ का सपना,,,,।
अभीरी लगातार सौरभ को देखे जा रही थी,,,।
सौरभ,,,,,भाभी माँ फिर से सेंटी मत होना यार,,,।

अबीर ,,,,तुमलोगों का हो गया हो तो अंदर चलें,,,।
अभीरी हा में गर्दन हिलाते हुए अंदर चली गई,,,अंदर जैसे कोई सपना हो,,एक ओर गुलाब का बागीचा,,,बीचोबीच फाउंटेन,,,,ओर सामने एक आलीशान बंग्लो जिसका कलर भी अभीरी का फेवरेट था ब्लू एंड व्हाइट,,,,,,,,।

अभीरी,,,,थेंक्यू,,,,थेंक्यू सो मच सरु,,,,तुझे पता ये मेरा एकलौता सपना था,,,और आज इसे पूरा देखकर बिलीव ही नही हो रहा।
सौरभ,,,,,भाभी माँ पिंच करूं,,,,??

अभीरी ने उसकी तरफ देखा ओर दोनो हँस दिए,,,,,।
अभीरी ने जैसे ही घर मे एंटर किया सब कुछ वैसा ही था जैसा उसने सोचा था,,,,,,बहुत बड़ा हॉल जिसमे एक बड़ा सा झूमर,,,,।

अभीरी,,,,,ब्यूटीफुल,,।
अबीर,,,,,यार तुम्हारा ही घर है ऐसे क्या देख रही हो,,,,,,और सौरभ तू इसे सारा घर दिखा मुझे मेंडी से कुछ काम है में अभी आता हूँ,,,,।

सौरभ,,,,,भाभी माँ ये आपसे ज्यादा टाइम तो मेंडी के साथ बिताता है,,,,।
अभीरी मुस्कुरा दी,,,,।

अबीर मेंडी के पास गया,,,,,मेंडी,,क्या हुआ होश आया उसे,,,,?
मेंडी,,,,नो सर,,मुझे डर लग रहा है कहीं उसे.....।
अबीर,,,,,,मैं कुछ करता हूँ,,,,हां ओर वो अभीरी भी आई है जाकर मिल ले,,,सौरभ उसे घर दिखाI रहा है।

मेंडी,,,,स,,सर वो लोग कहीं.....
अबीर,,,,,ओह्ह शूट,,,,,
वो दोनों रूम की तरफ भागे,,,,,।
सौरभ अभीरी को रूम की तरफ ही लेजा रहा था,,,।
सौरभ,,,,ये रूम तो मैने भी नही देखा,,,।

अबीर,,,,,,,वडी...
सौरभ ओर अभीरी ने पलट कर देखा,,,,,क्या हुआ वडी,,,,,??
अबीर,,,,वो इस रूम की सफाई नही हुई है न बस इसीलए...।
सौरभ,,,,,बट वडी तूने तो कहा था कि सारा काम क्लियर हो गया है,,,??

अबीर मेंडी की तरफ देखते हुए,,,,वो मेने मेंडी से कहा था,,,क्यों मेंडी??

मेंडी मन में,,,यार ये हमेशा मुझे क्यों फंसा देते है,,,,वो सर,,,वो इस रूम की कीज़ नही मिली मेने इसके पुराने ओनर से बात की है,,ही इज़ आउट ऑफ टाउन।वो जैस ही आते है मै कीज़ लेकर रूम क्लियर कराता हूँ,,,,।मेंडी एक सांस में सब कह गया,,,,।
सौरभ,,,,ओके मिंट की गोली मान लिया इतना हाइपर क्यों हो रहा है,,।

अभीरी उसे घूरते हुए,,,क्या सरु, कुछ भी कहता रहता है।
मेंडी,,,रहने दीजिए मेम उनके मुह से यही अच्छा लगता है,,,,।

अभीरी,,,,,मेंडी कितनी बार कहा है तुम मुझे मेम मत बुलाया करो,,,तुम भी मुझे भाभी ही बुलाया करो,,,।

मेंडी मुस्कुरा दिया,,,,।

अबीर का रूम:-

मेंडी,,,बच गए सर,,,
अबीर,,,मुझे नहीं लगता,,,
मेंडी,,,,क्यों सर,,,??

अबीर,,,,पता नही बट मेरा मन नही मान रहा
कुछ .......
मेंडी पीछे की तरफ इशारा करते हुए,,,सर,वो...
अबीर ने पीछे देखा तो सौरभ हाथ बांधे उसे ही देख रहा था,,,,,,।

सौरभ अंदर आते हुए,,,,,क्या छुपा रहे हो तुम लोग,,,,,??






क्रमशः