भोला की भोलागिरी
(बच्चों के लिए भोला के 20 अजब-गजब किस्से)
कौन है भोला ?
भीड़ में भी तुम भोला को पहचान लोगे.
उसके उलझे बाल,लहराती चाल,ढीली-ढाली टी-शर्ट, और मुस्कराता चेहरा देखकर.
भोला को गुस्सा कभी नहीं आता है और वह सबके काम आता है.
भोला तुम्हें कहीं मजमा देखते हुए,कुत्ते-बिल्लियों को दूध पिलाते हुए नजर आ जाएगा.
और कभी-कभी ऐसे काम कर जाएगा कि फौरन मुंह से निकल जाएगा-कितने बुद्धू हो तुम!
और जब भोला से दोस्ती हो जाएगी,तो उसकी मासूमियत तुम्हारा दिल जीत लेगी.
तब तुम कहोगे,‘ भोला बुद्धू नहीं है, भोला भला है.’
... और भोला की भोलागिरी की तारीफ भी करोगे.
कहानी - 9
भोला गया बंदर पकड़ने
भोला ने गर्मी की एक दोपहरी में रंगीला मदारी को पानी की ठंडी बोतल क्या दी, वह तो उसका दोस्त ही बन गया.
रंगीला अपने बंदरों के साथ कहीं से गुजरता तो उससे मुलाकात हो जाती. दो चार बातें हो जाती.
लेकिन एक दिन भोला ने रंगीला मदारी को बंदरों के बदले एक बोरा साथ ले जाते देखा.
खैरियत पूछी तो रंगीला हंसकर बोला, ‘‘ ये बंदर भी ना, इंसानों के साथ रहकर चालाक हो जाते हैं. मेरे दोनों बंदरों ने एक दूसरे की जंजीर खोली और भाग गए.’’
रंगीला की बात सुनकर भोला भी हंस दिया.
रंगीला आगे बोला, ‘‘कोई बात नहीं , मैं चालाक को बुद्धू बनाना जानता हूं! मैं जा रहा हूं जंगल, नया बंदर पकड़ने. चाहो तो तुम भी चलो.’’
भोला ने सोचा, ‘बात चालाकी की हो रही है. अकलमंदी का ये पाठ सीखने में हर्ज क्या है.’
और भोला मदारी के साथ जंगल की ओर चल दिया.
बंदर वाले जंगल में पहुंच कर रंगीला ने एक संकरा सा गड्ढा खोदा, करीब छ: इंच का, जो चौड़ाई में बच्चे के हाथ जितना होगा. फिर उस गड्ढे के आसपास कुछ चने बिखराए, कुछ चने गड्ढे में डाले और फिर वे दोनों दूर जाकर एक पेड़ की ओट में बैठ गए.
थोड़ी देर बाद कई बंदर आए और गड्ढे के आसपास बिखरे चनों को खाने लगे. फिर उन्होंने गड्ढे के अंदर झांका और उन चनों को भी निकालने की कोशिश की मगर गड्ढा इतना संकरा था कि उनका हाथ अंदर नहीं जा सका, थोड़ी देर कोशिश करने के बाद वे हारकर दूसरी तरफ चले गए.
तभी एक छोटा बंदर वहां आया और गड्ढे में चने देखकर अंदर हाथ डाला. मगर अंदर के चने समेट कर मुट्ठी बंद करने के बाद जब उसने मुट्ठी निकालने की कोशिश की, तो मुट्ठी बाहर नहीं निकली.
तब रंगीला भोला से बोला, ‘‘ देखो दोस्त, यही होता है. लालच का नतीजा. अगर वह बंदर गड्ढे के चने छोड़ दे और मुट्ठी खोल दे तो उसका हाथ बाहर निकल सकता है. लेकिन लालच के मारे वह मुट्ठी नहीं खोलेगा. इसलिए पकड़ा जाएगा. ’’
इतना कहकर रंगीला बोरा लेकर आगे बढ़ा, उसने बंदर के बच्चे को पकड़ कर बोरे में डाला और फिर वे दोनों लौट पड़े.
भोला ने आज एक और नया सबक सीखा था.
कहानी - 10
भोला की लगी लॉटरी
आखिरकार भोला को एक मोबाइल मिल ही गया. वो भी स्मार्टफ़ोन. दुबई वाले दूर के मामा ने नया मोबाइल खरीदा तो पुराना भोला को दे दिया. बल्कि भोला को उसे चलाना भी सिखाया.
और भोला को सेल्फी खींचना दुनिया का सबसे मुश्किल काम लगा.
दो दिन बाद भोला के पास धमाकेदार फ़ोन आया.
फ़ोन करने वाले ने भोला को कहा: मुबारक हो, आपकी पांच लाख की लॉटरी लगी है.
भोला हैरान. हड़बड़ाकर बोला: नहीं, नहीं हमने कोई लाटरी-वाटरी नहीं खरीदी. आपने गलत नंबर पर फ़ोन किया है. मगर लाटरी वाले ने फ़ोन काटा नहीं, बल्कि कहा: अरे श्रीमान भोलाराम, पर्ची डाल कर आपका नाम निकाला गया है. आप लक्की विजेता हैं.
भोला: अरे भय्या आप गलत नाम बोल रहे हैं. हम कोई लक्की-वक्की नहीं.
लेकिन लाटरी वाला भोला की बात को काटते हुए बोला: भाई साहब ये लाटरी आपके नाम है, लक्की मतलब भाग्यशाली विजेता. पूरे पांच लाख रूपए. ये बताइए आप इस रूपए को कैसे लेना चाहेंगे.
भोला और भी हैरान. मान न मान ये तो देकर रहेगा इनाम.
अब भोला ने एक ऐसा सवाल पूछा कि लाटरी वाला भी चक्कर खाकर गिरते-गिरते बचा.
उसने पूछा, ‘‘ तो ये बताइए पांच लाख कितने होते हैं?
लाटरीवाला किसी तरह संभलकर बोला: एक-एक लाख की पांच गड्डी! मगर पैसा आपके बैंक अकाउंट में जमा किया जाएगा.’’
भोला: हमारा कोई बैंक अकाउंट नहीं है, और हम खुलवाएंगे भी नहीं. आपको ये पैसा सूटकेस या थैले में भरकर देना होगा.
लाटरीवाला बोला: नहीं, हम कैश नहीं दे सकते
भोला: तो सामान खरीदकर दे दो. दो दुधारू गाय, सौ किलो गेहूं, एक टैक्टर और हां हमारे गांव का बंशीलाल अस्पताल में भर्ती है, उसके इलाज का पूरा खर्च जमा करवा दो... और
लाटरीवाला झल्ला कर बोला: बस करो, ये सब नहीं हो सकता!
भोला मासूमी से बोला: भय्या आप हमारे घर आ जाओ. तुम्हारा इनाम हमें दे दो और हम भी तुम्हें एक इनाम देंगे.
लाटरी वाला: कैसा इनाम?
भोला: हमने नीलामी में एक गधा जीता था. उसे तुम ले लो.
अब लाटरीवाले का धैर्य जवाब दे गया था, वह लगभग चींखते हुए बोला, ‘‘ अजीब बुद्धू से पाला पड़ा है!’’
भोला: तो आपको भी पता चल गया, हम बुद्धू हैं?
लाटरीवाले ने फ़ोन काट दिया
दो मिनट बाद फिर से वहीं फ़ोन आया और लाटरीवाले ने बस इतना ही कहा:भोलाराम जी, आप बुद्धू तो बिल्कुल नहीं है. आप समझ गए ना हम ठग हैं!
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