Premier Amour - 3 akriti choubey द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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Premier Amour - 3

दोनो ने वापस अपनी हुड पहनी ओर घर की ओर चले गए।
घर पहुचते ही सौरभ अपने रूम में जाने लगा,,,तभी पीछे से आवाज आई
...वडी आई थिंक तू कुछ भूल नही रहा है,,,।
सौरभ सोचते हुए,,,,,नही तो,,।

अबीर उसे घूरते हुए,,,,,बेटा,,तुझे रमण सर को अभी रिपोर्ट करना ,,घड़ी देखते हुए,,,बस2मिनिट21,,20,,19सेकंड में,,,,।

सौरभ मुह बनाते हुए,,,,,नो,,नो खड़कसिंह को वैसे भी मुझे डांटने के लिए बहाना चाहिए होता है।में अकेला नही जाने वाला तुझे भेजना है तो साथ चल वरना में नही जा रहा।

अबीर परेशानी से,,,,यार वडी बच्चा नही है तू जो मैं तेरे साथ जाऊ,,,,।वैसे भी मुझे काम है कुछ,, तू अकेला ही जा रहा है एंड डेट्स फाइनल,,,,।

सौरभ नोटनकी करते हुए,,,भगवान देखो इस भाई को अपने ही भाई ,,,नही छोटे भाई को शेर के मुह में भेज रहा है,,,,।
अबीर थोड़ा सीरियस होकर,,,,,वडी,,,तू मेरा ओर खुद का दोनो का टाइम खराब कर रहा है,,,मुझे इम्पोर्टेन्ट काम है।और अगर तू आधा मिनिट और नही पहुचा तो तू रिपोर्ट नही कर पाएगा,,,,तू भी जानता है रमण सर टाइम के कितने पाबन्द है।तो जा अब ओर मुझे भी जाने दे।

सौरभ मुह बनाकर,,,ओके,,,,जा रहा हूँ कठोर , निष्ठुर,,इतना कहकर उसने रूम की तरफ दौड़ लगा दी।
अबीर उसकी हरकत पे मुस्कुरा दिया

अबीर वहा से अपने रूम में चला गया,,वह फ्रेश होकर सीधा मेंडी के पास गया।
मेंडी,,,गुड़ मॉर्निंग सर..
अबीर बैठते हुए,,,मॉर्निंग,,ऐनी अपडेट??

मेंडी,,,,सर वो एक लड़की ने कल से खाना नही खाया,,लंच भी नही डिनर भी नही।
अबीर,,,ह्म्म,,देखते है,,अगर ब्रेकफस्ट भी नही किया तो सोचते है ,,कुछ।
मेंडी,,,,और सर वो,,,इतना कहते हुए वो रुक गया।
अबीर उसे देखते हुए,,,और क्या???
मेंडी,,,,सर वो शायद डोज़ ज्यादा हो गया था।गलती से,,,वो,,,वो सर एक लड़की को अभी तक होश नही आया..

अबीर अचानक से उठते हुए,,,,व्होट,,,,व्हाट डू यू मीन होश नही आया,,,ओर तुम मुझे अब बता रहे हो,,,कॉल दि डॉक्टर,,राइट नाउ.....
मेंडी,,,,बट सर.....

सौरभ गुस्से से,,,,,बट व्होट...
मेंडी डरते हुए,,,,सर शी इज अ होस्टेज,,,और अगर उसने डॉक्टर को कुछ बता दिया तो??
सौरभ,,,हाँ बट ऐसे भी तो नही छोड़ सकते,,
मेंडी,,,सर वो...

हम्म,,,बोलो..
मेंडी,,,सर वो सौरभ सर के बेस्ट फ्रेंड भी तो डॉक्टर है न,,,अगर हम उनसे कहे तो शायद वो हमारी हेल्प करें,,,
अबीर,,,नही..
मेंडी,,बट सर क्यू??
अबीर,,,,हम सौरभ को नही बता सकते कि हमने लड़कियों की किडनेप किया है,,,,माना हमारा इरादा सही है,,लेकिन इस बात को भी नही नकारा जा सकता कि वी आर रोंग,,,ओर तुम तो सौरभ को जानते हो वो ओरतों की बहुत इज्जत करता है,,वो ये बर्दास्त नही कर सकता की मेने उन्हें किडनेप किया है,,,,में उसे नही बता सकता....

क्या नही बता सकते वडी,,,पीछे से आते हुए सौरभ ने पूछा,,,ह्म्म क्या नही बता सकते??
मेंडी और अबीर एक दूसरे को देखते हुए एक साथ,,,कु,,कुछ नही,,

ओके,,,,चल यार वडी बहुत भूक लगी है...
अबीर ने चैन की सांस ली,,,हम्म क्यों नही,,आज तेरे लिए पास्ता बनवाया है।
सौरभ मुह बनाते हुए ,,,,बनवाया है मतलब ,,तूने नही बनाया तुझे पता न मुझे तेरे हाथ का पास्ता पसन्द है।
अबीर उसके बाल बिगड़ते हुए,,,पता है लेकिन बहुत बिजी था यार,,,टाइम ही नही मिला,,नेक्स्ट टाइम पक्का,,,,।
सौरभ खाते हुए,,,वैसे बाबा भी बुरा नही बनाते,,
मेंडी,,,,अबीर की तरफ देखते हुए,,आगे की स्टेप के बारे में जानना चाह रहा था,,अबीर ने उसे इशारे से मना कर दिया,,

सौरभ खाते हुए,,,वडी तू मिशन के बारे मे कुछ बताने वाला था न...
अबीर ओर मेंडी एक दूसरों की तरफ देखते हुए,,,अबीर ने उसकी तरफ देखकर मुस्कुराते हुए,,,अभी तू खाना खाले फिर बात करते है।

वडी में अभी आता हूँ,,वो मेंडी से कुछ डिसकस करना था तो बस आते है थोड़ी देर में,,,ह्म्म,,,,इतना कहकर अबीर ओर मेंडी पीछे गार्डन की तरफ चले गए,,,,,।

मेंडी थोड़ा सकुचाते हुए,,,,सर मेरे पास एक ओर आईडिया है अगर आप बुरा न माने तो,,,।
अबीर उसकी तरफ देखते हुए,,,ह्म्म,,??
मेंडी,,,,सर क्या हम अभीरी मेंम को नहीं बुला सकते ??
अबीर उसकी तरफ देखते हुए,,तुम जानते हो मेंडी उसका लाइसेंस कैंसिल हो चुका है।

मेंडी,,,,,बट सर ये बात तो आप भी जानते है कि वो इनसब में इन्वोल्ब नही थी,,वो उस हॉस्पिटल में जरूर थी लेकिन वो....
अबीर,,,,,वो नही मानेगी,,उसे इस प्रोफेशन से ही नफरत हो गई है।
मेंडी,,,,बट सर शी इस अवर लास्ट होप,,,आप भी जानते है कि इस लड़की को ट्रीटमेंट की शख्त जरूरत है,,वरना....।
अबीर उसे बिना कोई जवाब दिए अंदर आ गया।
मेंडी मन मे,,,,सर आप कुछ भी कहें लेकिन मेंम इस द बेस्ट डॉक्टर,,,,एंड शी इज़ नॉट गिल्टी।

अबीर सीधा अपने रूम में आ गया,,,वो बेड से टिककर नीचे ही बेठ गया वो याद करने लगा,,,
....जब वो चार साल पहले अभीरी से पहली बार एक मिशन के दौरान मिला था।वो एक अनाथ आश्रम में रहती थी।जहाँ हैंडमेड चीजें बनाकर वो अपना खर्च चलाती थी।
सीधी साधी सी लड़की,,थोड़ी चुलबुली सी,अबीर को उससे पहली नजर में ही प्यार हो गया था।बो टॉपर थी और स्कोलरशिप से पढ़ रही थी।एक ही तो सपना लिए की डॉक्टर बनके अपने अनाथ आश्रम केे बच्चों को अच्छी जिंदगी दे पाए।
अभीरी को मिलाकर उस ओर्फ़नेजके में नो बच्चे रहते थे।अभीरी ने पीएमटी क्लियर कर ली थी उसे प्रैक्टिस के लिए जाना था।इसलिए उसने उन बच्चो को दूसरे ओर्फ़नेज में भेज दिया था।और हर महीने उनके खर्चे के लिए पैसे भेजती थी।
बस दो साल ओर बचे थे उसके एमबीबीएस कम्पलीट होने में,,,,ओर कब दो साल बीत गए पता ही नही चला।सीनियर डॉक्टर के रूप में उसकी पोस्टिंग,, ह्यूमन केअर,,हॉस्पिटल में हो गई।
..ओर धीरे धीरे उन दोनों की दोस्ती भी हो गई।क्योंकि अभीरी के जाने के बाद अबीर ने बच्चो का बहुत खयाल रखा था।
ये दोस्ती धीरे धीरे प्यार में बदल गई।
अबीर की फैमिली में भी सिर्फ,,,सौरभ था ,,और करीबी रमण सर ओर मेंडी।
अभीरी सौरभ को अपना छोटा भाई मानती थी,,,ओर सौरभ उसे भाभी माँ।
,,,,,,,,जब अबीर ओर सौरभ 9 साल के थे एक कार एक्सीडेंट में उनके माँ पापा की डेथ हो गई।
,,ओर कहते है न जब दो आंखे बंद होती है तो साथ ही बाकी आँखें भी फिर जाती है।
किसी भी नाते रिस्तेदार ने उनकी मदद नही की थी वो खुद की बदोलत ही इस मुकाम पर पहुचे थे ओर उनकी यही दुनिया थी।,,,,

अभीरी ओर अबीर की शादी हो गई सब कुछ ठीक चल रहा था,,अबीर ओर सौरभ अपनी जॉब के सिलसिले में अक्सर बाहर रहा करते थे।
ओर अभीरी अपने हॉस्पिटल में,,वो सारे पेशेंट्स की फेवरेट हुआ करती थी।वो थी ही इतनी अच्छी,,,लेकिन शायद उसकी अच्छाई को ही किसी की नजर लग गई।
एक दिन हॉस्पिटल में (HCC)हेल्थकेयर सेंटर की रेड पड़ गई।उस हॉस्पिटल में इल्लीगल ऑर्गन्स की स्मगलिंग की जाती थी गरीब लोगों को थोड़ा सा पेसो का लालच देकर उनके ऑर्गन्स निकाल के स्मगल किये जाते थे।उस हॉस्पिटल के सारे डॉक्टर्स के लाइसेंस कैंसल कर दिये गए।
अभीरी ने लाख कोशिश की पर खुद को बेगुनाह साबित नही कर पाई।
,,,,,हर जगह से लोग ताने देने लगे,,बेकसूर होने के बावजूद उसे लोगों की नजरों ने कसूरवार बता दिया।वो इन सब से इस हद तक थक चुकी थी कि उसने सुसाइड करने का सोच लिया,,,,लेकिन सौरभ के लिए रुक गई क्योंकि वो दोबारा उससे उसकी माँ नही छीन सकती थी।
उसकी जिद पर हम सब ने वो जगह ही छोड़ दी भोपाल आ गए। लेकिन शायद मेरी अभीरी वही छूट गई।
हमेशा बातें करने बाली अभीरी। उसने लोगों से बात करना ही छोड़ दिया उसकी दुनिया बस मुझमे ओर सौरभ में ही सिमट कर रह गई।

अबीर लगातार छत को देखे जा रहा था और अपने अतीत में डूबा हुआ था।
सौरभ उससे मिशन के बारे में डिस्कस करने आया था।उसने उसे नीचे बैठे हुए देखा।तो वो भी उसके बगल में बैठ गया।
तभी एक आँशु उसकी आंखों से लुढ़ककर उसके गालों पे आ गया।
सौरभ ने उसका आंशू साफ कर दिया,,,,।
अबीर ने उसकी तरफ ध्यान दिया जो एक टक उसे ही देख रहा था।
अबीर दूसरी तरफ मुह करते हुए,,,,वडी तू कब आया,,कुछ काम था क्या??

सौरभ,,,भाई तुम ओर भाभी माँ भूल क्यों नही जाते वो सब,,,भाभी मां को भी कितनी ही बार रोता हुआ देखा है।
वो कभी कुछ कहती नही ,,,हमेशा मुस्कुराती रहती है मेरे लिए की उन्हें देखकर में दुखी न हूँ।लेकिन वडी मुझे मेरी अभीरी मां चाहिए। ये कोई और है।मेरी अभीरी मां दिल से हसती थी।
वो अबीर के गले लग कर रोते हुए,,,,वडी प्लीज मुझे मेरी अभीरी माँ लौटा दे,,प्लीज,,इसके बाद में कुछ नही मांगूंगा तुझसे,,कभी नही,,प्लीज ये दे दे।

अबीर उसका सर शहलाए जा रहा था,,आंखें उसकी भी नम थी,,,,वडी ऐसे बच्चों की तरह नही रोते।तू ही रोएगा तो मुझे को संभालेगा यार।
चल रोना बन्द कर,,,,घर जाना है हमे अभीरी ने बुलाया है।वैसे भी तू 2 महीने से घर नही गया है।वैसे उसने मुझे नही बुलाया,,,उसे मुझसे कोई मतलब ही नही है,,उसे बस उसका देवर चाहिए,,,,,ह,ह,,,।
सौरभ रोतेरोते हस दिया,,,अबीर ने उसके सर पे हाँथ फेरा,,, जा रेडी हो जा। मे भी कुछ इंतजाम देख लूँ।सोच रहा हूँ उसे भी यही ले आऊँ।
वैसे भी आधे घंटे की दूरी पर घर है।हमे 1:30घंटे में वापस आना है। मेंडी अकेला नही सम्भाल पाएगा।
सौरभ ने प्रश्नात्मक ढंग से उससे पूछा,,,क्या नही सम्भाल पाएगा वडी??
अबीर हड़बड़ाकर,,,,अरे कुछ नही,,तू जल्दी रेडी हो जा हम लेट हो रहे है।
सौरभ,,,ओके,,,।
दोनों घर के लिए निकल गए,,जैसे ही घर के सामने पहुचे,,,सौरभ भागते हुए ,,,,भाभी माँ,,आई एम बैक,,


क्रमशः