कभी ना भूल पाने वाला सफर ! Sweety Sharma द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

कभी ना भूल पाने वाला सफर !

मैं अंकल को देख रही थी , अंकल काफी परेशान थे ,, देख कर लग रहा था अंकल को कुछ परेशानी हो रही है ।
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने पूछ ही लिया , अंकल आप ठीक हैं ??? ....
कोई जवाब नहीं आया ।
थोड़ी ही दूर पहुंचे थे कि एक गड्ढा आया और ऑटो थोड़ा उछल गया । इस बार भी अंकल ने कुछ कहा नहीं बस ऑटो को एक तरफ साइड में रोक लिया ।
अंकल नीचे झुके हुए थे और उन्हें देख ऐसा प्रतीत होता था मानो उन्हें बाईं तरफ पेट में बहुत दर्द था । उस समय अंकल कुछ भी बोलने की हालत में नहीं थे , इसलिए मैने भी शांत रहना ठीक समझा उस समय के लिए ।
अंकल की आंखो में आंसू थे , ज़ोर - ज़ोर से सांसे ले रहे थे ,
ऐसा लग रहा था मानो वो खुद को संभालने की कोशिश कर रहे थे ।
अभी लग रहा था देख कर की अंकल थोड़ा ठीक हैं।
अंकल मेरी ओर मुड़े और कहते माफ करना बेटा मेरी वजह से आप लेट हो गए । वो मुझे दिखाई कम देता है , इसलिए गढ्डा नहीं दिखा और जैसे ही ऑटो गड्ढे में जाकर उछला तो मुझे दर्द शुरू हो गया
और मैंने तुरन्त जवाब दिया अंकल आप टेंशन मत लीजिए , मुझे कोई जल्दी नहीं है । आप आराम से ऑटो चलाईये ।
हम थोड़ा आगे बढ़े पर अभी भी अंकल की हालत मुझे ज्यादा ठीक नहीं लग रही थी । तभी अंकल का फोन बज उठा । अंकल ने ऑटो को एक किनारे पर लगाया और बात करने लगे .....
अंकल किसी से निवेदन कर रहे थे कुछ काम देने के लिए , अंकल का एक - एक शब्द आज भी याद है ... अंकल कह रहे थे सर जी मेरा अभी ऑपरेशन हुआ है , डॉक्टर ने मुझे अभी गाड़ी चलाने के लिए भी मना किया है , मै ज्यादा लंबे समय तक नहीं चला पाता पर अभी मुझे पैसो की बहुत जरूरत है ,, मेरे घर में केवल मै ही कमाने वाला हूं । आप कुछ दिन और मुझे ये ऑटो आस पास चलाने दीजिए ।
इन दिनों मैं बहुत परेशानी में हूं , मुझे कुछ ठीक से दिखाई भी नहीं दे रहा है , मुझे चश्मा बनवाने के लिए कहा गया है जो लगभग 569₹ का है ।
सर जी थोड़ी सी मदद कर दीजिए , बस एक आपका ही सहारा ही सर जी ,,,, ढीमी आवाज़ के साथ।
अंकल के मुंह से आवाज़ नहीं निकाल पा रही थी ।
आंखे आंसुओ से भरी हुई थी और आंसू जो रुकने का नाम नहीं ले रहे थे ।
और कुछ देर सुनने के बाद अंकल ने आखिरी में बस इतना कहा ठीक है सर जी अभी मुझे एक मैडम को छोड़ना है , उसके बाद मैं आपका ऑटो लाकर खड़ा कर देता हूं ।
. यहां तक मुझे लगभग सब समझ आ चुका था ।
मैंने इस बार अंकल से पूछ ही लिया , अंकल अब आप सब कैसे संभालोगे ।
और जानते हैं अंकल ने क्या कहा - बेटा भगवान सब देख रहा है , वो कुछ ना कुछ रास्ता जरूर निकालनेगा ओर ये दिन भी बीत जाएंगे ।

परेशानियां तो हम सबकी ज़िंदगी में है , पर उस परेशानी के समय पर हम कैसे प्रतिक्रिया करते हैं वो बड़ी बात है ।
अंकल के लिए दिल से बहुत सारा सम्मान ।
ग्रेटर कैलाश से नेहरू प्लेस तक का ये सफर ।

आज सच में ऐसा मालूम होता है हमारे पास जितना है हमे उसमे खुश रहना आना चाहिए , जो आज हमारे पास है वो किसी के लिए एक सपना , एक ख्वाइश हो सकती है ।

मैं प्रार्थना करती हूं अंकल जलदी ही पूरी तरह ठीक हो जाए और उन्हें काम भी मिल जाए ।